देश दुनिया में गिरते संस्कार के स्तर
से लोग त्रस्त हैं. अनेक तरह की शिक्षा आज दुनिया भर में दी जारही है मगर संस्कार की
शिक्षा का अभाव आज भी है. ऐसे अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा संस्कार शिक्षा
को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष मुहीम शुरू की गयी है.
नागपुर के एकल श्री हरी सत्संग समिति द्वारा प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से ग्रामीण आदिवासी
विद्यार्थियों को कथाकार बनाया जा रहा है ताकि उनका धर्मांतरण नहीं हो सके. राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ के सामाजिक समरसता अभियान के अंतर्गत पूरे देश मेएकल हरिकथा सत्संग
समिती के माध्यम से ये अभियान शुरू हुआ है.
आदिवासी इलाके मे आदिवासी युवकों
द्वारा धर्मप्रचार और वेद पाठ करने से एक बड़ा सन्देश धर्मांतरण गिरोह को मिलेगा,
साथ ही आदिवासी समाज को धर्म परिवर्तन से बचाया जा सकेगा. आरएसएस द्वारा इनको भारतीय
उत्सव, संस्कृति और परंपरा का ज्ञान दिया जा रहा
है.
आदिवासी समाज के विद्यार्थी अपनी
शिक्षा पूर्ण कर गाँव-देहात में और आदिवासी इलाकों में जाएंगे और वहां रह रहे ग्राम
वासियों को हिन्दू धर्म का ज्ञान देंगे.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा शुरू किया गया ये अभियान काफी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और आदिवासी समाज के लोग बढ़ चढ़ कर इस मुहीम में हिस्सा ले रहे हैं. सामाजिक समरसता का ये भियान पूरे देश भर के आदिवासी क्षेत्रों में शुरू किया गया है.
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