पूरे देशभर में राज्य सरकारें लोगों को
वैक्सीन लेने के लिए प्रोत्साहित कर रही है तो वहीँ दूसरी ओर राजस्थान सरकर के लिए
पाकिस्तान से जान बचाकर भारत आए हिंदू शरणार्थियों के जान की कोई कीमत नहीं है.
राजस्थान में 11 लाख 50 हज़ार कोरोना वैक्सीन बर्बाद होगया..मगर राजस्थान सरकार
हिन्दू शरणार्थियों को वैक्सीन लगाने को तैयार नहीं है. राजस्थान की अशोक गहलोत
सरकार द्वारा पाक विस्थापित हिंदुओं को कोविड वैक्सीन न लगाने से अब तक 15 शरणार्थियों की मौत हो चुकी है.
पाक विस्थापित हिंदुओं के लिए संघर्ष करने वाले एक संगठन ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की जोधपुर. राजस्थान के जोधपुर सहित प्रदेश भर में रहने वाले करीब 25000 से ज्यादा पाकिस्तान से आए विस्थापित रहते हैं.. याचिका पर हाईकोर्ट जस्टिस विजय विश्नोई व जस्टिस रामेश्वर व्यास की खंडपीठ में सुनवाई हुई सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कहा कि पाक विस्थापितों की मदद करना राजस्थान सरकार की जिमेद्दारी है.
उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश विजय विश्नोई व
न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ ने पाकिस्तान विस्थापितों को कोविड महामारी की
और कोरोना वैक्सीन के लिए व्यवस्था करवाने के लिए न्यायमित्र की ओर से जनहित
याचिका में पेश किये एडीशनल सब्मिशन पर भी सुनवाई की. पूर्व में उच्च न्यायालय ने
केन्द्र व राज्य सरकार को कोरोना वैक्सीन संबंधी आदेश दे चुका है. बावजूद इसके
राजस्थान सरकार शरणार्थियों को मदद करने को तैयार नहीं है.
टीकाकरण पर केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों में बिना आधार कार्ड वाले भिखारियों, बेघर औऱ घुमंतू जनजातियों आदि के लिए भी वैक्सीन लगाने का प्रावधान है, लेकिन हमारे देश में सुरक्षित आश्रय लेने वाले पाकिस्तानी हिंदुओं के लेकर प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार अब तक तय नहीं कर पा रही है कि बिना आधार कार्ड के इन्हे किस श्रेणी में रखकर वैक्सीनेशन किया जाए..?
ऐसे में राजस्थान सरकार के इस भेदभावकारी नीति के कारण हिन्दू प्रवासियों के जीवन पर एक बड़ा संकट खड़ा होगया है. देशभर के प्रवासियों ने पीएम मोदी से अपने यात्रा दस्तावेजों के आधार पर टीका लगाने की अपील की है. पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी वैक्सीन लगवाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं तो वहीँ बंगलादेशी घुसपैठिये और रोहिंगियाओं को बंगाल केरल सहित कई राज्यों में मुफ्त में वैक्सीन लग रही है.
बंगलादेशी और घुसपैठिये रोहिंगियाओं के इलाके में विशेष शिविर लगा कर वैक्सीनेसन किया जारहा है. कोरोना संक्रमण से हो रही मौतों से पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों की बस्तियों में डर का माहौल बना हुआ है. शरणार्थी जिला कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा अधिकारी से लेकर राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों तक चक्कर लगा रहे हैं..मगर आज फिर भी कोई उनका सुध लेने वाला नहीं है.
कुछ महत्वपूर्ण सवाल
01. राजस्थान सरकर के लिए हिंदू
शरणार्थियों की जान की कीमत क्यों नहीं समझ में आरही है ? क्या इनके लिए ये वोट
बैंक नहीं हैं ?
02. राजस्थान में 11 लाख 50 हज़ार कोरोना
वैक्सीन बर्बाद होगया, मगर हिंदू शरणार्थियों को वैक्सीन नहीं दी गई, क्या इसके
लिए राजस्थान सरकार अपराधी नहीं है ?
03. कोविड वैक्सीन नहीं लगने से अब तक 15 शरणार्थियों की मौत हो चुकी है, क्या
राजस्थान इन मौतों के लिए जिम्मेदार नहीं है ?
04. हाईकोर्ट के कहने पर भी राजस्थान सरकार
नहीं जाग रही है, क्या ये कोर्ट का अवमानना नहीं है ?
05. शरणार्थियों के टीकाकरण पर केंद्र
सरकार जब पहले हीं दिशा निर्देश दे चुका है, फिर भी राजस्थान सरकार के भेदभावकारी
नीति क्यों अपना रही है ?
06. राजस्थान सरकार के भेदभावकारी नीति से हिन्दू
प्रवासियों के जीवन पर एक बड़ा संकट खड़ा होगया है, मानवाधिकार की दुहाई देने वाले
संगठन इसपर आवाज क्यों नहीं उठा रहें हैं ?
07. पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी वैक्सीन लगवाने
के लिए दर-दर भटक रहे हैं, और बांग्लादेशी घुसपैठिये और रोहिंग्याओं टीका लग रहा
है, क्या समानता का अधिकार का उलंघन नहीं है ?
08. बंगाल केरल सहित कई राज्यों में बांग्लादेशी
घुसपैठिये और रोहिंग्याओं को मुफ्त में
वैक्सीन लग रही है, तो फिर हिंदू शरणार्थियों को वैक्सीन क्यों नहीं ?
09. शरणार्थी जिला कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा
अधिकारी से लेकर सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों तक चक्कर लगा रहे हैं, फिर भी इनकी
कोई मदद क्यों नहीं कर रहा ?
10. राजस्थान हाईकोर्ट हिन्दू शरणार्थियों को राशन और अन्य सुविधाएं भी मुहैया कराने के लिए आदेश दे चुका है, मगर फिर भी उन्हें मूलभूत सुविधाएं क्यों नहीं दी जारही है ?
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