27 June 2021

हरियाणा में गौ तस्करी के 800 मामले दोषसिद्धि शून्य

हरियाणा में लगातार गौ वध की घटनाएं सामने आई आई है. मगर चौकाने वाली बात ये है की 800 मामले, सामने आने के बाद दोषसिद्धि शून्य है. पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने अप्रैल 2021 में ये पाया था कि 2015 के गोहत्या विरोधी अधिनियम के तहत, हरियाणा में एक भी सजा नहीं हुई है. ऐसे में अदालत ने राज्य सरकार पर जबरजस्त हमला करते हुए कई टिप्पड़ी किये थे.  जिससे बाद सरकार के इस लाचार रुख को लेकर कई सारे सवाल खड़े हुए थे. 

बड़े-बड़े और बुलंद दावों के साथ, मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार ने नवंबर 2015 में हरियाणा गौवंश संरक्षण और गौसंवर्धन अधिनियम की अधिसूचना जारी की थी. गोपाष्टमी के शुभ असवर पर इसे लागू करने की आधिकारिक तौर पर घोषणा भी की गई थी.

अधिनियम के तहत, हरियाणा में गो तस्करी, वध और बीफ रखने या उपभोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. डिब्बाबंद बीफ (सीलबंद कंटेनरों में गाय का मांस) की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाया गया है जो कि पिछली राज्य सरकार के दौरान वैध था. इसके बावजूद एक भी मामले में दोष सिद्ध न होना कई गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं.

हरियाणा के पशुपालन मंत्री धनखड़ के अनुसार 400 गऊशालाओं में लगभग 3 लाख गाय हैं. इसके अलावा, लगभग डेढ़ लाख राणी या आवारा गाय हैं और 18 लाख गाय घरों में हैं. इन गायों के संवर्धन के लिए ही प्रदेश में नया कानून लाया गया था. उस वक्त डेढ़ लाख राणी गायों के लिए गौ अभ्यारण्य बनाने का प्रस्ताव भी किया गया था. मगर अबतक इसपर भी कोई अमल नहीं हुआ है यही कारण है की राज्य में लगातार गौ हत्या जारी है और गौर तस्कर कानून को ठेंगा दिखा कर हररोज गौ हत्या कर रहे हैं.

राज्य सरकार ने प्रतिदिन 2.50 करोड़ लीटर दूध उत्पादन का लक्ष्य रखा था मगर 2 करोड़ लीटर हीं दूध माँ उत्पादन होरहा है इसके पीछे एक बड़ा कारण गौ हत्या बताया जारहा है. प्रदेश में औसत 800 ग्राम दूध प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की खपत है मगर इस लक्ष्य को अभी तक हासिल नहीं किया जा सका है. इसे तभी पूरा किया जा सकता है जब राज्य में लागू में हरियाणा गौवंश संरक्षण और गौसंवर्धन अधिनियम को सख्ती से पालन कराया जायेगा.

मुस्लिम लड़की ने दलित लड़के से की प्यार जिहादियों ने की हत्या

मुस्लिम लड़की ने दलित लड़के से किया प्यार की तो भड़क उठे उन्मादी, दोनों को पीट पीट कर मार डाला. पुलिस अधीक्षक अनुपम अग्रवाल के अनुसार लड़की के पिता और उसके भाई समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और एक व्यक्ति फरार है. लव जिहाद जैसे मामलों तक को इश्क का नाम देकर बचाव करने वाले इस दिल दहला देने वाली घटना पर पूरी तरह खामोश हैं. एक मुस्लिम लड़की व दलित लड़के को पत्थर व लाठी से पीट पीट कर इसलिए मार डाला गया क्योंकि ये दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे. इसके बाद भी न कोई लिबरल बोल रहा है और न ही कोई सेक्यूलर राजनेता तथा प्यार के स्वघोषित ठेकेदार.

मामला दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक के विजयपुरा के देवरा हिप्पारागी तालुक के सालादाहल्ली गांव का है. खबर के मुताबिक, 19 वर्षीय दलित युवक बसवराजू बडिगेरी और 18 वर्षीय दावालाबी एक दूसरे को पसंद करते थे. लड़की के परिजनों को दलित युवक से दोस्ती पसंद नही थी, उन्होंने कई बार लड़की को समझाया लेकिन वह दलित युवक से बेइंतहां प्यार करती थी. पुलिस ने बताया कि मंगलवार दोपहर लड़का-लड़की एक खेत में थे तभी लड़की का पिता और भाई, तीन अन्य लोगों के साथ वहां पहुंच गए और दोनों पर पत्थर और लाठियों से हमला कर दिया.

प्रेमी युगल की हत्या के बाद आरोपी वहां से फरार हो गए. घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस दल घटनास्थल पर पहुंचा और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. बुधवार को इस मामले में दो लोगों को और फिर बृहस्पतिवार को अन्य दो लोगों की गिरफ़्तारी हुई. वहीं पुलिस को पांचवे आरोपी की तलाश है. विजयपुरा के पुलिस अधीक्षक अनुपम अग्रवाल ने बताया कि लड़की के पिता और उसके भाई समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और एक व्यक्ति फरार है. पुलिस ने कहा कि दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा. उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी, ताकि आगे से कोई ऐसी घटना को अंजाम देने से पहले परिणाम के बारे में सोच ले. पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.

अयोध्या का निर्माण होगा ऐसा कि आने वाली पीढ़ियां याद करेगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अयोध्या एक ऐसा शहर है जो हर भारतीय की सांस्कृतिक चेतना में अंकित हैं. अयोध्या का निर्माण ऐसा भव्य हो कि आने वाली पीढ़ियां अपने जीवनकाल में एक बार अयोध्या जाने की इच्छा महसूस करें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सनातन के आराध्य प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या के विकास और पुनर्निर्माण के मास्टर प्लान की समीक्षा की. प्रधानमंत्री के साथ इस बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या तथा दिनेश शर्मा भी शामिल हुए. इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने एक प्रस्तुति के जरिए अयोध्या के विकास की परियोजनाओं के बारे में पीएम मोदी को बताया.

प्रधानमंत्री ने अयोध्या के विकास मॉडल को तैयार करने वाले अधिकारियों को बधाई दी तथा इसे समय से पूरा करने के लिए कहा. श्रीराम की नगरी अयोध्या को को हर भारतीय की सांस्कृतिक चेतना में उकेरा हुआ शहर बताते हुए पीएम ने कहा कि अयोध्या का विकास मॉडल ऐसा होना चाहिए, जिससे युवाओं में आध्यात्मिकता का सृजन हो. वे संस्कार के साथ अध्यात्म की शिक्षा भी ग्रहण कर सकें. अयोध्या को हमारी उत्कृष्ट परंपराओं, सर्वश्रेष्ठ विकास परिवर्तनों को प्रदर्शित करना चाहिए.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जिस तरह भगवान राम में लोगों को एक साथ लाने की क्षमता थी, अयोध्या के विकास कार्यों को स्वस्थ जन भागीदारी की भावना से निर्देशित किया जाना चाहिए. अयोध्या का निर्माण ऐसा भव्य हो कि आने वाली पीढ़ियों को अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार अयोध्या जाने की इच्छा महसूस करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में अयोध्या में विकास कार्य जारी रहेंगे. साथ ही, अयोध्या को प्रगति की इस अगली छलांग की ओर अग्रसर करने की गति अभी से शुरू होनी चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि यह हमारा सामूहिक प्रयास है कि हम अयोध्या की पहचान का जश्न मनाएं और नवोन्मेषी तरीकों से इसकी सांस्कृतिक जीवंतता को जीवित रखें. 

अयोध्या को एक ऐसा शहर बताया जो हर भारतीय की सांस्कृतिक चेतना में अंकित है. अयोध्या को हमारी सर्वोत्तम परंपराओं और हमारे सर्वोत्तम विकासात्मक परिवर्तनों को प्रकट करना चाहिए. अयोध्या आध्यात्मिक और उदात्त दोनों है. इस शहर के मानव लोकाचार को भविष्य के बुनियादी ढांचे से मेल खाना चाहिए, जो पर्यटकों और तीर्थयात्रियों सहित सभी के लिए फायदेमंद है.

डेफ सोसाइटी धर्मांतरण में जाकिर कनेक्शन

इस्लामिक आतंकी जाकिर जाइकजिसके खिलाफ हमने एक लंबा अभियान चलायाजिसके बाद वह देश छोड़ने को मजबूर हुआउसी जाकिर नाइक के साथ धर्मांतरण जिहाद की फैक्ट्री चलाने वाले मोहम्मद उमर गौतम का कनेक्शन सामने आया है. मौलाना उमर गौतम तथा उसकी गैंग हजारों लोगों को मुसलमान बना चुकी है. UP ATS ने इस मामले का खुलासा किया था तथा उमर गौतम व उसके एक साथी जहाँगीर को गिरफ्तार किया था.

UP ATS को उमर गौतम और काजी जहांगीर से हुई पूछताछ में पता चला है कि धर्मांतरण मामले के तार जाकिर नाइक से जुड़े हुए हैं. इसके साथ ही कई और अहम जानकारी भी सामने आई है. सूत्रों के मिली जानकारी के मुताबिक, उमर गौतम का कनेक्शन जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन से सामने आया है. जाकिर नाइक की फाउंडेशन से जुड़े फैज सैय्यद से उमर के करीबी संबंध हैं.

खबर के मुताबिक, आतंकी जाकिर नाइक की संस्था बैन से पहले इस्लामिक यूथ फाउंडेशन को फंडिंग करती थी. इस फाउंडेशन से जुड़े लोग भी उमर के संपर्क में थे. UPATS की जांच में पता चला है कि धर्म परिवर्तन का ये खेल पिछले 2 सालों से चल रहा था. खास तौर पर स्टडेंट्स और यूथ को निशाना बनाया जा रहा था. इस मामले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर डोनेशन मिलने की भी बात सामने आ रही है.

सूत्रों के मुताबिक़, जांच एजेंसियों को पता चला है कि कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए इस्लामिक दावा सेंटर ने धर्मांतरण करने वालों से एक एफिडेविट भी लिया है, जिसमें साफ लिखा है कि वे लोग बिना किसी लालच और दबाव के इस्लाम कुबूल कर रहे हैं. ये गैंग मध्य प्रदेश, बिहार और गुजरात, असम, झारखंड के लोगों का भी धर्म बदलवा चुका है. इसके अलावा धर्मान्तरण मामले की जांच में टेरर एंगल सामने आ रहा है. धर्मांतरण गिरोह के आतंकी संगठनों से जुड़े होने के आरोप लग रहे हैं.

जम्मू के टेक्निकल एयरपोर्ट परिसर में धमाका

जम्मू के टेक्निकल एयरपोर्ट परिसर में देर रात दो बजे के करीब दो धमाके हुए हैं. जम्मू पुलिस ने इसकी पुष्टि की है. इन धमाकों में लोग घायल भी हुए हैंघायलों को मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया है. जम्मू पुलिस के मुताबिक यह कम तीव्रता का धमाके हैं. एहतियात के तौर पर बम डिस्पोजल टीम और फॉरेंसिक स्क्वाड मौके पर पहुंच गए हैं. जानकारी के मुताबिक इस धमाके की आवाज काफी दूर तक सुनाई दी है. इसी जगह पर भारतीय वायुसेना का स्टेशन हेडक्वार्टर और इसके साथ ही जम्मू का मुख्य हवाई अड्डा भी इसी परिसर में आता है.

