29 October 2021

जगद्गुरु शंकराचार्य पुरी पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी का इंटरव्यू

सुदर्शन न्यूज के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक और एडिटर-इन-चीफ श्री सुरेश चव्हाणके जी ने अपने विशेष शो चलते-चलते में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी का साक्षात्कार किए. इस खास संवाद में शंकराचार्य जी ने राष्ट्र-धर्म के सभी मुद्दे पर खुलकर अपनी प्रतिक्रिया दी. निश्चलानंद सरस्वती जी के अनुसार मोहम्मद मूलतः मुसलमान नहीं थे, ईसा मसीह भी मूलतः ईसाई नहीं थे जगद्गुरु का ऐसा मानना है. इस संदर्भ में उहोंने कई महत्वपूर्ण शोध ग्रन्थ लिखे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में सभी को एक दिन सनातन के रास्ते पर वापस आना हीं होगा. जगद्गुरु शंकराचार्य पुरी पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी ने कहा कि हिंदू सभी को धर्म और वेदों से कल्याण करें, सबके पूर्वज सनातनी थे. सनातन के राह पर चल कर हीं विश्व का कल्याण होगा. 

दुनिया में बढ़ती औधोगिक क्रांति पर जगद्गुरु ने कहा कि महायंत्र दुनिया के लिए सबसे घातक हैं. महायंत्र मानव जीवन के लिए ठीक नहीं हैं. संस्कार युक्त मानव हीं राजा होता है. शरीर के नाश होने से आत्मा का विनाश नहीं होता है. भारतीय न्याय प्रणाली पर उन्होंने कहा कि जो धर्म को नहीं समझते वो न्याय क्या करेंगे ? लार्ड मैकाले ने तीन C बनाया था हिंदुओं की अस्तित्व और आदर्श को समाप्त करने के लिए ये तीन C हैं- क्लास, क्लब और कोर्ट. ये तीनों मैकाले का षड्यंत्र था, इसको आधार बना कर फैसले करने वाले न्याय को क्या समझेंगे

उन्होंने सनातन न्याय प्रणाली का जिक्र करते हुए कहा कि सनातन न्याय प्रणाली में एक दिन के अंदर न्याय होता था. आज की न्यायपालिका में ये संभव नहीं है. आज के न्याय प्रणाली में गरीब को न्याय मिलना मुश्किल है, भारत का संविधान सनातन विधि अनुसार नहीं है. भारतीय संस्कृति का जिक्र करते हुए शंकराचार्य जी ने कहा कि हमारा ज्ञान-विज्ञान विश्व को मंत्रमुग्ध करेगा, पूरे विश्व को इसपर ध्यान देने की जरूरत है, इसका कोई भी खंडन नहीं कर सकता है. पूरे विश्व को इसपर गोष्ठी करने की जरूरत है.

वर्तमान राजनीति पर टिप्पणी करते हुए निश्चलानंद सरस्वती जी ने कहा कि आज की राजनीति भ्रष्ट हो चुकी है, पैसे के बल पर राजनेता चुनाव जीत रहे हैं. उन्होंने राम मंदिर विवाद और नकली शंकराचार्यों पर खुलकर अपनी बात रखी, कहा रामालय ट्रस्ट ने शुरू की नकली शंकराचार्य की प्रक्रिया, राम मंदिर के सामने बनाना चाहते थे मस्जिद मगर हमने इसका विरोध किया तो हमें फंसाने की कोशिश की गई. शंकराचार्य के सामने नकली लोगों को स्थापित करने की साजिश हुई. सरकार को नकली शंकराचार्यों को जेल में डालना चाहिए.  

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री मुलायम सिंह यादव पर उन्होंने खुलकर अपनी बेबाकी से प्रतिक्रिया दी. शंकराचार्य जी ने कहा कि लालू ने रमई राम को शंकराचार्य बना कर घुमाया तो वहीँ मुलायम सिंह यादव ने राम भक्तों पर गोली चलवाई, इस बात का जिक्र खुद मुलायम सिंह यादव सार्वजानिक मंच से कर चुके हैं. मुलायम ने कहा था कि राम भक्तों को गोलियों से भुनवा कर सत्ता हासिल किए थे. ये राजनीति की प्रकाष्ठा है, ये संविधान संगत नहीं है. आज राजनीतिक दल अपना संत खुद बना रहे हैं. 

