23 July 2022

जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए प्राइवेट बिल! भाजपा सांसद रवि किशन की पहल

जनसंख्या नियंत्रण पर लगाम लगाने के लिए केंद्र संसद में बिल ला सकता है। इसको लेकर भाजपा सांसद रवि किशन विपक्ष के समर्थन की अपील की है। भाजपा सांसद ने कहा कि हम विश्व गुरू तभी बन सकते हैं, जब जनसंख्या नियंत्रण विधेयक लाया जाएगा।  रवि किशन का कहना है कि जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए यह बिल बहुत जरूरी है, जिस तरह से जनसंख्या बढ़ रही है, उस तरह से हम जनसंख्या विस्फोट की तरफ बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं विपक्ष से अनुरोध करता हूं कि मुझे विधेयक पेश करने दें और सुनें कि मैं यह बिल क्यों पेश करना चाहता हूं।


रवि किशन ने इस बिल को विकास का बिल कहा है। उन्होंने कहा, जिस दिन यह बिल पेश होगा, हम विश्व गुरू बनने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। मैं इस बिल को सिर्फ विकास के पहलू से देख रहा हूं न कि जाति या धर्म के पहलू से। मगर विपक्ष ने रवि किशन के इस बिल को रोकने के लिए संसद में जोरदार हंगामा किया जिसके चलते आज सांसद रवि किशन बिल पेश नहीं कर पाए

 

सुदर्शन न्यूज़ वर्षों से जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए देशव्यापी मुहीम चला रहा है। मगर विपक्ष इस बिल को पेश होने में रोड़ा अटका रहा है। ऐसे अब देखना होगा कि ये बिल कबतक और कितना जल्दी पेश हो पता है।

UP के प्रतापगढ़ में 2047 की तैयारी ! PFI से प्रेरित जिहादियों के हौसले बुलंद

देश में 2047 की तैयारी शुरू हो चुकी है. बिहार में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के ट्रेनिंग के खुलासे के कोई न कोई डायरेक्ट एक्शन से सम्बंधित वीडियो सामने आरहा है. भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए 2047 का जिहादी साजिश  का पर्दाफाश हुआ है. यूपी के प्रतापगढ़ का एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में एक बुजुर्ग को किशोरों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देते देखा जा सकता है. इस मामले में पुलिस ने इंतजार और गुलजार को गिरफ्तार किया है.

इस वीडियो में एक ऐसा शख्स भी दिख रहा है, जो सऊदी अरब के लोगों की तरह चोंगा पहने और सिर पर गमछा बाँधे हुए है. इस तरह के वीडियो तालिबान, पाकिस्तान जैसे आतंकी मुल्कों से सामने आता है. उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के कंधई थाना क्षेत्र स्थित गाँव इब्राहिमपुर स्थित गोपालपुर का बताया जा रहा है.  

हबीबी नाम का ये शख्स राइफल चलाना सिखा रहा है. रायफल में गोली भरने से लेकर हवा में फायर करने तक के बारे में वह लोगों को बता रहा है. 30 सेकेंड के वायरल वीडियो में भारी भीड़ दिख रही है और अधिकांश लोग मुस्लिम समुदाय के दिख रहे हैं.

इस मामले में पुलिस ने FIR दर्ज कर दो लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार दोनों सगे भाई हैं. वहीं, उनके लाइसेंसी राइफल को भी जब्त कर लिया है. पुलिस का कहना है कि लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जा रही है.

एक सप्ताह पहले ही पटना में PFI के ट्रेनिंग सेंटर का खुलासा हुआ था, जहाँ दूसरे राज्यों से आकर लोग स्थानीय युवाओं को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देते थे। इस दौरान PFI का दस्तावेज भी बरामद किया गया था, जिसमें भारत को 2047 तक इस्लामी राज्य बनाने के मिशन के बारे में चर्चा की गई थी.

PFI ने अपने दस्तावेज में कहा था कि अगर 10% मुस्लिम भी उसके साथ आ गए तो वह कायर हिंदुओं को घुटनों पर ला देगा. और भारत को इस्लामी मुल्क में बदलकर इस्लाम के गौरव के देश में फिर से स्थापित कर देगा। उसने मुस्लिम युवकों से हथियार चलाने के साथ-साथ अपने घरों में हथियार इकट्ठा रखने की भी अपील की थी. ऐसे में इस वीडियो को PFI  के एजेंडे के तहत दी जाने वाली ट्रेनिंग का हिस्सा माना जा रहा है. जिसकी तैयारी 2047 के लिए हो रही है.

 

                                                                        कुछ महत्वपूर्ण सवाल 


01. खुलेआम किशोरों को रायफल चलाने की ट्रेनिंग क्या 2047 की तैयारी है ?

02. भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए जिहादी वर्ग PFI के अजेंडे पर चल रहा है ?

03.  यूपी के प्रतापगढ़ की इस जिहादी ट्रेनिंग से हिन्दुओं ने क्या सीख ली ?

04. किशोरों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देना क्या आर्म्स एक्ट का उलंघन नहीं है ?

05. गिरफ्तार इंतजार और गुलजार की किसी आतंकी संगठन से संबंध तो नहीं ?

06. दोनों आरोपियों पर अबतक NSA क्यों नहीं लगाई गई ?

07. सऊदी अरब के लोगों की तरह चोंगा पहन कर सिर पर गमछा बाँधे हुए ये आरोपी क्या साबित करना चाहते हैं ?

08. अबतक रायफल का लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई क्यों नहीं हुई ?

09. हिन्दुओं के पास 2047 की इस तैयारी से निपटने के लिए क्या प्लान है ?

10. PFI पूरे देश में सशस्त्र विद्रोह फैलाना चाहता है, अबतक इसे बैन क्यों नहीं किया गया ?

21 July 2022

क्या गाँधी परिवार कानून और संविधान से ऊपर है ? ED की जाँच का विरोध क्यों ?

वर्तन निदेशालय ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से नेशनल हेराल्ड केस में पूछताछ की है. सोनिया गांधी दोपहर 12 बजे ईडी दफ्तर पहुंचीं. इधर, कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता ईडी की कार्रवाई के विरोध पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किए. दिल्ली में विरोध कर रहे कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया गया. तो ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या कांग्रेस संविधान और देश से ऊपर है ? क्या गाँधी-नेहरु परिवार संवैधानिक संस्थाओं को अपना जागीर समझता है. 

दो घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने सोनिया गांधी के अनुरोध पर सत्र खत्म कर दिया. ईडी ने अब 25 जुलाई को फिर से सोनिया गाँधी को बुलाया है. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को ED द्वारा समन किये जाने पर बेंगलुरु में युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ED कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया एक कार को आग के हवाले कर दिया. वहीँ राजधानी दिल्ली में भी कांग्रेस ने उग्र प्रदर्शन किया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया, कई सांसद हिरासत में लिए गए.

राहुल सोनिया पर आरोप है कि कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड को चलाने वाले AJL से 90 करोड़ रुपए लोन की रिकवरी का अधिकार यंग इंडियन लिमिटेड को ट्रांसफर किया और यंग इंडियन लिमिटेड ने AJL की 2,000 करोड़ रुपए की संपत्ति को कांग्रेस पार्टी को महज 50 लाख रुपए का भुगतान करते हुए अधिग्रहित कर ली.

नेशनल हेराल्ड को चलाने वाली AJL कंपनी पर कांग्रेस के बकाया 90 करोड़ के लोन को चुकाने के लिए राहुल-सोनिया की यंग इंडियन लिमिटेड ने 50 लाख रुपए का भुगतान किया, इसके बाद कांग्रेस ने AJL के बाकी बचे 89.50 करोड़ रुपए का लोन माफ कर दिया.

YIL को अपना लोन वसूलने के लिए नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को अधिग्रहित करने का अधिकार मिल गया, जिसमें दिल्ली की प्राइम लोकेशन पर स्थित उसकी बिल्डिंग भी शामिल है, जिसकी कीमत करीब 2,000 करोड़ रुपए है.

आरोप है कि 2010 में 5 लाख रुपये में बनी यंग इंडियन लिमिटेड की संपत्ति कुछ ही सालों में बढ़कर 800 करोड़ रुपए हो गई है.

उधर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि यंग इंडियन लिमिटेड में राहुल गांधी को शेयरों से उन्हें 154 करोड़ रुपए की कमाई हुई. इनकम टैक्स डिमार्टमेंट पहले ही 2011-12 के लिए यंग इंडियन लिमिटेड को 249.15 करोड़ रुपए टैक्स भुगतान का नोटिस जारी कर चुका है. और अब ED सोनिया गाँधी से इस हेराफेरी के बारे में पूछताछ कर रही है.


                                             कुछ महत्वपूर्ण सवाल 


01. सोनिया- राहुल गांधी को पूछताछ के लिए बुलाने पर इतना हंगामा क्यों ?

02.क्या आप गांधी परिवार के अपराध पर कोई क़ानूनी नोटिस नहीं दिया जा सकता ?

03.पहले राहुल और अब सोनिया गांधी को बुलाने पर आंदोलन क्यों  ?

04.कांग्रेसियों ने जनता की समस्याओं पर कभी आंदोलन क्यों नहीं किया ?

