देशभर में जैन साधु साध्वियों की हत्या
रुकने का नाम नहीं ले रही है. अबतक 500 सौ से ज्यादा जैन साधु साध्वियों की हत्या
होचुकी हैं..मगर आज कोई भी इसके खिलाफ आवाज उठाने को तैयार नहीं है..अनूप मंडल के
अनुवायियों द्वारा कई बार जैन साधु साध्वियों की हत्या में शामिल होने के आरोप लग
चुके हैं... कहीं इनपर ट्रक चढ़ा हत्या कर दी गई तो कहीं पर सोराहे संतों पर हमला
कर हत्या कर दी गई.
हाल हीं में गुजरात के बड़ोदरा में एक
ट्रक चालक ने दो जैन साधुओं के ऊपर ट्रक चढ़ा कर हत्या कर दी.. जैन साधु हस्तगिरिजी
महाराज एवं ज्ञानशेखरजी महाराज सूरत से पालिताणा जा रहे थे दोनों साधु महाराज
गच्छाधिपति आचार्य गिरिजी के शिष्य थे. ट्रक चालक हत्या के बाद फरार हो गया. इस
घटना के बाद जैन समाज के लोगों ने रैली निकालकर विरोध जताया. और इसबार भी आरोप उसी
संस्था के ऊपर लगा जो हर बार ऐसे हत्या को अंजाम देते हैं..गुजरात के जूनागढ़ में हीं
गिरनार पर्वत पर उदयपुर के जैन मुनि पर चाकू से हमला किया गया है..मगर जैन मुनि
बाल बाल बचे.
गुजरात सरकार ऐसे कई मामलों की सीआईडी जाँच
करने के लिए कह चुकी है... पिछले तीन वर्षों में जैन साधुओं या साध्वी की मौत में
लगतार बढ़ोतरी देखी गई है. गुजरात के गृह विभाग ने चार सदस्यीय टीम गठित तीन आईपीएस
अधिकारीयों को जैन साधु साध्वियों की हत्या पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए आदेश दे
चुकी है...
बात सिर्फ बदनाम करने या कोरोना के लिए
जिम्मेदार ठहराने तक हीं सिमित नहीं जैन समाज के संतों और साध्वियों को भी
षड्यंत्र और साजिश के तहत आए दिन देश में उनकी हत्याएं होरही है...और अब ये घटनाएँ
पूरे देशभर में जारी है. ऐसे में सवाल खड़ा होता है की आखिर इस 500 सौ से ज्यादा
हत्याओं के जिमेद्दार कौन है?
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