25 January 2022

नासिक के दत्त मंदिर में जिहादियों का उपद्रव

नाशिक शहर के हॅपी होम कॉलनी के सात्विक नगर में यह मंदिर स्थित है, जहाँ पर मूर्तियों को जिहादियों ने तोड़ दिया है. ये नासिक का दत्त भगवान का मंदिर है. इस मंदिर में गणेश भगवान की मूर्ति विराजमान थी. कछुए की मूर्ति भी यहाँ पर थी जिसको तोड़कर खंडित कर दिया गया है. इस मंदिर को चारों दिशाओं से मुस्लिम समुदाय ने घेर लिया है और बीच में यह मंदिर है. इस घटना के बाद हिंदू समाज तुरंत जागृत हुआ लेकिन हिंदू समाज ने कोई आक्रमक कदम ना उठाते हुए शांति से और कानून का सन्मान करते हुए कार्रवाई की मांग की. मगर अबतक स्थानीय शासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. इस बात को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है.

नाशिक शहर के साधु समाज ने भी अपनी इसपर प्रतिक्रिया दी है, मगर संतों की प्रतिक्रिया का कोई ठोस असर नहीं हो रहा है. प्रत्येक गुरुवार को आरती का आयोजन यहाँ पर हो रहा है ताकी हिन्दू समाज को एकत्रित किया सके..मगर अबतक जिहादी पुलिस के पकड़ से बाहर हैं. पुलिस सभी तरह की गतिविधियों पर नजर रख रही है, मगर जिहादियों कि गिरफ़्तारी से बच रही है.

पूरे इलाके में लगातार तनाव का माहौल बना हुआ है. कोई अप्रिय घटना ना घटे इसके लिए पुलिस अपनी तरफ से सावधानी बरत रही है. पुलिस के द्वारा कार्रवाई नहीं होने से लोग पुलिस की कार्य प्रक्रिया पर सवाल खड़ा कर रहे हैं.

ऐसे में स्थानीय हिन्दू कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी जी से कार्रवाई के आदेश देने की मांग की है. साथ हीं कई अनेक हिंदुत्ववादी संगठन नाशिक शहर मे एकत्रित होकर एक बड़ा आदोलन खड़ा करने की जुगत में लगे हुए हैं. ऐसे में अब देखना ये होगा कि कबतक ऐसे जिहादी तत्वों पर ठोस कार्रवाई कब होती है. सुदर्शन न्यूज़ इस पूरे घटनाक्रम पर लगातार नज़र बनाए हुए है. 

संभाजीनगर के रतनापुर में शिवमंदिर में मजार जिहाद- लैंड जिहाद

महाराष्ट्र में लैंड जिहाद और मजार जिहाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. संभाजीनगर में 900 वर्ष पुराने ऐतिहासिक प्राचीन हिंदुओं के आराध्य देव महादेव के विराट शिवलिंग पर जिहादियों का अब कब्ज़ा हो गया है. भव्य और विराट शिवलिंग को मजार जिहादियों ने कैद कर लिया है. 900 वर्ष पुराने ऐतिहासिक महादेव के मंदिर को तो मुग़ल आक्रान्ता औरंगजेब ने तुड़वा दिया था. मगर फिर भी हिन्दुओं ने यहाँ पर अपना पूजा-पाठ करना जारी रखा. अब जिहादियों ने दरगाह के नाम पर मंदिर की भूमि को कब्ज़ा कर लिया है. मंदिर के अंदर इस विराट शिवलिंग के अस्तित्व को छुपाने के लिए चारों और बड़ी-बड़ी दीवारें बना दी गई है. इस स्थान का नाम शेख शाह जलालुद्दीन का दरगाह रख दिया गया है. 

900 वर्ष पुराने ऐतिहासिक महादेव के मंदिर को तो मुग़ल आक्रान्ता औरंगजेब ने तुड़वा दिया था. मगर फिर भी हिन्दुओं ने यहाँ पर अपना पूजा-पाठ करना जारी रखा. अब जिहादियों ने दरगाह के नाम पर मंदिर की भूमि को कब्ज़ा कर लिया है. मंदिर के अंदर इस विराट शिवलिंग के अस्तित्व को छुपाने के लिए चारों और बड़ी-बड़ी दीवारें बना दी गई है. इस स्थान का नाम शेख शाह जलालुद्दीन का दरगाह रख दिया गया है.

महाराष्ट्र के संभाजीनगर के रत्नापुर गांव का ये शिव मंदिर है. इस विराट महादेव मंदिर का ऐतिहासिक प्रमाण पुरातत्व विभाग के पास मौजूद है. मगर मुसलमानों के दबदबा और भारी आबादी होने के कारण किसी ने आवाज़ नहीं उठाई. यही कारण है कि जिहादियों न धीरे-धीरे करके पूरी जगह पर अतिक्रमण किया बल्की शिवलिंग के स्थान पर हीं मजार बना दिया.

अब अतिक्रमण की जगह पर दरगाह समिति भी बना दी गई है. कमेटी बनाकर इसे कानूनी अमली जामा पहनाने की कोशिशें तेज़ कर दी गई है. इस विराट शिवलिंग के पास ही एक बोर्ड लगा हुआ है कि जूते चप्पल यहां उतारे जाए..उसके बाद दरगाह में प्रवेश करें, जिसके चलते दरगाह में जाने वाले मुसलमान अपने जूते चप्पल शिवलिंग के पास उतारते हैं, जिससे भगवन शिव का घोर अपमान हर रोज़ हो रहा है. भगवान शिव जी के इस पवित्र मंदिर परिसर को दरगाह के साथ-साथ अंदर कब्रिस्तान भी बना दिया गया है जहाँ पर मुसलमान आए मुर्दे गाड़ कर चले जाते हैं.

इस परिसर में एक तालाब है जिसे परियों का तालाब का नाम दिया है, इसे लेकर दरगाह कमेटी की तरफ से यहां पर अंधविश्वास फैलाया जा रहा है. लोगों को भ्रमित करने का कार्य यहाँ पर हो रहा है. इस तालाब में निर्वस्त्र होकर स्नान करने से भूत भागता है ढोंग मौलवी कर रहे हैं और महिलाओं के इज्ज़त और आबरू को तार-तार कर रहे हैं. परिसर में एक पेड़ है जिसे मौलवियों ने आसे का पेड़ का नाम दिया है दरगाह में आकर बकरे की बलि देकर पेड़ के फल खाने से नामर्द की बीमारी दूर करने का झूठा दुष्प्रचार कर मौलवी लोगों को ठग रहे हैं.

