29 March 2023

नवश्या गणपति की जमीन पर मंदिर से बड़ा मजार, मंदिर को मजार जिहाद से मुक्त करो।

महाराष्ट्र में लगातार गढ़ किले और धार्मिक स्थल जिहादियों के निशाने पर है। नया मामला नासिक के नवशा से आया जहां प्राचीन ऐतिहासिक गणेश मंदिर  पर जिहादियों ने मजार जिहाद कर दिया है। इसे लेकर हिंदू संगठनों द्वारा लगातार कार्रवाई करने की मांग की जा रही है। 

मगर अब ये मामला एकबार फिर से सुर्ख़ियों में आगया है। सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके जी ने अपने नासिक हिन्दू हुंकार सभा के बाद इस मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद इसे मजार जिहाद से मुक्त करने का मुद्दा उठाया। महाराष्ट्र के नासिक शहर में स्थित इस प्रसिद्ध गणेश मंदिर से सटी एक दरगाह बनाई गई है, हिन्दुओं और मंदिर प्रबंधन का दावा है कि यह जमीन नवशा मंदिर की है जिसपर अतिक्रमण किया गया है।

सुदर्शन न्यूज़ ने जब इसे प्रमुखता से उठाया तो नगर निगम और स्थानीय प्रशासन तुरंत हरकत में आया। नासिक निकाय प्रमुख ने कहा है कि अगर इसमें कोई भी अनियमितता मिलती है तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

दरगाह गंगापुर रोड पर शहर के आनंदवल्ली क्षेत्र में नवशा गणपति मंदिर के परिसर में स्थित है। मंदिर का निर्माण 1774 में राघोबा पेशवा और उनकी पत्नी आनंदीबाई ने करवाया था। जो अब मजार जिहाद का शिकार हो चुका है।

यही कारण है कि समस्त स्थानीय हिन्दू संगठन और सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके जी इस मंदिर को मजार जिहाद से मुक्त कराने के लिए मुहीम चला रहे हैं।

ऐसे अब ये देखना होगा की शासन-प्रशासन और नगर निगम कितना जल्दी इसपर कार्रवाई करता है।  

 

अमृतपाल और ISI का खालिस्तान प्लान, पाकिस्तानी एजेंट ने दी ट्रेनिंग, खुफिया एजेंसियों का खुलासा।

आईएसआई अमृतपाल को आतंकी की तरह इस्तेमाल कर रही हैI अमृतपाल सिंह को पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI ने तैयार किया गया। जी हाँ, अपने बिल्कुल सही सुनाI ये खुलासा किया है भारतीय जाँच एजेंसियों नेI जार्जिया में आधुनिक हथियारों की ट्रेनिंग अमृतपाल को दी गई। इसके बाद उसे दुबई के रास्ते भारत भेजा गया। इन दिनों पाकिस्तान आर्थिक तंगी से जूझ रहा है लेकिन उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई नापाक इरादों से बाज नहीं आ रही है। पंजाब में उग्र अमृतपाल सिंह उसी की ही उपज है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्लान की ही उपज अमृतपाल सिंह है। 

आईएसआई अब भारत में युवाओं का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में कर रही है। इसी कड़ी में उसने पंजाब में अमृतपाल के रूप में नया प्रयोग किया है। अमृतपाल की आईएसआई के एजेंटों से मुलाकात दुबई में हुई। आंखों के इलाज के दौरान पहली बार अमृतपाल आईएसआई के गुर्गों से मिला। इन एजेंटों में कुछ पाकिस्तान में रह रहे खालिस्तान समर्थक भी हैं। उन्होंने भांप लिया था कि अगर अमृतपाल का इस्तेमाल किया तो अच्छा फायदा हो सकता है।

आईएसआई अमृतपाल से पहले आंतकी रिंदा और अर्शदीप सिंह डल्ला का भारत के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है लेकिन उनके माध्यम से वह सीधे लोगों तक नहीं पहुंच पा रही थी।  इस बीच अमृतपाल सिंह को तैयार किया गया।

उसे विदेश से फंडिंग भी मिल रही थी। 2022 के अगस्त महीने में अमृतपाल भारत आया। इसके बाद उसने दीप सिद्धू के संगठन वारिस पंजाब दे की कमान संभाली। इसके बाद वह अपने कार्यक्रमों में भड़काऊ भाषण देने लगा और देखते-देखते उसके समर्थकों की संख्या बढ़ने लगी। अमृतपाल की हर हरकत पर केंद्र की खुफिया एजेंसियों की निगाहें थीं। एजेंसियों की दावा सच निकलाI 9 राज्यों की पुलिस अमृतपाल की तलाश कर रही हैI 

18 March 2023

विदेशी वकीलों को भारत में प्रैक्टिस की अनुमति ! क्या न्यायपालिका में घुसपैठ का षड्यंत्र है ?

