दुनिया के सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश 'इंडोनेशिया' इन दिनों 'अज़ान' की 'आवाज़' से काफी परेशान चल रहा है। वहां पर रह रहे कई लोगो ने इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, वहीं साथ ही साथ स्थानीय शासन, प्रशासन ने भी इन शिकायतों के मद्देनजर पिछले ही महीने लाउडस्पीकरो की आवाज़ को धीमे किया था, लेकिन फिर भी लोगो की शिकायतों के बाद लाउडस्पीकर प्रयोग करने के दिशा-निर्देशों को पारखाजा रहा है।
दरअसल, इंडोनेशिया में मुस्लिमो की आबादी पूरे विश्व में सबसे ज्यादा है, इसी कारण वहां पर मस्जिदों की संख्या भी काफी अधिक है। इन तमाम मस्जिदों में अज़ान के लिए लाउडस्पीकर का प्रयोग किया जाता है, जो अब तमाम लोगो क्रास नहीं आ रहा है। वहां के स्थानीय लोगो ने कई बार इस बात की शिकायत की है कि इन आवजो के कारण 'ध्वनि प्रदूषण' होता है और उन्हें काफी दिक्क्तों का सामना भी करना पड़ रहा है।
इंडोनेशिया में ईश निंदा कानून पर पांच
साल की कैद हो सकती है. ऐसे में 'इस्लाम
धर्म' के खिलाफ बोलना काफ मुश्किल भरा
भी है।
दरअसल,ऐसे ही एक शिकायत करने पर कुछ समय पहले
एक बौद्ध महिला को सजा सुनाई गई थी.
उन्होंने तब सिर्फ इतना कहा था कि अजान
की तेज आवाज से उनके ‘कानों को परेशानी’ होती है. स्थानीय लोगों की शिकायत पर
उन्हें करीब 18 महीने जेल में गुजारने पड़े थे. इसके
बाद कट्टरपंथियों की भीड़ ने कई बौद्ध मंदिरों को आग के हवाले कर दिया था.
इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा
मुस्लिम बहुल देश है. यहां लगभग 6 लाख
25 हजार मस्जिदें हैं और इस देश की 27 करोड़ की आबादी में से 80 प्रतिशत आबादी मुसलमानों की है. भारत में भी लोग काफी लंबे अरसे से
मस्जिदों के आवाज़ को बंद करने की मांग कर रहे हैं. कुछ लोगों का कहना है की जब
सबसे बड़ा मुस्लिम देश अपने यहाँ मस्जिदों की आवाजें बंद कर सकता है तो फिर भारत
में इसे क्यों नहीं किया जा रहा है.
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