धमाकों से जुड़ी एक बड़ी जानकारी सामने आयी है, सूत्रों के मुताबिक एयफोर्स टेक्निकल एरिया में धमाकों के लिए ड्रोन का इस्तेमाल का शक जताया जा रहा है. दरअसल एयरफोर्स के टेक्निकल एरिया में सुरक्षा व्यवस्था बेहद चाक चौबंद रहती है. किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति को प्रवेश की इजाजत नहीं है. इसके साथ ही जिन लोगों को अंदर जाने की इजाजत है उन्हें भी कड़ी तफ्तीश के बाद ही जाने दिया जाता है. ऐसे में सवाल उठ रहे थे कि इतनी कड़ी सुरक्षा के बीच अंदर गोला बारूद कैसे पहुंच सकता है?एयरफोर्स टेक्निकल एरिया में हुए धमाकों को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वाइस एयर मार्शल से बात की है. रक्षा मंत्री लगातार घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं.

भारतीय वायु सेना ने इस पर जानकारी देते हुए कहा है कि जम्मू वायु सेना स्टेशन के टेक्निकल इलाके में रविवार सुबह दो कम तीव्रता वाले विस्फोटों की सूचना मिली. एक विस्फोट से इमारत की छत को मामूली नुकसान पहुंचा जबकि दूसरा खुले क्षेत्र में फटा. किसी भी उपकरण को कोई नुकसान नहीं हुआ और जांच चल रही है. पुलिस और तमाम सुरक्षा एजेंसियां कई अलग अलग एंगल से जांच कर रही हैं. पुलिस ने अभी तक आतंकी एंगल से इनकार नहीं किया है. पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि हम इस मामले की तफ्तीश में जुटे हैं और जल्दी ही इसका खुलाया किया जाएगा.

विशाल को ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तान समर्थकों ने फंसाया

भारतविरोधी ताकतें विदेश में बैठकर किस तरह से अपना षड्यंत्र फैलाए हुए हैंइसका हाल ही में एक ताजा उदाहरण सामने आया है. 24 साल का भारतीय मूल का युवक विशाल ऑस्ट्रेलिया के जेल में है और इसके पीछे खालिस्तान समर्थकों की साजिश जिम्मेदार बताई जा रही है. आरोप है कि विशाल जूड नामक इस युवक ने कथित तौर पर पगड़ीधारियों पर हमला किया है. विशाल पर गम्भीर अपराध की योजना के साथ हथियार रखने जैसे आरोप लगाए गए हैंऑस्ट्रेलिया में रहने वाले सरदारों के बीच कट्टरपंथ चलाने में कई खालिस्तानी कथित नेताओं का हाथ है. ये सभी नेता इंटरनेट पर अपनी हिंदू-घृणा का प्रदर्शन करते कई बार देखे गए हैं. ऑस्ट्रेलिया से पहले भी कई ऐसी वीडियो आई हैंजिनमें खालिस्तानी युवकों एवं अन्य भारतीयों की मुठभेड़ देखी गई.

इस दौरान सिडनी के एक गुरुद्वारे से तिरंगे के जलाए जाने का भी समाचार आया. इस घटना के प्रतिकार में भारतीय छात्रों द्वारा भी खालिस्तानी झंडा जलाया गया. उसी समय ऐसे कई वीडियो इंटरनेट पर आने लगे, जिनमें भारतीयों द्वारा भी खालिस्तानी समर्थकों के विरोध में कार रैली एवं प्रदर्शन किए जाने लगे. ऐसा ही मौका ढूंढकर खालिस्तानियों ने मीडिया एवं पुलिस में यह नैरेटिव रचते हुए विशाल पर निशाना साधा और उसे फंसवाया. दावा किया गया कि हिंदुओं द्वारा पगड़ी पहनने वाले सिखों पर हमले किए जा रहे हैं. विशाल को गिरफ्तार कर लिया गया और उस पर साल 2018 का मुकद्दमा भी ठोक दिया गया, जिसकी व्याख्या पुलिस ने अब तक नहीं की है. भारतीय हाई कमीशन को भी विशाल से मिलने की अनुमति नहीं दी गई.

विशाल के वकील ने यह भी बताया है कि जेल के अंदर एक खालिस्तानी समर्थक सिख सिपाही द्वारा उसे यातनाएं भी दी गई हैं. विशाल की कहानी हर भारतीय तक पहुंचना और अधिक आवश्यक इसलिए भी है कि न जाने ऐसे कितने भारतीयों को विदेशों में आपसी रंजिश के आधार पर या केवल हिंदू पहचान देखकर निशाना बनाया जाता है. भारत सरकार को भी इस विषय में सोचने एवं संज्ञान लेने की आवश्यकता है.

दिल्ली के किसान आन्दोलन में हत्या

टिकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आन्दोलन से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जहाँ एक किसान को ज़िंदा जलाकर मार डाला गया. नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन सच्चाई धीरे-धीरे सामने आने लगी है. साफ़ होता जा रहा है कि किसान आन्दोलन की आड़ में सियासत चमकाने की कोशिश की जा रही है, अराजकता फैलाने की कोशिश की जा रही है. और तो और, किसान आन्दोलन स्थल अपराध के केंद्र भी बनने लगे हैं. किसान आन्दोलन में गैंगरेप की घटना के बाद अब क्रूरतम ह्त्या का मामला सामने आया है, जहाँ इन आन्दोलनकारियों ने एक किसान को ज़िंदा जलाकर मार डाला.

प्रदर्शन के नाम पर हुई ये भयानक घटना बहादुरगढ़ बाईपास पर स्थित गांव कसार के पास बुधवार 17 जून 2021 देर रात्रि की है. मुकेश कसार का ही रहने वाला था और शाम को प्रदर्शन में शामिल होने आया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुकेश को पहले शराब पिलाई गई. फिर आपसी वाद विवाद में उसे शहीद बता कर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी गई. इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स बता रहे हैं कि कसार ब्राह्मणों का गांव है और मुकेश पर कृष्ण व एक अन्य आरोपित ने आग यह कह कर लगाई कि ब्राह्मण किसान आंदोलन में नहीं आते.

घटना के बाद मुकेश को फौरन पास के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उनका इलाज चला और फिर हालत गंभीर देख उन्हें रेफर कर दिया गया. इसके बाद परिजन उन्हें ब्रह्मशक्ति संजीवनी अस्पताल लेकर गए. लेकिन कुछ घंटों बाद वहाँ उनकी मौत हो गई. इस बारे में मृतक मुकेश के भाई मदनलाल का कहना है कि

मेरा भाई मुकेश बुधवार शाम लगभग 5 बजे घर से घूमने के लिए निकला था. घूमते-घूमते वह किसान प्रदर्शनकारियों के पास पहुँच गया। मुझे फोन कॉल से पता चला कि भाई पर आंदोलनकारियों ने जान से मारने की नीयत से तेल छिड़क कर आग लगा दी. उपचार के दौरान मुकेश ने बताया कि आंदोलन में कृष्ण नामक एक व्यक्ति ने पहले शराब पिलाई और फिर उसे आग लगा दी. इससे वह बुरी तरह झुलस गया. इलाज के दौरान किसान की मौत होगई है. मुकेश की मृत्यु के बाद हत्या की धारा भी जोड़ दी गई है.

कर्ज़ नहीं लौटने पर जिहादियों ने जमीन में गाड़ा

मध्य प्रदेश के सतना से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. जिहादी अपराध की एक ऐसी घटना है जो पूरे प्रदेश में सनसनी फैला दी है. मध्य प्रदेश सतना जिले में 9 दिन पूर्व रहस्यमयी तरीके से लापता हुए ऑटो चालक की हत्या कर दी गई. पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया है. पुलिस ने दो मोटर मैकेनिक को गिरफ्तार किया है. बताया गया है कि ऑटो चालक से दोनों आरोपी अपना धंधा बढ़ाने के लिए कर्जा लेना चाहते थे. जब वह कर्ज की रकम देने के लिए टालम टोल करने लगा, तो गले में क्लच वायर डालकर उसकी हत्या कर दी और लाश को अपने गैराज में ही दफना दिया. 

ये मामला सतना जिला के नागौद थाना क्षेत्र के कुलगढ़ी का है. यहां का रहने वाला 19 वर्षीय रोहित कुशवाहा पिछले 9 दिनों से गायब था. पुलिस ने गुमशुदगी दर्जकर उसकी तलाश की. इस मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. पुलिस ने बताया कि मोटर मैकेनिक पप्पू मिस्त्री उर्फ सलाम खान ने सद्दाम खान के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी. दरअसल, मृतक रोहित कुशवाहा बीते 8 जून को बाइक की रिपेयरिंग कराने सतना आया था, मगर फिर घर नहीं लौटा. उसकी मोटर साइकिल अगले दिन सीतपुरा के पास लावारिस हालत में मिली, जिसमें टी-शर्ट, रूमाल और गमछा टंगा हुआ था.

एक तरफ मुखबिरों को सक्रिय किया गया तो दूसरी तरफ कुलगढ़ी से सतना और सितपुरा के बीच लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले जाने लगे. कड़ी मशक्कत के बाद यह स्पष्ट हो गया कि गायब होने के दिन लगभग साढ़े 11 बजे युवक अपनी गाड़ी से सिविल लाइन की तरफ आया है और शाम 4 बजे वापस जाता दिखाई दिया. जब बारीकी से रिकॉर्डिंग देखी गई तो आते समय रोहित ने जो कपड़े पहने थे वापसी में लोवर का रंग बदला हुआ पाया गया, तो चलाने वाले का रंग और कद-काठी में भी अंतर मिला जिससे संदेह गहरा गया. 

लिहाजा पप्पू मिस्त्री को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने सद्दाम के साथ मिलकर हत्या का जुर्म स्वीकार कर लिया. धंधे को बढ़ाने के लिए आरोपियों ने बतौर कर्ज 1-1 लाख रुपये मांग लिए. मगर रोहित आज-कल में टालता रहा. कुछ दिन बाद फोन भी उठाना बंद कर दिया, लेकिन दोनों ने किसी तरह फिर से संपर्क कर मना लिया.

130 शादियां और 203 बच्चे मरते समय कर गया कईयों को गर्भवती

एक ओर जहाँ देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून की बात होरही है तो वहीँ दूसरी तरफ कुछ ऐसे लोग भी हैं जो ऊपर वाला के नाम पर सैकड़ों बच्चे पैदा कर रहे हैं. महंगाई के इस ज़माने में लोग एक से दो बच्चों में ही रुक जाते हैं लेकिन कुछ ऐसे लोग होते हैं जो बच्चों को खुदा का तोहफा मान बच्चे पैदा करते ही जाते हैं. सेंट्रल नाइजर स्टेट के मोहम्मद बेल्लो अबूबकर ने कई शादियां की और उनसे सैंकड़ों बच्चे पैदा कर चर्चा बटोरी. अबूबकर ने अपने जीते जी 130 शादियां की थी. इन पत्नियों से अबूबकर के 203 बच्चे हुए. लेकिन इनकी संख्या अबूबकर की मौत के बाद भी बढ़ी क्यूंकि मौत के समय भी उसकी कई पत्नियां प्रेग्नेंट थी.

