14 March 2023

इस्लाम, जन्नत और हूरें

हूर या हूरी इस्लाम में ऐसी मान्यता है कि यदि खुदा की खिदमत में अपनी जिंदगी लगा दी जाये और उसी के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी जाये तो जन्नत नसीब होती है।

इस्लाम के अनुसार जन्नत वह स्थान है जहां मानव जीवन के रूप में होने वाले सभी कष्ट खत्म हो जाते हैं। हूर एक अत्यधिक सुंदर युवा स्त्री होती है जिसका शरीर पारदर्शी होता है।

हदीस तिरमिज़ी खंड-2 पृ. संख्या 35-40 में दिए गए हूरों के सौंदर्य के वर्णन में कहा गया है कि हूर एक अत्यधिक सुंदर युवा स्त्री होती है जिसका शरीर पारदर्शी होता है।

उसका रंग सफेद है, और साधारण स्त्रियों की तरह शारीरिक कमियों जैसे मासिक धर्म, रजोनिवृत्ति, मल व मूत्रा विसर्जन, गर्भधारण इत्यादि संबंधित विकारों से मुक्त होती है।

प्रत्येक हूर किशोर वय की कन्या होती है। हूरें भव्य परिसरों वाले महलों में रहतीं हैं।

हूर यदि 'जन्नत' में अपने आवास से पृथ्वी की ओर देखे तो सारा मार्ग सुगंधित और प्रकाशित हो जाता है।

इस्लाम के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति जो 'जन्नत' में जाता है, उसको 72 हूरें दी जाएंगी।

जब वह 'जन्नत' में प्रवेश करता है, मरते समय उसकी उम्र कुछ भी हो, वहां तीस वर्ष का युवक हो जाएगा और उसकी आयु आगे नहीं बढ़ेगी।

हदीस तिरमिज़ी खंड-2 पृ.138 के अनुसार ''जन्नत में एक पुरुष को एक सौ पुरुषों के बराबर कामशक्ति दी जाएगी'' l


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