भारतविरोधी ताकतें विदेश में बैठकर किस
तरह से अपना षड्यंत्र फैलाए हुए हैं, इसका हाल ही में एक ताजा उदाहरण सामने आया है. 24 साल का भारतीय
मूल का युवक विशाल ऑस्ट्रेलिया के जेल में है और इसके पीछे खालिस्तान समर्थकों की
साजिश जिम्मेदार बताई जा रही है. आरोप है कि
विशाल जूड नामक इस युवक ने कथित तौर पर पगड़ीधारियों पर हमला किया है. विशाल पर
गम्भीर अपराध की योजना के साथ हथियार रखने जैसे आरोप लगाए गए हैं. ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले सरदारों के बीच कट्टरपंथ चलाने में कई खालिस्तानी
कथित नेताओं का हाथ है. ये सभी नेता
इंटरनेट पर अपनी हिंदू-घृणा का प्रदर्शन करते कई बार देखे गए हैं. ऑस्ट्रेलिया से
पहले भी कई ऐसी वीडियो आई हैं, जिनमें खालिस्तानी युवकों एवं अन्य भारतीयों की मुठभेड़ देखी गई.
इस दौरान सिडनी के एक गुरुद्वारे से
तिरंगे के जलाए जाने का भी समाचार आया. इस घटना के प्रतिकार में भारतीय छात्रों
द्वारा भी खालिस्तानी झंडा जलाया गया. उसी समय ऐसे कई वीडियो इंटरनेट पर आने लगे, जिनमें भारतीयों द्वारा भी खालिस्तानी
समर्थकों के विरोध में कार रैली एवं प्रदर्शन किए जाने लगे. ऐसा ही मौका ढूंढकर
खालिस्तानियों ने मीडिया एवं पुलिस में यह नैरेटिव रचते हुए विशाल पर निशाना साधा
और उसे फंसवाया. दावा किया गया कि हिंदुओं द्वारा पगड़ी पहनने वाले सिखों पर हमले
किए जा रहे हैं. विशाल को गिरफ्तार कर लिया गया और उस
पर साल 2018 का मुकद्दमा भी ठोक दिया गया, जिसकी व्याख्या पुलिस ने अब तक नहीं की
है. भारतीय हाई कमीशन को भी विशाल से मिलने की अनुमति नहीं दी गई.
विशाल के वकील ने यह भी बताया है कि
जेल के अंदर एक खालिस्तानी समर्थक सिख सिपाही द्वारा उसे यातनाएं भी दी गई हैं.
विशाल की कहानी हर भारतीय तक पहुंचना और अधिक आवश्यक इसलिए भी है कि न जाने ऐसे
कितने भारतीयों को विदेशों में आपसी रंजिश के आधार पर या केवल हिंदू पहचान देखकर
निशाना बनाया जाता है. भारत सरकार को भी इस विषय में सोचने एवं संज्ञान लेने की
आवश्यकता है.
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