05.कांग्रेस के कई बड़े नेता जेल गए तब सड़क पर क्यों नहीं उतरे ? केवल गांधी परिवार के लिए ही रेल-रास्ता रोको क्यों ?

06.संसद की कार्यवाही छोड़कर सारे सांसद गांधी परिवार के लिए सड़क पर क्यों बैठे ?

07.जिन्होंने चुनकर संसद भेजा उनके मुद्दों पर संसद में उपस्थित क्यों नहीं रहे ?

08.क्या गांधी परिवार संविधान क़ानून और देश से ऊपर है ?

09.स्वतंत्रता आन्दोलन में भी क्रांतिकारियों के साथ गांधी-नेहरू खड़े क्यों नहीं हुए थे ?

10.क्या गांधी परिवार अभी भी देश में लोकतंत्र होने की अभिव्यक्ति नहीं होने देना चाहता ?

अजमेर दरगाह के चिस्ती की गिरफ्तारी कब ?

अजमेर दरगाह के चिश्ती ने नुपुर शर्मा का सर तन से जुदाकरने की बात कही तो रिजवान चिश्ती पाकिस्तान से नूपुर शर्मा का सर कलम करने के लिए भारत आ गया. अजमेर दरगाह के एक नहीं बल्कि कई चिश्तियों ने नूपुर शर्मा के विरुद्ध जहर उगला, उनकी ह्त्या करने के लिए इनाम घोषित किया, हिंदुओं का आर्थिक बहिष्कार करने की बात भी कही. पाकिस्तान का रिजवान चिश्ती भी नूपुर शर्मा की हत्या से पहले अजमेर दरगाह के संपर्क में था. ऐसे में अब सवाल उठने लगा है कि आखिर अबतक अजमेर दरगाह का चिस्ती गिरफ्तार क्यों नहीं हुआ ?

आखिर चिस्ती किसके सह और समर्थन से नूपुर शर्मा की हत्या के लिए, पाकिस्तानी हत्यारे को भारत में बुलाया है. अबतक देश की सुरक्षा एजेंसियां इसे लेकर किसी नतीजे पर क्यों नहीं पहुंची है. ये एक अंतर्राष्ट्रीय साजिश है जिसका खुलासा करना जरुरी है.

इससे पहले कि रिजवान अपने जिहादी कृत्य को अंजाम देने में कामयाब हो पाता, राष्ट्ररक्षक BSF के जवानों ने उसे दबोच लिया. पहले पाकिस्तान से नुपुर शर्मा का सर तन से जुदा करने के सांकेतिक वीडियो आते थे लेकिन अब नूपुर शर्मा को मारने के लिए पाकिस्तान से घुसपैठ हो रही है. रिजवान चिश्ती की घुसपैठ का कनेक्शन अजमेर की उस दरगाह से सामने आ रहा है जहां हर वर्ष लाखों हिंदू चादर चढ़ाने जाते हैं.

भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर श्रीगंगानगर जिले के हिन्दूमल कोट इलाके में बीएसएफ ने रिजवान चिश्ती को पकड़ा है. पूछताछ में सामने आया कि वह नूपुर शर्मा की टिप्पणी से नाराज था और अजमेर चिस्ती के बुलावे पर हत्या के लिए आया था.

डीएसपी की हत्या गनमैन पर सवाल और खनन माफिया !

हरियाणा के बाद अब झारखंड के रांची जिले में वाहन चेकिंग के दौरान एक महिला दरोगा की पिकअप वैन के ड्राईवर ने कुचलकर हत्या कर दी. टक्कर इतनी जोरदार थी कि महिला पुलिस अधिकारी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. वहीं, वाहन चालक वारदात को अंजाम देने के बाद भागने में सफल रहा. बुधवार तड़के 3 बजे 2018 बैच की पुलिस एसआई संध्या टोपनो वाहनों की चेकिंग कर रही थीं. इसी दौरान महिला पुलिस अधिकारी ने एक पिकअप वैन को रोकने का इशारा किया था. लेकिन ड्राइवर ने वाहन की रफ्तार बढ़ाकर महिला दरोगा को रौंद दिया.  इस घटना में महिला पुलिस अधिकारी की घटनास्थनल पर ही मौत हो गई. वहीं, आरोपी पिकअप वैन का गौ तस्कर चालक वाहन लेकर भागने में सफल रहा. 

घटना की सूचना मिलने के बाद थाना प्रभारी समेत कई पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और उन्होंने दरोगा के शव को कब्जे में लिया. इसके बाद आसपास के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले. पुलिस ने इस मामले के एक आरोपी की गिरफ्तारी और वाहन की बरामदगी की पुष्टि की है. रांची के एसएसपी कौशल कुमार का कहना है कि पुलिस को इलाके से पशु तस्करों के गुजरने की गोपनीय सूचना मिली थी. इसी आधार पर सड़क पर चेकिंग पॉइंट लगाया गया था. इसी दौरान एक पिकअप वैन चालक ने महिला एसआई की वाहन से टक्कर मारकर हत्या कर दी.  

