13 September 2022

मदरसों की जाँच पर हाय तौबा क्यों ? अगर दोषी नहीं तो डर किस बात की ?

उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने बगैर मान्‍यता प्राप्‍त मदरसों के सर्वे और जाँच का आदेश दिया है. इस पूरे मुद्दे पर राजनीति भी गर्म हो गई है.   बात जब मदरसे की हो तो भला AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी कैसे चुप रह सकते है. ओवैसी ने कहा कि योगी के इस फैसले का पुरजोर विरोध किया है, ये फैसला मिनी एनआरसी के तरह है. ओवैसी ने जाँच को मुस्लिमों का उत्‍पीड़न करार दिया. बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ओवैसी पर तगड़ा पलटवार करते हुए कहा कि ओवैसी के डीएनए में जिन्‍ना है, वह जिन्‍ना  की भाषा ही बोलते हैं. उनको हर अच्‍छाई में केवल बुराई ही नजर आती है. गिरिराज सिंह ने कहा कि पूरी समस्‍या की जड़ सिर्फ ओवैसी हैं.

यूपी के अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण राज्‍यमंत्री दानिस अंसारी ने स्‍पष्‍ट किया है कि मदरसों का सर्वे सिर्फ इसलिए किया जा रहा है ताकि वहां अच्‍छी पढ़ाई हो. विज्ञानयुक्‍त पढ़ाई हो. औवैसी 2022 की बात नहीं कर रहे हैं. वह 2024 की भी चर्चा नहीं कर रहे. वह 1906 के जमाने की बात कर रहे जब भारत को तोड़ने के लिए जिन्‍ना ने एक पार्टी बनाई थी.


राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने यूपी के मदरसों का सर्वे करवाए जाने के अनुरोध किया था. यूपी मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार ने शासन को पत्र भेजा है. शासन ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिख कर सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे करने का आदेश दिया है. कहा गया है कि एसडीएम के नेतृत्व में टीम बिना मान्यता वाले मदरसों की संख्या, सुविधाएं और छात्र-छात्राओं की स्थिति का सर्वे करेगी. जिलाधिकारियों से सर्वे रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में 25 अक्टूबर तक शासन को मुहैया करवानी होगी.

सर्वेक्षण में मदरसे का नाम, उसका संचालन करने वाली संस्था का नाम, मदरसा निजी या किराए के भवन में चल रहा है. इसकी जानकारी, मदरसे में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की संख्या, पेयजल, फर्नीचर, विद्युत आपूर्ति तथा शौचालय की व्यवस्था, शिक्षकों की संख्या, मदरसे में लागू पाठ्यक्रम, मदरसे की आय का स्रोत और किसी गैर सरकारी संस्था से मदरसे की संबद्धता से संबंधित सूचनाएं इकट्ठा की जाएंगी.

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