मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में हीरा
खनन के लिए 2 लाख 15 हजार पेड़ काटने का विरोध शुरू हो गया है. स्थानीय युवकों ने विभिन्न सोशल
मीडिया माध्यमों पर इसके लिए मुहिम छेड़कर इस प्रोजेक्ट को रोकने की मांग की है… इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय में
भी एक पीआईएल दाखिल की गई है ताकि पेड़ों की कटाई को रोका जाके.
छतरपुर जिले के बक्सवाहा क्षेत्र में बीस साल पहले हुए सर्वेक्षण के बाद 3.42 करोड़ कैरेट हीरा मिलने का अनुमान जताया गया है.. हाल ही में इसे आदित्य बिरला समूह को इसके लिए 382 हेक्टेयर क्षेत्र पचास साल की लीज पर दिया गया है.. इसमें 62.64 हेक्टेयर में खनन किया जाना है. बाकी तकरीबन 200 हेक्टेयर क्षेत्र में खनन के दौरान उपयोग किया जाएगा. इस पर तकरीबन 2500 करोड़ रुपए कंपनी खर्च करेगी.. वन विभाग के मुताबिक इतने क्षेत्र में 2,15,875 पेड़ लगे हैं. चालीस हजार पेड़ कीमती सागौन के हैं. इन सभी पेड़ों को काटा जाना है.
लोगों को आशंका है की प्रोजेक्ट के बाद यह पूरा क्षेत्र में पर्यावरण का भारी विनाश होगा. लोगों का कहना है की सैकड़ों साल उम्र वाले पेड़ों को काटा नहीं जाना चाहिए. लोगों का कहना है की अगर हमारी बातें नहीं मानी गई तो यहां भी चिपको आंदोलन शुरू किया जाएगा.
लोग अब ये सवाल उठा रहे हैं की जब वन विभाग इन पेड़ों को इतना
मूल्यवान मान रहा है तो यहां लाखों पेड़ काटने की अनुमति कैसे दे सकते हैं. ऐसे में अब देखना ये होगा की इस पूरे मामले में एनजीटी का निर्णय क्या
कुछ रहता है. मगर फिर भी लोगों ने विश्व पर्यावरण दिवस पर काफी एकजुटता दिखाई
है..पेड़ों की कटाई रोकने के लिए.
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