भारत में विदेशी वकीलों की बहुत जल्द बाढ़ आने वाली है। एक बड़े फैसले में विदेशी वकीलों को इंटरनेशनल लॉ और आर्बिट्रेशन के मामले में भारत में प्रैक्टिस की इजाजत दी गई है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने इसके लिए नियम भी तय कर दिए हैं। फिलहाल विदेशी वकीलों और फर्म को इंटरनेशनल लॉ व विदेशी कानून के बारे में कानूनी सलाह की इजाजत दी गई है।

मगर इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है। वकालत के पेशे से जुड़े हुए लाखों अधिवक्ता इसका विरोध कर रहे हैं। इस पेशे से जुड़े लोगों को आशंका है कि कहीं यह बैकडोर एंट्री तो नहीं है। वकील इसका विरोध 1999 व वर्ष 2000 में काफी विरोध भी कर चुके हैं। देश भर के वकीलों ने विरोध किया था और सरकार ने इस मामले में अपने कदम वापस ले लिए थे।

वकालत करने की ये अनुमति आदान प्रदान के बेसिस पर होगा, यानी भारतीय वकील को अगर विदेश में इंटरनेशनल लॉ और विदेशी लॉ के मामले में जितनी इजाजत होगी उतनी ही इजाजत विदेशी वकील को यहां होगी। हालांकि विदेशी वकीलों का बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन भी होगा। इसी बाद से भारतीय वकील घुसपैठ की आशंका जता रहे हैं।

विदेशी वकीलों के लिए मुख्य रूप से तीन एरिया होगा जिसे प्रैक्टिस के लिए खोला गया है जिनमें विदेशी कानून, आर्बिट्रेशन और इंटरनेशनल लॉ के मुद्दे शामिल हैं। बार काउंसिल ऑफ इंडिया रूल्स फॉर रजिस्ट्रेशन एंड रेग्युलेशन ऑफ फॉरेन लॉयर्स एंड फॉरेन लॉ फर्म इन इंडिया 2022 के तहत नोटिफिकेशन जारी किया गया है।

इसके तहत लीगल सलाह की इजाजत होगी। इस नियम से भारत को इंटरनेशनल कमर्शियल आर्बिट्रेशन हब बनाने में मदद मिलेगी। लेकिन इस मामले में बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के वाइस चेयरमैन का कहना है कि यह एक तरह से बैक डोर एंट्री है। इससे रोजगार और न्यायतंत्र दोनों पप्रभावित होगा।

14 March 2023

सऊदी अरब का इस्लाम में मज़हबी सुधार हिंदुस्थान में क्यों नहीं ? मस्जिदों में लाउडस्पीकर इफ्तार पर पाबंदी बच्चों के जाने पर रोक

इस्लामिक देश सऊदी अरब में लगातार मजहबी सुधार हो रहा है। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान मजहबी और वहाबी कट्टरता को रोकने के लिए पिछले दिनों भी कई अहम फैसले लिए हैं।

सऊदी अरब में 22 मार्च 2023 से शुरू हो रहे रमजान को लेकर प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कई पाबंदियां लग दी है। जारी की गई नई गाइडलाइन्स के अनुसार, मस्जिदों में लाउडस्पीकर बजाने के साथ-साथ इफ्तार पार्टी पर भी रोक लगा दी गई है। साथ हीं बिना आईडी के ऐतिकाफ के लिए बैठने और नमाज के प्रसारण पर भी रोक लगा दी गई है। इस फैसले को कई इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन विरोध कर रहे हैं, वहीँ उदारवादी मुस्लिम इसे इस्लामिक सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक फैसला बता रहे हैं

सऊदी अरब के इस्लामी मामलों के मंत्री शेख डॉक्टर अब्दुल लतीफ बिन अब्दुलअजीज अल-अलशेख की तरफ से  दिए गए हैं। इसके लिए उन्होंने लिस्ट जारी की है। मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि इमाम और मोअज्जिन रमजान के दौरान गैर-हाजिर नहीं रहेंगे। किसी आपात स्थिति में इमाम और मोअज्जिन अपनी जगह किसी और को नियुक्त करके ही जाएं।

