12 June 2021

उत्तराखंड में 51 मंदिरों को चार धाम देवस्थानम बोर्ड से मुक्ति कब ?

उत्तराखंड में हिन्दू मंदिरों को मुक्त करने को लेकर लगातार संत समाज आवाज़ उठा रहा है...उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपने पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के एक फैसले को पलट दिया था. मगर अबतक फैसले पर कोई अमल नहीं हुआ है. ऐसे में संत समाज में इसे लेकर काफी नाराजगी देखी जारही है..तीरथ सिंह सरकार ने राज्य के 51 मंदिरों को चार धाम देवस्थानम बोर्ड के प्रबंधन से मुक्त करने का फैसला करते हुए कहा था कि बोर्ड के गठन को लेकर भी पुनर्विचार किया जाएगा. मगर अबतक इसका न तो गठन हुआ और ना हीं  इन मंदिरों में चार धाम के नाम से जाने जाने वाले बदरीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री जैसे प्रमुख मंदिर को मुक्त किया गया.

भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष गडकरी और और राजनाथ अध्यक्ष इस बात को कई बार सार्वजनिक मंचों से इसबात का जिक्र कर चुके थे... तब बीजेपी की सरकार केंद्र या प्रदेश में नहीं थी...मगर वर्तमान मुख्यमंत्री के द्वारा फैसला लेने के बाद भी इसका कोई अमल नहीं होरहा तो इसे लेकर अब सवाल उठने लगा है. सुब्रमण्यम स्वामी ने तत्कालीन सरकार के मंदिरों पर नियंत्रण वाले फैसले को उत्तराखंड उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए एक याचिका भी दायर की थी.

 उत्तराखंड सरकार के इस फैसले का खूब विरोध भी हुआ था...जब सरकार ने 51 मंदिरों का अधिग्रहण किया था...तीर्थ पुरोहितों ने सरकार के इस अधिनियम उनके हितों पर कुठाराघात बताते हुए कहा था कि बोर्ड का गठन किया गया तो तब भी उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया. मगर अब ये मामला एकबार फिर से तुल पकड़ लिया है.

अब उत्तराखंड के संतों ने मुख्य मंत्री तीरथ सिंह रावत को पत्र लिख कर कहा है की उनके द्वारा लिए गए फैसले पर कोई असर नहीं हुआ है और ना ही अबतक 51 अधिग्रहण किये गए मंदिरों को मुक्त करने का आदेश मंदिर प्रबंधन को मिल पाया है ऐसे में संत समाज एकबार फिर से सरकार के ऊपर हमलावर होगया... संतों ने कहा है की अगर ऐसा नहीं हुआ वो राज्यभर में आन्दोलन करेंगे.

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