24 September 2022

PFI- उल्टा आतंकवादी सरकार को डांटे, सरकार के खिलाफ PFI का हिंसक प्रदर्शन I

इस्लामी चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ 15 राज्यों में एनआईए ने ऑपरेशन चलाया था, उसके रिपोर्ट अब देश के सामने आ चुका है। ऑपरेशन ऑक्टोपस के तहत एनआईए और ईडी की संयुक्त टीम ने पीएफआई के 106 सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में कई महत्वपूर्ण बातों का खुलासा किया है। एनआईए के अनुसार पीएफआई भारत के युवाओं को लश्कर ए तैयबा, आईएसआईस, अलकायदा में भर्ती होने के लिए तैयार कर रहा था। जिससे कि भारत में इस्लामिक राज की स्थापना हो सके।

इनपुट और सबूत के बाद एनआईए ने पांच मामलों के संबंध में तलाशी ली। पीएफआई नेता और कैडर आतंकवाद और आतंकवादी गतिविधियों की फंडिंग में शामिल थे, सशस्त्र प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित करते थे और लोगों को प्रतिबंधित में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बनाते थे। इसका भी साबुत के साथ NIA ने खुलासा किया है।

इसके सदस्यों ने कई आपराधिक वारदात को अंजाम दिया। एक कॉलेज के प्रोफेसर का हाथ काट दिया, अन्य धर्मों को मानने वाले संगठनों से जुड़े लोगों की हत्याएं, प्रमुख लोगों और जगहों को निशाना बनाने के लिए विस्फोटकों का संग्रह, आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट को समर्थन और आतंक फैलाकर देश की जनता के मन में डर पैदा करना इसका प्रमुख उदेश्य और धंधा हैI

NIA ने रिमांड के लिए दलील दी है कि आरोपियों के पास से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, देश विरोधी दस्तावेज बरामद हुए हैं। एटीएस की ओर से दी गई दलील में कहा गया है कि इनका मकसद मुस्लिम युवाओं को भड़का कर देश में कट्टरता पैदा करना था। भारत में इस्लामिक शरिया कानून कायम करने के एजेंडे के तहत यह अभियान में जुटे थे। दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश ने आरोपियों को एटीएस को रिमांड पर सौंपने का आदेश दिया है। सूत्रों का कहना है कि एटीएस उन्हें सीक्रेट जगह पर रख सकती है। जरूरत पड़ने पर एनआईए इन्हें ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली भी ले जा सकती है।


                         क्या था PFI का एजेंडा ?


ऑपरेशन ऑक्टोपस में बड़ा खुलासा।

युवाओं को लश्कर ए तैयबा में भर्ती।

ISIS, अलकायदा में भर्ती व ट्रेनिंग।

भारत में इस्लामिक राज की स्थापना।

सशस्त्र प्रशिक्षण शिविर का आयोजन।

सशस्त्र प्रशिक्षण प्रदान करना।

लोगों के मन में डर पैदा करना।

भारत में शरिया कानून लागू करवाना। 


                             NIA की कोर्ट में दलील


NIA ने दी रिमांड के लिए दलील।

इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त हुई है।

देश विरोधी दस्तावेज बरामद हुए हैं।

एटीएस ने भी दी है दलील।

इनका मकसद खतरनाक था।

मुस्लिम युवाओं को भड़काना।

देश में कट्टरता पैदा करना।

एजेंडे के तहत अभियान में जुटे थे।

न्यायाधीश ने रिमांड पर भेजा।

 

                      गिरफ्तार आतंकियों का क्या होगा ?

 

ATS सीक्रेट जगह पर रख सकती है।

जरूरत पड़ने पर NIA ट्रांजिट पर लेगी।

रिमांड पर दिल्ली भी ले जा सकती है।

NIA बरामद दस्तावेज़ की पुष्टि करेगी।

विदेशी लिंक की जाँच होगी।

अलकायदा, ISIS को क्या जानकारी दी ?

देश में कौन-कौन निशाने पर थे।

कहां-कहां से जुटाई फंडिंग ?

 

        PFI का 'मिशन इस्लाम 2047'


बिहार पुलिस ने किया था भंडाफोड़।

छापेमारी में साजिश का भंडाफोड़।

दस्तावेज, झंडा, पैंपलेट, बुकलेट बरामद।

2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाना।

रिटायर्ड दारोगा भी था एजेंडे में शामिल।

दो समुदायों के बीच विद्वेष फैलाना।

बंदूक, तलवार, चाकू की ट्रेनिंग।

'मिशन इस्लाम' के लिए पाकिस्तान से मदद।

मिशन में भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ना।

121 करोड़ की फंडिंग जुटाई।

83 बैंक खातों के माध्यम से फंड।

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