इमाम और मोअज्जिन को शाम की नमाज़ को छोटा रखने और रात की नमाज़ को पर्याप्त समय के साथ पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, लोगों से कहा गया है कि वे अपने बच्चों को लेकर मस्जिद न आएं। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि बच्चे लोगों को परेशान करते हैं और इससे लोगों की इबादत में खलल पड़ता है।

आदेश के अनुसार, नमाज के दौरान मस्जिद में लाउडस्पीकर के अलावा फोटोग्राफी और प्रसारण पर भी रोक लगाई गई है। मस्जिद में इफ्तार की भी इजाजत नहीं है। इसलिए इफ्तार के लिए चंदा जुटाने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। यदि कोई व्यक्तिगत रूप से रोजेदार को इफ्तार कराना चाहता है तो वह इमाम की इजाजत लेकर मस्जिद के परिसर में करा सकता है, लेकिन इसकी साफ-सफाई का भी इंतजाम खुद करना होगा।

रमजान के आखिरी 10 दिनों में एतिकाफके लिए भी कड़े नियम बनाए गए हैं। इतिकाफ के लिए मस्जिद के इमाम से इजाजत लेनी होगी। मस्जिद का इमाम ही उन्हें सत्यापित करेगा। ऐसे में भारत के अन्दर भी अब लोग पूछ रहे हैं कि सऊदी अरब का इस्लाम में मज़हबी सुधार हिंदुस्थान में भी क्यों न लागू किया जाय ?

 

मिशनरी स्कूल में छात्राओं के यौन उत्पीड़न और धर्मांतरण सैकड़ों बच्चियों का यौन अपराधी मध्य प्रदेश के पादरी को फांसी दो

देश में लगातार मिशनरी स्कूलों में यौन उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ती जा रही है। आए दिन किसी न किसी पादरी का यौन का मामला सामने आ जाता है। ऐसा हीं एक वाक्या मध्य प्रदेश के डिंडोरी के मिशनरी स्कूल से आया है। घटना के तुरंत बाद एसपी संजय सिंह का तबादला कर दिया गया है। मिशनरी स्कूल में लड़कियों के साथ छेड़-छाड़ लंबे समय से पादरी कर रहा था।

डिंडौरी के समनापुर थाना क्षेत्र के जुनवानी गाँव में रोमन कैथोलिक समुदाय के एक स्कूल की 8 छात्राओं ने स्कूल के प्रिंसिपल, गेस्ट टीचर समेत कई लोगों पर छेड़छाड़ व अश्लीलता का आरोप लगाया है। स्कूल जबलपुर डायोकेसन एजुकेशन सोसाइटी (जेडीईएस) द्वारा चलाया जाता है। जब मामला सामने आया तो चारों तरफ हडकंप मच गया।

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले पर संज्ञान लेते हुए नाराजगी जताई जिसके बाद आनन-फानन में अधिकारी जाँच में जुट गए। स्थनीय मीडिया के अनुसार जुनवानी स्कूल की पीड़ित छात्राओं को डिंडौरी वन स्टॉप सेंटर में रखा गया है।

मामला तुल पकड़ा तो राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने घटना स्थल की जाँच करने पहुंचेजाँच के दौरान रोमन कैथलिक संस्था में कई बड़े अनियमितता पाई गई। कानूनगों के अनुसार संस्था द्वारा धर्म परिवर्तन कराए जाने के सबूत भी मिले हैं। कानूनगो ने बताया कि जिस संस्था में बच्चियों का यौन शोषण हुआ उसको सरकार से फंडिंग मिल रही थी। एक ही परिसर में 4 अलग छात्रावासों के नाम पर सरकारी पैसा लिया जा रहा था। साथ में बच्चों से भी फीस ली जा रही थी।

इतना हीं नहीं संस्था में बपतिस्मा करने व धर्मांतरण के प्रमाण भी मिले हैं। इसके अलावे हॉस्टल मानक के अनुरूप नहीं चल रहे थे।

