24 November 2021

ईसामसीह को राजा और पादरी को महागुरू घोषित कर सनातन और संत समाज का अपमान

ईसामसीह को राजा और पादरी को महागुरू घोषित कर हिन्दुओं को ठगने का महा षड्यंत्र हुआ है. धार्मिक रीती रिवाजों और हिन्दू परंपरा को इस्तेमाल कर धर्मांतरण द्रोही लगातार हिन्दुओं को ठगने का काम कर रहे हैं. ताज़ा मामला महारष्ट्र के अहमदनगर का है जहां पर खुलेआम अखबार में बड़े विज्ञापन जारी कर ईसामसीह को राजा और पादरी को महागुरू घोषित कर हिन्दुओं को भ्रमित किया जा रहा है. 

हिंदू नामों से भोले-भले हिन्दुओं को ठगने का मिशनरियों का षड्यंत्र अब महाराष्ट्र  में खुलेआम जारी हैं. कैथोलिक चर्च में ख्रीस्त राजा का पर्व मनाने का एक नया ठोंग शुरू हुआ है. पिछले साल भी इसतरह के षड्यंत्र कर बड़े पैमाने पर भोले-भले हिन्दुओं को धर्मान्तरित किया गया था. अहमदनगर में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरूआत रैली से होगी. इसके बाद मिस्सा पूजा का आयोजन किया जाएगा.  मिस्सा पूजा भी हिन्दू धर्मं का ही नक़ल है जिसे ईसाई पादरी अपने जाल बुनने में इस्तेमाल कर रहे हैं.

ख्रीस्त राजा पर्व को लेकर प्रत्येक साल इसतरह के आयोजन किये जाते हैं. 1925 शुरू हुए ये षड्यंत्र एक विशाल रूप ले चुकी हैं. इस तरह के कार्यक्रम के जरिये प्रत्येक साल लाखों हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन कराया जाता है. एक जुलूस के रूप में आए सभी लोगों को ख्रीस्त ली राजा के जयकारे के साथ पहले लोगों को पादरी भ्रमित करते हैं...जब सभा में भीड़ एकत्र हो जाती है तो फिर...मसीह के नाम पर तरह-तरह के पाखंड कर लोगों को गुमहार करते हैं और भोले-भाले हिन्दुओं का धर्मांतरण के जाल में फंसाते हैं. फिर कार्यक्रम के जरिये यीशु को राजा घोषित कर हिन्दू धर्म की महान परम्परा का मज़ाक उड़ाते हैं.  

साथ हीं पादरी को महागुरू घोषित कर संत समाज और हिन्दू धर्मगुरुओं को खुलेआम अपमानित करने का कुंठित प्रयास करते हैं. ऐसे में हिन्दू समाज को ऐसे षड्यंत्रकारियों से सावधान रहने की जरुरत है.  

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