शुक्रवार को बड़ी संख्या मे जिहादी यहां आकर शिव जी के विराट शिवलिंग के आस-पास बैठकर मांसाहार खाते हैं और शिवलिंग को अपवित्र कर हिन्दू भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं. इस परिसर में शिव जी के विराट मंदिर निर्माण को लेकर कई बार हिंदुओं ने आंदोलन किया लेकिन मुस्लिमों की संख्या यहां ज्यादा होने की वजह से हिंदू ज्यदा कुछ कर नहीं पाए.

जिहादियों द्वारा किए गए महादेव के विराट शिवलिंग परिसर में अतिक्रमण को लेकर जब सुदर्शन न्यूज़ की टीम शिव मंदिर के परिसर मे पहुंची तो वहां बनी इस अवैध दरगाह के नाजायज कमेटी के लोगों ने सुदर्शन न्यूज़ की टीम को डराने की कोशिश की मगर फिर भी सुदर्शन न्यूज़ की टीम इन जिहादियों के आगे बिना डरे, बिना झुके इस षड्यंत्र का पर्दाफाश किया.

दिल्ली में नसरूल ने 3 साल कि हिंदू नाबालिग बच्ची के साथ किया बलात्कार

देश की राजधानी दिल्ली में दिन दहाड़े जिहादियों ने हिन्दू युवक की गोली मार कर हत्या कर दी. हत्यारा मोहम्मद इरफ़ान अपने एक गुर्गे के साथ हीरा गुजराती नामक हिंदू की हत्या कर दी थी. हीरा सुल्तानपुरी में अपने परिवार के साथ रहते थे. इरफान लंबे समय से हीरा की बहन को परेशान कर रहा था. इस कारण हीरा और इरफान के बीच कई बार बहस हुई थी. मामला पुलिस तक पहुंचा था, लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. इस कारण इरफान का दुस्साहस बढ़ता गया और एक दिन उसने हीरा की बहन के साथ इरफ़ान ने बलात्कार किया.

इसके बाद हीरा ने पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसी आधार पर इरफान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. जेल जाते-जाते इरफान ने हीरा को धमकी दी थी कि जेल से निकलने के बाद वह उसकी हत्या कर देगा.. और उसने ऐसा ही किया.

कुछ दिन पहले ही जमानत पर इरफान जेल से बाहर आया और भरे बाजार में हीरा को गोली मार दी. हीरा की पत्नी का आरोप है कि इरफान को आम आदमी पार्टी के एक विधायक का समर्थन प्राप्त है. इस कारण वह मुहल्ले में दादागिरी करता है और जब चाहे किसी भी हिंदू लड़की के साथ गलत व्यवहार करता है.

हाल के दिनों में दिल्ली में ऐसी अनेक घटनाएं हुई हैं. इससे पहले मंगोलपुरी, बसई दारापुर, नारायणा, विकासपुरी, रघुबीर नगर, आदर्श नगर, जहांगीरपुरी आदि जगहों पर हिंदुओं की हत्या हो चुकी है. ये सारे हत्यारे मुसलमान हैं. इसलिए सुदर्शन न्यूज़ की मांग है कि हीरा के हत्यारों को फांसी दी जाय.

हीरालाल के हत्यारों को फांसी दो- रेपिस्ट इरफान ने पैरोल से छुटकर मारी गोली

देश की राजधानी दिल्ली में दिन दहाड़े जिहादियों ने हिन्दू युवक की गोली मार कर हत्या कर दी. हत्यारा मोहम्मद इरफ़ान अपने एक गुर्गे के साथ हीरा गुजराती नामक हिंदू की हत्या कर दी थी. हीरा सुल्तानपुरी में अपने परिवार के साथ रहते थे. इरफान लंबे समय से हीरा की बहन को परेशान कर रहा था. इस कारण हीरा और इरफान के बीच कई बार बहस हुई थी. मामला पुलिस तक पहुंचा था, लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. इस कारण इरफान का दुस्साहस बढ़ता गया और एक दिन उसने हीरा की बहन के साथ इरफ़ान ने बलात्कार किया.

इसके बाद हीरा ने पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसी आधार पर इरफान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. जेल जाते-जाते इरफान ने हीरा को धमकी दी थी कि जेल से निकलने के बाद वह उसकी हत्या कर देगा..और उसने ऐसा ही किया.

कुछ दिन पहले ही जमानत पर इरफान जेल से बाहर आया और भरे बाजार में हीरा को गोली मार दी. हीरा की पत्नी का आरोप है कि इरफान को आम आदमी पार्टी के एक विधायक का समर्थन प्राप्त है. इस कारण वह मुहल्ले में दादागिरी करता है और जब चाहे किसी भी हिंदू लड़की के साथ गलत व्यवहार करता है.

हाल के दिनों में दिल्ली में ऐसी अनेक घटनाएं हुई हैं. इससे पहले मंगोलपुरी, बसई दारापुर, नारायणा, विकासपुरी, रघुबीर नगर, आदर्श नगर, जहांगीरपुरी आदि जगहों पर हिंदुओं की हत्या हो चुकी है. ये सारे हत्यारे मुसलमान हैं. इसलिए सुदर्शन न्यूज़ की मांग है कि हीरा के हत्यारों को फांसी दी जाय.