उधर, बीते दिन यानी मंगलवार दोपहर ही हरियाणा के नूंह जिले में अवैध पत्थर खनन की जांच करने गए एक पुलिस उपाधीक्षक (DSP) को डंपर से कुचलकर मार डाला गया.  तावडू के डीएसपी सुरेंद्र सिंह ने दस्तावेज की जांच के लिए एक डंपर को रुकने का इशारा किया था, लेकिन चालक ने रफ्तार बढ़ाते हुए उन्हें कुचल डाला. पुलिस ने बताया कि घायल अधिकारी  को फौरन पास के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. 

अधर्म: दिल्ली में जिहादियों ने कावड़ियों पर फेंका मांस !

देश में जिहादी कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का सिलसिला थमने का ना नहीं ले रहा है. राजधानी दिल्ली सहित देशभर में जिहादी आतंक अपने चरम सीमा पर है. पहले रामनवमी और हनुमान जंयती पर पत्थर फेंके गए फिर और अब तो हद तब हो गई जब महादेव शिव को जलाभिषेक करने जा रहे पैदल कावड़ियों पर जिहादियों ने मांस के टुकड़े फ़ेंक कर पवित्र तीर्थ यात्रा को भंग कर दिया.

इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा ऐसी हरकत से शिव भक्त नाराज और आक्रोशित हैं. जिसे भी इस घटना के बारे में पता चला रहा है हर कोई सुन कर सन्न और दाग रह जा रहा है. ये पूरा मामला दिल्ली के सीलमपुर से सामने आया है, जहां कांवड़ यात्रा के दौरान कावड़ियों पर मांस के टूकडे फेंके गए. जिसके बाद कावड़ियों ने सड़क पर जिहादियों द्वारा हुए पावन यात्रा को भंग करने की घटना पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं.

एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश में कावड़ियों पर फूल बरसाए जा रहे हैं तो वही दुसरी तरफ देश की राजधानी दिल्ली में मांस के टुकड़े पवित्र कांवड़ पर मांस फेंका जा रहा है. सीलमपुर इलाके में ज्यों हीं साथी कावड़ियों ने काँवड़ को एक कंधे से दूसरे कंधे पर रखा तभी अचानक से कुछ सरारती तत्वों ने काँवड़ के ऊपर मांस के टुकड़े फेंक दिए.

कुछ मांस के टुकड़े सड़क पर गिरे तो कुछ कावड़ियों और पवित्र काँवड़ के ऊपर. मुस्लिम बहुल सीलमपुर से पहले सब ठीक था और लोग जगह-जगह कावड़ियों का स्वागत-सत्कार भी कर रहे थे. लेकिन दिल्ली में कुछ ऐसा हुआ की पूरा काँवड़ यात्रा खंडित हो गया.

जुबैर की रिहाई से लोगों का न्यायपालिका से विश्वास उठेगा ?

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस की सभी एफआईआर में विवादी फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि गिरफ्तारी की शक्ति के अस्तित्व का पुलिस को संयम से पालन करना चाहिए।

"बेंच ने कहा-एफआईआर की शिकायत ट्वीट्स से संबंधित है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि याचिकाकर्ता की दिल्ली पुलिस द्वारा व्यापक जांच की गई है, हमें उसे बनाए रखने के लिए व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित करने का कोई कारण नहीं मिलता है।"

कोर्ट ने आगे जुबैर के खिलाफ एफआईआर की जांच के लिए यूपी पुलिस द्वारा गठित एसआईटी को भंग करने का आदेश भी दिया है। कोर्ट ने सभी एफआईआर को एक साथ जोड़ दिया है और कहा कि मामले की एक जांच प्राधिकारी यानी दिल्ली पुलिस द्वारा नियंत्रित किया जाना चाहिए।

यूपी की सभी एफआईआर को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल को ट्रांसफर करने का निर्देश भविष्य में ट्वीट के आधार पर दर्ज की जा सकने वाली एफआईआर पर लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जुबैर दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष एफआईआर रद्द करने की मांग करने के लिए स्वतंत्र होंगे।

अदालत जुबैर द्वारा दायर रिट याचिका पर विचार कर रही थी जिसमें यूपी पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग की गई थी। उन्होंने उक्त एफआईआर दिल्ली में एक साथ करने की भी प्रार्थना की थी और सभी 6 मामलों में अंतरिम जमानत के लिए याचिका लगाई थी।

