नवरात्रि का धार्मिक महत्व
नवरात्रि उत्सव देवी अंबा का
प्रतिनिधित्व है।
रावण वध के लिए चंडी देवी का पूजन हुआ।
देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया
था।
रावण वध के बाद विजयादशमी की शुरुआत।
देवी दुर्गा की पूजन से आत्मिक शुद्धी
की प्राप्ति।
नवरात्रि का आर्थिक महत्व
हाट-बाजार
आर्थिक आयाम को जोड़ते हैं।
छोटे-छोटे
दुकानदारों का जीविकापार्जन होता है।
पूजा सामाग्री की
बिक्री में बढ़ोतरी होती है।
भारतीय बाज़ारों को मजबूती मिलती है।
देशी उत्पादों को बढ़ावा मिलता है।
नवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व
नवरात्रि के दौरान
देवी की पूजा होती है।
शारदीय नवरात्र वैभव और भोग
प्रदान देने वाले है।
गुप्त नवरात्र तंत्र सिद्धि
के लिए उपयोगी है।
तीसरे दिन भगवान विष्णु
मत्स्य रूप में पहला अवतार लिए थे।
सूर्य 12 राशियों में भ्रमण पूरा करते
हैं।
देवी के कहने पर ब्रह्मा जी सृष्टि निर्माण किए।
नवरात्रि का ऐतिहासिक महत्व
मां दुर्गा ने महिषासुर से 9 दिनों तक युद्ध किया।
दसवें दिन महिषासुर का वध किया।
इसलिए 9
दिनों तक मां शक्ति की आराधना की जाती है।
भगवान श्री राम जी ने भी नवरात्रि पूजन किया।
रावण ने भी शक्ति की पूजा की।
नवरात्रि का सांस्कृतिक महत्व
नवरात्रि उत्सव देश को एक धागे में जोड़ते हैं।
मेले से देश की सांस्कृतिक झलक
दिखती है।
स्थानीय
स्तर पर समाज में एकजुट आती है।
पारिवारिक
स्तर पर लोगों में मेलजोल बढ़ता है।
मन
में भक्ति भावना उत्पन्न होता है।
समाज में सदाचार का वातावरण बनाता है।
नवरात्रि का वैज्ञानिक महत्व
वातावरण कीटाणुओं रहित हो जाता है।
शक्तिशाली तरंगों का वायुमंडल में संचार।
आत्मिक, यौगिक, मानसिक शक्ति की प्राप्ति होती है।
प्रकृति के बहुत सारे अवरोध खत्म हो जाते हैं।
दुर्गापूजन से बौधिक विकास भी होता है।
शरीर की रोग प्रतिरोधक छमता बढ़ता है।
उपवास से शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन होता है।
सूर्य परिक्रमा से इस वक्त सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड शुद्ध होता है।
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