13 September 2022

सरकारी ईदगाह स्थल पर गणेश उत्सव क्यों नहीं ? सेकुलरिज्म का ढोल पीटने वाले चुप क्यों हैं ?

गणेश उत्सव से पहले कर्नाटक का हुबली ईदगाह मैदान और बेंगलुरु ईदगाह मैदान को लेकर संग्राम छिड़ा हुआ है. गणेश चतुर्थी पूजा की अनुमति को लेकर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सुनवाई हुई. कर्नाटक HC ने मंगलवार को हुबली ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी उत्सव आयोजित करने की अनुमति दे दी, तो दूसरी ओर HC ने बेंगलुरु के ईदगाह मैदान पर यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया. गणेश चतुर्थी पूजा की अनुमति को लेकर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक रातों रात दोनों मामलों में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बेंगलुरु चमराजपेट ईदगाह मैदान पर दोनों पक्षों को यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया. 

बेंगलुरु में ईदगाह मैदान पर गणेश उत्सव मनाने की अनुमति बेंगलुरु डिप्टी कमिश्नर से मांगी गई थी. बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के जॉइंट कमिश्नर ने अपने फैसले में कहा था कि यह संपत्ति राजस्व विभाग की है. साथ ही गणेश उत्सव मनाने की अनुमति भी दे दी थी. कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने बेंगलुरु के जॉइंट कमिश्नर के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. 


25 अगस्त को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने आदेश दिया था कि मामले का निपटारा होने तक ईदगाह की 2 एकड़ की जमीन का इस्तेमाल सिर्फ खेल के मैदान और मुस्लिमों को दो त्योहारों बकरीद और रमजान पर नमाज पढ़ने की इजाजत रहेगी. मगर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के अंतरिम आदेश को संशोधित करते हुए कहा कि सरकार वहां 31 अगस्त के बाद सीमित समय के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों की अनुमति दे सकती है. 


हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने ईदगाह मैदान पर 31 अगस्त और 1 सितंबर को पूजा की इजाजत दे दी थी. इसके बाद वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर मैदान पर यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया. साथ ही मामले के पक्षों को विवाद निवारण के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया.


कर्नाटक हाईकोर्ट की धारवाड़ बेंच ने हुबली मेयर के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें हुबली ईदगाह मैदान पर गणेश चतुर्थी उत्सव मनाने की अनुमति दी थी. कोर्ट ने हुबली मेयर के आदेश पर रोक लगाने से इनकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया. अंजुमन-ए-इस्लाम ने कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया था और गणेश चतुर्थी उत्सव मनाने पर रोक लगाने की मांग की थी.  हाईकोर्ट ने कहा कि हुबली में ईदगाह मैदान हुबली नगर निगम का है, ऐसे में नगर निगम को भूमि के उपयोग का अधिकार है. वहीं, बेंगलुरु चमराजपेट ईदगाह मैदान पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखते हुए भारी पुलिसबल तैनात कर दिया गया है. तो सवाल खड़ा होता है कि सरकारी ईदगाह स्थल पर गणेश उत्सव क्यों नहीं ? सेकुलरिज्म का ढोल पीटने वाले चुप क्यों हैं ?

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