इस स्कूल की 8 छात्राओं ने छेड़छाड़, अश्लील  हरकतें करने, यौन शोषण जैसे कई गंभीर आरोप लगाया है। छात्राओं के अनुसार यह हरकत पादरी और अन्य स्टाफ अकेले में अपने कमरों में बुला कर करते थे। आरोपितों ने क्लास 1 और क्लास 2 में भी पढ़ने वाली बच्चों को भी नहीं छोड़ा। इसे में देश ये मांग कर रहा है कि सैकड़ों बच्चियों का यौन अपराधी मध्य प्रदेश के पादरी को फांसी दी जाय

कुरान में ग़ैर-मुस्लिम/काफ़िर को दण्ड सूरा आयत के साथ

 

फिर, जब पवित्र महीने बीत जाऐं, तो मुशरिकों (मूर्तिपूजकों) को जहां-कहीं पाओ कत्ल करो, और पकड़ो और उन्हें घेरो और हर घात की जगह उनकी ताक में बैठो। (कुरान मजीद, सूरा 9, आयत 5)

 

जिन लोगों ने हमारी आयतोंसे का इन्कार किया (इस्लाम व कुरान को मानने से इन्कार), उन्हें हम जल्द अग्नि में झोंक देंगे। (कुरान सूरा 4, आयत 56)

 

काफिरों को जहां पाओ उनको जान से मार दो (सूरा 2, आयत 191)

 

ईमान वालों, अपने आस-पास रहने वाले काफिरों के साथ युद्ध करो। उनको तुम्हारे अन्दर कटुता दिखनी चाहिए। (सूरा 9, आयत 123)

 

अल्लाह ग़ैर-मुसलमानों का दुश्मन है। (सूरा 2, आयत 98)

 

इस्लाम को न मानने वालों का दिल अल्लाह भर देगा और ग़ैर-मुसलमानों की गर्दन काट कर, तुम्हें उनका शरीर काट देना है। (सूरा 8, आयत 12)

 

सिर्फ मुसलमानों को अपना करीबी दोस्त बनाएं। (सूरा 3, आयत 118)

गैर-मुस्लिम को दोस्त न बनाएं। (सूरा 3, आयत 28 व सूरा 9, आयत 23)

 

गैर-मुसलमानों से तब तक लड़ें जब तक अल्लाह का धर्म पूरी तरह से दुनिया में स्थापित न हो जाए। (सूरा 8, आयत 39)

 

मूर्ति पूजा करने वालों को जहां कहीं भी मिले, घात लगाकर उन्हें मार डालो। (सूरा 9, आयत 5)

 

जहां कहीं पाखंडी और मूर्तिपूजक पकड़े जाते हैं, उनकी बुरी तरह से हत्या कर दी जाएगी। (सूरा 33, आयत 61)

 

अल्लाह के सिवा किसी और की इबादत करने वाले नर्क के ईंधन हैं। (सूरा 21, आयत 98)

 

काफ़िर आपके खुले दुश्मन हैं। (सूरा 4, आयत 101)

 

काफिरों पर ज़ुल्म करो। (सूरा 9, आयत 123)

 

काफिरों को नीचा दिखाएं और उनसे लड़ें। (सूरा 9, आयत 29)

 

काफिरों के खिलाफ जिहाद करो। (सूरा 66, आयत 9)

 

लूट का सारा माल (लड़कियां व महिलाओं सहित) हलाल है। गैर मुसलमानों के लड़कियां और महिलाओं को गुलाम बना के बलात्कार करना जायज है) (सूरा 8, आयत 69)

 

अल्लाह ईमान वालों के द्वारा काफ़िरों को सताएगा। (सूरा 9, आयत 14)

 

काफ़िर युद्ध बंदियों को सताओ। (सूरा 8, आयत 57)

 

इस्लाम छोड़ने वालों से बदला लो। (सूरा 32, आयत 22)

 

काफिर के नाम पर हमला

मध्य प्रदेश में हिंदू बने मुस्लिम शख्स पर दबाव-  'काफिरों में क्यों गए, फिर से इस्लाम अपनाओ' (जून 25, 2022)

पाकिस्तान में शिया समुदाय को काफिर कहकर बेरहमी से मार देते हैं सुन्नी मुसलमान,-(मार्च 9, 2022)

लोग दयालु हैं', यह सोचकर दुनिया घूमने निकले अमेरिकी दंपति को काफिर बताकर IS ने मारा (अगस्त 19, 2018)