 

2017 में अबूबकर की मौत हो गई थी. अबूबकर ने अपनी लाइफ में 130 शादियां की थी. लेकिन इनमें से कुछ ने उन्हें तलाक दिया तो कुछ की मौत हो गई थी. मरते समय अबूबकर के साथ उसकी 86 बीवियां रहती थी. अबूबकर को अपनी 82 बीवियों को तलाक देने को कहा गया था. लेकिन अबूबकर ने ऐसा करने से साफ़ मना कर दिया. उसने अल्लाह का तोहफा बता सभी पत्नियों को साथ रखने का ऐलान किया था.

 

एक  इंटरव्यू में अबूबकर ने कहा था कि कई लोग 10 पत्नियों में ही परेशान हो जाते हैं. लेकिन उसने कहा कि उसे अल्लाह से शक्ति मिलती है जिसकी वजह से वो आराम से 86 बीवियों को कंट्रोल कर लेता है. अपनी जिंदगी अबूबकर ने 203 बच्चे पैदा किये. जब उसकी मौत हो गई तब भी उसकी कई बीवियां प्रेग्नेंट थी. इतनी बीवियों को और बच्चों को अबूबकर एक ही जगह पर रखता था.

इंटरव्यू में अबूबकर की पत्नियों ने कहा था कि वो पहले तो मौलाना के पास उपदेश लेने आई थी. फिर अबूबकर ने जब उन्हें शादी का इन्विटेशन दिया तब उन्होंने इसे खुदा का फरमान समझ कर मान लिया. बीच में उन्हें इतनी शादियां करने के लिए अरेस्ट कर लिया गया था. तब उसके पूरे परिवार ने उसे बेहतरीन पिता और पति बताकर उसका साथ दिया था. हालांकि मौत से पहले अबूबकर ने किसी और को 100 शादियां ना करने की सलाह दी थी. अबूबकर के मुताबिक़, अल्लाह ने सिर्फ उसे इस मिशन के लिए भेजा था. आज यही कारण है की भारत में जनसंख्या कानून अब समय की मांग बन गई है.

जनसंख्या नियंत्रण कानून की ओर कदम बढ़ाते भारतीय राज्य

उत्तरप्रदेश में जिन अभिभावकों के दो से ज्यादा बच्चे हैं, उनकी मुश्किलें बढ़ने वाली है. प्रदेश में जल्द ही जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू होने वाला है. राज्य विधि आयोग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. फिलहाल आयोग अन्य प्रदेशों में लागू कानूनों के साथ सामाजिक परिस्थितियों और अन्य बिंदुओं पर अध्ययन कर रहा हैं.. जल्द ही प्रतिवेदन तैयार कर राज्य विधि आयोग सरकार को सौंपेगा.

यूपी में कई अहम कानूनों में बदलाव किया जा रहा है. इसी कड़ी में विधि आयोग ने अब जनसंख्या नियंत्रण के बड़े मुद्दे पर अपना काम शुरू किया है. इसके तहत दो से अधिक बच्चों के अभिभावकों को सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली सुविधाओं में कितनी कटौती की जाए, इस पर मंथन होगा. फिलहाल राशन व अन्य सब्सिडी में कटौती के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया जा रहा है.

राज्य में इस कानून के दायरे में अभिभावकों को किस समय सीमा के तहत लाया जाएगा. उनके लिए सरकारी सुविधाओं के अलावा सरकारी नौकरी में क्या व्यवस्था होगी, ऐसे कई बिदु भी बेहद अहम होंगे. आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल का कहना है कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर राजस्थान व मध्य प्रदेश में लागू कानूनों का अध्ययन शुरू कर किया गया है.

बेरोजगारी व भुखमरी समेत अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर विभिन्न बिदुओं पर विचार के आधार पर प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी विशेष सरकारी योजनाओं का लाभ देने में दो बच्चे वाली नीति लागू करेगी उन्होंने कहा कि प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण नीति को असम में भी लागू किया जाएगा. ऐसे में इसपर अब केंद्रीय कानून की भी मांग बढ़ रही है. अब देखना ये होगा की केंद्र सरकार कबतक इस मुद्दे पर केन्द्रीय कानून बनाती है.

19 June 2021

कुरान की 26 विवादित आयतों का पर्दाफाश हिंदी उर्दू और रोमन में

SURAH 9, AAYAT 5

وَٱحْصُرُوهُمْ وَٱقْعُدُوا۟ لَهُمْ كُلَّ مَرْصَدٍ فَإِن تَابُوا۟ وَأَقَامُوا۟ ٱلصَّلَوٰةَ وَءَاتَوُا۟ ٱلزَّكَوٰةَ فَخَلُّوا۟ سَبِيلَهُمْ إِنَّ ٱللَّهَ غَفُورٌ رَّحِيمٌ

Faitha insalakha alashhuru alhurumu faoqtuloo almushrikeena haythu wajadtumoohum wakhuthoohum waohsuroohum waoqAAudoo lahum kulla marsadin fain taboo waaqamoo alssalata waatawoo alzzakata fakhalloo sabeelahum inna Allaha ghafoorun raheemun

फिर जब हुरमत के चार महीने गुज़र जाएँ तो मुशरिकों को जहाँ पाओ (बे ताम्मुल) कत्ल करो और उनको गिरफ्तार कर लो और उनको कैद करो और हर घात की जगह में उनकी ताक में बैठो फिर अगर वह लोग (अब भी शिर्क से) बाज़ आऎं और नमाज़ पढ़ने लगें और ज़कात दे तो उनकी राह छोड़ दो (उनसे ताअरूज़ न करो) बेशक ख़ुदा बड़ा बख़्शने वाला मेहरबान है

 

SURAH 9, AAYAAT 28 

يَٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُوٓا۟ إِنَّمَا ٱلْمُشْرِكُونَ نَجَسٌ فَلَا يَقْرَبُوا۟ ٱلْمَسْجِدَ ٱلْحَرَامَ بَعْدَ عَامِهِمْ هَٰذَا وَإِنْ خِفْتُمْ عَيْلَةً فَسَوْفَ يُغْنِيكُمُ ٱللَّهُ مِن فَضْلِهِۦٓ إِن شَآءَ إِنَّ ٱللَّهَ عَلِيمٌ حَكِيمٌ

Ya ayyuha allatheena amanoo innama almushrikoona najasun fala yaqraboo almasjida alharama baAAda AAamihim hatha wain khiftum AAaylatan fasawfa yughneekumu Allahu min fadlihi in shaa inna Allaha AAaleemun hakeemun

ऐ ईमानदारों मुशरेकीन तो निरे नजिस हैं तो अब वह उस साल के बाद मस्जिदुल हराम (ख़ाना ए काबा) के पास फिर न फटकने पाएँ और अगर तुम (उनसे जुदा होने में) फक़रों फाक़ा से डरते हो तो अनकरीब ही ख़ुदा तुमको अगर चाहेगा तो अपने फज़ल (करम) से ग़नीकर देगा बेशक ख़ुदा बड़ा वाक़िफकार हिकमत वाला है

 

SURAH 9, AAYAT 123

يَٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ قَٰتِلُوا۟ ٱلَّذِينَ يَلُونَكُم مِّنَ ٱلْكُفَّارِ وَلْيَجِدُوا۟ فِيكُمْ غِلْظَةً وَٱعْلَمُوٓا۟ أَنَّ ٱللَّهَ مَعَ ٱلْمُتَّقِينَ

Ya ayyuha allatheena amanoo qatiloo allatheena yaloonakum mina alkuffari walyajidoo feekum ghilthatan waiAAlamoo anna Allaha maAAa almuttaqeena

ऐ ईमानदारों कुफ्फार में से जो लोग तुम्हारे आस पास के है उन से लड़ों और (इस तरह लड़ना) चाहिए कि वह लोग तुम में करारापन महसूस करें और जान रखो कि बेशुबहा ख़ुदा परहेज़गारों के साथ है

 

SURAH 9, AAYAT 56

وَيَحْلِفُونَ بِٱللَّهِ إِنَّهُمْ لَمِنكُمْ وَمَا هُم مِّنكُمْ وَلَٰكِنَّهُمْ قَوْمٌ يَفْرَقُونَ

Wayahlifoona biAllahi innahum laminkum wama hum minkum walakinnahum qawmun yafraqoona

और (मुसलमानों) ये लोग ख़ुदा की क़सम खाएंगे फिर वह तुममें ही के हैं हालॉकि वह लोग तुममें के नहीं हैं मगर हैं ये लोग बुज़दिल हैं

 

SURAH 9,AAYAT 58

وَمِنْهُم مَّن يَلْمِزُكَ فِى ٱلصَّدَقَٰتِ فَإِنْ أُعْطُوا۟ مِنْهَا رَضُوا۟ وَإِن لَّمْ يُعْطَوْا۟ مِنْهَآ إِذَا هُمْ يَسْخَطُونَ

Waminhum man yalmizuka fee alssadaqati fain oAAtoo minha radoo wain lam yuAAtaw minha itha hum yaskhatoona

(ऐ रसूल) उनमें से कुछ तो ऐसे भी हैं जो तुम्हें ख़ैरात (की तक़सीम) में (ख्वाह मा ख्वाह) इल्ज़ाम देते हैं फिर अगर उनमे से कुछ (माक़ूल मिक़दार(हिस्सा)) दे दिया गया तो खुश हो गए और अगर उनकी मर्ज़ी के मुवाफिक़ उसमें से उन्हें कुछ नहीं दिया गया तो बस फौरन ही बिगड़ बैठे

 

SURAH 9, AAYAT 111

إِنَّ ٱللَّهَ ٱشْتَرَىٰ مِنَ ٱلْمُؤْمِنِينَ أَنفُسَهُمْ وَأَمْوَٰلَهُم بِأَنَّ لَهُمُ ٱلْجَنَّةَ يُقَٰتِلُونَ فِى سَبِيلِ ٱللَّهِ فَيَقْتُلُونَ وَيُقْتَلُونَ وَعْدًا عَلَيْهِ حَقًّا فِى ٱلتَّوْرَىٰةِ وَٱلْإِنجِيلِ وَٱلْقُرْءَانِ وَمَنْ أَوْفَىٰ بِعَهْدِهِۦ مِنَ ٱللَّهِ فَٱسْتَبْشِرُوا۟ بِبَيْعِكُمُ ٱلَّذِى بَايَعْتُم بِهِۦ وَذَٰلِكَ هُوَ ٱلْفَوْزُ ٱلْعَظِيمُ

Inna Allaha ishtara mina almumineena anfusahum waamwalahum bianna lahumu aljannata yuqatiloona fee sabeeli Allahi fayaqtuloona wayuqtaloona waAAdan AAalayhi haqqan fee alttawrati waalinjeeli waalqurani waman awfa biAAahdihi mina Allahi faistabshiroo bibayAAikumu allathee bayaAAtum bihi wathalika huwa alfawzu alAAatheemu

इसमें तो शक़ ही नहीं कि ख़ुदा ने मोमिनीन से उनकी जानें और उनके माल इस बात पर ख़रीद लिए हैं कि (उनकी क़ीमत) उनके लिए बेहश्त है (इसी वजह से) ये लोग ख़ुदा की राह में लड़ते हैं तो (कुफ्फ़ार को) मारते हैं और ख़ुद (भी) मारे जाते हैं (ये) पक्का वायदा है (जिसका पूरा करना) ख़ुदा पर लाज़िम है और ऐसा पक्का है कि तौरैत और इन्जील और क़ुरान (सब) में (लिखा हुआ है) और अपने एहद का पूरा करने वाला ख़ुदा से बढ़कर कौन है तुम तो अपनी ख़रीद फरोख्त से जो तुमने ख़ुदा से की है खुशियाँ मनाओ यही तो बड़ी कामयाबी है