दिल्ली दंगे की दर्दनाक दास्तां

देश की राजधानी दिल्ली में फ़रवरी 2020 में हुई दर्दनाक दंगा

सरकार को सौंपी गई एक रिपोर्ट ने दंगों को 'हिंदू विरोधी' बताया गया था

इसके पीछे राजनेताओं की भूमिका भी सामने आई थी

दिल्ली दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थीसैकड़ों लोग घायल हुए थे

घरों, दुकानों, धार्मिक स्थलों का सामान लूटकर वहां आग लगा दी गई थी

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने 20 इलाकों में अपना जायजा लिया था

विस्तृत फॉर्म में 50 पीड़ितों के बयान छापे गए थे

यमुना विहार, चांद बाग, ब्रिजपुरी और शिव विहार में हुए थे दंगे

बाहरी लोगों की भीड़ पेट्रोल बम, एसिड और डंडे लेकर आई थी

कइयों ने हिंदुओं के व्यवसायों और नर्सिंग होम को आग लगाए

ब्रिजपुरी की मस्जिद से मुसलमानों को सड़क पर आकर लड़ने के लिए घोषणाएं की गईं

मुस्तफ़ाबाद से आम आदमी पार्टी के विधायक हाजी यूनुस पर भी लगा था आरोप    

स्थानीय लोगों की जानकारी दंगाइयों के साथ बांटने का था आरोप

पार्षद ताहिर हुसैन ने भी अपने खाली पड़े माकान को दंगे के लिए इस्तेमाल किया 

शिव विहार के डीआरपी कॉनवेन्ट पब्लिक स्कूल में आग लगा दी गई

डीआरपी स्कूल के मालिक हिंदू थे

बृजपुरी में अरुण मॉडर्न स्कूल पर जिहादी भीड़ ने हमला किया था

दिल्ली दंगे के न्याय में हिन्दुओं के साथ अन्याय! पहली सजा हिन्दू को ?

उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे मामले में पहली सज़ा हुई है. दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिनेश यादव को 5 साल की सज़ा सुनाई है. दिनेश यादव पर हलके फुल्के आरोप थे.. गुनाह सिर्फ इतना था कि दंगे के दौरान किसी अनजान के घर में घुस गए थे बाद में पुलिस ने इनपर आगजनी करने के केस दर्ज कर लिया था. आपको यहां जानना जरुरी है कि इस दंगे में सबसे ज्यादा नुकसान हिन्दुओं को हुआ था. उनके घरों और दुकानों को जिहादियों द्वारा आग लगा दी गई थी.  

मगर यहां गौर करने वाली बात ये हैं की दिलबर नेगी के 6 मुस्लिम हत्यारोपियों को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा जमानत दो दिन पहले जमानत दे दी गई. दिल्ली हाईकोर्ट ने 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में जिहादी हिंसा के दौरान दिलबर नेगी की हत्या के मामले में छह लोगों को जमानत दे दी. आरोपियों के खिलाफ गोकुलपुरी थाने में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.

ऐसे में दिनेश यादव को हुई सजा से लोग दुखी और परेशान हैं. मोहम्मद ताहिर, शाहरुख, मोहम्मद फैजल, मोहम्मद शोएब, राशिद और परवेज को जमानत दे दी गई. मगर छोटे-मोटे आरोप में पीड़ित हिन्दू को मिली सजा से पूरे न्याय व्यवस्था पर एक बार फिर से सवाल खड़ा होने लगा है.

मोहम्मद ताहिर, शाहरुख, मोहम्मद फैजल, मोहम्मद शोएब, राशिद और परवेज ने मिठाई की दुकान में आगजनी, तोड़फोड़ और लूटपाट किये थे. इसी आगजनी में दिलबर नेगी की जलने से मौत हो गई थी. मगर ऐसे बीभत्स घटना में भी जमानत मिलना कई सवाल खड़े कर रहे हैं.

जिहादी दंगाईयों पर आरोप यहां तक था कि  दिलबर नेगी को दंगाइयों की भीड़ ने हाथ-पैर काटने के बाद आग में जला दिया था. नेगी घटना से छह महीने पहले ही वह अपने पैतृक राज्य उत्तराखंड से नौकरी की तलाश में दिल्ली आए थे. हिन्दुओं के साथ ऐसी कई सारी बर्बर घटनाएं दंगा के दौरान हुई. मगर फिर भी सजा हिन्दुओं को होता है..ये अपने आप दुखद और संदेहास्पद है.

18 January 2022

महाराष्ट्र के नागपुर में स्थित राम मंदिर को तोड़ना चाहते हैं जय भीम जय मीम वाले

महाराष्ट्र में जय भीम और जय मीम के झंडाबरदार अब भोले-भाले हिन्दुओं को बाँटने के लिए नई चाल चल रहे हैं. जगह-जगह हिन्दू समाज के भोले-भाले लोगों को जाति और हिन्दू धर्म के पंथों में बांट कर समाज को तोड़ने का कुंठित षड्यंत्र रच रहे हैं. हिंदू धर्म के अनुसार भगवान विष्णु के अवतार प्रभू श्रीराम और भगवान बुद्ध को बताया गया है. लेकिन फूट डालो और राज करो की नीति ने इन अवतारों को बांट कर अपनी राजनीतिक रोटी सेकना चाहते हैं. 


ऐसा ही एक मानला महाराष्ट्र के नागपूर शहर से सामने आया है. नागपुर के बोथली ग्रामपंचायत के बुटीबोरी एरिया में प्रभू श्री राम की प्रतिमा को स्थापित किया गया था. अब वहां पर मंदिर निर्माण भी हो चुका है. मगर जय भीम और जय मीम के चरमपंथियों ने इसे तोड़ने के लिए स्थानीय भोले-भाले हिन्दुओं को उकसा रहे हैं. मंदिर के संस्थापक और पुजारियों को बार-बार धमकियां दी जारी है.


इस मंदिर की स्थापना हिन्दू समाज के लोगों ने चंदा इकट्ठा करके अपने मेहनत और परिश्रम से निर्माण किया है. हिन्दू समाज में बढ़ते सनातन धर्म के प्रति इसी अगाढ़ प्रेम से विधर्मी घबराए हुए हैं. अपने आपको कुछ छद्म रुपी नव बौद्ध पिछले कुछ महीनों से इस मंदिर को तोड़कर बुद्ध और डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर का स्टॅच्यू बनाने पर अड़े हुए हैं.


भगवान बुद्ध और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का कोई अपमान ना करे, इसलिये हिंदू समाज भटके हुए लोगों को समझाने बुझाने का प्रयास कर रहा है. मगर इस सुलगते आग को दंगे में तब्दील करने के लिए असामाजिक तत्व लगातार माहौल को बिगाड़ने में जुटे हुए हैं. माहौल तनावपूर्ण है..लोगों में गुस्सा और आक्रोस बढ़ रहा है. ऐसे में समय रहते असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई नहीं की गई तो कानून व्यवस्था की स्थिति कभी भी बिगड़ सकती है.   

