12 June 2021

आओ इजराइल का साथ दें

इजरायल और फिलिस्तीन के बीच खूनी संघर्ष जारी है. दोनों तरफ से लगातार आम नागरिकों की जानें जारही है. हमास के गाजा में मौत का आंकड़ा बढ़ते जारहा है. इज़राइल अपने अपने रौद्र रूप में आगया है. इस आपसी संघर्ष में 65 लोगों की अबतक मौत होचुकी है. इसराइल में मरने वालों की संख्या सिर्फ है. मतलब साफ है की अब इसराइल जिहादियों को अपने तरीके से सबक सिखाने में जुट गया है. 

हमास के गाजा पट्टी पर इजरायल ने भारी बमबारी की है. लोग ताबाह होकर इधर से उधर भाग हुए नज़र आरहे हैं. इजरायल के हवाई हमले में हमास गाजा के सिटी कमांडर बसीम इस्सा की मौत हो गई है. बसीम की मौत से गाजा सहमा हुआ है.

इजरायल के रक्षा मंत्री बेनी गैंट्स ने कहा है कि हमारी सेना के हमास के गाजा पट्टी और फलस्तीन में हमले बंद नहीं होंगे...इजरायल ने अब पूरी तरीके से कमर कस ली है. इजरायल से साफ कर दिया है की हम अब तब तक रुकने को तैयार नहीं हैं, जब तक दुश्मन को पूरी तरह शांत नहीं कर देते. इसके बाद ही अमन बहाली पर कोई बात होगी.

 ऐसे में अब गाजा के पास एक हीं बिकल्प है या तो इजरायल के सामने हथियार डाल दे या फिर अपने जिहादी चरमपंथी के कारण मरने के लिए तैयार रहे. चरमपंथियों ने चेतावनी दी है कि वे इजरायलियों की जिंदगी नर्क कर देंगे, मगर खुद हीं जिहादी चरमपंथी एक-एक कर इजरायली सैनिकों के आगे ढेर होरहे हैं.

गाजा की मौत भरी मातम पर विदेशी ताकतें भी अब मुखर होने लगीं हैं. संयुक्त राष्ट्र के मध्य पूर्व शांति राजदूत टॉर वेनेसलैंड ने कहा है कि दोनों पक्ष इसे व्यापक युद्ध की ओर ले जा रहे हैं... संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने कहा है कि वे हिंसा को लेकर काफी चिंतित हैं... वहीं अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है, जर्मनी ने भी कहा है कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है. 

जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के प्रवक्ता स्टीफन सीबेरट ने कहा कि गाजा से इजरायल पर हो रहे हमले की हम कड़ी निंदा करते हैं...विश्व समुदाय ने ये जता दिया है की जिहादी चरमपंथियों के किसी भी करतूतों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा चाहे वह किसी भी देश के ऊपर अपनी बर्बरता क्यों न करें..ऐसे में आज हम भी यही कह रहे हैं आओ इजरायल का साथ दें.


कुछ महत्वपूर्ण सवाल 


01.     जिहाद के मुद्दे पर अरब देशों में इतनी एकजुटता क्यों है, क्या फिलिस्तीन का समर्थन चरमपंथ को बढ़ावा नहीं देगा ?

02.     पूरी दुनिया इजराइल का साथ देरही है मगर पाकिस्तान फिलिस्तीन के समर्थन में है, क्या इससे पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब नहीं होरहा है ?

03.     फिलिस्तीन एक समझौते के तहत अपने हिस्से का जमीन ले चुका है, फिर भी ये बार-बार इजराइल पर हमला क्यों करता है ?

04.     भारत के मार्क्सवादी कम्युनिस्ट और कट्टरपंथी इजराइल को गलत ठहराने में क्यों जुटे हुए हैं ? क्या इसके पीछे चीन की कोई साजिश तो नहीं ?

05.     इजराइल में कई बार लाखों यहूदियों का नरसंहार हो चुका है, आज भी पूरी दुनिया में उनपर हमलें होरहे हैं मगर फिर भी कोई बड़े शक्तिशाली देश, इसपर क्यों नहीं बोल रहा है ?

06.     अपने आप को दुनिया में शांति के मसीहा बताने वाला अमेरिका आज इजराइल के मुद्दे पर चुप क्यों है ?

07.     एक ओर पूरी दुनिया जहां कोरोना से कराह रही है वहीँ दूसरी ओर फिलिस्तीन जिहादी युद्ध में कूद रहा है, क्या इसको कोई बड़ी अंतर्राष्ट्रीय ताकतें समर्थन कर रहीं हैं ?

08.     मानवाधिकार के मुद्दे पर शांति पाठ का सीख देने वाले देश आज इजराइल के उपर होरही बर्बरता पर सामने क्यों नहीं आरहे हैं ?

09.     घातक हाथियों और मिसाइलों से पूरी दुनिया में मानव अस्तित्व के उपर खतरे के बादल मडरा रहे हैं, कोई भी पर्यावरणविद फिलिस्तीन पर सवाल क्यों नहीं खड़ा कर रहा है ?

10.     क्या फिलिस्तीन की उन्मादी हरकतें दुनिया को विश्वयुद्ध की आग में नहीं धकेल रही है ?

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