सऊदी अरब के इस्लामिक मामलों के
मंत्रालय ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए नमाज के दौरान मस्जिदों में बाहरी
लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.. सऊदी अरब के स्थानीय
मीडिया के मुताबिक, देश के इस्लामिक मामलों के मंत्री
इस्लामी मामलों के मंत्री,
शेख डॉ अब्दुल्लातिफ बिन अब्दुलअज़ीज़
अल-शेख द्वारा जारी सर्कुलर में मस्जिदों को केवल अजान और इकामत के लिए लाउडस्पीकर
के इस्तेमाल की इजाजत दी गई है.
सर्कुलर के अनुसार, नमाज के दौरान लाउडस्पीकर का इस्तेमाल
मस्जिद के अंदर ही किया जा सकेगा और आवाज लाउडस्पीकर डिवाइस के लेवल का एक तिहाई
होना चाहिए. इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी सऊदी
प्रशासन ने दी है..सर्कुलर के अनुसार, नया फैसला पैगंबर मोहम्मद की हदीस पर
आधारित है...नमाज पढ़ते समय या इबादत करते समय आवाज को दूसरों की आवाज से ऊँचा नहीं
करनी चाहिए..
मंत्रालय द्वारा शरिया नियमों को लागू किए जाने के बाद शेख मुहम्मद बिन सालेह अल-उथैमीन और सालेह बिन फवजान अल-फवजान जैसे इस्लामिक स्कॉलर ने भी इसका समर्थन करते हुए फतवा जारी किया है.. इसमें भी अजान और इकामत के अलावा मस्जिद में बाहरी लाउड स्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है.
इसमें बताया गया है कि इससे मस्जिदों के आसपास के घरों में मरीजों, बुजुर्गों और बच्चों को नुकसान पहुँचता है..सर्कुलर में कहा गया है कि बाहरी एम्पलीफायरों पर कुरान पढ़ना कुरान के लिए अपमानजनक है.. जब कोई इसकी आयतों को न सुन रहा हो और न ही इस पर विचार कर रहा हो.. यह पहली बार नहीं है जब-जब सऊदी मंत्रालय ने देश में मस्जिदों में लाउडस्पीकर के बारे में बात की है.
इससे पहले भी इस्लामिक मामलों के मंत्री ने 2019 में रमजान के महीने के दौरान मस्जिदों में मस्जिदों में लाउडस्पीकर की आवाजन कम करने को कहा था..मई, 2020 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगाने का आदेश पारित करते हुए कहा था कि लाउडस्पीकर से अजान देना इस्लाम का हिस्सा नहीं है.. कोर्ट ने कहा था, “लाउडस्पीकर से अजान इस्लाम का हिस्सा नहीं है। किसी भी मस्जिद से लाउडस्पीकर से अजान दूसरे लोगों के अधिकारों में हस्तक्षेप करना है।”
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