बिहार के सीतामढ़ी में उदयपुर दोहराने की कोशिश, हिन्दू युवक पर तालिबानी अंदाज में चाकू से हमला।

राजस्थान के उदयुपर जैसा मामला अब बिहार के सीतामढ़ी से सामने आया है. यहां एक युवक पर नूपुर शर्मा का वीडियो देखने के कारण जिहादियों द्वारा जानलेवा हमला किया गया है. हमले में घायल युवक की हालत गंभीर होने के चलते उसे दरभंगा रेफर कर दिया गया. हिन्दू युवक फ़िलहाल डीएमसीएच अस्पताल के ICU वार्ट में भर्ती है. मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, 2 अन्य आरोपी अबतक पुलिस के गिरफ्त से बाहर हैं. बिहार पुलिस इसे आपसी विवाद की घटना बता कर घटना को रफा दफा करने में जुट गई है. जिसके बाद पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं.


हमले में घायल युवक अंकित झा नानपुर के बहेरा गांव का रहने वाला है. अंकित के पिता मनोज झा के मुताबिक उनका बेटा पान की दुकान पर पान खाने गया था. इस दौरान वह मोबाइल पर नूपुर शर्मा का वीडियो देख रहा था. तभी वहां, मोहम्मद बिलाल अपने तीन साथियों के साथ आया. वह अंकित के नूपुर का वीडियो देखने पर भड़क उठा.


मोहम्मद बिलाल ने अंकित के चेहरे पर सिगरेट का धुआं उड़ाना शुरू कर दिया और गाली-गलौज शुरू कर दी. विरोध करने पर उन्होंने अंकित की दाहिनी कमर के पास चाकू से वार कर दिया. अंकित के शरीर पर चाकू के छह वार किए गए हैं. पीड़ित का कहना है कि उसने जो भी पुलिस को बयान दिया है वह सही है. मगर पुलिस मामले की लीपापोती करने में लगी हुई है.


पुलिस ने एफआईआर में नूपुर शर्मा का नाम हटा दिया है. वहीँ अंकित के पिता ने हमलावरों की गिरफ्तारी के अलावा सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है. पुलिस ने मामले में नानपुर गांव के गौरा निवासी मों बिलाल और मो. निहाल सहित पांच लोगों को आरोपी बनाया है. वारदात के बाद का एक विडियो सोशल भी तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिसमें लोगों की भीड़ के बीच जख्मी युवक नजर आ रहा है. वहां खड़े लोग चाकू मारे जाने की बात कह रहे हैं. साथ ही एक युवक बाइक लेकर निकलने की कोशिश करता दिख रहा है, जिसे वहां मौजूद लोगों ने बल पूर्वक रोक रखा है.


                                 कुछ महत्वपूर्ण सवाल 


01. राजस्थान के उदयुपर जैसा मामला बिहार के सीतामढ़ी में सामने आया है, आखिर कबतक निर्दोष हिन्दू मरते रहेगा ?

02. नूपुर शर्मा का वीडियो देखने के कारण जिहादियों द्वारा जानलेवा हमला क्या हत्या का प्रयास नहीं है ?

03. बिहार पुलिस घटना को रफा-दफा करने में क्यों जुटी हुई है ? क्या इसके पीछे PFI या कोई विदेशी लिंक तो नहीं है ?

04. घायल युवक अंकित झा ने अस्पताल में इलाज के दौरान नूपुर शर्मा का वीडियो देखना मूल वजह बताया है, फिर पुलिस बयान को क्यों नहीं मान रही है ?

05. पुलिस द्वारा घायल युवक का बयान न मानना, क्या पुलिस की भूमिका पर सवाल नहीं खड़ा करता ? 

06. मोहम्मद बिलाल अंकित के मोबाइल में नूपुर का वीडियो देखने पर भड़क उठा, क्या इस जिहादी मानसिकता के पीछे आसमानी किताब नहीं है ?

07. मोहम्मद बिलाल ने अंकित के चेहरे पर सिगरेट का धुआं उड़ाया, मारपीट किया, फिर चाकू से वार किया, क्या ये पूरी प्लानिंग के तहत हमला नहीं है ? 

08. मोहम्मद बिलाल अंकित की दाहिनी कमर के पास चाकू से वार किया है, ये सोची-समझी हत्या का प्रयास नहीं है ?

09. अंकित के शरीर पर चाकू से छह वार करना क्या हत्या के मकसद को नहीं जाहीर करता ?

10. पुलिस एफआईआर से नूपुर शर्मा का नाम क्यों हटाई, क्या पुलिस मामले की लीपा-पोती करना चाहती है ?

18 July 2022

कौन हैं तीस्ता सीतलवाड़ ?