SURAH 9, AAYAT 23 

يَٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ لَا تَتَّخِذُوٓا۟ ءَابَآءَكُمْ وَإِخْوَٰنَكُمْ أَوْلِيَآءَ إِنِ ٱسْتَحَبُّوا۟ ٱلْكُفْرَ عَلَى ٱلْإِيمَٰنِ وَمَن يَتَوَلَّهُم مِّنكُمْ فَأُو۟لَٰٓئِكَ هُمُ ٱلظَّٰلِمُونَ

Ya ayyuha allatheena amanoo la tattakhithoo abaakum waikhwanakum awliyaa ini istahabboo alkufra AAala aleemani waman yatawallahum minkum faolaika humu alththalimoona

ऐ ईमानदारों अगर तुम्हारे माँ बाप और तुम्हारे (बहन) भाई ईमान के मुक़ाबले कुफ़्र को तरजीह देते हो तो तुम उनको (अपना) ख़ैर ख्वाह (हमदर्द) न समझो और तुममें जो शख़्स उनसे उलफ़त रखेगा तो यही लोग ज़ालिम है

 

SURAH 9, AYAT 37

إِنَّمَا ٱلنَّسِىٓءُ زِيَادَةٌ فِى ٱلْكُفْرِ يُضَلُّ بِهِ ٱلَّذِينَ كَفَرُوا۟ يُحِلُّونَهُۥ عَامًا وَيُحَرِّمُونَهُۥ عَامًا لِّيُوَاطِـُٔوا۟ عِدَّةَ مَا حَرَّمَ ٱللَّهُ فَيُحِلُّوا۟ مَا حَرَّمَ ٱللَّهُ زُيِّنَ لَهُمْ سُوٓءُ أَعْمَٰلِهِمْ وَٱللَّهُ لَا يَهْدِى ٱلْقَوْمَ ٱلْكَٰفِرِينَ

Innama alnnaseeo ziyadatun fee alkufri yudallu bihi allatheena kafaroo yuhilloonahu AAaman wayuharrimoonahu AAaman liyuwatioo AAiddata ma harrama Allahu fayuhilloo ma harrama Allahu zuyyina lahum sooo aAAmalihim waAllahu la yahdee alqawma alkafireena

महीनों का आगे पीछे कर देना भी कुफ़्र ही की ज्यादती है कि उनकी बदौलत कुफ्फ़ार (और) बहक जाते हैं एक बरस तो उसी एक महीने को हलाल समझ लेते हैं और (दूसरे) साल उसी महीने को हराम कहते हैं ताकि ख़ुदा ने जो (चार महीने) हराम किए हैं उनकी गिनती ही पूरी कर लें और ख़ुदा की हराम की हुई चीज़ को हलाल कर लें उनकी बुरी (बुरी) कारस्तानियॉ उन्हें भली कर दिखाई गई हैं और खुदा काफिर लोगो को मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुँचाया करता

 

SURAH 9, AAYAT 29 

قَٰتِلُوا۟ ٱلَّذِينَ لَا يُؤْمِنُونَ بِٱللَّهِ وَلَا بِٱلْيَوْمِ ٱلْءَاخِرِ وَلَا يُحَرِّمُونَ مَا حَرَّمَ ٱللَّهُ وَرَسُولُهُۥ وَلَا يَدِينُونَ دِينَ ٱلْحَقِّ مِنَ ٱلَّذِينَ أُوتُوا۟ ٱلْكِتَٰبَ حَتَّىٰ يُعْطُوا۟ ٱلْجِزْيَةَ عَن يَدٍ وَهُمْ صَٰغِرُونَ

Qatiloo allatheena la yuminoona biAllahi wala bialyawmi alakhiri wala yuharrimoona ma harrama Allahu warasooluhu wala yadeenoona deena alhaqqi mina allatheena ootoo alkitaba hatta yuAAtoo aljizyata AAan yadin wahum saghiroona

अहले किताब में से जो लोग न तो (दिल से) ख़ुदा ही पर ईमान रखते हैं और न रोज़े आख़िरत पर और न ख़ुदा और उसके रसूल की हराम की हुई चीज़ों को हराम समझते हैं और न सच्चे दीन ही को एख्तियार करते हैं उन लोगों से लड़े जाओ यहाँ तक कि वह लोग ज़लील होकर (अपने) हाथ से जज़िया दे


SURAH 9, AAYAT 14

قَٰتِلُوهُمْ يُعَذِّبْهُمُ ٱللَّهُ بِأَيْدِيكُمْ وَيُخْزِهِمْ وَيَنصُرْكُمْ عَلَيْهِمْ وَيَشْفِ صُدُورَ قَوْمٍ مُّؤْمِنِينَ

Qatiloohum yuAAaththibhumu Allahu biaydeekum wayukhzihim wayansurkum AAalayhim wayashfi sudoora qawmin mumineena

इनसे (बेख़ौफ (ख़तर) लड़ो ख़ुदा तुम्हारे हाथों उनकी सज़ा करेगा और उन्हें रूसवा करेगा और तुम्हें उन पर फतेह अता करेगा और ईमानदार लोगों के कलेजे ठन्डे करेगा

 

SURAH 5, AAYAT 14

وَمِنَ ٱلَّذِينَ قَالُوٓا۟ إِنَّا نَصَٰرَىٰٓ أَخَذْنَا مِيثَٰقَهُمْ فَنَسُوا۟ حَظًّا مِّمَّا ذُكِّرُوا۟ بِهِۦ فَأَغْرَيْنَا بَيْنَهُمُ ٱلْعَدَاوَةَ وَٱلْبَغْضَآءَ إِلَىٰ يَوْمِ ٱلْقِيَٰمَةِ وَسَوْفَ يُنَبِّئُهُمُ ٱللَّهُ بِمَا كَانُوا۟ يَصْنَعُونَ

Wamina allatheena qaloo inna nasara akhathna meethaqahum fanasoo haththan mimma thukkiroo bihi faaghrayna baynahumu alAAadawata waalbaghdaa ila yawmi alqiyamati wasawfa yunabbiohumu Allahu bima kanoo yasnaAAoona

और जो लोग कहते हैं कि हम नसरानी हैं उनसे (भी) हमने ईमान का एहद (व पैमान) लिया था मगर जब जिन जिन बातों की उन्हें नसीहत की गयी थी उनमें से एक बड़ा हिस्सा (रिसालत) भुला बैठे तो हमने भी (उसकी सज़ा में) क़यामत तक उनमें बाहम अदावत व दुशमनी की बुनियाद डाल दी और ख़ुदा उन्हें बहुत जल्द (क़यामत के दिन) बता देगा कि वह क्या क्या करते थे


SURAH 5, AAYAT 51

يَٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ لَا تَتَّخِذُوا۟ ٱلْيَهُودَ وَٱلنَّصَٰرَىٰٓ أَوْلِيَآءَ بَعْضُهُمْ أَوْلِيَآءُ بَعْضٍ وَمَن يَتَوَلَّهُم مِّنكُمْ فَإِنَّهُۥ مِنْهُمْ إِنَّ ٱللَّهَ لَا يَهْدِى ٱلْقَوْمَ ٱلظَّٰلِمِينَ

Ya ayyuha allatheena amanoo la tattakhithoo alyahooda waalnnasara awliyaa baAAduhum awliyao baAAdin waman yatawallahum minkum fainnahu minhum inna Allaha la yahdee alqawma alththalimeena

ऐ ईमानदारों यहूदियों और नसरानियों को अपना सरपरस्त न बनाओ (क्योंकि) ये लोग (तुम्हारे मुख़ालिफ़ हैं मगर) बाहम एक दूसरे के दोस्त हैं और (याद रहे कि) तुममें से जिसने उनको अपना सरपरस्त बनाया पस फिर वह भी उन्हीं लोगों में से हो गया बेशक ख़ुदा ज़ालिम लोगों को राहे रास्त पर नहीं लाता

 

SURAH 5, AAYAT 57

يَٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ لَا تَتَّخِذُوا۟ ٱلْيَهُودَ وَٱلنَّصَٰرَىٰٓ أَوْلِيَآءَ بَعْضُهُمْ أَوْلِيَآءُ بَعْضٍ وَمَن يَتَوَلَّهُم مِّنكُمْ فَإِنَّهُۥ مِنْهُمْ إِنَّ ٱللَّهَ لَا يَهْدِى ٱلْقَوْمَ ٱلظَّٰلِمِينَ

Ya ayyuha allatheena amanoo la tattakhithoo alyahooda waalnnasara awliyaa baAAduhum awliyao baAAdin waman yatawallahum minkum fainnahu minhum inna Allaha la yahdee alqawma alththalimeena

ऐ ईमानदारों यहूदियों और नसरानियों को अपना सरपरस्त न बनाओ (क्योंकि) ये लोग (तुम्हारे मुख़ालिफ़ हैं मगर) बाहम एक दूसरे के दोस्त हैं और (याद रहे कि) तुममें से जिसने उनको अपना सरपरस्त बनाया पस फिर वह भी उन्हीं लोगों में से हो गया बेशक ख़ुदा ज़ालिम लोगों को राहे रास्त पर नहीं लाता


SURAH 4, AAYAT 89 :-

 وَدُّوا۟ لَوْ تَكْفُرُونَ كَمَا كَفَرُوا۟ فَتَكُونُونَ سَوَآءً فَلَا تَتَّخِذُوا۟ مِنْهُمْ أَوْلِيَآءَ حَتَّىٰ يُهَاجِرُوا۟ فِى سَبِيلِ ٱللَّهِ فَإِن تَوَلَّوْا۟ فَخُذُوهُمْ وَٱقْتُلُوهُمْ حَيْثُ وَجَدتُّمُوهُمْ وَلَا تَتَّخِذُوا۟ مِنْهُمْ وَلِيًّا وَلَا نَصِيرًا

Waddoo law takfuroona kama kafaroo fatakoonoona sawaan fala tattakhithoo minhum awliyaa hatta yuhajiroo fee sabeeli Allahi fain tawallaw fakhuthoohum waoqtuloohum haythu wajadtumoohum wala tattakhithoo minhum waliyyan wala naseeran

उन लोगों की ख्वाहिश तो ये है कि जिस तरह वह काफ़िर हो गए तुम भी काफ़िर हो जाओ ताकि तुम उनके बराबर हो जाओ पस जब तक वह ख़ुदा की राह में हिजरत न करें तो उनमें से किसी को दोस्त न बनाओ फिर अगर वह उससे भी मुंह मोड़ें तो उन्हें गिरफ्तार करो और जहॉ पाओ उनको क़त्ल करो और उनमें से किसी को न अपना दोस्त बनाओ न मददगार

 

SURAH 4, AAYAT 101

وَإِذَا ضَرَبْتُمْ فِى ٱلْأَرْضِ فَلَيْسَ عَلَيْكُمْ جُنَاحٌ أَن تَقْصُرُوا۟ مِنَ ٱلصَّلَوٰةِ إِنْ خِفْتُمْ أَن يَفْتِنَكُمُ ٱلَّذِينَ كَفَرُوٓا۟ إِنَّ ٱلْكَٰفِرِينَ كَانُوا۟ لَكُمْ عَدُوًّا مُّبِينًا

Waitha darabtum fee alardi falaysa AAalaykum junahun an taqsuroo mina alssalati in khiftum an yaftinakumu allatheena kafaroo inna alkafireena kanoo lakum AAaduwwan mubeenan

