05 June 2012

पेट्रोल की आग से जली जेब जनता सड़को पर

भारत बंद का असर जम्मू काष्मीर से कन्याकुमारी तक दिखरहा है। ये आम आदमी का गुस्सा और आक्रोस है जो पहले महंगाई से कराह रही थीऔर पेट्रोल के दाम में उछाल से उसका जेब जल चुका है। ऐसे में आम आदमी करे तोकरे क्या। यही कारण है की आज ये नजारा सड़को पर देखने को मिल रहा है। बीजेपीवर्कर्स ने सबसे पहले ट्रेनों को निशाने पर लिया। दिल्ली में भारत बंद का असरबाहरी दिल्ली के कई इलाकों में सुबह से ही साफ तौर पर देखने को मिला। सबसेअधिक असर दिल्ली-रोहतक रेलवे लाइन पर देखने को मिला। नांगलोई फाटक परबीजेपी वर्कर्स ने गोरखधाम सुपरफास्ट एक्सप्रेस को रोक दिया। मुंबई में भारत बंदने कुछ जगहों पर हिंसक रूप ले लिया। बंद समर्थकों ने बंद के बावजूद चल रहीं बेस्टकी बसों में जमकर तोड़फोड़ की। पुणे, दादर, वर्ली समेत कई स्थानों पर करीब 26बसों में तोड़फोड़ हुई। फिर भी सरकार चुप्पी साधे हुए है। कांगेस का हाथ आमआदमी के साथ का नारा लगता है इस दौर में कांगे्रस ने बदल दिया है। आम आदमी केदर्द और गुस्से का मतलब दरअसल होता क्या हैं, इस बंद के बाद कांगेस को सम-हजय मेंअब जरूर आ गया होगा। मगर यहा सवाल खड़ा होता हैं की क्या सरकार अब भी आम आदमीके जले पर कुछ राहत दे पाएगी। बीजेपी के साथ-साथ आरपीआई और शिवसेना केभी बंद के समर्थन में उतरने से मुंबई थम सी गई । पेट्रोल के दामों में हुईभारी ब-सजय़ोतरी के खिलाफ एनडीए और लेफ्ट समेत विपक्षी दलों द्वारा बुलाया गयाभारत बंद का उग्र असर देखा गया। कई विधायकों और बड़े नेताओं ने भी बंद केदौरान गिरफ्तारियां दी हैं। पेट्रोल की कीमतें ब-सजय़ाए जाने के विरोध मेंआयोजित भारत बंद के दौरान जेडीयू अध्‍यक्षशरद यादव ने गिरफ्तारी दी। वहीं भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी पेट्रोल कीमतों केविरोध में गिरफ्तारी दी है। राजधानी दिल्ली में सीएनजी की कीमतों में इजाफे कोलेकर ऑटो चालक भी हड़ताल पर है। सुबह से जगह-जगह जाम लगा है। हिमाचलप्रदेश में सुबह से दुकानें और व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं। शिमला में करीब 6,000दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद की हुई हैं। बिहार में भारत बंद का व्यापक असरदेखने को मिला। भारतीय जनता पार्टी और जेडीयू के कार्यकर्ताओं ने सड़क औररेलमार्ग पूरी तरह बाधित कर दिया। पेट्रोल मूल्यवृद्धि के खिलाफ राजग एवं वामदलोंकी ओर से आहूत बंद से भाजपा शासित राज्यो में व्यापक असर देखा गया। कर्नाटक बंदसमर्थकों ने तीन बसों में आग लगाने के साथ ही दर्जन भर अन्य बसों पर पथरावकिया जिसके चलते अधिकारियों को शहर से बस सेवा को हटाने के लिए मजबूर होनापड़ा। इस पूरे बंद के बाद सवाल अब भी बरकरार है की क्या सरकार अपने हठ से टस से मसहोगी या फिर वही मनमोहनी राग अलापती रहेगी।

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