तीस्ता सीतलवाड़ का जन्म महाराष्ट्र में 1962 में हुआ

मुंबई में पली बढ़ी और मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया

पिता अतुल सीतलवाड़ वकील थे और दादा एमसी सीतलवाड़ देश के पहले अटॉर्नी जनरल थे

तीस्ता सीतलवाड़ ने अपनी कानून की पढ़ाई बीच में छोड़कर पत्रकारिता की ओर कदम बढ़ाई


बतौर रिपोर्टर तीस्ता ने कई अखबारों में काम किया

पत्रकार जावेद आनंद से शादी की और एनजीओ बनाई

सिटीजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस नामक एनजीओ चलाती है

तीस्ता सीतलवाड़ की NGO सिटीजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस सवालों के घेरे में है



तीस्ता सीतलवाड़ को वर्ष 2007 में पद्मश्री से नवाजा जा चुका है

2002 में राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार भी मिल चुका है

SIT की खुलासे से तीस्ता कई गंभीर सवालों के घेरे में हैं

PM मोदी को फंसाने के लिए तीस्ता ने रची थी साजिश

अहमद पटेल के द्वारा तीस्ता को 30 लाख रुपए दिए गए थे

गुजरात दंगों में राष्ट्र विरोधी गैंग पर कठोर कार्रवाई हो- मोदी, गुजरात, तीस्ता, सोनिया और जिहाद की कहानी।

गुजरात दंगों में रची गई साजिश की जाँच कर रही SIT की रिपोर्ट से बड़ा खुलासा हुआ है. इस खुलासे ने राष्ट्रविरोधी गैंग की पोल खोल दी है. PM मोदी को फँसाने के लिए रची साजिश के सूत्रधार रहे कॉन्ग्रेस नेता अहमद पटेल पर कई गंभीर प्रश्न खड़ा हुआ है. तीस्ता सीतलवाड़, IPS संजीव भट और पूर्व DGP आरबी श्रीकुमार को इस साजिश को अंजाम देने का जिम्मा सौंपा गया था. इस प्लानिंग के तहत गुजरात की तत्कालीन भाजपा सरकार को भी अस्थिर इनका मकसद था. 


ये खुलासा SIT के उस जाँच रिपोर्ट से हुई है जिसे अहमदाबाद सेशन कोर्ट में दाखिल की गई है. कॉन्ग्रेसी नेता और एक समय सोनिया गाँधी के राजनैतिक सलाहकार रहे अहमद पटेल की मृत्यु हो चुकी है. ऐसे में अब सोनियां गाँधी पर ये प्रश्न उठ रहा है कि आखिर सोनियां गाँधी अबतक इस खुलासे पर चुप्पी क्यों साधी हुई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साजिश में मुख्य रूप से तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निशाने पर थे. उनके अलावा कई अन्य ऐसे लोगों को भी निशाने पर लिया गया था, जो बेगुनाह थे. ऐसे में इस बेगुनाही के राष्ट्र विरोधी गैंग पर कार्रवाई कब होगी ?


तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका का विरोध करते हुए SIT ने कोर्ट को बताया है कि गुजरात की छवि को धूमिल करने के लिए तीस्ता सीतलवाड़ को तत्कालीन राज्यसभा सांसद और तब की कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के राजनैतिक सलाहकार अहमद पटेल से निर्देश मिले थे. तीस्ता की जमानत के विरोध में SIT ने कोर्ट में 2 गवाह भी पेश किए हैं. न्यायालय में दिए गए शपथपत्र में SIT ने कहा है कि तीस्ता सीतलवाड़ ने मीटिंग के सप्ताह भर में ही दंगों के दौरान बने एक राहत कैम्प में राजनैतिक लोगों के साथ मीटिंग की थी. दंगों के 4 महीने बाद तीस्ता सीतलवाड़ और IPS संजीव भट ने अहमद पटेल से उनके दिल्ली आवास पर गुप्त मुलाक़ात की थी.” SIT का दावा है कि बाद में ये दोनों तत्कालीन केंद्र सरकार के कुछ अन्य नेताओं से भी मिले थे. 


इस मुलाकात का मकसद गुजरात भाजपा के सीनियर नेताओं को फँसाना था. इस खुलासे के बाद से राजनितिक गलियारों में हडकंप मची हुई है. SIT का दावा है कि 2007 में केंद्र सरकार ने तीस्ता सीतलवाड़ को पद्मश्री सम्मान उनके गुजरात सरकार पर दुर्भावनापूर्ण आरोपों के चलते दिया था. SIT ने तीस्ता सीतलवाड़ पर चंदे से मिले पैसे का निजी कार्यों में उपयोग करने का भी आरोप लगाया है. तीस्ता सीतलवाड़ पर ये भी आरोप अहि कि इन्होंने ज़किया जाफरी को सिखाने-पढ़ाने का काम किया जो दुर्भावनापूर्ण था.