 

हिंदू राष्ट्र के मुद्दे पर जगद्गुरु शंकराचार्य पुरी पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी ने कहा कि भारत अपने आप को हिंदू राष्ट्र घोषित करे, ये भारत विभाजन के बाद का भारत है. संविधान के दृष्टि से भारत एक हिंदू राष्ट्र घोषित हो सकता है भारत एक हिंदू राष्ट्र है. आज पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है, कई देश अपने आप को हिंदू राष्ट्र घोषित करना चाहते हैं, ये सभी देश भारत की ओर देख रहे हैं. ये सभी देश भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित होने का इंतजार कर रहे हैं, भारत बहुत जल्द हिंदू राष्ट्र घोषित होगा. 

धर्म ग्रंथों में मिलावट के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि, प्रक्षिप्त होना आप बात है उसकी व्याख्या करने से स्पष्ट होगा. प्रक्षिप्त करने वाले की समझ को देखना होगा, अर्थों का अनर्थ भी प्रक्षिप्त हो सकता है. आज मठ-मंदिर धन के अभाव में नष्ट हो रहे हैं, आज हमें मठ-मंदिर की उपयोगिता को बढ़ाना होगा. मठ-मंदिर अपने दायित्व का सही निर्वहन करें, मठ-मंदिर विभाजन के समय भी उपयोगी सिद्ध हुए, मठ-मंदिर सदियों से उपयोगी सिद्ध हुए हैं. जब प्राचीन काल में राजा रास्ता भटक जाते थे तो मठ मंदिर हीं उनकी मदद करते थे, उन्हें वस्त्र और जरुरी वस्तुएं उपलब्ध कराते थे. 

आज सरकारें मंदिरों की संपत्ति को हड़प रहीं हैं, आज पंडित-पुजारी को अपमानित किया जा रहा है. युवकों को निश्चलानंद सरस्वती जी द्वारा लिखित नीति चालीसा पढ़ना चाहिए, नीति निधि और नीति सावित्री पढ़ना चाहिए ताकि उनके अन्दर संस्कार जागृत हो सके. पत्रकारों को लोभ-भय से मुक्त होकर कार्य करना चाहिए, लोभ-भय मुक्त पत्रकारिता ही समाज के लिए उपयोगी होगा.

एक हजार 9 सौ वर्ष बाद एक संयोग आएगा, बलराम जी के घर में उनके पुत्र पवार क्षत्रिय घर में जन्म लेंगे. उनके क्रियाकलापों से 80 वर्षों तक सतयुग की धारा चलेगी, इस दौरान राजा-प्रजा का विनाश होगा. मलेक्षों का भी विनाश हो जाएगा. पवार क्षत्रिय के सहयोग से एक नया युग भारत में आएगा, दिल्ली में इनका शासन होगा.  

-जगद्गुरु शंकराचार्य पुरी पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी के इंटरव्यू का संक्षिप्त अंश.

26 October 2021

मुस्लिम निकाह एक एग्रीमेंट है, कर्नाटक उच्च न्यायालय

 कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा है कि मुस्लिम निकाह एक एग्रीमेंट है, जिसके कई मतलब हैं, यह हिंदू विवाह की तरह कोई संस्कार नहीं और इसके टूटने से पैदा होने वाले कुछ अधिकारों और जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हटा जा सकता. यह मामला बेंगलुरु के भुवनेश्वरी नगर में एजाजुर रहमान (52) की एक याचिका से संबंधित है, जिसमें 12 अगस्त, 2011 को बेंगलुरु में एक पारिवारिक अदालत के प्रथम अतिरिक्त प्रिंसिपल न्यायाधीश का आदेश रद्द करने की गुज़ारिश की गई थी.

