12 June 2021

वार्डबॉय कासिम को फांसी दो

देशभर के गली-गली में जिहादी बलात्कारियों का दुस्साहस जारी...इस बलात्कारी जिहादियों से अब न तो अस्पताल सुरक्षित और ना हीं धार्मिक स्थल. ये कभी मस्जिद में नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म करते हैं तो कभी अस्पताल में इलाज़ के लिए भर्ती हुई मरीज के साथ. मानवता को शर्मशार करने वाली घटना सामने आई है मेरठ के एक निजी हॉस्पिटल की आईसीयू से... पीड़ित युवती को कासिम नामक वार्डबॉय ने पहले तो बेहोशी का इंजेक्शन दिया... और फिर जब युवती पूरी तरीके से बेहोश होगई तो उसके बाद कासिम ने युवती को अस्पताल में हीं बलात्कार कर दिया. आरोपी वार्डबॉय को पुलिस ने तो गिरफ्तार कर लिया है..मगर सवाल अब भी बना हुआ की आखिर कब तक हमारी बहन-बेटियां इन जिहादियों के हवास का शिकार होते रहेंगी.

मेरठ के लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र में मजीदनगर निवासी 18 वर्षीय युवती 27 मई को हापुड़ रोड पर केयर हॉस्पिटल में भर्ती हुई थी. उसी रात को 3 बजे वार्डबॉय ने रात में युवती को अकेला देख बेहोसी का इंजेक्शन लगा दिया और फिर घटों तक युवती के साथ रेप करता रहा. जब पीड़िता को होश आया तो उसने अपने कपड़े को अस्त ब्यस्त पाया...और शारीर में जकड़न महसूस हुआ 

जिसके बाद पीड़िता ने अपनी आपबीती परिजनों को बताया. परिजन थाने पहुंचे और वार्डबॉय पर कार्रवाई की मांग की. मेरठ पुलिस ने वार्डबॉय कासिफ को हिरासत में ले लिया. पूछताछ के बाद आरोपी कासिम को जेल भेज दिया.

शिकायत में पीड़िता ने लिखा है कि नशे का इंजेक्शन देकर आरोपी कासिम ने उसके साथ इस घटना को अंजाम दिया. पुलिस ने हॉस्पिटल की सीसीटीवी फुटेज कब्जे में ले ली है. स्थानीय लोगों का कहना है की पुलिस ने कई घंटे तक रेप की तहरीर मिलने के बावजूद मुकदमा दर्ज नहीं किया. पुलिस ने आरोपी पक्ष को समझौता करने पर मजबूर किया. 

आरोपी को बचाने में पुलिस ने भरपूर प्रयाश किया. यही वजह रही कि रात में पीड़ित परिवार से तहरीर बदलवा ली गई और छेड़छाड़ में मुकदमा दर्ज किया गया. ऐसे में इस पूरे मामले को लीपापोती करने और आरोपी को बचाने में अस्पताल और पुलिस प्रशासन की भूमिका संदिग्ध लग रही है. पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल बना हुआ है. लोग बलात्कारी आरोपी कासिम को फांसी देने की मांग कर रहे हैं. 


कुछ महत्वपूर्ण सवाल 

       

01. देशभर के गली-गली में जिहादी बलात्कारियों के दुस्साहस पर कोई आवाज क्यों नहीं उठा रहा है?

 

02. सरकारें अस्पतालों में महिला मरीजों की यौन उत्पीड़न को लेकर कानून क्यों नहीं बना रही है ?

 

03. निजी अस्पताल जिहादी प्रवृति वाले कर्मचारियों की पुलिस वेरिफिकेशन क्यों नहीं कराते हैं ?

 

04.  अस्पताल के आईसीयू में रात के समय कोई डॉक्टर क्यों नहीं मौजूद था ?

 

05. वार्डबॉय कासिम को अस्पताल में नशे का इंजेक्शन किसने उपलब्ध कराई ?

 

06.  कासिम घंटो युवती के साथ आईसीयू में बेहोश कर रेप करता रहा, मगर अस्पताल के किसी भी कर्मचारी को इसकी भनक क्यों नहीं लगी ?

 

07. रेप पीड़िता की तहरीर मिलने के बावजूद पुलिस ने कई घंटे बीत जाने के बाद मुकदमा दर्ज किया, क्या पुलिस किसी दबाव में थी ?

 

08.  पीड़ित परिवार के अनुसार पुलिस ने समझौता करने के लिए दबाव डाला, क्या पुलिस आरोपी को बचाना चाहती थी ?

 

09. पीड़ित परिवार से तहरीर बदलवा ली गई और छेड़छाड़ में मुकदमा दर्ज किया गया. क्या इसमें किसी कोई मिलीभगत तो नहीं है ?

 

10. लीपापोती करने और आरोपी को बचाने में अस्पताल और पुलिस प्रशासन की भूमिका संदिग्ध लग रही है, अबतक इसबात की जाँच क्यों नहीं हुई ?

 

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