महाराष्ट्र के संभाजीनगर में पुलिस प्रशासन ने तोड़ दी शिवाजी महाराज की मूर्ति

महाराष्ट्र में दिन प्रतिदिन वीरों और महापुरुषों की अवहेलना बढ़ते जा रही है. छत्रपति शिवाजी जी महाराज की मूर्ति को संभाजीनगर में सरेआम पुलिस प्रशासन के द्वारा तोड़ा गया. हिंदवी स्वराज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज जी की मूर्ति को संभाजीनगर जिले के पेठन तालुके के गाड़ेगांव में तोड़ी गई है. जहां पर गांव के नागरिकों ने श्री छत्रपति शिवाजी महाराज जी की मूर्ति की स्थापना की थी. पुलिस अधिकारीयों ने आकर शिवाजी महाराज की मूर्ति को कटर से काटकर हटा दिया. छत्रपति शिवाजी महाराज जी की मूर्ति को कैसे अपमानजनक तरीके काटा जा रहा है इस वीडियो में आप साफ तौर पर देख सकते हैं.  

इस घटना के बाद से स्थानीय ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा है. बड़ी संख्या में गांव के लोग इसका घटना का विरोध कर रहे हैं. लोगों के विरोध को दबाने के लिए गांव भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है. पूरे गांव में इस वक्त तनाव का माहौल है. गांव के नागरिकों की मांग है कि दोषी पुलिस कर्मचारियों पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो स्थानीय लोग इसे लेकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेंगे.

हमारे संवाददाता ने घटनाक्रम का जायजा लिया और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से इस संबंध में बातचीत की. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि छत्रपति शिवाजी महाराज जी की मूर्ति को विराजमान करने की परमिशन पहले से नहीं थी, जिसके चलते छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति को यहां से हटाया गया है. पुलिस द्वारा मूर्ति स्थापित करने वाले लोगों के ऊपर FIR भी दर्ज की गई है. इसे भी लेकर लोगों में आक्रोश और गुस्से का माहौल है.

दिल्ली में अमानतुल्लाह खान से हिन्दू राजा का किला बचाओ

देश की राजधानी दिल्ली में एकबार फिर से जिहादियों ने तोमर वंश और हिन्दू राजाओं के इतिहासिक महल और किले को हड़पने का षड्यंत्र रचा है. लैंड जिहाद के जद में जकड़ी दिल्ली की प्राचीन इतिहासिक धरोहर अब मजार जिहाद और अवैध इस्लामिक दावे से भरी पड़ी है. इसी लैंड और मजार जिहाद की कड़ी में अब एक और नया नाम जुड़ गया है. फ़िरोज़ शाह कोटला स्थित हिन्दू राजा तोमर वंश का ये किला. 


दिल्ली से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने इस इतिहासिक किले को माजिद बता कर जबरन नमाज़ पढ़ रहा है और किसी भी प्रकार के विवाद होने पर देख लेने की बात कर रहा है. जब ये पूरा घटना क्रम सामने आया तो कई हिन्दू कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया...लोगों ने इस अवैध दावे पर आपत्ति जताया और मंगलवार के दिन यहां पर हनुमान चालीसा पढ़ने का खुला ऐलान कर दिया. 


हिन्दुओं के विरोध और हनुमान चालीसा पढ़ने के ऐलान के बाद ये मामला काफी तेज़ी से तुल पकड़ लिया. सुदर्शन न्यूज़ ने सबसे पहले इस घटना को प्रमुखता से उठाया...मामले की गंभीरता और लोगों के बढ़ते दबाव के बाद भरतीय पुरातत्व विभाग और दिल्ली पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया...पूरे किले की बेरिकेटिंग कर दी गई और कोई भी परिंदा पर ना मार सके. इसकी तत्काल व्यवस्था की गई. इस किले में कोई भी प्रवेश न कर सके इसपर रोक लगा दी गई है.


दिल्ली का इतिहास महाभारत काल से शुरू होता है, दिल्ली कितने ही साम्राज्यों के पतन और उत्थान की गवाह रही है. दिल्ली 7 बार वीरान हुई, तो 8 बार बसी भी. जिसमें से कई इतिहास के पन्नों में खो गए हैं. इन्हीं में तोमर राजवंश और राजा अनंगपाल का नाम भी शामिल है. अनंगपाल द्वितीय के शासनकाल के दौरान दिल्लीकापुरी यानी आज की दिल्ली इसकी राजधानी थी. इन्हीं के द्वारा इस किले, लाल कोट और 26 अन्य इमारतों का निर्माण करवाया गया था.


अनंगपाल द्वितीय को इंद्रप्रस्थ को आबाद करने और इसे अपना वर्तमान नाम दिल्ली देने का श्रेय दिया जाता है. अनंगपाल द्वितीय के शासन का जिक्र चंद्रबरदाई के लिखे पृथ्वीराज रासो में भी मिलता है. इसमें अनंगपाल को दिल्ली का संस्थापक बताया गया है. मगर अब अमानतुल्लाह खान जैसे लोग इसे कभी मजार तो कभी मस्जिद बता कर हिन्दू राजाओं के इस किले और धरोहरों को हड़पने की कोशिश हो रही है, जिसका सुदर्शन न्यूज़ पूरजोर विरोध करता है.

13 January 2022

ओडिशा सरकार की पुरी जगन्नाथ मंदिर पर टेढ़ी नज़र- सरकारी बाबुओं को दिया संपत्ति बेचने का अधिकार

ओडिशा सरकार ने एक बार फिर से हिन्दू मंदिरों की संपति को हड़पने वाला फैसला लिया है. ओडिशा कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए पुरी श्री जगन्नाथ मंदिर अधिनियम-1954 में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही सरकारी अधिकारियों को पुरी जगन्नाथ मंदिर संचालन कमेटी के अधीन की जमीन व अन्य अचल संपत्ति को बेचने या फिर लीज पर देने का अधिकार मिल गया है.