ज्ञानवापी केस में सिविल जज रवि दिवाकर को धमकी भरी चिट्ठी, बुतपरस्त काफिर बताकर दी गई थी धमकी (जून 7, 2022)

काफिर की रूह को नहीं मिलती शांति, जहन्नुम में जाएगा जिनके लिए रामभक्तों पर गोली चलवा कर मुल्लाबने मुलायम, वही जिहादियों ने निधन पर मनाया था जश्न (अक्टूबर 10, 2022)

काफिर अब तेरी गर्दन उतारी जाएगी नूपुर शर्मा का समर्थन करने पर शिवसेना नेता को मिली थी जान से मारने की धमकी (18 अगस्त, 2022)

बीजेपी को वोट दिया तो मुस्लिम युवक को काफिर बताकर मस्जिद से भगाया, घर पर किया हमला (अप्रैल 20, 2022)

मुझे काफिर कहते थे, इसलिए अब्बू को मार डाला’, आगरा में मुबीन ने अपने अब्बू की ली जान, काफिर बोल करता था मारपीट (जून 1, 2016)

महिलाओं के प्रति कुरान का दृष्टिकोण

कुरान- सूरा 22, आयत 178

ऐ ईमान वालों ! जो लोग मारे जावें, उनमें तुमको (जान के) बदले जान का हुक्मदिया जाता है, आजाद के बदले आजाद और गुलाम के बदले गुलाम, औरत के बदले औरत इसमें हमारा एतराज इस अंश पर है की औरत के बदले औरतपर जुल्म किया जावे


कुरान- आयत 4, सूरा 24

ऐसी औरतें जिनका खाविन्द ज़िंदा है उनको लेना भी हराम है मगर जो कैद होकर तुम्हारे हाथ लगी हों उनके लिए तुमको खुदा का हुक्म है। जिन औरतों से तुमने मजा उठाया हो तो उनसे जो ठहराया उनके हवाले करो। ठहराए पीछे आपस में राजी होकर जो और ठहरा लो तो तुम पर इसमें कुछ उर्ज नहीं।

 

कुरान- सूरा  2, आयत 223

तुम्हारी बीबियां तुम्हारी खेती हैं। अपनी खेती में जिस तरह चाहो (उस तरह) जाओ। यह अल्लाह का हुक्म है।

कुरान में जन्नत और हूरें सूरा आयात के साथ

 

सूरा 2, आयात 24

 (हे नबी!) उन लोगों को शुभ सूचना दो, जो ईमान लाये और सदाचार करे कि उनके लिए ऐसे जन्नत हैं, जिनमें नहरें बह रही होंगी। जब उनका कोई भी फल उन्हें दिया जायेगा, तो कहेंगे- ये तो वही है, जो इससे पहले हमें दिया गया और उन्हें समरूप फल दिए जायेंगे तथा उनके लिए उनमें निर्मल पत्नियां होंगी और वे उनमें सदावासी होंगे।


कुरान में जन्नत और हूरें

सूरा 3, आयात 15


(हे नबी!) कह दो, क्या मैं तुम्हें इससे उत्तम चीज़ बता दूं ? उनके पालनहार के पास ऐसे स्वर्ग हैं, जिनमें नहरें बह रही हैं। वे उनमें सदावासी होंगे और निर्मल पत्नियां होंगी तथा अल्लाह की प्रसन्नता प्राप्त होगी और अल्लाह अपने इमान वालों को देख रहा है।


कुरान में जन्नत और हूरें

सूरा 3, आयात 136

उन्हीं का बदला उनके पालनहार की क्षमा तथा ऐसे स्वर्ग हैं, जिनमें नहरें परवाहित हैं, जिनमें वे सदावासी होंगे। तो क्या ही अच्छा है सत्कर्मियों का ये प्रतिफल!

 

कुरान में जन्नत और हूरें

                                  सूरा 3 आयात 95


तो उनके पालनहार ने उनकी (प्रार्थना) सुन ली, (तथा कहा किः) निःसंदेह मैं किसी कार्यकर्ता के कार्य को व्यर्थ नहीं करता[, नर हो अथवा नारी। तो जिन्होंने हिजरत (प्रस्थान) की, अपने घरों से निकाले गये, मेरी राह में सताये गये और युध्द किया तथा मारे गये, तो हम अवश्य उनके दोषों को क्षमा कर देंगे तथा उन्हें ऐसे स्वर्गों में प्रवेश देंगे, जिनमें नहरें बह रही हैं। ये अल्लाह के पास से उनका प्रतिफल होगा और अल्लाह ही के पास अच्छा प्रतिफल है।  

