दुनिया में मुसलमानों की बहुलता वाले किसी भी देश में अल्पसंख्यकों को धार्मिक स्वतंत्रता हासिल नहीं है
सऊदी अरब ने तो मक्का और मदीना शहर में ही
ग़ैर मुसलमानों के प्रवेश पर पाबंदी लगा रखी है
मुस्लिम बहुल अधिकांश देश सऊदी अरब, कुवैत, जॉर्डन और संयुक्त अरब अमीरात की तरह किसी सुल्तान की सल्तनत हैं
ईरान जैसे कई देश कट्टरपंथियों की गिरफ़्त में
हैं
मिस्र और सीरिया जैसे देश अलग तरह के
तानाशाहों के तहत आते हैं
तुर्की, मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे देश लोकतंत्र, तानाशाही और धार्मिकता के बीच उहापोह से गुज़र रहे हैं
दुनिया में इस समय करीब 57 देश हैं जहां इस्लाम को मानने वाले बहुसंख्यक हैं
इन
देशों में करीब 200 करोड़
मुसलमान रहते हैं, इनमें से बहुत कम देश ऐसे हैं जहां लोकतंत्र है
दुनिया में ऐसा कोई मुस्लिम देश नहीं है जो पूरी तरह से लोकतांत्रिक है
सऊदी अरब में आज भी अदालतें शरिया कानून के हिसाब से फैसले सुनाती हैं
सऊदी अरब में तो सिर कलम करके सज़ा दिए जाने का भी प्रावधान है
म्यांमार
और थाईलैंड जैसे देशों में मुसलमान वहां बौद्ध धर्म को मानने वालों से लड़ रहे हैं
बांग्लादेश
और पाकिस्तान जैसे देशों में हिंदुओं का विरोध किया जा रहा है
फिलीस्तीन
में मुसलमानों की जंग यहूदियों से हो रही है
दुनिया में कई जगहों पर मुसलमान ही मुसलमानों का खून बहा रहे हैं और ये सब जेहाद के नाम पर किया जा रहा है
ज्यादातर इस्लामिक देशों में कट्टरपंथ का विरोध करने वालों को या तो मौत की सजा दे दी जाती है
कई देशों में जीवन भर के लिए जेल में डाल दिया जाता है
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