मुख्य सचिव सुरेश चंद्र महापात्र ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित वर्ष 2022 की कैबिनेट की पहली बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी हैं. मुख्य सचिव ने बताया कि श्रीजगन्नाथ मंदिर अधिनियम 1954 की धारा 16-2 के मुताबिक श्रीजगन्नाथ मंदिर की अचल संपत्ति को बेचने, लीज पर देने या फिर गिरवी रखते समय मालिकाना हक स्थानांतरण के लिए पहले सरकार से अनुमोदन की आवश्यकता रहती थी. मगर इस संसोधन के बाद अब ये सीधा अधिकार सरकारी अधिकारीयों के हाथ में आजायेगा जिसे वो बेच सकते हैं या फिर किसी को नीलाम कर सकते हैं.

कैबिनेट के इस निर्णय के बाद अब कोई बाध्यता नहीं रहेगी. मंदिर के कार्यकारी अध्यक्ष, मुख्य प्रशासक, मंदिर प्रशासक, उप प्रशासक आदि अधिकारी अब संबंधित संपत्ति को बेचने अथवा गिरवी रखने के बारे में निर्णय ले सकेंगे. इधर, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ओडिशा में मिशनरीज आफ चैरिटी द्वारा संचालित 13 संस्थानों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 78.76 लाख रुपये की मंजूरी दी है. इन संस्थानों में रहने वाला कोई भी सदस्य खाद्य सुरक्षा व स्वास्थ्य सेवा से वंचित न हो, इसके लिए 30 दिसंबर को मुख्यमंत्री ने जिलाधीशों को विशेष निर्देश दिया था. 

यह सहायता राशि आठ जिलों में संचालित मिशनरीज आफ चैरिटी द्वारा संचालित 13 संस्थानों के लिए स्वीकृत की गई है. एक के बाद एक लिए कई हिन्दू विरोधी ओड़िसा सरकार के फैसले पर लोग अब सवाल खड़ा कर रहे हैं. इस फैसले से हिन्दू संगठन नाराज हैं और कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं.

 

महाराष्ट्र में हर दिन 105 महिलाएं हो रहीं हैं लापता NCRB की रिपोर्ट

महिलाओं को लापता होने को लेकर महाराष्ट्र से एक चौकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र में हर दिन 105 महिलाएं लापता हो जाती हैं. महिलाओं के गायब होने की ये रिपोर्ट सामने आने के बाद से पुलिस महकमा और शासन प्रशासन में हडकंप मचा हुआ है. एनसीआरबी द्वारा जारी अपने हालिया रिपोर्ट में ये दावा किया गया है. इस समबन्ध में NCRB की और से एक विस्तृत आकड़ा पेश किया गया है. 

मगर अभी इस आकड़े पर कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है. कई सामाजिक हिंदू संगठनों के माध्यम से इसका कारण जब खोजा गया तो NCRB की रिपोर्ट में ये तथ्य सामने आया है. महारष्ट्र सहित देशभर में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद अब सवाल ये उठने लगा है कि आखिर इन हिंदू लड़कियों और महिलाओं का क्या हुआ ? आखिर कहाँ जा रहीं हैं ये महिलाएं और कौन कर रहा है इनको लापता ?

इसी खोजबीन की कड़ी में  नागपूर शहर मे 4 जनवरी को एक हिंदू लडकी शीतल शर्मा की मिसिंग रिपोर्ट दस की गई थी. मिसिंग रिपोर्ट मे रहीम शेख पर आरोप लगाया गया था. एक साल पहले रहिम पर  शितल के लिए पॉक्सो लगाया गया था.

पॉक्सो लगने के बाद रहीम शितल को बार-बार टॉर्चर करता था. उसे कई बार जान से मारने की धमकियाँ भी देता था, साथ हीं ये कहता था कि तेरे छोटे भाई और बहन को मार डालेंगे. इस संबंध में अब पोलीस स्टेशन में कुछ हिन्दू संगठन के लोगों ने वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक गजानन कल्याणकर और सुहास चौधारी से कार्रवाई करने की मांग की है.

देश में जावेद हबीब का अबतक का सबसे बड़ा थूक जिहाद

देश अबतक का सबसे बड़ा थूक जिहाद सामने आया है. मशहूर हेयर स्टाइलिश जावेद हबीब ने एक ट्रेनिंग वर्कशॉप के दौरान हिन्दू महिला के बाल काटते समय पानी नहीं होने पर उनके बालों में अपना थूक लगा दिया. जब वीडियो वायरल हुआ तो देशभर में बवाल मच गया. इस वीडियो को सुदर्शन न्यूज़ ने सबसे पहले देश के सामने रखा और प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके जी ने ऐसे लोगों के आर्थिक वहिष्कार की घोषणा कर दी जिसके बाद पूरे देश जिहादी जावेद हबीब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और FIR दर्ज कराने के खिलाफ एक मुहीम चल पड़ी. दिल्ली और उत्तर प्रदेश में जावेद के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद लोग लोग इसके सेंटर को भी अब बंद करवा रहे हैं. दिल्ली के प्रशांत विहार स्थित PVR मॉल में जावेद हबीब सेंटर को हिंदू कार्यकर्ताओं ने बंद करवा दिया है. 

जावेद हबीब के देशभर में 110 शहरों में उसके 875 सैलून हैं. 40 से ज्यादा हेयर स्टाइलिश शिक्षण संस्थान हैं, जहां लोग लाखों रुपये की फीस देकर हेयर स्टाइलिश  बनने के लिए आते हैं. सिंगापुर, दुबई, केन्या, बांग्लादेश और नेपाल समेत कई देशों में उसके नाम पर फ्रेंचाइजी आउटलेट खुल हुए हैं. इन का संचालन भी केवल वही व्यक्ति कर सकता है, जिसने जावेद हबीब की से कोई कोर्स किया हो. जिसके कुल नेटवर्थ 225 करोड़ रुपये है.

बहुत कम लोगों को पता होगी कि भारत के आखिरी वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन अपने बाल जावेद हबीब के दादा नजीर अहमद से ही कटवाते थे. और जब वर्ष 1947 में भारत आजाद हुआ और लॉर्ड माउंटबेटन ब्रिटेन लौट गए, तब उसके बाद वो देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के पर्सनल हेयर ड्रेसर बन गए.