(मुसलमानों जब तुम रूए ज़मीन पर सफ़र करो) और तुमको इस अम्र का ख़ौफ़ हो कि कुफ्फ़ार (असनाए नमाज़ में) तुमसे फ़साद करेंगे तो उसमें तुम्हारे वास्ते कुछ मुज़ाएक़ा नहीं कि नमाज़ में कुछ कम कर दिया करो बेशक कुफ्फ़ार तो तुम्हारे ख़ुल्लम ख़ुल्ला दुश्मन हैं

 

SURAH 33, AAYAT 61

مَّلْعُونِينَ أَيْنَمَا ثُقِفُوٓا۟ أُخِذُوا۟ وَقُتِّلُوا۟ تَقْتِيلًا

MalAAooneena aynama thuqifoo okhithoo waquttiloo taqteelan

लानत के मारे जहाँ कहीं हत्थे चढ़े पकड़े गए और फिर बुरी तरह मार डाले गए

 

SURAH 21, AAYAT 98

نَّكُمْ وَمَا تَعْبُدُونَ مِن دُونِ ٱللَّهِ حَصَبُ جَهَنَّمَ أَنتُمْ لَهَا وَٰرِدُونَ

Innakum wama taAAbudoona min dooni Allahi hasabu jahannama antum laha waridoona

(उस दिन किहा जाएगा कि ऐ कुफ्फ़ार) तुम और जिस चीज़ की तुम खुदा के सिवा परसतिश करते थे यक़ीनन जहन्नुम की ईधन (जलावन) होंगे (और) तुम सबको उसमें उतरना पड़ेगा

 

SURAH 32 , AAYAT 22

وَمَنْ أَظْلَمُ مِمَّن ذُكِّرَ بِـَٔايَٰتِ رَبِّهِۦ ثُمَّ أَعْرَضَ عَنْهَآ إِنَّا مِنَ ٱلْمُجْرِمِينَ مُنتَقِمُونَ

Waman athlamu mimman thukkira biayati rabbihi thumma aAArada AAanha inna mina almujrimeena muntaqimoona

और जिस शख़्श को उसके परवरदिगार की आयतें याद दिलायी जाएँ और वह उनसे मुँह फेर उससे बढ़कर और ज़ालिम कौन होगा हम गुनाहगारों से इन्तक़ाम लेगें और ज़रुर लेंगे

 

SURAH 48, AAYAT 20

وَعَدَكُمُ ٱللَّهُ مَغَانِمَ كَثِيرَةً تَأْخُذُونَهَا فَعَجَّلَ لَكُمْ هَٰذِهِۦ وَكَفَّ أَيْدِىَ ٱلنَّاسِ عَنكُمْ وَلِتَكُونَ ءَايَةً لِّلْمُؤْمِنِينَ وَيَهْدِيَكُمْ صِرَٰطًا مُّسْتَقِيمًا

WaAAadakumu Allahu maghanima katheeratan takhuthoonaha faAAajjala lakum hathihi wakaffa aydiya alnnasi AAankum walitakoona ayatan lilmumineena wayahdiyakum siratan mustaqeeman

ख़ुदा ने तुमसे बहुत सी ग़नीमतों का वायदा फरमाया था कि तुम उन पर काबिज़ हो गए तो उसने तुम्हें ये (ख़ैबर की ग़नीमत) जल्दी से दिलवा दीं और (हुबैदिया से) लोगों की दराज़ी को तुमसे रोक दिया और ग़रज़ ये थी कि मोमिनीन के लिए (क़ुदरत) का नमूना हो और ख़ुदा तुमको सीधी राह पर ले चले

SURAH 8, AAYAT 69

فَكُلُوا۟ مِمَّا غَنِمْتُمْ حَلَٰلًا طَيِّبًا وَٱتَّقُوا۟ ٱللَّهَ إِنَّ ٱللَّهَ غَفُورٌ رَّحِيمٌ

Fakuloo mimma ghanimtum halalan tayyiban waittaqoo Allaha inna Allaha ghafoorun raheemun

उसकी सज़ा में तुम पर बड़ा अज़ाब नाज़िल होकर रहता तो (ख़ैर जो हुआ सो हुआ) अब तुमने जो माल ग़नीमत हासिल किया है उसे खाओ (और तुम्हारे लिए) हलाल तय्यब है और ख़ुदा से डरते रहो बेशक ख़ुदा बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है

 

SURAH 66, AAYAT 9

يَٰٓأَيُّهَا ٱلنَّبِىُّ جَٰهِدِ ٱلْكُفَّارَ وَٱلْمُنَٰفِقِينَ وَٱغْلُظْ عَلَيْهِمْ وَمَأْوَىٰهُمْ جَهَنَّمُ وَبِئْسَ ٱلْمَصِيرُ

Ya ayyuha alnnabiyyu jahidi alkuffara waalmunafiqeena waoghluth AAalayhim wamawahum jahannamu wabisa almaseeru

ऐ रसूल काफ़िरों और मुनाफ़िकों से जेहाद करो और उन पर सख्ती करो और उनका ठिकाना जहन्नुम है और वह क्या बुरा ठिकाना है

 

SURAH 41, AAYAT 27

فَلَنُذِيقَنَّ ٱلَّذِينَ كَفَرُوا۟ عَذَابًا شَدِيدًا وَلَنَجْزِيَنَّهُمْ أَسْوَأَ ٱلَّذِى كَانُوا۟ يَعْمَلُونَ

Falanutheeqanna allatheena kafaroo AAathaban shadeedan walanajziyannahum aswaa allathee kanoo yaAAmaloona

तो हम भी काफ़िरों को सख्त अज़ाब के मज़े चखाएँगे और इनकी कारस्तानियों की बहुत बड़ी सज़ा ये दोज़ख़ है


SURAH 41, AAYAT 28

ذَٰلِكَ جَزَآءُ أَعْدَآءِ ٱللَّهِ ٱلنَّارُ لَهُمْ فِيهَا دَارُ ٱلْخُلْدِ جَزَآءًۢ بِمَا كَانُوا۟ بِـَٔايَٰتِنَا يَجْحَدُونَ

Thalika jazao aAAdai Allahi alnnaru lahum feeha daru alkhuldi jazaan bima kanoo biayatina yajhadoona

ख़ुदा के दुशमनों का बदला है कि वह जो हमरी आयतों से इन्कार करते थे उसकी सज़ा में उनके लिए उसमें हमेशा (रहने) का घर है,

 

SURAH 8, AAYAT 65

يَٰٓأَيُّهَا ٱلنَّبِىُّ حَرِّضِ ٱلْمُؤْمِنِينَ عَلَى ٱلْقِتَالِ إِن يَكُن مِّنكُمْ عِشْرُونَ صَٰبِرُونَ يَغْلِبُوا۟ مِا۟ئَتَيْنِ وَإِن يَكُن مِّنكُم مِّا۟ئَةٌ يَغْلِبُوٓا۟ أَلْفًا مِّنَ ٱلَّذِينَ كَفَرُوا۟ بِأَنَّهُمْ قَوْمٌ لَّا يَفْقَهُونَ

Ya ayyuha alnnabiyyu harridi almumineena AAala alqitali in yakun minkum AAishroona sabiroona yaghliboo miatayni wain yakun minkum miatun yaghliboo alfan mina allatheena kafaroo biannahum qawmun la yafqahoona

ऐ रसूल तुम मोमिनीन को जिहाद के वास्ते आमादा करो (वह घबराए नहीं ख़ुदा उनसे वायदा करता है कि) अगर तुम लोगों में के साबित क़दम रहने वाले बीस भी होगें तो वह दो सौ (काफिरों) पर ग़ालिब आ जायेगे और अगर तुम लोगों में से साबित कदम रहने वालों सौ होगें तो हज़ार (काफिरों) पर ग़ालिब आ जाएँगें इस सबब से कि ये लोग ना समझ हैं

 

SURAH 3, AAYAT 151

سَنُلْقِى فِى قُلُوبِ ٱلَّذِينَ كَفَرُوا۟ ٱلرُّعْبَ بِمَآ أَشْرَكُوا۟ بِٱللَّهِ مَا لَمْ يُنَزِّلْ بِهِۦ سُلْطَٰنًا وَمَأْوَىٰهُمُ ٱلنَّارُ وَبِئْسَ مَثْوَى ٱلظَّٰلِمِينَ

Sanulqee fee quloobi allatheena kafaroo alrruAAba bima ashrakoo biAllahi ma lam yunazzil bihi sultanan wamawahumu alnnaru wabisa mathwa alththalimeena

(तुम घबराओ नहीं) हम अनक़रीब तुम्हारा रोब काफ़िरों के दिलों में जमा देंगे इसलिए कि उन लोगों ने ख़ुदा का शरीक बनाया (भी तो) इस चीज़ बुत को जिसे ख़ुदा ने किसी क़िस्म की हुकूमत नहीं दी और (आख़िरकार) उनका ठिकाना दौज़ख़ है और ज़ालिमों का (भी क्या) बुरा ठिकाना है

 

SURAH 2, AAYAT 151

كَمَآ أَرْسَلْنَا فِيكُمْ رَسُولًا مِّنكُمْ يَتْلُوا۟ عَلَيْكُمْ ءَايَٰتِنَا وَيُزَكِّيكُمْ وَيُعَلِّمُكُمُ ٱلْكِتَٰبَ وَٱلْحِكْمَةَ وَيُعَلِّمُكُم مَّا لَمْ تَكُونُوا۟ تَعْلَمُونَ

Kama arsalna feekum rasoolan minkum yatloo AAalaykum ayatina wayuzakkeekum wayuAAallimukumu alkitaba waalhikmata wayuAAallimukum ma lam takoonoo taAAlamoona

और तीसरा फायदा ये है ताकि तुम हिदायत पाओ मुसलमानों ये एहसान भी वैसा ही है जैसे हम ने तुम में तुम ही में का एक रसूल भेजा जो तुमको हमारी आयतें पढ़ कर सुनाए और तुम्हारे नफ्स को पाकीज़ा करे और तुम्हें किताब क़ुरान और अक्ल की बातें सिखाए और तुम को वह बातें बतांए जिन की तुम्हें पहले से खबर भी न थी

12 June 2021

जन्म पंजीकरण जिहाद नागरिकता का महाघोटाला

जिहादी साजिशों की महाघोटाला पर इसबार हमने एक बड़ा खुलासा किया है. इसबार हमने एक ऐसा ज्वलंत विषय देश के सामने रखा जो आजादी के बाद का सबसे बड़ा नागरिकता घोटाला के रूप में समाने आया. C.A.A कानून आने के बाद से देशभर में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र हासिल करने की साजिश चल रही है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है जन्म प्रमाण पत्र का नागरिकता की प्रमाण के लिए सबसे प्रभावी साबुत के रूप में इसकी स्वीकृति.  

C.A.A आने के बाद से मुसलमानों की फर्जी जन्म प्रमाण पत्र की बाढ़ आगई है. इसमें अचानक से बेहताशा बढ़ोतरी हो गई है. ऐसे तो ये फर्जीवाड़ा देशभर में चल रहा है. मगर सबसे चौकाने वाला तथ्य उत्तरप्रदेश के प्रयागराज से सामने आया है. अगर सिर्फ एक दिन की C.A.A से पहले और C.A.A के बाद की सैम्पल पर नजर डालें तो ये अपने आप में  चौकाने वाला तथ्य नजर आता है. अब आईये हम आपको इन आकड़ों की मदद से समझते हैं कि कैसे ये फर्जी पंजीकरण का सैलाब आगया है. प्रयागराज नगर निगम में.