कुछ महत्वपूर्ण सवाल 

 

01.गुजरात दंगों में रची गई साजिश से अभी भी पुरा पर्दा नहीं उठा है। इस राष्ट्र विरोधी गैंग की संपूर्ण और विशेष जाँच कब होगी ?

 

02.PM मोदी को फंसाने के लिए रची गई साजिश में सोनिया गाँधी शामिल थी, तो सोनिया गाँधी पर कार्रवाई कब होंगी ?

 

03.SIT जाँच में खुलासा खुलासा हुआ है कि प्रधानमंत्री मोदी को फंसाने के सूत्रधार के रूप में अहमद पटेल शामिल थे, क्या इसके लिए कांग्रेस पार्टी माफी मांग कर उनके टीम पर कार्रवाई करेगी ?

 

04.तीस्ता सीतलवाड़, IPS संजीव भट्ट और पूर्व DGP आरबी श्रीकुमार साजिश में थे, इनसब पर कठोर कार्रवाई कब होगी ?

 

05.प्लानिंग के तहत गुजरात की तत्कालीन भाजपा सरकार को अस्थिर करना कांग्रेस का मकसद था, फिर कांग्रेस कैसे लोकतंत्र की बातें करती है ?

 

06.तीस्ता और कांग्रेस के साजिश में कई अन्य ऐसे लोगों और नेताओं को भी निशाने पर लिया गया था जो बेगुनाह थे, उन बेगुनाह लोगों को कौन न्याय दिलाएगा ?

 

07.तीस्ता सीतलवाड़ की NGO सिटीजन्स फॉर जस्टिस को अबतक बैन क्यों नहीं किया गया ? इसी NGO से तीस्ता ने करोडों रुपए का घोटाला किया है।

 

08.तीस्ता सीतलवाड़ को 2007 में दिया गया पद्मश्री सम्मान कब वापस लेंगे ?

 

09.2002 में राजीव गाँधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार तीस्ता सीतलवाड़ को देना, क्या कांग्रेस पार्टी की भूमिका को और स्पष्ट नहीं करता ?

 

10.अहमद पटेल और सोनिया गाँधी के द्वारा तीस्ता को 30 लाख रुपए देना क्या मोदी की राजनीतिक हत्या की सुपारी देना नहीं है ?


14 July 2022

देशी- विदेशी जिहादियों के निशाने पर टीम सुदर्शन, सुदर्शन के बहाने देश-धर्म विरोधी षड्यंत्र का भंडाफोड़

अलजजीरा द्वारा अलग-अलग भाषाओँ में झूठ

इस्लामिक आतंकवाद समर्थक अंतरराष्ट्रीय चैनल द्वारा विभिन्न भाषाओं में मेरे प्रति झूठ फैलाया गया

मेरे कार्यक्रमों के हिंदी शब्दों को अरबी या अनेक भाषाओं में ग़लत भाषांतरित करके झूठ फैलाया गया

इस चैनल के द्वारा अधिकृत तौर पर मेरी गिरफ़्तारी की मांग करने वाला प्रचार का प्रोपेगंडा भी चलाया गया

#ArrestSureshChavhanke ट्विटर ट्रेंड को अंग्रेज़ी और अरबी में लाखों इस्लामिक चरमपंथियों ने टूविट, रीट्वीट और लाइक किया

मेरे हिंदी भाषा के वीडियो को अरबी में लिखा है कि मैंने मुसलमानों का नरसंहार करने व मस्जिदों को तोड़ने का आह्वान किया है जो की झूठ है


पैगंबर मुहम्मद और कुरान

मुझे इस्लाम तथा नबी के ईशनिंदा के आरोप में दिखाया गया

जबकि मैंने जीवन में कभी भी पैगंबर या उनके मजहबी पुस्तक के बारे में कोई आपत्तिजनक असंवैधानिक बात नहीं कहीं है

मैंने जो नहीं कहा वह मेरे बातों के साथ गलत तरीके से जोड़ कर सबूतों के बगैर प्रस्तुत किया गया


दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ज़फ़र उल इस्लाम

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष ज़फ़र उल इस्लाम, जिन्होंने अध्यक्ष रहते मेरे विरुद्ध कई झूठी शिकायतें की

ज़फ़र उल इस्लाम सभी मुस्लिम देशों की सेना को हिंदुस्थान पर हमला करके युद्ध करने का सार्वजनिक आह्वान कर चुका है