जावेद हबीब के पिता हबीब अहमद भी अपने समय के मशहूर थे. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और देश के कई पूर्व राष्ट्रपति अपने बाल केवल हबीब अहमद से ही कटवाना पसंद करते थे. और इसके लिए उनके पिता को राष्ट्रपति भवन में एक घर भी मिला हुआ था, जहां 26 जून 1963 को जावेद हबीब का जन्म हुआ.

लेकिन अब एक बार सोचिए, जिस व्यक्ति को बाल काटने की कला विरासत में मिली, जो आज दुनिया का इतना बड़ा हेयर स्टाइलिश है, जिसके पास बेशुमार पैसा है. वो एक ट्रेनिंग वर्कशॉप के के दौरान एक महिला के बालों में ये कहते हुए थूक देता है कि उसके पास पानी नहीं है. और ये देख कर जब वहां मौजूद लोग तालियां बजाने लगते हैं तो वो कहते हैं कि उनके थूक में भी जान है. 

मगर यहां सवाल ये है कि जावेद हबीब ने ऐसा करके इस महिला का अपमान सिर्फ अपमान हीं नहीं किया है बल्कि थूक जिहाद को आगे बढ़ाने का काम किया है. मामला सिर्फ अपमान का नहीं है बल्की उस मानसिकता का है, जो इस घटना में साफ नजर आ रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की हत्या के षड्यंत्र के पीछे कौन ?

शनिवार को पंजाब विधानसभा चुनावों की घोषणा से ठीक पहले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने नए पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति को हरी झंडी दे दी है। 1987 बैच के आईपीएस विरेश कुमार भवरा नए डीजीपी होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे दौरान हुई सुरक्षा चूक के सवालों से घिरे कार्यवाहक डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को पद से हटाया गया है। इसके साथ ही फिरोजपुर के एसएसपी हरमनदीप को भी हटा दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिरोजपुर दौरे के समय हुई सुरक्षा चूक को लेकर डीजीपी चट्टोपाध्याय समेत फिरोजपुर के एसएसपी सवालों के घेरे में थे। चट्टोपाध्याय 31 मार्च 2022 को रिटायर हो रहे हैं। केंद्र सरकार की टीम ने भी राज्य की पुलिस पर प्रधानमंत्री के लिए पुख्ता सुरक्षा इंतजाम न करने का आरोप लगाया था। इसलिए उन्हें पद से हटा दिया गया है।

फिरोजपुर में अब नरिंदर भार्गव को एसएसपी लगाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिरोजपुर दौरे के दौरान सुरक्षा प्रबंधों में चूक सामने आई थी। प्रधानमंत्री का काफिला करीब 20 मिनट तक फिरोजपुर में एक फ्लाईओवर पर रुका रहा था। उस दौरान काफिले के पास काफी लोग पहुंच गए थे। इस मामले के कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। प्रधानमंत्री ने बठिंडा एयरपोर्ट पर अधिकारियों से कहा था कि अपने मुख्यमंत्री को कह देना कि वह यहां तक जिंदा पहुंच गए। इसके बाद सूबे में सियासी बवाल खड़ा हो गया था।

संघ लोक सेवा आयोग ने 4 जनवरी को पंजाब में स्थायी डीजीपी लगाने के लिए 3 अफसरों के नाम का पैनल भेजा था। सूत्रों की मानें, तो गुरुवार और शुक्रवार की रात 1 बजे तक सीएम चन्नी, डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा, मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी और गृह विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अनुराग वर्मा के बीच इस मामले पर लंबी चर्चा के बाद भी डीजीपी के नाम का फैसला नहीं हो पाया था। आखिरकार शनिवार दोपहर को मुख्यमंत्री चन्नी ने वीके भवरा के नाम की फाइल पर दस्तखत कर दिए।

यूपीएससी के पैनल में 1987 बैच के आईपीएस दिनकर गुप्ता और वीके भवरा के साथ 1988 बैच के प्रबोध कुमार शामिल थे। दिनकर गुप्ता गृह विभाग को पहले ही लिखकर दे चुके हैं कि वह डीजीपी बनने के इच्छुक नहीं हैं। वहीं, प्रबोध कुमार बेअदबी कांड में असरदार कार्रवाई न कर पाने को लेकर राज्य सरकार के पसंदीदा अफसरों की सूची से पहले ही बाहर थे। दिनकर गुप्ता और प्रबोध कुमार दोनों ने ही केंद्रीय डेपुटेशन पर जाने की इच्छा जताई थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले पर आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, इसमें सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि सभी रिकॉर्ड पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास सुरक्षित रखें जाएंगे. अब मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी. जांच में NIA भी शामिल होगी.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होने पर सबसे पहले याचिकाकर्ता मनिंदर सिंह ने अपना पक्ष रखा. वह बोले कि यह मामला लॉ एंड ऑर्डर का नहीं है, बल्कि स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप एक्ट का है. मनिंदर सिंह ने कहा कि पीएम अगर खुद भी चाहें अपनी सुरक्षा को नहीं हटा सकते हैं. याचिकाकर्ता ने कहा कि मामले की जांच राज्य सरकार नहीं कर सकती.

याचिकाकर्ता की तरफ से आगे कहा गया कि मामले की गंभीरता को समझते हुए पीएम के दौरे से जुड़े डॉक्यूमेंट को NIA की मदद से DM को जब्त करने की छूट मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा सभी सबूतों को सुरक्षित करके ही जांच होनी चाहिए. कोर्ट से गुजारिश की गई है कि जांच उनकी निगरानी में हो.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कनाडा के आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस की भी चर्चा हुई है. केंद्र की तरफ से SG तुषार मेहता ने भी कहा कि पीएम की सुरक्षा में चूक जिसमें राज्य शासन और पुलिस प्रशासन दोनों पर जिम्मेदारी थी उसकी जांच राज्य सरकार नहीं कर सकती. कहा गया कि जांच में NIA का होना भी जरूरी है. यह भी कहा गया कि पंजाब के गृह सचिव खुद जांच और शक के दायरे में हैं तो वो कैसे जांच टीम का हिस्सा हो सकते हैं? आगे पंजाब पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि वे खुद प्रदर्शनकारियों संग चाय पी रहे थे.