 

जस्टिंग कृष्णा एस दीक्षित ने 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ अर्जी खारिज करते हुए सात अक्टूबर को अपने हुक्म में कहा, ‘‘निकाह एक एग्रीमेंट है जिसके कई मतलब हैं, यह हिंदू विवाह की तरह एक संस्कार नहीं है. यह बात हकीकत है.’’ जस्टिस दीक्षित ने विस्तार से कहा कि मुस्लिम निकाह कोई संस्कार नहीं है और यह इसके खत्म होने के बाद पैदा हुई कुछ जिम्मेदारियों और अधिकारों से भाग नहीं सकता.

बेंच ने कहा, ‘‘तलाक के ज़रिए विवाह बंधन टूट जाने के बाद भी दरअसल पक्षकारों की सभी जिम्मेदारियों और कर्तव्य पूरी तरह खत्म नहीं होते हैं.’’ उसने कहा कि मुसलमानों में एक एग्रीमेंट के साथ निकाह होता है और यह वह स्थिति प्राप्त कर लेता है, जो आमतौर पर अन्य समुदायों में होती है. अदालत ने कहा, ‘‘यही स्थिति कुछ न्यायोचित दायित्वों को जन्म देती है. वे अनुबंध से पैदा हुए दायित्व हैं.’’ 

अदालत ने कहा कि कानून के तहत नई जिम्मेदारियां भी पैदा हो सकती हैं. उनमें से एक जिम्मेदारी शख्स का अपनी पूर्व पत्नी को गुजारा भत्ता देने का परिस्थितिजन्य कर्तव्य है जो तलाक की वजह अपना भरण-पोषण करने में अहल हो गई है. जस्टिस दीक्षित ने कुरान में सूरह अल बकराह की आयतों का हवाला देते हुए कहा कि अपनी बेसहारा पूर्व पत्नी को गुजारा-भत्ता देना एक सच्चे मुसलमान का नैतिक और धार्मिक कर्तव्य है. न्यायमूर्ति दीक्षित ने कहा कि 'मेहर' अपर्याप्त रूप से तय किया गया है और वधु पक्ष के पास सौदेबाजी की समान शक्ति नहीं होती.

राजस्थान में मदरसों को 25 लाख, संस्कृत विद्यालयों को ठेंगा

 राजस्थान में एक बार फिर से गहलोत सरकार के तुष्टिकरण की नीति सामने आई है. अब राजस्थान में गहलोत सरकार मदरसों के विकास के लिए 15 से 25 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता मुहैया करवाएगी. यह सहायता राशि मुख्यमंत्री मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत दी जाएगी. इस संबंध में राजस्थान सरकार के अल्पसंख्यक विभाग में शामिल राजस्थान मदरसा बोर्ड के सचिव ने एक विज्ञप्ति जारी की है.

इसके अनुसार राजस्थान मदरसा बोर्ड में रजिस्टर्ड ए श्रेणी के मदरसों के विकास के लिए मुख्यमंत्री मदरसा आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत आवेदन मांगे गए हैं. योजना में प्राथमिक स्तर के मदरसों को अधिकतम 15 लाख रुपये और उच्च प्राथमिक स्तर के मदरसों को अधिकतम 25 लाख रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है. 

2003 में बना मदरसा बोर्ड को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा विभाग से अलग बनाया है. मदरसा के लिए एक्ट और नियम बनाया जाए उसके लिए विधानसभा में एक्ट बनाया गया और नियम के लिए वित्त विभाग को भेजा गया. पहली बार बजट में में मदरसों को आधुनिकीकरण के लिए सरकार को कम्प्यूटर, इंटरनेट कनेक्शन, स्मार्ट क्लास रूम, फर्नीचर और आधारभुत संरचना भवन भी शामिल किया गया. इसके तहत राजस्थान में हर जिले में 5-7 मॉडल मदरसा होंगे.  