C.A.A से पहले और बाद के पंजीकरणों का विश्लेषण

 28 अगस्त 2018 को यानी कि C.A.A से पहले का एक दिन के सभी पंजीकरणों का हमने विश्लेष्ण किया

इसी प्रकार हमने 10 जनवरी 2020 यानी C.A.A के बाद एक दिन के सभी पंजीकरणों का विश्लेषण किया

28 अगस्त 2018 और 10 जनवरी 2020 के आकड़ें में जमीन- आसमान का अंतर सामने आया

आइये अब हम आपको एक और ग्राफ़िक्स के जरिये समझाते हैं की C.A.A आने के बाद कुल पंजीकरणों की संख्या में कितना ज्यादा विष्फोटक वृद्धि हुई है. C.A.A आने के पहले एक दिन में एक नगरपालिका के अन्दर जहां पहले लगभग 85 लोग पंजीकरण कराते थे, वहीँ C.A.A आने के बाद उसी नगरपालिका के अन्दर अब लगभग 213 लोग प्रतिदिन पंजीकरण करा रहे हैं. यानि 250 प्रतिशत की वृद्धि.

 

अब यही आकड़े हम मुसलमानों के द्वारा कराए गए पंजीकरणों का दिखाते हैं. C.A.A आने के पहले एक दिन में एक नगरपालिका के अन्दर जहां पहले लगभग 14 मुसलमान पंजीकरण कराते थे, वहीँ C.A.A आने के बाद उसी नगरपालिका के अन्दर अब लगभग 85 मुसलमान लोग प्रतिदिन पंजीकरण करा रहे हैं. यानि 600 प्रतिशत की वृद्धि.

तो अब इन आकड़ों को देखने के बाद खुद समझ गए होंगे की ये कितनी बड़ी धांधली चल रही है.

षड्यंत्र के तहत आपके क्षेत्र का डेमोग्राफीकस को बदला जारहा है

आपने अबतक देखा की कैसे ये पूरा पंजीकरण का धांधली चल रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं की इस धांधली के पीछे कितना बड़ा षड्यंत्र है.

इस षड्यंत्र से आपके क्षेत्र के डेमोग्राफीकस को बदला जारहा है. आइये अब हम प्रयागराज के डेमोग्राफीकस पर नजर डालते हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार प्रयागराज में मुसलमानों की कुल जनसँख्या 20% थी. मगर C.A.A के बाद कराई गई पंजीकरणों के आकड़ों का अध्ययन करने पर पता चलता है कि अब प्रयागराज में इनका अनुपात 40% तक हो गया है. जिसे आप ऊपर दिखाए गए ग्राफिक्स समझ सकते हैं. CAA से पहले ये आकड़ा 16 प्रतिशत था. ऐसे में ये साबित होता है की कैसे प्रयागराज को एक मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र बनाने का महाषड्यंत्र है.

इस बेहताशा वृद्धि की जब हमने पड़ताल की तो कई सारे चौकाने वाले तथ्य सामने आए. दरअसल फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाने वाले रैकेट इसके पीछे काम कर रहा  है. ये विशाल रैकेट देश के कई शहरों में फैला हुआ है. इस रैकेट से जुड़े हुए कुछ मीडिया रिपोर्ट की बात करें तो 11 जनवरी 2020 को छपी टाइम्स ऑफ़ इण्डिया की रिपोर्ट के अनुसार उत्तरप्रदेश के कई सारे शहरों में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाएं जा रहे हैं.

ये सिर्फ उत्तरप्रदेश तक हीं सिमित नहीं है बल्कि बिहार, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र तक ये पूरा जाल फैला हुआ है. मुस्लिम बाहुल्य राज्यों में ये खेल काफी तेजी से चल रहा है. लखनऊ में जन्म प्रमाणपत्र हासिल करने वालों की संख्या में 3 गुना वृद्धि हुई है. इसमें 40 से 60 साल तक के उम्र वाले लोग भी जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए फर्जीवाड़े का सहारा ले रहे हैं. लखनऊ नगर निगम में जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण विभाग के रजिस्ट्रार के अनुसार जन्म प्रमाण पत्र हासिल करने वालों की संख्या में पहले की तुलना में बहुत ज्यादा इजाफा हुआ है.


प्रयागराज नगरनिगम में लिपिक अरुण कुमार जैन बताते हैं कि C.A.A के बाद लोगों ने सबसे ज्यादा जन्म प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए बड़ी संख्या में आवेदन किए थे. समाजवादी पार्टी के M.L.A रफीक अंसारी का कहना है कि उनके पास हर दिन 400 से 500 लोग निवास प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए आरहे है. आपको यहाँ बता दें की स्थानीय सांसद और विधायक जन्म एवं निवास को प्रमाणित करने के लिए अधिकृत है. आब आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि जब कोई आवेदनकर्ता इनके पास जाता होगा तो क्या वो खाली हाथ लौटता होगा ? हमारे माननीय खुद वोट बैंक की राजनीति में ठप्पा लगा हीं देते होंगे!

फर्जी रैकेट का भंडाफोड़

हम आपको पहले हीं दिखा चुके हैं कि कैसे फर्जी जन्म पंजीकरण का खेल चल रहा है. अब इसी धंधे से जुड़े एक रैकेट के बारे में आपको बताने जारहे हैं जो उत्तरप्रदेश के बरेली में चल रहा था. दरअसल इस पूरे मामले से पर्दा तब उठा जब बरेली पुलिस ने बरेली नगरनिगम के स्वास्थ्य अधिकारी संजीव प्रधान के द्वारा दर्ज कराई गई एक रिपोर्ट की तहकीकात करने पहुंची. इस रैकेट से कई तरह के लोग जुड़े हुए थे जिनमे से कुछ साइबर कैफे चालाने वाले भी थे.

नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जब हमने कुछ जन्म प्रमाण पत्रों को ई-सुविधा केंद्र पर जाँच किए तो पता चला कि लोगों द्वारा बनवाये गए प्रमाण पत्र के रजिस्ट्रेशन नंबर फर्जी थे. आमतौर पर जन्म प्रमाणपत्रों की नामांकन क्रमांक उत्तर प्रदेश में 10 नंबर का होता है, मगर ई-सुविधा केंद्र से जो जन्म प्रमाणपत्र जारी किया गया था उसमे यूनुस, आहील, सुमैरा और आयशा के जन्म प्रमाणपत्र के रजिस्ट्रेशन नंबर 9 अंकों थे, जो कि पूरी तरीके से फर्जी थे.

मुस्लिम समुदाय के लोगों ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए अलग-अलग तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. बरेली के स्वास्थ्य अधिकारी संजीव प्रधान का कहना है की हररोज लगभग 200 आवेदनकर्ता जन्म प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए आरहे है. नगर स्वास्थ्य अधिकारी से जब इस संबंध में बात की गई तो पता चला कि एक फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए पांच सौ से लेकर एक हजार रूपये तक लोगों से वसूला जा रहा है. ये पूरा रैकेट शहर के अलग-अलग गली मोहल्ले में फैला हुआ है. जहां पर हर रोज सैकड़ो की संख्या में लोग इस पूरे गोरखधंधा का शिकार हो रहे हैं. बरेली म्युनिसिपल कारपोरेशन के अधिकारी का कहना है कि दरअसल साइबर कैफ़े चलाने वाले सही सर्टिफिकेट जारी नहीं कर रहे हैं. उसमे नाम और पते का हेराफेरी करके फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बना रहे हैं जो की पूरी तरीके से गलत है.

बरेली नगर निगम के अधिकारी खालिद अहमद का कहना है कि हमने इस संबंध में कई सारे शिकायत प्राप्त किये हैं, जिसके बारे में पुलिस को सूचित किया गया है. खालिद के मुताबिक अधिकतर लोग मुस्लिम समुदाय से हैं जो इसतरह के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए आते हैं. 

राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा

हम इस रिपोर्ट में कुछ ऐसे खुलासे करने जा रहे हैं जिनमे बहुत से चौकाने वाले तथ्य शामिल है. ये कुछ ऐसे षड्यंत्र हैं जो राष्ट्र और समाज के लिए बेहद हीं खतरनाक है. एक ऐसा षड्यंत्र जिसके जरिये हिन्दुस्थान की धरती पर एक नापाक साजिश को रचा जा रहा है, जिससे आने वाले दिनों में बहुत बड़ी असुरक्षा पैदा होने की संभावना है. ये पूरा मामला सिर्फ एक जन्म प्रमाण पत्र तक हीं सिमित नहीं है बल्कि अवैध तरीके से सरकारी रजिस्टर में जन्म पंजीकरण भारी संख्या में कराया जा रहा है.

कोई भी व्यक्ति जब एक फर्जी जन्म प्रमाण पत्र हासिल करता है तो उसे कुछ हद तक तो पकड़ा जा सकता है, मगर जब वही आदमी अपना जन्म पंजीकरण पंजीयक रजिस्टर में दर्ज करवा लेता है तो उसे पकड़ना बेहद हीं मुस्किल और असंभव हो जाता है. इस जन्म पंजीकरण के आधार पर हर तरह के पहचान पत्र हासिल किए जा सकते है, जैसे पासपोर्ट, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र इत्यादि. किसी भी आदमी के पास जब ये सभी दस्तावेज होंगे तो वह कोई भी सरकार की योजना का लाभ उठा सकता है. साथ हीं सभी प्रकार के लाभार्थी बन सकता है जो इस देश के मूल नागरिकों को मिलता है. ऐसे में ये देश और राष्ट्र की अखंडता के लिए बहुत बड़ी चुनौती भी साबित होने वाली है. 


इसमें सबसे बड़ी महत्वपूर्ण बात ये है की कोई भी उसके नागरिकता पर न तो सवाल उठा सकता है और ना हीं उसे आसानी से रद्द हीं करा सकता है. हमारे देश का कानून और संविधान भी इसको लेकर इतना सख्त और संवेदनशील नहीं है कि उसे पकड़ सके और सजा दिला सके. तो ऐसे में आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं की फर्जीवाड़ा ये पूरा रैकेट कितना घातक और गंभीर है. एक बार जब कोई जन्म पंजीकरण कर लेता है तो NRC लागू होने पर उसके नागरिकता पर कोई भी सवाल नहीं उठा पाएगा और ना हीं उसे देश से बाहर निकाल पाएगा. मतलब वह पूरी तरह से मूल भारतीय के भांति अपना सभी अधिकार प्राप्त कर लेगा.

क्या है जन्म पंजीकरण अधिनियम और कैसे उठाते हैं इसका फायेदा

फर्जीवाड़े की ये पूरी प्रक्रिया कैसे चलती है अब हम आपको उसके बारे में समझाते हैं और इसके सरकारी लूपहोल का फायदा एक विशेष समुदाय के लोगों के द्वारा उठाया जारहा. जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 में मौजूद खामियां हीं इसकी बड़ी कारण है. ऐसे में इस कानून को भी जानना बेहद जरुरी है. 

देशभर में सभी जन्म पंजीकरण केन्द्रीय कानून ‘जन्म व मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969’ के अंतर्गत हीं होते हैं.

जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 के प्रावधानों के तहद कोई भी राज्य इस अधिनियम के धारा 30 के अंतर्गत अपना नियम बना सकता है.

भारत सरकार ने 1999 में पंजीकरण की प्रक्रिया के लिए जन्म एवं मृत्यु के पंजीकरण हेतु एक मॉडल रजिस्ट्रेशन नियम बनाया था.