 

कुरान में जन्नत और हूरें

 सूरा, 3 आयात 98

परन्तु जो अपने पालनहार से डरे, तो उनके लिए ऐसे स्वर्ग हैं, जिनमें नहरें प्रवाहित हैं। उनमें वे आनंदित होंगे। ये अल्लाह के पास से अतिथि सत्कार होगा तथा जो अल्लाह के पास है, नेकों के लिए उत्तम है।  

 

कुरान में जन्नत और हूरें

                          सूरा, 4 आयत 13

ये अल्लाह की निर्धारित सीमायें हैं और जो अल्लाह तथा उसके रसूल का आज्ञाकारी रहेगा, तो वह उसे ऐसे स्वर्गों में प्रवेश देगा, जिनमें नहरें प्रवाहित होंगी। उनमें वे सदावासी होंगे तथा यही बड़ी मिलेगी। 

 

 

                                                                    कुरान में जन्नत और हूरें

सूरा 4 आयात 57


जो लोग ईमान लाये तथा सदाचार किये, हम उन्हें ऐसे स्वर्गों में प्रवेश देंगे, जिनमें नहरें प्रवाहित हैं। जिनमें वे सदावासी होंगे, उनके लिए उनमें निर्मल पत्नियाँ होंगी और हम उन्हें घनी छाँवों में रखेंगे। 

 

कुरान में जन्नत और हूरें

                                   सूरा, 4 आयत 122


जो लोग ईमान लाएं और नेक कार्य किये, हम उन्हें ऐसे जन्नत में प्रवेश देंगे, जिनमें नहरें प्रवाहित होंगी। वे उनमें आनंद उठाएंगे। ये अल्लाह का कथन है और अल्लाह से अधिक सही कथन किसका हो सकता है ? 


इस्लाम, जन्नत और हूरें

हूर या हूरी इस्लाम में ऐसी मान्यता है कि यदि खुदा की खिदमत में अपनी जिंदगी लगा दी जाये और उसी के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी जाये तो जन्नत नसीब होती है।

इस्लाम के अनुसार जन्नत वह स्थान है जहां मानव जीवन के रूप में होने वाले सभी कष्ट खत्म हो जाते हैं। हूर एक अत्यधिक सुंदर युवा स्त्री होती है जिसका शरीर पारदर्शी होता है।

हदीस तिरमिज़ी खंड-2 पृ. संख्या 35-40 में दिए गए हूरों के सौंदर्य के वर्णन में कहा गया है कि हूर एक अत्यधिक सुंदर युवा स्त्री होती है जिसका शरीर पारदर्शी होता है।

उसका रंग सफेद है, और साधारण स्त्रियों की तरह शारीरिक कमियों जैसे मासिक धर्म, रजोनिवृत्ति, मल व मूत्रा विसर्जन, गर्भधारण इत्यादि संबंधित विकारों से मुक्त होती है।

प्रत्येक हूर किशोर वय की कन्या होती है। हूरें भव्य परिसरों वाले महलों में रहतीं हैं।

हूर यदि 'जन्नत' में अपने आवास से पृथ्वी की ओर देखे तो सारा मार्ग सुगंधित और प्रकाशित हो जाता है।

इस्लाम के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति जो 'जन्नत' में जाता है, उसको 72 हूरें दी जाएंगी।

जब वह 'जन्नत' में प्रवेश करता है, मरते समय उसकी उम्र कुछ भी हो, वहां तीस वर्ष का युवक हो जाएगा और उसकी आयु आगे नहीं बढ़ेगी।

हदीस तिरमिज़ी खंड-2 पृ.138 के अनुसार ''जन्नत में एक पुरुष को एक सौ पुरुषों के बराबर कामशक्ति दी जाएगी'' l


इस्लामिक देशों की स्थिति

दुनिया में मुसलमानों की बहुलता वाले किसी भी देश में अल्पसंख्यकों को धार्मिक स्वतंत्रता हासिल नहीं है

सऊदी अरब ने तो मक्का और मदीना शहर में ही ग़ैर मुसलमानों के प्रवेश पर पाबंदी लगा रखी है

 

मुस्लिम बहुल अधिकांश देश सऊदी अरब, कुवैत, जॉर्डन और संयुक्त अरब अमीरात की तरह किसी सुल्तान की सल्तनत हैं

