महाराष्ट्र के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के हेलो के बदले वंदे मातरम वाले बयान पर अब विवाद
खड़ा हो गया है. इसे विवादित बताने वाला कोई और नहीं बल्की मुस्लिम संगठन रजा
एकेडमी है. रजा अकेडमी सुधीर मुनगंटीवार के इस बयान पर आपत्ति जताई है. रजा अकादमी
के अध्यक्ष सईद नूरी ने का कहना है कि ''हम सिर्फ अल्लाह की पूजा करते हैं. इसलिए सरकार को कोई ऐसा आदेश देना चाहिए, जो सभी को मान्य हो.
बयान से भड़की रजा एकेडमी ने इस संबंध में उलेमाओं से चर्चा करके सरकार को पत्र लिखने की बात कर रही है.''सुधीर मुनगंटीवार के मंत्री बनने के तुरंत बाद आया ये नया बयान सियासी हल्के में शोर मज़ा दिया है. वहीँ विरोध से बेपरवाह सुधीर मुनगंटीवार जी ने दावा किया है कि 18 अगस्त तक इस संबंध में नोटिस भी जारी कर दिया जाएगा. आखिर मंत्री जी ने क्या कहा है और क्या है उनका आपको भी सुनाते हैं.
इस मामले ने जब तूल
पकड़ा तो सियासी जमात भी खुलकर सामने आ गई. एनसीपी नेता अजीत पवार ने कहा कि, ''पिछली सरकार में बातचीत से पहले 'जय महाराष्ट्र' बोला जाता था. मौजूदा शिंदे सरकार अपनी और
पार्टी के विचारधारा के मुताबिक कार्य कर रही है.
वहीँ कांग्रेस नेता भाई
जगताप ने कहा है कि, "जब कोई फोन आता था तो
लोग 'जय हिंद' बोला करते थे, 'वंदे मातरम' को लेकर कोई भी आपत्ति
नहीं है,
फैसले का स्वागत है लेकिन
अगर यह फैसला अधिवेशन में लिया जाता तो और अच्छा होता, वंदे मातरम का विरोध
नहीं है.'' जगताप के इस बयान से
विपक्ष भी दो फाड़ में बंट गया है. वहीँ रजा एकेडमी मुस्लिम कार्ड के जरिये 'वंदे मातरम' का विरोध कर रही है. तो ऐसे में
सवाल खड़ा होता है कि वंदेमातरम्
का विरोध देशद्रोह नहीं तो क्या है ?
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