सुनवाई में चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने दोनों (केंद्र और राज्य) को सुना. केंद्र को राज्य सरकार के जांच आयोग पर आपत्ति है और राज्य की टीम पर केंद्र को. कोर्ट ने पूछा कि क्या आप लोग साझा जांच कमेटी या आयोग बना सकते हैं? कोर्ट ने पूछा कि राज्य की कमेटी में आखिर आपत्ति क्या है. कोर्ट ने आदेश दिया कि मामले से जुड़े सभी रिकॉर्ड पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास सुरक्षित रखें जाएंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सोमवार को सुनवाई पूरी होने और अगले आदेश तक कोई भी सरकार अपनी जांच के आधार पर किसी भी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के उस सुझाव को मान लिया है जिसमें जांच एजेंसी एनआईए के किसी आला अधिकारी को भी जांच में शामिल किया जाए. सीजेआई ने कहा कि एनआईए भी जांच में समुचित सहयोग करे.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना के समक्ष मेंशन किया गया था. जानकारी के मुताबिक, सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने इस मामले से जुड़ी जनहित याचिका गुरुवार को दायर की है. याचिका में कहा गया है कि इस तरह की सुरक्षा में चूक स्वीकार्य नहीं की जा सकती. याचिका में सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने पंजाब सरकार को उचित निर्देश देने, उत्तरदायी लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग की है. कहा गया है कि इस तरह की आगे ऐसी चूक नहीं होगी.

सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र से जुड़ा दुर्लभ मामला बताय था. उन्होंने कहा ता कि जब पीएम को सड़क मार्ग से जाना होता है तो SPG यह बात DGP को बताती है और मार्ग में सुरक्षा का इंतजाम करने को कहती है. डीजीपी सारा इंतजाम करने के बाद हरी झंडी देते हैं. केंद्र ने सवाल उठाया कि जब सड़क पर ब्लॉक था तो मंजूरी क्यों दी गई. कहा गया राज्य पुलिस का एक वाहन पायलट के तौर पर 500 मीटर आगे चलता है. जो पुलिसवाले प्रदर्शनकारियों के साथ चाय पी रहे थे, उन्होंने उस कार को भी सूचना नहीं दी कि पीएम को आगे आने से रोक दीजिए.

मेहता ने कहा कि वहां धार्मिक जगह से फ़्लाईओवर के दूसरी तरफ भी भीड़ जमा करने की घोषणा हो रही थी. यूएस और कनाडा से संचालित एक आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने गांवों में पीएम के रूट पर पहुंचने की अपील भी की और फिर बाद में घटना के वीडियो भी जारी किया. वहां कुछ ऐसा हो सकता था जो भारत की अंतर्राष्ट्रीय शर्मिंदगी की वजह बनता.

पंजाब सरकार ने दी यह दलील

कोर्ट में पंजाब की तरफ से पेश एडवोकेट जनरल ने कहा कि उसी दिन घटना के कुछ घंटों के अंदर ही जांच कमेटी का गठन कर दिया गया था. पंजाब सरकार की ओर से कहा गया कि जब केंद्र हमारी बनाई जांच समिति पर सवाल उठा रही है तो हमें भी केंद्र की समिति पर आपत्ति है. पंजाब के एडवोकेट जनरल डीएस पटवालिया ने कहा कि हमने घटना के फौरन बाद FIR भी दर्ज की, जांच कमेटी भी बना दी, फिर भी हमारी नीयत पर केंद्र सवाल उठा रहा है.

गृह मंत्रालय की टीम के फिरोजपुर पहुंचने से पहले पंजाब सरकार ने गुरुवार को देर रात अपना जवाब केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दिया है. बताया जा रहा है कि पंजाब के मुख्य सचिव ने पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के कारणों का तथ्यों के साथ जवाब भेजा है. दरअसल, 5 जनवरी को पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले पर पंजाब सरकार से रिपोर्ट मांगी थी.

प्रधानमंत्री मोदी को जान से मारने की धमकियां- हत्या का प्रयास, षड्यंत्र, साजिश

7 नवंबर 2021 के दीपक शर्मा नाम एक युवक ने किसान आन्दोलन के समय प्रधामंत्री मोदी को मारने की धमकी दी थी.

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और आईटी सेल की टीमें इस संबंध में जाँच कर रही हैं.

जून 2021 में भी एक शख्स को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसने फोन पर पुलिस को पीएम मोदी को मारने की धमकी दी थी. आरोपी फिलहाल बेल पर है जाँच जारी है.

 

शुक्रवार को पंजाब से 3 आतंकी गिरफ्तार

 

शुक्रवार को हीं पंजाब के मोगा में 3 आतंकवादियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. उनसे 2 ग्रेनेड, 3 पिस्टल, 18 कारतूस बरामद हुआ है. प्रधानमंत्री की गाड़ी जहाँ पर रोकी गयी थी वहां से मोगा की दूरी सिर्फ महज 40 किलोमीटर है सड़क मार्ग से.

 

फिरोजपुर से नौका बरामद

 

फिरोजपुर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने शुक्रवार को भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक सीमा चौकी के पास सतलुज नदी में लावारिस पाकिस्तानी नाव बरामद की है. जहां यह नौका मिली है वहां से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित हाईवे पर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला फंसा हुआ था.

 

आतंकी हाफिज सईद की धमकी

 

8 जून 2018 को पाकिस्तानी आतंकी हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा ने पीएम नरेंद्र मोदी को जान से मारने की धमकी दी थी.

जमात-उद-दावा ने धमकी देते हुए कहा था कि पीएम मोदी का मारकर भारत के टुकड़े -टुकड़े कर देंगे.

आतंकी हाफिज सईद ने पीएम मोदी को जान से मारने के साथ भारत और अमेरिका में इस्लामिक झंडा फहराने की भी धमकी दी थी.

 

कोरेगांव भीमा साजिश

 

2018 में हुई भीमा कोरेगांव की हिंसा की जांच के दौरान जानकारी जानकारी सामने आई थी.

जिसमें कहा गया था कि पीएम मोदी को उसी तरह से मारा जा सकता है जिस तरह से राजीव गांधी की हत्या हुई थी.