इस योजना के तहत 90 प्रतिशत बजट सरकार देगी और 10 प्रतिशत संस्था देगी. 5 वीं तक के मदरसा को 15 लाख और 8 वीं तक के मदरसों को 25 लाख रुपये का बजट देने का प्रावधान किया गया है. गहलोत सरकार के मुस्लिम तुष्टिकरण वाले इस फैसले पर कटाक्ष करते हुए बीजेपी ने इसे दीवाली का बोनस और जनता के टैक्स का दुरूपयोग का आरोप लगाया है. 


राजस्थान सरकार की गहलोत सरकार के तुष्टिकरण का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि हिंदू त्योहार विजयदशमी के मौके पर गहलोत सरकार ने आरएसएस को कोरोना का हवाला दे पथ संचलन से रोक दिया था, लेकिन इसी गहलोत सरकार में कोरोना के ही दौरान जनाजे में भीड़ जायज लगी थी. बहुत से संस्कृत और यहां तक की सरकारी स्कूल सरकारी सुविधा के अभाव में खंडहर हो गए हैं, तो वहीँ दूसरी गहलोत सरकार मदरसों पर जमकर धन लूटा रही है.  

 

राजस्थान में संस्कृत विद्यालयों की स्थिति

 

राजस्थान के विद्यालयों में भी मुस्लिम छात्र पढ़ रहे हैं

जयपुर के राजकीय ठाकुर हरिसिंह शेखावत संस्‍कृत विद्यालय में बढ़ते है मुस्लिम छात्र

यहां पर पढ़ने वाले 80 फीसदी बच्‍चे मुस्लिम हैं

हिन्दू छात्रों को नहीं मिल पाता है मौका

इस राजकीय स्‍कूल में पढ़ने वाले 277 छात्रों में 222 मुस्लिम हैं

संस्कृत विद्यालयों में 10 हजार 877 में से 3 हजार 617 पद खाली है  

9 जिलों में आधे से अधिक पदों पर शिक्षक नहीं हैं

संस्कृत शिक्षा की स्कूलों की संख्या लगातार घट रही है

सुविधा के अभाव में 10 संस्कृत विद्यालयों में सिर्फ 1095 बच्चे पढ़ते है

 

राजस्थान में सरकारी स्कूलों की स्थिति

 

अभीतक राजस्थान में 15 हज़ार सरकारी स्कूल बंद हो चुके हैं ‘

ढाई लाख बच्चे घटे सरकारी स्कूलों में घटे हैं

 847 गर्ल्स स्कूलों पर भी ताले लटके हुए हैं

जयपुर के एक स्कूल में एक हीं कमरे में 1500 बच्चे बढ़ते हैं

165 सरकारी स्कूलों में नहीं है एक भी कमरा आसमान के नीचे बैठते हैं बच्चे

7 हजार 600 से अधिक स्कूल ऐसे हैं जहां केवल एक-एक हैं

योगी जी ने ब्रह्मोस मिसाइल के लिए 1 रुपए में दिए 80 हेक्टेयर जमीन

उत्तर प्रदेश में देश के सर्वाधिक शक्तिशाली मिसाइल ब्रह्मोस के निर्माण की दिशा में यूपी सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ा दिया है. योगी सरकार के मंत्रिमंडल ने ब्रह्मोस मिसाइल उत्पादन के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी DRDO को 80 हेक्टेयर जमीन आवंटन की मंजूरी दे दी है. यह जमीन लखनऊ के सरोजनी नगर तहसील में दी गई है. गौर करने वाली बात यह है कि योगी सरकार ने DRDO को यह जमीन मात्र 1 रुपए सालाना लीज की दर पर दी है. यहां पर नेक्स्ट जेनरेशन ब्रह्मोस मिसाइल का उत्पादन होगा.

उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तहत योगी सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है. यूपी डिफेंस कॉरिडोर के लखनऊ नोड में ब्रह्मोस एरोस्पेस नेक्स्ट जनरेशन ब्रह्मोस मिसाइल के निर्माण से न सिर्फ देश की सामरिक शक्ति में इजाफा होगा, बल्कि इससे स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

सरकार के मुताबिक इस प्रोजेक्ट से लगभग 500 इंजीनियरों और टेक्नीशियनों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. इसके अलावा 5000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल सकेगा. लखनऊ के सरोजनी नगर में बनने वाले इस प्लांट से जुड़ी सहायक इकाइयों में भी लगभग 10,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है.

ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस दोनों देशों के सहयोग से विकसित की जाने वाली मिसाइल है. भारत की डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन और रूस के फेडरल स्टेट यूनिटरी एंटरप्राइज एनपीए मोशिनोस्त्रेनिया के बीच इसको लेकर साल 1998 में एक समझौता हुआ था, जिसके बाद इस मिसाइल के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई. 

इस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोसक्वा नदी के नाम को मिला कर ब्रह्मोस रखा गया है. DRDO इस मिसाइल का लगातार परीक्षण भी कर रही है. शक्तिशाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के लंबी दूरी वाले वर्जन का भी परीक्षण जारी है.

 

बांग्लादेश से पलायन करने वाले हिन्दुओं की स्थिति और राजनीति

 बांग्लादेश में हिन्दुओं पर जिहादियों के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. हिन्दू धर्मस्थलों, पूजा पांडालों को तहस-नहस करने के पश्चात हिन्दू परिवारों पर लगातार आक्रमण हो रहे हैं. अकेले दुर्गापूजा के दौरान बांग्लादेश के 22 से ज्यादा जिलों से हिंसा की घटनाएं घट चुकी हैं. बांग्लादेश में हिंदुओं के 150 से ज्यादा दुर्गा पूजा पंडाल और इस्कॉन मंदिर को आग के हवाले कर दिया गया. देवी-देवताओं की मूर्तियां तोड़ दीं. हिंदुओं को मारा-पीटा गया. माताओं-बहनों की इज्जत लूटी जा रही है. हिन्दू परिवार बांग्लादेश से पलायन करके भारत में शरण ले रहे हैं. 


यह क्रम आज से नहीं अगस्त 1946 के जिन्ना के डायरेक्ट एक्शन से ही चल रहा है. लाखों की संख्या में हिंदू विभाजन के बाद प्राण बचाते हुए भारत भागे थे और आज भी भाग रहे हैं. उस वक्त तब पूर्वी पाकिस्तान में 28% हिंदू हुआ करते थे, आज 8.5% रह गये हैं वो भी भाग कर भारत में आरहे हैं. 


सन् 1950 में करीब 10 हजार हिदुओं का ढाका में नरसंहार हुआ. ढाका इलाके से कुछ ही महीनों में हिंदुओं की सफाई हो गयी. जो बच गए उनका सफाया होरहा है. बंगाल के ही अनुसूचित वर्ग के नेता जिन्होंने जिन्ना व मुस्लिम नेतृत्व में विश्वास था, वे जोगेंद्र नाथ मंडल पाकिस्तान के विधि मंत्री भी बतौर शरणार्थी भाग कर भारत आये. 

पश्चिम बंगाल में बाद के वर्षों में बड़ी संख्या में मुसलमान आने लगे. आज फिर से लगभग वही स्थिति देखने को मिल रही है. इसबार बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी हिन्दू बंगाल और देश के अन्य राज्यों से पलायन करके आएं है. सबके मन में डर और दहशत का माहौल है.   

बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पंडालों पर आक्रमण कर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने मूर्तियों को खण्डित किया, दो श्रद्धालुओं को मार डाला. इस्कॉन मंदिर पर हमला हुआ. इतिहास अपने को दुहरा रहा है. वहां करीब एक करोड़ हिंदू रह गये हैं. अब उनको भी उजाड़कर हटाने और भारत भेजने का लक्ष्य जिहादियों ने तय किया है. 

ऐसे में अब सवाल उठने लगा है कि क्या बांगलादेश के हिंदुओं को सुरक्षित करने के लिए कोई बड़ा कदम उठाने का समय आ गया? आखिर बांग्लादेश पर कब कार्रवाई होगी ? अगर इस बात का समाधान नहीं हुआ तो फिर एक करोड़ सत्तर लाख बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए एक बड़ी समय खड़ी हो जाएगी.