टिकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आन्दोलन
से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जहाँ एक किसान को ज़िंदा जलाकर मार
डाला गया. नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन सच्चाई धीरे-धीरे
सामने आने लगी है. साफ़ होता जा रहा है कि किसान आन्दोलन की आड़ में सियासत चमकाने
की कोशिश की जा रही है, अराजकता फैलाने की कोशिश की जा रही है.
और तो और, किसान आन्दोलन स्थल अपराध के केंद्र भी
बनने लगे हैं. किसान आन्दोलन में गैंगरेप की घटना के बाद अब क्रूरतम ह्त्या का
मामला सामने आया है, जहाँ इन आन्दोलनकारियों ने एक किसान को
ज़िंदा जलाकर मार डाला.
प्रदर्शन के नाम पर हुई ये भयानक घटना
बहादुरगढ़ बाईपास पर स्थित गांव कसार के पास बुधवार 17 जून 2021 देर रात्रि की है. मुकेश कसार का ही रहने वाला था और शाम को
प्रदर्शन में शामिल होने आया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुकेश को पहले शराब पिलाई गई. फिर आपसी
वाद विवाद में उसे शहीद बता कर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी गई. इस घटना के बाद
सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स बता रहे हैं कि कसार ब्राह्मणों का गांव है और मुकेश पर
कृष्ण व एक अन्य आरोपित ने आग यह कह कर लगाई कि ब्राह्मण किसान आंदोलन में नहीं
आते.
घटना के बाद मुकेश को फौरन पास के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उनका इलाज चला और फिर हालत गंभीर देख उन्हें रेफर कर दिया गया. इसके बाद परिजन उन्हें ब्रह्मशक्ति संजीवनी अस्पताल लेकर गए. लेकिन कुछ घंटों बाद वहाँ उनकी मौत हो गई. इस बारे में मृतक मुकेश के भाई मदनलाल का कहना है कि
“मेरा भाई मुकेश बुधवार शाम लगभग 5 बजे घर से घूमने के लिए निकला था. घूमते-घूमते वह किसान प्रदर्शनकारियों के पास पहुँच गया। मुझे फोन कॉल से पता चला कि भाई पर आंदोलनकारियों ने जान से मारने की नीयत से तेल छिड़क कर आग लगा दी. उपचार के दौरान मुकेश ने बताया कि आंदोलन में कृष्ण नामक एक व्यक्ति ने पहले शराब पिलाई और फिर उसे आग लगा दी. इससे वह बुरी तरह झुलस गया. इलाज के दौरान किसान की मौत होगई है. मुकेश की मृत्यु के बाद हत्या की धारा भी जोड़ दी गई है.
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