दुनिया
के सबसे बड़े धार्मिक समागम महाकुंभ 2025 में
भाग लेने के लिए श्रद्धालुओं का त्रिवेणी संगम पर पहुंचना जारी है। महाकुंभ के छठे
दिन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ आ सकते हैं। महाकुंभ 2025 में अब तक 7 करोड़
से अधिक श्रद्धालु भाग ले चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 या 9 फरवरी
को प्रयागराज कुम्भ आ सकते हैं। प्रधानमंत्री संगम में स्नान भी करेंगे। सीएम योगी
प्रधानमंत्री को कुम्भ में आने का न्योता दिया था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार दोपहर संगम में डुबकी लगाई। वैदिक
मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने स्नान किया। साथ में मंत्री नंदी भी रहे। उनके
पहुंचने से पहले आर्मी ने पूरे किला घाट को अपने कब्जे में ले लिया था। स्निफर
डॉग्स और बम स्क्वायड जांच की। राजनाथ सिंह ने साधु-संतों से मुलाकात और सेना के
अफसरों के साथ मीटिंग भी की। मीटिंग में सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मंथन हुई। इस दौरान राजनाथ ने मां गंगा का
आशीर्वाद लिया और देश की समृद्धि की प्रार्थना की। राजनाथ सिंह ने कुंभ के भव्य
आयोजन की सराहना की और श्रद्धालुओं के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया।
प्रयागराज
के महाकुंभ में हर दिन नए-नए साधु-संतों के अनोखे रूप श्रद्धालुओं के बीच चर्चा का
विषय बनते जा रहे हैं। इसी कड़ी में नया नाम जुड़ा है 67 वर्षीय गोल्डन बाबा का।
इनका असली नाम एसके नारायण गिरी महाराज है। ये महाराज अपने शरीर पर धारण किए गोल्ड
को लेकर आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। बाबा का कहना है कि उनका सोना केवल बाहरी
चमक नहीं, बल्कि
उनके आध्यात्मिक जीवन और साधना का प्रतीक है। गोल्डन बाबा का पूरा शरीर लगभग 4
किलो सोने से सजा हुआ है। इसकी कीमत लगभग 6 करोड़ रुपये है। उनके आभूषणों में सोने
की अंगूठियां, कंगन, घड़ी
और एक सोने की छड़ी शामिल है। इस छड़ी पर देवी-देवताओं के कई लॉकेट लगे हैं, जिनसे
लगभग 20 सोने की मालाएं बनाई जा सकती हैं। बाबा के मोबाइल का कवर भी सोने से बना
हुआ है।
गोल्डन
बाबा कौन हैं?
इनका
असली नाम एसके नारायण गिरी महाराज है
गोल्डन
बाबा मूल रूप से केरल के रहने वाले हैं
वर्तमान
में दिल्ली में निवास करते हैं
निरंजनी
अखाड़ा से जुड़े हुए हैं
अखाड़े
के अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज से दीक्षा लेकर संन्यासी बने हैं
बाबा
ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर लिया है
लोग
उन्हें प्यार से "गोल्डन बाबा" कहते हैं
गोल्डन
बाबा को उन्हें इस नाम से कोई परहेज नहीं है
बाबा
के अनुसार, उनके
हर आभूषण का संबंध उनकी साधना और गुरु भक्ति से है। उनके अनुसार, "यह
सोना केवल बाहरी दिखावा नहीं है, बल्कि आध्यात्मिक जीवन और गुरु के प्रति समर्पण का प्रतीक
है।" बाबा अपने सोने के आभूषणों को साधना की ऊर्जा से भरा हुआ मानते हैं।
बाबा ने अपने गुरु और निरंजनी अखाड़े के प्रति अटूट श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा
कि उनके जीवन का हर पहलू गुरु भक्ति से प्रेरित है। महाकुंभ में जहां भी बाबा जाते
हैं, उनकी
झलक पाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। यूपी
से लेकर उत्तराखंड तक 'गोल्डन
बाबा' ने
सीएम योगी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए नंगे पैर चलने की कसम खाई है। 'गोल्डन
बाबा' के
नाम से मशहूर कानपुर के 'मनोजानंद
महाराज' अक्सर
सोने के आभूषण पहनने को लेकर चर्चा में रहते हैं। इस बार उनका एक वादा चर्चा का
विषय बन गया है। गोल्डन बाबा ने कसम खाई है कि जब तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री नहीं बन जाते तब तक वह नंगे पैर रहेंगे और उन्होंने
