आंध्र प्रदेश सरकार लगातार हिन्दुओं की आवाज़ दबा रही है...आंध्र की
सीआईडी ने शुक्रवार रात नरसापुर लोकसभा क्षेत्र से वाईएसआरसीपी के बागी सांसद रघु
रामकृष्ण राजू को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया है. हैदराबाद में उनके घर से
गिरफ्तार किए गए राजू को विजयवाड़ा ले जाया गया. सीआईडी ने बताया, राजू पर आरोप है कि वह नफरत फैलाने वाले भाषणों से समुदायों में द्वेष फैलाने
और सरकार के खिलाफ असंतोष को बढ़ावा देने के कृत्य में शामिल हैं.
जबकी सच्चाई ये है की सांसद रघु रामकृष्ण राजू आंध्र
प्रदेश में ईसाई धर्मांतरण के खिलाफ लगातर आवाज़ उठा रहे थे...ऐसे में ईसाई
मिस्नरियों को ये बात रास नहीं आरही थी और वो लगातार सरकार पर दबाव बना रहे थे...
सांसद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-124 ए (राजद्रोह), 153ए (समुदायों में द्वेष उत्पन्न करना, 505 (बयान से तनाव पैदा करना), 120बी (साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है. सांसद के खिलाफ सीआईडी में एडीजी पीवी सुनील कुमार (आईपीएस) के आदेश पर मामला दर्ज किया गया है. मगर सवाल यहां खड़ा होता है की क्या इस देश में हिन्दू हित की बात करना राजद्रोह है...क्या ईसाई धर्मांतरण के खिलाफ आवाज़ उठाना नफरत फैलाना है..?
सांसद राजू ने करीब एक साल पहले वाईएसआर कांग्रेस से बगावत कर दी थी और कई महीनों से मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की सरकार के खिलाफ टिप्पणी कर रहे हैं. गत कुछ दिनों से वह कोविड संकट के कुप्रबंधन को लेकर राज्य सरकार की आलोचना कर रहे हैं. हैदराबाद स्थित आवास में सांसद जब अपना जन्मदिन मना रहे थे तभी सीआईडी ने उन्हें पकड़ा. गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए राजू के बेटे भरत ने कहा कि उनके पिता को इसलिए निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि वह राज्य सरकार की गलतियों पर सवाल उठा रहे हैं.
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