21 May 2009

ममता के माया से वाम का सफाया

पश्चिम बंगाल में वाम दल के जो चुनाव नतीजा उभर कर सामने आया है उससे साफ जाहिर होता है की इस बार के चुनाव में वाम दल के नीतियों को यहाँ के जनता पुरी तरह से नकार चुकी है,वाम दल तीसरे मोर्चे को मजबूत बनाने के पुरजोर कोसिस तो किया,लेकिन उसे इस बात का पुरा-पुरा भरोसा था की इस बार भी वह पिछले लोक सभा चुनाव के तरह सफलता हासिल करेगी,लेकिन वही दूसरी तरफ पूर्ब रेल मंत्री ममता बनर्जी नंदी ग्राम तथा सिंगुर के मुद्दा को इस प्रकार आंधी दिया की वाम पंथी बुरी तरह अपने ही गढ़ में ध्वस्त हो गये ! ममता बनर्जी ने जिस प्रकार से अपना रोड सो किया उसे साफ जाहिर होता है की उसने वामपंथियों को पुरी तरह से हराने के लिया मन मे ठान लिया था,उसने यह भी कहा था की अगर तृणमूल कांग्रेस चुनाव जीतती है तो बंगाल का बिकाश के मुद्दा संसद में उठेगा,उन्होंने जिस प्रकार से सीपीएम के ३२ बर्षो के सासन काल के जिक्र पुरे बंगाल में लोगो के बिच जा कर की उससे वाम वामपंथियों के सारे बिकाश कार्य तानाशाही के तरह साबित होते नजर आया ! नंदी ग्राम तथा सिंगुर के घटना से तो पहले ही साफ हो गया था की जिस प्रकार सीपीएम उधोग लगाने के नाम पर किसान एव गरीब जनता का जिंदगी बदहाल कर दिया है उसे इस बार वामपंथी सरकार को जरुर इसका नतीजा भोगना परेंगा ! तभी तो वामपंथियों को अपना ही गढ़ बचाना मिल का पत्थर साबित हुआ .

09 May 2009

जूता रे जूता तुझसे कोई न अछुता

इस बदलते ज़माने मे लोगो का बिरोध प्रदर्शन का तरीका भी बदलते जा रहा है ,हर जगह अलग अलग तरीके से बिरोध जताने का हथकंडा अपनाया जा रहा है !इन सारे हथकंडो मे एक है जूता जिसे हर जगह नेताओ को निशाना बनाया जा रहा है,इस घटना का सुरुआत उस वक्त हुआ जब अमेरिका के पूर्ब रास्ट्रपति बुश इराक में एक पत्रकार सममेलन कर रहे थे !तभी एक अचानक इराकी पत्रकार मुन्तिजिर जैदी ने बुश के ऊपर एक जूता उछाल दिया !उसके बाद से बिरोध जताने का यह एक आधुनिक तरीका बन गया ! इस घटना के बाद भारत मे भी नेताओ के खिलाफ बिरोध प्रदर्शन का ये तरीका अपनाया जा रहा है !यह एक आम समस्या बनती जा रही है,चाहे भारत के प्रधानमंत्री गिरिःमंत्री या फ़िर पिपक्ष के नेता ही क्यो न हो !ऐसे मे यह एक प्रश्न उठता है की क्या यह तरीका सचमुच मे सही है ,या फिर इसे लोग अपनाकर चर्चित होना चाहते है,इस घटना का प्रचलन दिन प्रति दिन बढ़ते जा रहा है,इसका प्रमुख कारण एक ही नजर आ रहा है नेताओ द्वारा दोसियो को माफ कर देना फिलहाल चाहे जो कुछ हो मगर भारत मे ये जूता सुर्खियाजरुर जरुर बटोर रहा है !