भारत सरकार इनकी गतिविधियों को आपराधिक कृत्य मानकर इन पर कार्रवाई भी कर रही है

ज़फ़र उल इस्लाम नें मुस्लिम ब्रदरहुडके मुखिया को 2010 में हिंदुस्थान में बुलाया था

उनके लगातार संपर्क में है और उन संगठनों द्वारा हमारे हिंदी शब्दों को अरबी भाषा में झूठ प्रस्तुत करके ईशनिंदा अपराधी के तौर पर मुझे प्रस्तुत किया

इन लोगों के साथ पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी, विभिन्न राजनैतिक दलों के मुस्लिम नेता, ज़ाकिर नाइक के समर्थक आपसी परिचय संपर्कों का दुरुपयोग करके इस झूठ के प्रोपेगंडा को हवा दिया

इस संबंध में सोशल मीडिया पोस्ट, मीडिया रिपोर्ट तथा फ़ोटो जैसे अनेक तथ्य हमारे पास हैं

 


फोन कॉल और सोशल मीडिया पर धमकी

प्रत्यक्ष तौर पर फोन और सोशल मीडिया पर धमकियां दी गई

धमकियों की जानकारी फोन नंबरों के साथ गौतमबुद्ध नगर के सेक्टर 58 के थाने एवं अन्य थानों में भी दी जा चुकी है

 




सुदर्शन न्यूज़ मुख्यालय में हाई डेनसिटी बम

 

सुदर्शन न्यूज़ के नोयडा सेक्टर 57 स्थित मुख्यालय को हाई डेनसिटी के बम से उड़ाने के लिए बम प्लांट किए गए

सुरक्षाकर्मियों की तत्परता के चलते ब्लॉस्ट विफल कर दिया गया था

आगरा FSL ने रिपोर्ट में बम की उच्च दक्षता होने की बात कही

इस संबंध में नोयडा सेक्टर 58 में मुकदमा दर्ज है

 



कतर के विरुद्ध शो और विदेशी झूठ

क़तर जो देश स्वयं विश्व के आतंकवादियों को पनाह देता है, उसका सरकारी मीडिया ने मेरे बारे में झूठ फैलाया

रजा अकादमी, PFI, जमाते इस्लामी हिन्द जैसे संगठन देश भर में मेरे विरुद्ध FIR करा रहे हैं

विभिन्न राज्यों में प्रवेश करने से रोकने का अभियान चलाकर मेरे ऊपर हमले का माहौल बना रहे हैं



हामिद अंसारी और मुस्लिम ब्रदर हुड

पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी मुस्लिम ब्रदर हुड" जैसे आतंकवादी संगठन के मुखिया को मिलते हैं

हामिद अंसारी के सुदर्शन विरोधी होने के कई तथ्य सार्वजनिक मंचों पर उपलब्ध है

पूर्व उपराष्ट्रपति के पद पर रहे व्यक्ति अगर हमारे विरुद्ध दुष्प्रचार का हिस्सा हैं, तो हमारे लिए ख़तरा बड़ा है

माननीय प्रधानमंत्री जी के नाम, फ़ोटो एवं जानकारी को भी ग़लत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है

उनकी सुरक्षा के साथ ब्रांड मोदी एवं ब्रांड हिंदुस्थान को भी मलिन करने का भी कुत्सित प्रयास हो रहा है

 



गुजरात ATS का खुलासा

गुजरात ATS के द्वारा गिरफ्तार किए गए पाकिस्तान पोषित आतंकी संगठन के आतंकवादियों ने पूछताछ में स्वीकार किया है

सुरेश चव्हाणके आतंकियों की हिट लिस्ट में हैं, मेरी हत्या के लिए मेरे संस्थान और आवास की रेकी की गई है

गुजरात ATS ने इस तथ्य को शपथ पूर्वक गुजरात कोर्ट में सबमिट किया है

 


तुर्की में मुस्लिम संगठन का षड्यंत्र

तुर्की में मुस्लिम संगठन ने अंतर्राष्ट्रीय मीडिया को प्रेस कान्फ्रेंस करके भड़काया

सुदर्शन पर पैग़म्बर की मस्जिद को मिसाइल से उड़ाने का आरोप लगाया गया

जबकि यह इज़राइल ने फ़िलिस्तीन के मस्जिद पर किए गए हमले की ग्राफ़िकल न्यूज़ मात्र था

इस सम्बंध में प्रसारण मंत्रालय में भी शिकायत की गयी थी


जाँच के बाद ग़लत पाई गई परंतु इस बात को छुपाया जा रहा है

कई देशों के कट्टरपंथी मेरे हत्या के लिए इनाम घोषित कर रहे हैं

सोशल मीडिया पर अपील कर रहे हैं, धमकी दे रहे हैं