कुरान- सूरा 22, आयत 178
ऐ ईमान वालों ! जो लोग मारे जावें, उनमें तुमको (जान के) बदले जान का
हुक्मदिया जाता है, आजाद के बदले आजाद और गुलाम के बदले गुलाम, औरत के बदले औरत । इसमें हमारा एतराज इस अंश पर है की “औरत के बदले औरत” पर जुल्म किया जावे ।
कुरान- आयत 4, सूरा 24
ऐसी औरतें जिनका खाविन्द ज़िंदा है उनको
लेना भी हराम है मगर जो कैद होकर तुम्हारे हाथ लगी हों उनके लिए तुमको खुदा का
हुक्म है। जिन औरतों से तुमने मजा उठाया हो तो उनसे जो ठहराया उनके हवाले करो।
ठहराए पीछे आपस में राजी होकर जो और ठहरा लो तो तुम पर इसमें कुछ उर्ज नहीं।
कुरान- सूरा 2, आयत 223
तुम्हारी बीबियां तुम्हारी खेती हैं। अपनी खेती में जिस तरह चाहो (उस तरह) जाओ। यह अल्लाह का हुक्म है।
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