एक यात्रा भी शुरू की है जो उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड तक चलेगी। उन्होंने यह भी
कसम खाई है कि जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री नहीं बन जाते तब तक
वह चांदी के जूते नहीं पहनेंगे। वह करीब चार से पांच किलो चांदी के जूते पहनते हैं
और गले में करीब चार से पांच किलो सोना पहनते हैं। परमार्थ
निकेतन आश्रम के आध्यात्मिक प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती और साध्वी भगवती
सरस्वती ने अन्य भक्तों के साथ परमार्थ निकेतन कुंभ मेला शिविर में 'हवन' किया।
एपल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की
पत्नी लॉरेन पॉवेल ने इस महाकुंभ में खूब सुर्खियां बटोरीं हैं। फिलहाल तो उन्हें
प्रयागराज से लौटे दो दिन हो चुके हैं लेकिन उनकी चर्चा अभी भी जारी है। नई
जानकारी यह है कि लॉरेन एक साल पहले ही सनातन के रास्ते चल पड़ी थीं। पिछले साल
फरवरी में ही उन्हें 'कमला' नाम मिल चुका था। आध्यात्मिक गुरू
कैलाशानंद गिरी ने कहा कि 'हमने मकर संक्रांति पर यानी 14 जनवरी की रात 10 बजकर 10 मिनट पर उन्हें दीक्षा दी। हालांकि
एक साल पहले ही उन्हें 'कमला' नाम और गौत्र दिया जा चुका था।
पिछले साल 18
फरवरी को
उन्हें यह नाम मिला था।' 'वह भौतिकवाद के चरम तक पहुंच चुकी
थीं। अब वह सनातन धर्म से जुड़ना चाहती हैं और अपने गुरू से जुड़कर अपनी परंपराएं
जानना चाहती हैं। वह बेहद ही सरल और शांत हैं। उनमें अहंकार बिल्कुल नहीं है। वह
एक आम श्रद्धालु की तरह ही शिविर में 4 दिन तक रूकीं।' 'उनके साथ दो बड़े हवाई जहाज में
उनके 50
निजी स्टॉफ
भी आए थे। वह पूरी तरह से शाकाहारी हैं। वह प्याज और लहसून तक नहीं खाती'।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ व्यवस्थाओं की
समीक्षा की। योगी ने कहा कि पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के दौरान 6 करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों ने पवित्र स्नान
किया था।
मीटिंग के दौरान सीएम
योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि 29 जनवरी को महाकुंभ में संगम पर मौनी अमावस्या स्नान में भाग लेने वाले
अनुमानित 8-10
करोड़ श्रद्धालुओं के
लिए निर्बाध व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सीएम योगी ने जोर देकर कहा कि मौनी अमावस्या पर
श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ की उम्मीद के साथ, तैयारियों को अगले स्तर पर ले जाना होगा। उन्होंने अधिकारियों को नियमित और
विशेष महाकुंभ ट्रेनों के समय पर और निर्बाध संचालन के लिए रेलवे के साथ समन्वय
करने का निर्देश दिया।
प्रयागराज
में चल रहे महाकुंभ में दूर-दूर से लोग अपना सामान बेचने के लिए आ रहे हैं। ऐसे
में इंदौर से भी मोनालिसा नाम की 16 साल
की लड़की माला बेचने के लिए महाकुंभ के मेले में आई है। मोनालिसा के कई वीडियो
इंटरनेट पर वायरल है। जिसमें वह अपना नाम, पता
बताने के अलावा उनसे पूछे गए शादी के सवाल का भी जवाब देती नजर आती है। मोनालिसा
ने भाई की जिंदगी संवारने के लिए बड़ा त्याग किया है। एक इंटरव्यू के दौरान
मोनालिसा ने कहा कि मैं खुद की अपनी पढ़ाई छोड़ दी है। मैं सिर्फ दो दिन के लिए
स्कूल गई हूं। मेरी मां माला बेचने के लिए कही चली जाती थी। ऐसे में भाई को दिक्कत
होती थी। उसे स्कूल जाना होता था। कपड़े धोने पड़ते थे। इसलिए मैंने स्कूल छोड़ दी
थी ताकि भाई अच्छे से स्कूल जाकर पढ़ाई कर सके। ऐसे में भाई के लिए मैंने खुद की
पढ़ाई छोड़ दी। वह अब अच्छे से पढ़ रहा है।
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