 

ईरान जैसे कई देश कट्टरपंथियों की गिरफ़्त में हैं

 

मिस्र और सीरिया जैसे देश अलग तरह के तानाशाहों के तहत आते हैं

 

तुर्की, मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे देश लोकतंत्र, तानाशाही और धार्मिकता के बीच उहापोह से गुज़र रहे हैं

दुनिया में इस समय करीब 57 देश हैं जहां इस्लाम को मानने वाले बहुसंख्यक हैं

इन देशों में करीब 200 करोड़ मुसलमान रहते हैं, इनमें से बहुत कम देश ऐसे हैं जहां लोकतंत्र है

दुनिया में ऐसा कोई मुस्लिम देश नहीं है जो पूरी तरह से लोकतांत्रिक है

सऊदी अरब में आज भी अदालतें शरिया कानून के हिसाब से फैसले सुनाती हैं

सऊदी अरब में तो सिर कलम करके सज़ा दिए जाने का भी प्रावधान है

म्यांमार और थाईलैंड जैसे देशों में मुसलमान वहां बौद्ध धर्म को मानने वालों से लड़ रहे हैं

बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों में हिंदुओं का विरोध किया जा रहा है

फिलीस्तीन में मुसलमानों की जंग यहूदियों से हो रही है

दुनिया में कई जगहों पर मुसलमान ही मुसलमानों का खून बहा रहे हैं और ये सब जेहाद के नाम पर किया जा रहा है

ज्यादातर इस्लामिक देशों में कट्टरपंथ का विरोध करने वालों को या तो मौत की सजा दे दी जाती है

कई देशों में जीवन भर के लिए जेल में डाल दिया जाता है

कब कब , कहां-कहां हुआ महापुरुषों की मूर्तियों पर हमला ?

15 फ़रवरी 2023 को अमेरिका में कैलिफोर्निया के सैन जोस शहर के एक पार्क से छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति चोरी हो गई।

यह मूर्ति मशहूर कबाड़खाने में मिली।

यह उत्तरी अमेरिका में मराठा शासक की एकमात्र प्रतिमा थी।

 

वर्ष 2020 में मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा के सौंसर कस्बे में लगी शिवाजी महाराज की प्रतिमा को जिहादियों के दबाव में हटाया गया

 

23 जुलाई 2022 को मध्यप्रदेश में चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया गया।

 

17 सितंबर 2022 को शिवपुरी में वीरांगना झलकारी बाई की प्रतिमा को अराजक तत्वों ने तोड़ दिया

 

जून 2020 में रोहतक के चमारिया गांव में सरकारी स्कूल में लगी भगत सिंह की प्रतिमा को कुछ असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिया  

 

17 अगस्त 2016 को हरिद्वार में शहीद भगत सिंह पार्क में स्थापित की गई भगत सिंह की प्रतिमा को शरारती तत्वों ने खंडित कर दिया

 

14 जुलाई 2022 को अंबाला के हरयौली गांव में महाराणा प्रताप जी की प्रतिमा को शरारती तत्वों खंडित कर दिया

 

5 जुलाई 2019 को राजस्थान के बांसवाड़ा में महाराणा प्रताप जी की मूर्ति तोड़ दी गई

 

3 मई 2018 को कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा शहर के नारकेलडंगा इलाके में तोड़ दी गई।

 

23 जुलाई 2022 को झाबुआ जिले में चंद्रशेखर आज़ाद की मूर्ति तोड़ी दी गई। 

पैगंबर मोहम्मद का जन्म

पैगंबर मोहम्मद का जन्म अरब के रेगिस्तान के शहर मक्का में 570 ईस्वी में हुआ था

 

पैगंबर मोहम्मद के जन्म से पहले ही उनके पिता का निधन हो चुका था

 

पैगंबर का विश्वास था कि अल्लाह ने उन्हें अपना संदेशवाहक चुना है

 

इसलिए वह दूसरों को भी अल्लाह का संदेश देने लगे

 

613 इस्वी के आसपास हजरत मुहम्मद साहब ने लोगों को अपने ज्ञान का उपदेशा देना आरंभ किया था।

 

इसी घटना को इस्लाम का आरंभ के रूप में जाना जाता है।

 

सन् 632 में हजरत मुहम्मद साहब का देहांत हो गया