नेरिक दवाओं पर चिकित्सा क्षेत्र की
निर्भरता
भारत में फार्मास्यूटिकल्स का बाज़ार 20.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर पहले था
वित्त वर्ष 21 में ये बढ़ कर 24.4
बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है
भारत की वर्तमान ग्लोबल बाजार में हिस्सेदारी
मात्र 1.5 प्रतिशत है
यह प्रतिशत अमेरिका के तुलना में बहुत कम और
महत्वहीन है
अमेरिका की वैश्विक ग्लोबल बाजार में
हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत है
भारत आज भी 70 प्रतिशत दवा
विदेशों से मंगवाता है
विदेशों में इलाज कराने वाले भारतीय लोगों की
संख्या 18 प्रतिशत से ज्यादा है
भारतीय
बाजारों पर फार्मा सेक्टर का
प्रभाव
भारत फार्मास्यूटिकल्स उत्पादन के मामले में दुनिया में
तीसरे स्थान पर है
मगर
कमाई के मामले में कम मूल्य में दवा भारत बेचता है इसलिए चौदहवें स्थान पर है
भारतीय
दवा क्षेत्र के उत्पादन में सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 2 प्रतिशत है
भारतीय
दवा का देश के कुल व्यापार निर्यात में सिर्फ 7 प्रतिशत का योगदान है
भारतीय
बाज़ारों पर विदेशी फार्मा सेक्टर का प्रभाव 69 प्रतिशत
से भी ज्यादा है
2020-21
में भारत की विदेशों से आयात की निर्भरता 24.4 बिलियन हो गई है
भारत की
निर्भरता दुनिया पर 18 प्रतिशत तक पिछले 3 वर्षों
में बढ़ी है
2030 तक 130 बिलियन तक भारत विदेशों से दवा आयत करेगा
मेडिकल उपकरणों में भारत की निर्भरता
हिंदुस्तान में 80 से 90% चिकित्सा उपकरण विदेश से आयत होता है
देश का 42 हजार करोड़ सालाना चिकित्सा उपकरण आयात पर खर्च
होता है
भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग का आकार लगभग 57 हजार करोड़
रुपये का है
चिकित्सा-उपकरणों का वैश्विक उद्योग 200 बिलियन डॉलर का है
चिकित्सा उपकरण का बाज़ार भारत में 15 प्रतिशत की वार्षिक दर
से बढ़ रहा है
पहले देश में 25 करोड़ सालाना सीरिंज का उत्पादन होता था
मगर भारत में अभी 80 करोड़ सालाना सीरिंज की जरुरत है
अगले साल तक इसकी मांग 100 करोड़ तक पहुंच जाएगी
बिल गेट्स का मेडिसिन
टेस्ट
2009
में आंध्र
प्रदेश और गुजरात में मानव पेपिलोमा वायरस का शोध शुरू हुआ था
आंध्र
प्रदेश और गुजरात राज्यों में 10-14 वर्ष की आयु की किशोरियों पर शोध किया गया
इस शोध परियोजना
को बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने शुरू किया था
अप्रैल
2010 में भारत
सरकार ने कार्यक्रम को निलंबित कर दिया था
बिल
एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने नैतिक मानकों का उल्लंघन किया था
मानवाधिकार
संगठनों द्वारा इसपर व्यापक रूप से रिपोर्ट मांगी गई थी
हालांकि उस
समय तक 24,000
लड़कियों को पहले ही टीका लगाया जा चुका था
स्कूल
के प्रधानाध्यापकों ने लड़कियों की ओर से सहमति प्रपत्रों पर हस्ताक्षर किए थे
शोध में 10-14
वर्ष के बीच की युवा लड़कियां थीं, और उनमें से कई आदिवासी पृष्ठभूमि से थीं
शोध
के कारण 2010 में सात लड़कियों की मौत हो गई थी
29
अगस्त, 2013
को भारतीय संसद की स्थायी समिति ने टीकाकरण परीक्षण में कई अनियमितताएं पाई थी
भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र की स्थिति
भारत के 1.3 बिलियन लोगों के लिये सिर्फ 10 लाख पंजीकृत डॉक्टर हैं
भारत में प्रत्येक 13000 नागरिकों पर केवल 1 डॉक्टर मौजूद है
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 1000 नागरिकों पर 1 डॉक्टर होना अनिवार्य है
भारत को वर्तमान में मौजूदा डॉक्टरों
की संख्या को दोगुना करना होगा
भारतीय चिकित्सा परिषद ने माना है कि 50 प्रतिशत से अधिक डॉक्टर झोला छाप हैं
शहरी क्षेत्रों में योग्य चिकित्सकों
की संख्या 58 प्रतिशत है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 19 प्रतिशत से भी कम है
भारत अपनी GDP का कुल 1.2 प्रतिशत हिस्सा ही स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च करता है,
मात्र 10 प्रतिशत डॉक्टर सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्य करते हैं
आने वाले समय में भारत दुनिया का सबसे सस्ता दवाखाना बनते
जा रहा है
इसका सीधा फायदा देश के फार्मा निर्यात को होगा
वर्ष 2030
तक फार्मा निर्यात में हर साल अरबों डॉलर की बढ़ोतरी की संभावना है
प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम की घोषणा के बाद 25 एपीआई का उत्पादन
शुरू हो चुका है
भारत का फार्मा बाजार 47 अरब डॉलर का है
इनमें 22 अरब डॉलर का कारोबार घरेलू स्तर पर होता है
आज विश्व की 20 फीसद जेनेरिक दवा का सप्लायर अकेला भारत
है
दुनिया में लगने वाली 60 फीसदी वैक्सीन का सप्लायर भी भारत है
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