आज हम आपको एक ऐसे ढोंगी पादरी के बारे में बताएंगे जो कोरोना को डट कर भागाने का दावा करता है...भगवा कपड़ों में 'यीशु दरबार' लगाने वाला कुलपति, जो कोरोना को 'हुक्म देकर' भगाता है..ये सिर्फ हीं नहीं है बल्की ये एक विश्व विधालय का कुलपति भी है..इसके और भी कई कारनामे हैं जिसे हम आपको बताएँगे.
इस विडियो में पादरी कहता है "हम तेरे (कोरोना) अधिकार को समाप्त करते हैं.. जहाँ से तू आया है, तुझे हम वहीं भेज देते हैं... यीशु के नाम से... आज से और इसी घड़ी से... इसी समय से...ये शैतानी शक्ति देश को छोड़ दे" अब ऐसे में सवाल खड़ा होता है की क्या ऐसे भला कोरोना भागेगा देश छोड़ कर..?
क्या ये ढोंग या अफवाह नहीं है..? और हैं तो फिर अबतक
ये पादरी कैसे खुला घूम रहा है..? इसके ऊपर महामारी एक्ट के तहद कोई मुकदमा क्यों
नहीं दर्ज किया गया..? इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष JA जयलाल ने जीसस से प्रार्थना करने पर
कोरोना ख़त्म होने की बात कही थी, जिस
पर हुआ विवाद अभी थमा भी नहीं है कि ऐसे ही ‘चमत्कार’ की बात करने वाले एक कुलपति का ये वीडियो
अब सामने आगया.
प्रयागराज के शैक्षिक संस्थान SHUATS के कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर राजेंद्र
बिहारी लाल यूनिवर्सिटी कैम्पस में स्थित चर्च के माध्यम से इस अंधविश्वास को
बढ़ावा देने में जुटा हुआ है.
‘सैम हिगिनबॉटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय’ प्रयागराज के नैनी के रेवा रोड में यमुना नदी से कुछ ही दूसरी पर स्थित है. इसके कुलपति भगवा कपड़ों में ‘यीशु दरबार’ लगाता हैं.. ऐसे ही एक कार्यक्रम में उसने कहा, “यीशु के नाम से हम इस तूफ़ान को, इस महामारी को डाँटते हैं...थम जा और हमारे लोगों पर अब कोई आक्रमण न कर..”
राजेंद्र बी लाल कई बार ये कहते दिख रहा है की “हम तेरे (कोरोना) अधिकार को समाप्त करते हैं। जहाँ से तू आया है, तुझे हम वहीं भेज देते हैं यीशु के नाम से.. आज से और इसी घड़ी से इसी समय से ये शैतानी शक्ति देश को छोड़ दे..” इस गले में माला, शरीर पर भगवा कपड़े और सिर भी भगवा टोपी एक नजर में देख कर किसी को भी लगे कि वो कोई हिन्दू संत हैं.
ऐसे में सवाल इस पहनावे पर भी खड़ा होता है की क्या ये हिन्दुओं को भ्रमित करने और भगवा का अपमान नहीं है..? इतना ही नहीं, SHUATS कुलपति राजेंद्र बिहारी लाल कई करोड़ रुपयों के एक बैंक घोटाले में भी फंसा हुआ है.. और इस मामले में जेल भी जा चुका है.
अप्रैल 2016 के मध्य में उन्हें जुडिशल कस्टडी में लेकर जेल भेजा गया था, जब उनकी जमानत याचिका खारिज हो गई थी. 23 करोड़ के घोटाले का ये मामला नवंबर 2014 से नवंबर 2016 तक सिविल लाइंस स्थित एक्सिस बैंक में हुआ. राजेंद्र बी लाल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट भी गया था.
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