इस मॉडल रजिस्ट्रेशन को सभी राज्यों ने अपने यहां लागू कर दिया है.

यहीं से शुरू होता है ये पूरा खेल. इस अधिनियम के अंतर्गत किसी भी बच्चे के जन्म की सूचना 21 दिन में देना अनिवार्य है. अगर बच्चे का जन्म अस्पताल में होता है तो यह अस्पताल के प्रबंधन का दायित्व होता है की वह 21 दिन के अन्दर जन्म के सूचना अपने स्थानीय जन्म पंजीकरण रजिस्ट्रार को उपलब्ध कराए और अगर बच्चे का जन्म घर पर होता है तो यह परिवार के सबसे वरिष्ट सदस्य की जिमेद्दारी होती है कि वह जन्म का पंजीकरण कराए. लेकिन किसी कारणवश जन्म का पंजीकरण 21 दिन के अन्दर नहीं होता है तो इसके बाद अधिनियम की धारा 13 के अंतर्गत बिलंब से पंजीकरण कराने का प्रावधान है. इस प्रक्रिया में बिलंब के लिए तीन स्लैब का प्रवधान रखा गया है.

·        स्लैब-1 के अनुसार 21 से 30 दिन के अन्दर

·        स्लैब-2 के अनुसार जन्म के 30 दिन से 1 साल के अन्दर

·        स्लैब- 3 के अनुसार जन्म के 1 साल के बाद

ये तीसरा स्लैब सबसे महत्वपूर्ण है. क्योंकि सारा फर्जीवाड़ा का खेल इसी स्लैब की खामियों के लाभ उठा कर हो रहा है. जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 के उपधारा 13 (3) के अंतर्गत इस स्लैब के अंदर यानि एक साल से ज्यादा के बाद का पंजीकरण S.D.M के आदेश होने पर हीं किया जायेगा. साथ हीं S.D.M ये आदेश जन्म की सत्यापन के बाद हीं कर सकते हैं. मगर देश में कहीं भी इस कानूनी प्रावधानों का पालन नहीं हो रहा बल्कि इसका जमकर उलंघन हो रहा है.

देश के कई राज्यों में बिना किसी सत्यापन के S.D.M तत्काल आदेश जारी कर रहे हैं. S.D.M के स्टाम्प लगते ही आवेदनकर्ता का पंजीकरण पंजीयक रजिस्टर में हो रहा है. इस पंजीकरण के होते हीं आवेदनकर्ता को इस देश की नागरिकता हासिल हो जाति है चाहे वह इस देश के रोहिंगीया हो, बांग्लादेशी हो या फिर किसी भी अन्य देश के नागरिक ही क्यों न हो. अगर ये सबकुछ ऐसा ही चलते रहा तो कुछ समय बाद पूरा देश घुसपैठियों से भर जाएगा. मगर फिर भी अभी तक राज्य सरकारें वोट बैंक के लालच में कुम्भकरण की नींद से सो रही है. 

जन्म एक राज्य में और पंजीकरण कई राज्यों में

हमने इससे पहले जो भी तथ्य आपके सामने रखे उसे हुबहू सतप्रतिशत सच साबित करने के लिए हमारे पास कुछ उदहारण है. अब आईए आपको समझाते है कि कैसे चुटकी भर में ये सारा खेल निपट जाता है. प्रयागराज के उप जिलाधिकारी को एक महिला आवेदनकर्ता ने जन्म पंजीकरण के लिए आवेदन दिया. आवेदनकर्ता के माँ ने यह बताते हुए आवेदन दिया कि जन्म के समय उसने अपने पुत्र का पंजीकरण कराना भूल गई थी. उसके पुत्र का जन्म 2 साल पहले इलाहाबाद में घर पर हुआ था. इस पर प्रयागराज के S.D.M ने बिना कोई सत्यापन किए जन्म के पंजीकरण करने का आदेश दे दिया.

उसी दिन आवेदनकर्ता ने S.D.M के आदेश को आधार बनाते हुए इलाहाबाद नगर निगम में जन्म पंजीकरण फॉर्म भरकर जमा कर दिया. उसी दिन इलाहाबाद नगर निगम ने उसका तत्तकाल पंजीकरण कर लिया साथ ही उसी दिन आवेदनकर्ता के पुत्र का जन्म पंजीकरण हो गया. साथ हीं उसी दिन जन्म प्रमाण पत्र भी उसे जरी कर दिया गया.

जब हमने इस पंजीकरण की पड़ताल की तो पता चला की उस लड़के का पजीकरण पहले हीं नार्थ दिल्ली नगर निगम में हो रखा था. इस बच्चे का जन्म घर पर नहीं बल्कि दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में हुआ था. इतना हीं नहीं उस बच्चे का जन्म तिथि इलाहाबाद नगर निगम में 27.02.2009 दर्ज कराया गया था, जबकि बच्चे का वास्तविक जन्म तिथि 02.04.2009 है जो कि नार्थ दिल्ली नगर निगम के रिकॉर्ड में दर्ज हैं. क्योंकि यही जन्म तिथि सर गंगाराम अस्पातल द्वारा नार्थ दिल्ली नगर निगम को उपलब्ध करायी गई थी.

2 बच्चों के जन्म तिथि के बिच सिर्फ 2 महीने से कम का अंतर

इस फर्जीवाड़े की हम एक और उदहारण आपको दिखाते हैं कि कैसे एक आदमी ने अपने तीन बच्चों का जन्म पजीकरण 10 जनवरी 2020 यानी की C.A.A के बाद कराया. इसमें सबसे हास्यपद और चौकाने वाली बात ये है कि 2 बच्चों का जन्म तिथि के बिच सिर्फ 2 महीने से कम का अंतर है. सिमरन खान, अल्फिया खान, गुलशन बानो ये तीनों लड़कियां मोहम्मद जलील और शार्दून निशा की है. सिमरन खान की जन्म तिथि 04.09.2010 है और इसका पंजीकरण 10 जनवरी 2020 को कराई गई. यानी जन्म के तकरीबन 10 साल बाद, वहीँ अल्फिया खान का जन्म तिथि 9 फरवरी 2004 है.



इसका पंजीकरण 16 साल बाद कराया गया. गुलशन बानो का भी पंजीकरण उसी दिन कराया गया. जिसकी जन्म तिथि थी 4 अप्रैल 2004 मतलब इसका भी पंजीकरण 16 साल बिलंब के बाद हुआ. इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि अल्फिया खान और गुलशन बानो की जन्म में 2 महीने से कम का अंतर है. तो ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या गुलशन बानो का जन्म उसके माँ के प्रसव के 2 महीने बाद हीं हो गया..?  


इस पूरे फर्जीवाड़े में एक और बात गौर करनेवाली ये है कि मोहम्मद जलील के तीनों बेटियों के पंजीकरण का पता तो एक हीं है. मगर सिमरन खान और अल्फिया खान का पंजीकरण करेली वार्ड में किया गया. जबकि गुलशन बानो का खुल्दाबाद वार्ड में पंजीकरण किया गया. ये दोनों वार्ड इलाहाबाद में हीं है. तो ऐसे में सवाल खड़ा होता है की जब पता एक है तारीख एक है तो फिर अलग-अलग वार्ड में पंजीकरण क्यों किया गया..? इससे साबित होता है की किसी भी पंजीकरण का कोई भी सत्यापन नहीं हो रहा है...साथ हीं ये फर्जीवाड़ा धड़ल्ले से चल रहा है. 



जब हमने प्रयागराज सहित देश की कई राज्यों के रिकॉर्ड को खंगाला तो पता चला की तक़रीबन सभी जन्म पजीकरण जन्म के एक साल से ज्यादा बिलंब के साथ ही कराया जा रहा है. इनमे से ज्यादातर बच्चों के जन्म स्थान घर पर ही दिखाया जा रहा है. इससे साबित होता है की अस्पतालों में दर्ज कराई गई तिथि को या तो छुपाया जा रहा है या फिर विदेशी घुसपैठियों को देश में बड़े पैमाने पर साजिश के तहत बसाया जा रहा है. घुसपैठियों को भारतीय नागरिकता हासिल करवाने वाला ये पूरा रैकेट देशभर में फैला हुआ है. इस पूरे फर्जीवाड़े से देश की सुरक्षा खतरे में है. साथ ही बड़े पैमाने पर देश में मूल आम नागरिकों के सरकारी लाभ को इस घुसपैठ के जरिये हड़पा जा रहा है.     

एक साल से ज्यादा के बाद कराए गए पंजीकरण में सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा

जन्म पंजीकरण को लेकर हमने अबतक कई तरह के खुलासे दिखाए. अब हम आपको एक रिपोर्ट दिखा रहे हैं जिसमे आपको पता चलेगा कि 1 साल से ज्यादा के बाद या फिर घर पर जन्म लेने वाले बच्चों का जन्म पंजीकरण में कैसे फर्जीवाड़ा हो रहा है. इनमे से अधिकतर पंजीकरण फर्जी तरीके से कराए जा रहे है. 

C.A.A आने के बाद अचानक से इसमें काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. हमने C.A.A के बाद मुसलमानों के पंजीकरण का विश्लेषण किया. इसमें हमने देखा की 79% मुसलमानों का पंजीकरण 1 साल के बिलंब के बाद कराए गए हैं. यानी की 85 में से 67 पंजीकरण 1 साल से ज्यादा के विलंब के बाद कराए गये थे. इसी प्रकार से केवल 85 में से 6 पंजीकरण यानी की 7% पंजीकरण जन्म के 21 दिन के अन्दर कराए गए. औसतन मुसलमानों की पंजीकरण में बिलंब 7.25 साल था. इसी प्रकार हमने देखा कि 3 चौथाई यानी की 75% मुसलमानों के जन्म स्थान घर पर दिखाया गया है.

CAA के समय मुसलमानों द्वारा कराए गए पंजीकरणों के आकड़े

CAA के बाद मुसलमानों के पंजीकरणों के प्रतिदिन कुल संख्या 85

एक साल से ज्यादा के बिलंब के बाद पंजीकरण 67 यानी 79 %

21 दिन के अन्दर पंजीकरण 6 यानी 7 %

औसतन पंजीकरण में बिलंब 7.25 वर्ष

घर पर जन्म 64 यानी 75 %

यह बात अपने आप में बेहद ही चौकाने वाली है. क्या आज के समय में संभव है की 75% बच्चे घर पर पैदा हो सकते हैं..? जब हमने इस दावे की भी पड़ताल की तो पता चला की केन्द्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय ने जो सर्वे कराया है. उसके अनुसार घर पर जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या शहरी क्षेत्रों में केवल 11 प्रतिशत है जबकि ये संख्या ग्रामीण भारत में 25% है. तो अब ऐसे में सवाल खड़ा होता है की फिर मुसलमानों द्वारा दिखाए गए 75% बच्चों का जन्म घर पर कैसे हो सकता है..?

इससे साफ़ जाहिर होता है की मुसलमानों द्वारा प्रयागराज सहित देश के कई हिस्सों में फर्जी तरीके से जन्म पंजीकरण कराया जा रहा है. इस फर्जीवाड़े की पूरी रिपोर्ट हम आपको इस कार्यक्रम में पहले ही दिखा चुके हैं.

