गत डेढ़ दशक से भी अधिक समय से
पत्रकारिता के क्षेत्र में एक नई क्रांतिमान स्थापित करने वाला सुदर्शन न्यूज अब
कुछ जिहादियों को रास नहीं आरहा है. इसमें वामपंथी, सेकुलर और जिहादी तत्वों के साथ-साथ वे लोग भी शामिल हैं, जो फर्जी गंगा-जमुनी तहजीब को भारत की
थाती मानते हैं. यही कारण है कि अब सुदर्शन न्यूज़ चैनल और इसके संपादक सुरेश
चौहानके के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की लगभग सभी धाराओं के अंतर्गत मुकदमे दायर रकहो
चुके हैं पर सच तो सच होता है और इसलिए ये सारे मुकदमे किसी न्यायालय में नहीं
टिकते हैं और सुदर्शन चैनल हर बार आरोपों से बरी होता रहा है.
इसके बावजूद कुछ लोग या संगठन किसी न
किसी बहाने इस चैनल पर मुकदमा करने से बाज नहीं आ रहे हैं, वह भी सुनी-सुनाई बातों को आधार बना कर.
साथ हीं कुछ फर्जी फैक्ट चेकर भी अपने जिहादी एजेंडे के तहत सुदर्शन के कंटेंट को
झूट और अपने प्रोपेगेंडा के तहत बार-बार मिसइंटरप्रेट करने की अपनी नाकाम कोशिशें
करते रहते हैं.
इस बार यह काम किया है ऑल्ट न्यूज़ के मोहम्मद जुबैर ने. जुबैर ने अपने फैक्ट चेक में चैनल पर आरोप लगाया गया है कि डिजिटल मिसाइल से निशाना साधते हुए जो मस्जिद दिखाया गया है वह पवित्र स्थल मदीना स्थित ‘मस्जिद ए नबवी’ और मदीना शहर का है. दरअसल, जिस मस्जिद की ओर मिसाइल गिरते हुए दिखाया गया है वह ‘मस्जिद ए नबवी’ है ही नहीं और उस मस्जिद के पीछे जिस शहर का दृश्य दिखाया गया है, वह भी मदीना का नहीं, बल्कि गाजा का है.
वही गाजा, जहां हमास के आतंकवादी रहते हैं और
उन्हें खत्म करने के लिए ही पिछले दिनों इजरायल ने वहां जबर्दस्त बमबारी की थी. ऐसे में अब जुबैर जैसे फर्जी फैक्ट
चेकर की गिरफ्तारी की मांग भी उठने लगी...ताकि समाज में झूठ और नफरत का माहौल खड़ा
होने से रोका जा सके.
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