14 November 2021

अब आजमगढ़ बनेगा आर्यमगढ़

 उत्तर प्रदेश में इस्लामी स्थानों और प्रतिष्ठानों का नाम बदले का सिलसिला लगातार जारी है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आजमगढ़ के इतिहास को एकबार फिर से याद दिलाया है. योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में कहा है कि वो आजमगढ़ का नाम आर्यमगढ़ कर देंगे. इस जिले का प्राचीन गौरशाली इतिहास फिर से वापस ला लौटायेंगे. जब आजमगढ़ में योगी आदित्यनाथ का भाषण हुआ तो उनके बैनर के पीछे आजमगढ़ लिखा था.

आखिर योगी आदित्यनाथ आजमगढ़ का नाम बदलकर आर्यमगढ़ क्यों करना चाहते हैं इसका कारण और इतिहास आज हम आपको बता रहे हैं. आर्यमगढ़  आर्य भारत के प्राचीन इतिहास में एक सम्मान सूचक संबोधन माना जाता है. योगी आदित्यनाथ ने हमेशा इतिहास का हवाला देकर कहा कि ये आजमगढ़, आर्यमगढ़ था और ये आर्यों की धरती है.

दरअसल आजमगढ़ अवध क्षेत्र का हिस्सा था और लंबे समय तक आजमगढ़ भारत के 16 महाजनपदों में से एक कोशल महाजनपद का हिस्सा था. आजमगढ़ की फूलपुर तहसील में महर्षि दुर्वासा का आश्रम है जिनको पौराणिक कथाओं में उनके क्रोध के लिए जाना जाता है.

इस इलाके का नाम आज़मगढ़ 17वीं सदी में हुआ. 17वीं सदी में यानी आज से 360 साल पहले आजमगढ़ पर गौतम राजपूत राजा विक्रमजीत का शासन था. विक्रमजीत की पत्नी मुसलमान थीं और उन्होंने इस्लाम स्वीकार कर लिया. विक्रमजीत के दो बेटे हुए आज़म और अज़मत. बाद में उनके बेटे आज़म ने ही इलाके का नाम आजमगढ़ कर दिया.

आज भी आजमगढ़ में अजमतगढ़ नाम की भी एक जगह है जो कि राजपूत राजा विक्रमजीत के दूसरे बेटे अजमत के नाम पर है. मगर अब योगी सरकार अवध क्षेत्र की इतिहास को एकबार फिर जीवंत कर महर्षि दुर्वासा और आर्यों की पुण्य भूमि को पावन बनाने की दिशा में अपना कदम आगे बढ़ा चुकी है. आजमगढ़ अब बहुत जल्द आर्यम गढ़ बनने वाला है. 

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