फर्जीवाड़े का सबसे बड़ा कारण सरकारी लूप होल

फर्जी जन्म पंजीकरण में जो धांधली चल रही है उसके पीछे एक बहुत बड़ा सरकारी व्यवस्था का लूपहोल है. जिसे आपके लिए जानना आवश्यक है. साथ ही कुछ ऐसे लापरवाह अधिकारी भी हैं जो अपने कर्तब्यों का निर्वहन ठीक ढंग से नहीं कर रहे हैं. आप पहले ही हमारे रिपोर्ट में देख चुके है की कैसे अधिनियम की उप धारा 13 (3) के अनुसार 1 साल से जयादा के बिलंब से कराए गए पंजीकरण का सत्यापन S.D.M द्वारा कराया जाना अनिवार्य है.

इसे लेकर राज्य सरकारों द्वारा कानूनी तरीके से प्रावधान भी किया गया है. अगर उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहाँ पर नियम ये है कि घर में जन्म होने की स्थिति में क्षेत्र के पार्षद निकाय के महापौर, विधायक या सांसद के हस्ताक्षर एवं मोहर के साथ दिया गया पत्र हो. साथ ही नोटरी द्वारा 10 रूपये के स्टाम्प पेपर पर हस्ताक्षर किये हुए शपथ पत्र जिसमे बिलंब का कारण दिया गया हो. इसके अलावे संबंधित S.D.M की अनुमति और 10 रूपये बिलंब शुल्क के साथ आवेदन में बिजली बिल, आधार कार्ड, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, सरकार द्वारा मान्यता दी गई कोई भी एक पते का प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है.

मगर सच्चाई ये है की ना तो कोई संलग्न दस्तावेज जमा करा रहा है या ना ही S.D.M साहब कोई इसका सत्यापन कर रहे हैं...बस कुछ आवेदनकर्ता के मनमाफिक धड़ल्ले से बेरोकटोक ये पूरा साजिश चल रहा है...बस हो रहा है तो सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप या फिर कहें की हर कोई एक दूसरे पर टाल रहा है.

इस संबंध में क्या कहता है इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश

जन्म एवं पंजीकरण को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट भी एक निर्णय दे चुका है. इस संबंध में RTI के द्वारा हमे ये भी पता चला की यदि कोई जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण कपटपूर्ण अथवा अनुचित तरीके से किया गया है तो उसे रद्द कर देना चाहिए. दरअसल ये पूरा मामला एक लव जिहाद से जुड़ा हुआ था. जिसमे एक नाबालिग हिन्दू लड़की की कानपुर नगर निगम से फर्जी जन्म पंजीकरण कराया गया था. जिसमे लड़की की जन्म तिथि में हेराफेरी कर के धर्मान्तरण कराया गया. और मुस्लिम युवक से शादी करा दी गई. 

ऐसे फर्जीवाड़े के तमाम सारे उदाहरण हैं जो इस फर्जी पंजीकरण के माध्यम से चल रहा है. कोर्ट खुद अपने ऑब्जरवेशन में पाया और कहा की जन्म पंजीकरण ‘जन्म एवं मृत्यु अधिनियम 1969 की धारा 13 (3) के तहत नहीं बना था. इसलिए इसे तत्काल प्रभाव से रद्द कर देना चाहिए. मगर फिर भी कानपुर नगर निगम ने ऐसा नहीं किया. कोर्ट ने आगे ये भी कहा था की अगर इस तरह से फर्जीबाड़ा चलता रहा तो ये एक बहुत बड़ी समस्या बन जाएगी.  

ऐसे में अब ये कहना गलत नहीं होगा की अब तक जिन नियम-कानूनों की अनदेखी करके जन्म पंजीकरण हुआ है वह सभी अवैध हैं और उन सभी पंजीकरण को तत्काल प्रभाव से रद्द कर देना चाहिए. ये धांधली सिर्फ उत्तर भारत के राज्यों तक ही सिमित नहीं है बल्कि नार्थ ईस्ट के राज्यों में भी ये फर्जीवाड़ा बड़े पैमाने पर चल रहा है. 21 अगस्त को द ट्रिब्यूट में छपे पूर्व IAS अधिकारी गोपालन बालागोपाल और पूर्व डिप्टी रजिस्ट्रार जनरल ऑफ़ इण्डिया के. नारायणन उन्नी  ने एक लेख लिखा था. इन दोनों नौकरशाहों ने अपने लेख में लिखा है..


·   अरुणांचल प्रदेश में 88% और नागालैंड में 95% तक पंजीकरण एक साल से ज्यादा के बिलंब से कराए जा रहे हैं.

·    बिलंब से कराए गए ये सभी पंजीकरण अब तक का सबसे बड़ा आइडेंटिटी फ्रॉड है.

·    अगर हमारे देश की लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसी ध्यान नहीं देगी तो ये बेहद खतरनाक साबित होगा.

बांग्लादेशी, रोहिंग्या घुसपैठियों समेत सभी अवैध विदेशी नागरिक भारत की नागरिकता हासिल कर लेंगे.

के. नारायणन, पूर्व डिप्टी रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इण्डिया, गोपालन बालागोपाल, पूर्व IAS अधिकारी

मगर अफ़सोस इस बात का है की हमारे देश की सरकारी व्यवस्था इसपर हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है और ये पूरा फर्जी रैकेट बेरोकटोक जारी है.

सपा नेता आजम खान और उनके पुत्र अब्दुल्ला का फर्जीवाडा

फर्जी पंजीकरण का खेल सिर्फ आम लोगों तक ही नहीं है बल्कि बड़े-बड़े नेता, सांसद और विधायक भी इस फर्जीवाड़े के खेल में जेल की चक्की पिस चुके हैं. हम बात कर रहे हैं सपा के मुस्लिम नेता आजम खान और उनके पुत्र मोहम्मद अब्द्दुल्ला आजम खान की, दरअसल ये पूरा मामला उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव से जुड़ा हुआ है. आजम खान के पुत्र मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान 2017 के विधान चुनाव में रामपुर से चुनाव लड़ना चाहता था. मगर उस वक्त मोहम्मद अब्दुल्ला का उम्र 25 वर्ष पूरा नहीं हुआ था, जबकि विधानसभा के चुनाव लड़ने के लिए 25 वर्ष का उम्र होना एक अनिवार्य शर्त है. जिसे पूरा करने के लिए आजम खान के बेटे ने फर्जी तरीके से लखनऊ नगर निगम से जन्म पंजीकरण करा लिया. बेटे के इस फर्जीवाड़े में उसके पिता आजम खान ने मदद की जो की उस वक्त के कैबिनेट मंत्री थे. जिनके पास शहरी विकास प्राधिकरण एवं स्थानीय निकाय मंत्रालय की जिमेद्दारी थी. इसी मंत्रालय के अंतर्गत नगर निगम आता है. ऐसे में पिता के इस पद का फायदा बेटे ने उठाया.

अब्दुल्ला आजम ने चुनाव लड़ा और जित भी गया. मगर अब्दुल्ला के प्रतिद्वंदी ने उस चुनाव को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी इसपर माननीय उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में पाया की अब्दुला का पंजीकरण फर्जी तरीके से कराया गया है जिसके चलते कोर्ट ने अब्दुला के विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी. 

अब्दुल्ला आजम के खिलाफ चुनौती दी गई पूरे इलेक्शन पेटिसन को पढ़ने से पता चलता है की क्या कुछ फर्जीवाड़ा हुआ था, जिसे हम अब बिस्तार से बता रहे हैं. दरअसल अब्दुल्ला खान के 3 जन्म प्रमाण पत्र और 2 जन्म तिथियां थीं. पहला जन्म का प्रमाण पत्र रामपुर CBSE के 10वी कक्षा के पासिंग सर्टिफिकेट था जिसमे उसकी जन्म तिथि 1 जनवरी 1993 दिखाई गई थी, जबकि एक दूसरा जन्म प्रमाण पत्र रामपुर नगर पालिका परिषद् द्वारा जारी किया गया था. उस जन्म प्रमाण पत्र में भी उनकी जन्म तिथि 1 जनवरी 1993 दिखाई गई थी और जन्म स्थान रामपुर दिखाया गया था. ये बहुत हीं आश्चर्य जनक बात है कि अब्दुल्ला खान ने 30 जनवरी 2015 को इस जन्म पंजीकरण को रद्द करवा दिया जबकि आमतौर पर पंजीकरण को रद्द कराना बेहद ही असंभव है और किसी दुरलभ कारणों से अगर कराया जाता है तो उसके लिए वैध कारणों का होना आवश्यक है.

इस संबंध में जब रामपुर नगर पालिका परिषद् से अब्दुल्ला के फर्जी पंजीकरण की प्रति और रद्द करने के कागजातों का जब ब्यौरा माँगा गया...तो रामपुर नगर पालिका परिषद् ने जवाब दिया की मई 2015 में कार्यालय के अंदर आग लगने की वजह से वे सभी कागजात जल गये जिसे अब उपलब्ध करवाना असंभव है.

अब्दुल्ला आजम की तीसरे जन्म प्रमाण पत्र उसकी माँ तजीन फातिमा ने लखनऊ नगर निगम से 21 जनवरी 2015 को बनवाई थी. इस जन्म प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला खान की जन्म तिथि 30 सितंबर 1990 और जन्म का स्थान क्वीन मैरी हॉस्पिटल लखनऊ दिखाया गया है. इस प्रमाण पत्र के अनुसार मोहम्मद अब्दुल्ला आजम के यू.पी विधान सभा चुनाव में खड़ा होने के लिए नियुनतम उम्र सीमा 25 वर्ष पूरी होगयी. इस जन्म प्रमाण पत्र के फर्जीवाड़े में बेहद ही हास्यपद और पूरे सिस्टम को ठेंगा दिखाने वाला तथ्य सामने आया. सबसे पहले तो ये पंजीकरण 21 जनवरी 2015 को हुआ था...पर तजीन फातिमा ने अपने बेटे का जन्म पंजीकरण करने के लिए जो आवेदन लखनऊ नगर निगम में दिया था वो अप्रैल 2015 को दिया था...यानी कि पंजीकरण पहले ही हो चुका था मगर पंजीकरण का आवेदन बाद में दिया गया. 


इतना ही नहीं कोर्ट में जो जन्म पंजीकरण रजिस्टर पेश की गई उसमे बहुत से टेम्परिंग भी की गई थी...जिसमे अब्दुल्ला की इंट्री, रजिस्टर के पन्ने में सबसे निचे बचे हुए थोड़ी सी जगह में घुसाई गई थी...और सबसे मजे की बात ये है की मोहम्मद अब्दुल्ला खान का धर्म हिन्दू दिखाया गया था. कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा है की लखनऊ नगर निगम के रजिस्टर में किया गया अब्दुल्ला खान का जन्म पंजीकरण हेराफेरी करके किया गया है, इसलिए वह अमान्य है. परन्तु अब्दुल्ला खान ने लखनऊ नगर निगम के इसी जन्म प्रमाण पत्र को हासिल करके आधार कार्ड, वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया था. साथ हीं उसने पासपोर्ट बनाने के लिए भी आवेदन किया था.



रामपुर BJP के कार्यकर्ता आकाश सक्सेना ने 2019 के शुरुआत में आजम खान, तजीन फातिमा और अब्दुल्ला खान के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा करने का FIR दर्ज कराया था. इसके बाद से आजम खान का परिवार इधर-उधर भाग रहा था. मगर जब कोर्ट ने आजम खान, उनकी पत्नी तजीन फातिमा और बेटा अब्दुल्ला खान को भगोड़ा घोषित कर दिया तो आखिर में इन सभी आरोपियों को कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा था.