जून 2020 में दिल्ली के मुनरिका से एक पत्र मिला था जिसमे मोदी की हत्या की साजिश का बड़ा भंडाफोड़ हुआ था.

 

मुख्य आरोपी

हैदराबाद- वरवरा राव

दिल्ली- गौतम नवलखा

फरीदाबाद- सुधा भारद्वाज

रांची- स्टीन स्वामी

ठाणे- अरूण फरेरा

मुंबई- वरनॉन गोंजाल्विस

 

जाँच में क्या मिला

 

केंद्रीय जाँच एजेंसियों ने कोर्ट में बताया था कि ये सभी अभियुक्त नेपाल और मणिपुर के सप्लायर से 4 लाख राउंड्स के गोलियों के साथ

 

M-4 समेत दूसरे हथियारों की खरीद के लिए 8 करोड़ रुपये जुटाए

 

ये आरोपी राजीव गांधी की तरह रोड शो के दौरान नरेंद्र मोदी की हत्या करना चाहते हैं

06 January 2022

राज्य में राष्ट्रपति शासन कब लागू होता है ? प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था

राज्य में राष्ट्रपति शासन कब लागू होता है

 

राज्य में राष्ट्रपति शासन भारत के संविधान के अनुसार लगाया जाता है

संविधान के अनुच्छेद 356 के अंतर्गत इसका प्रावधान है

राष्ट्रपति शासन सिर्फ दो आधार पर ही लगाया जाता है

जब किसी राज्य में प्रशासन सविंधान के अनुसार न चलाया जा रहा हो

अथवा  उस राज्य के किसी भी दल को पूर्ण बहुमत न प्राप्त हो

उस राज्य की सरकार को बर्खास्त कर दिया जाता है

राज्य का शासन केंद्र सरकार के आधीन हो जाता है

राष्ट्रपति शासन राज्यपाल के अनुरोध पर लगाया जाता है


प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्‍यवस्‍था

देश के प्रधानमंत्री के सुरक्षा की मुख्‍य जिम्‍मेदारी एसपीजी संभालती है

जब प्रधानमंत्री राज्‍य में दौरे पर जाते हैं तो राज्‍य प्रशासन के ऊपर सुरक्षा की  जिम्‍मेदारी होती है

एसपीजी और पीएमओ के समन्‍वय से सुरक्षा की जिम्‍मेदारियां संभालनी होती है प्रधानमंत्री के सुरक्षा की मुख्‍य जिम्‍मेदारी संबंधित राज्‍य सरकार की होती है

प्रधानमंत्री जब किसी भी कार्यक्रम में शामिल होते हैं तो एसपीजी से लेकर राज्य पुलिस और स्थानीय खुफिया विभाग तैनाती होती है

एसपीजी की टीम पहले ही संबंधित राज्य में जाकर कार्यक्रम स्‍थल का मुआयना करती है

एसपीजी के उच्‍चाधिकारियों की स्थानीय पुलिस के साथ पूरी बैठक होती है

क्या पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए ?

पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने चीफ जस्टिस के सामने मामले को रखते हुए कोर्ट से घटना पर रिपोर्ट लेने की मांग की है. साथ हीं भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम सुनिश्चित किए जाने की जरूरत को भी याचिका में उठाया है. सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत याचिका को स्वीकार करते हुए उसकी कॉपी पंजाब सरकार को सौंपने को कहा है. शुक्रवार को मामले की सुनवाई होगी.

तो वहीँ दूसरी ओर प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर इस संबंध में जानकारी दी है. राष्ट्रपति भवन की ओर से इसकी पुष्टि कर दी गई है. राष्ट्रपति ने गंभीर चूक पर चिंता व्यक्त की है. इस मुलाकात के बाद से कई कतरह की संभावना जताई जा रही है.. पंजाब के मुद्दे पर सरकार कोई बड़ा फैसला ले सकती है.

आनन-फनन में उधर पंजाब सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य के दौरे के दौरान हुई सुरक्षा की जांच के लिए, एक हाई लेवल कमिटी का गठन कर दिया है..ये कमेटी 3 दिन में अपना जाँच रिपोर्ट सौपेगी. मगर जानकार इस कमेटी पर सवाल खड़ा कर रहे हैं. क्योंकी इतनी बड़ी सुरक्षा चूक की जाँच 3 दिन में सामने नहीं आ सकती है. ये महज एक खानापूर्ति है.

पंजाब एक बॉर्डर स्टेट है और वहां पर देश के प्रधानमंत्री की गाड़ी 20 मिनट्स ताक खड़ी रहे ये एक बेहद हीं गंभीर और चिंताजनक विषय है. जिसपर आज पूरा देश चिंतित है. हरकोई गृह मंत्री और प्रधानमंत्री से कड़ी कार्रवाई करने की मांग कर रहा है.

पंजाब हमेशा एक संवेदनशील राज्य रहा है 2 पूर्व मुख्यमंत्रियों की वहां पर सरेआम गोली मारकर हत्या की जा चुकी है. इसके साथ हीं देश ने 3 प्रधानमंत्रियों को भी खोया है. जिनमे से 2 की हत्या गोलियों से छलनी कर की गई है. आज यही कारण है पूरा देश प्रधानमंत्री के साथ हुई इस सुरक्षा चूक पर चिंतित है. 


कुछ महत्वपूर्ण सवाल 


01. प्रधानमंत्री के गोपनीय यात्रा प्लान को यात्रा से पहले ट्वीट करना क्या ये   कांग्रेस पार्टी का षड्यंत्र नहीं है ?

 

02. जब प्रधानमंत्री की सुरक्षा ब्लू बुक में पहले से तय है तो फिर उसका पालन क्यों नहीं हुआ ?

 

03.  राज्य के DGP और मुख्य सचिव को काफिले के साथ रहना जरुरी है, मगर कोई भी साथ में क्यों नहीं था ?

 

04.  मुख्यमंत्री चन्नी ने एसपीजी का फ़ोन क्यों नहीं उठाया, क्या ये किसी बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा नहीं करता ?

 

05.  चन्नी द्वारा प्रोटोकॉल का उलंघन करना राज्य में कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाना नहीं है ?

 

06.  चन्नी ने निलंबित पुलिस अधिकारी का निलंबन वापस क्यों लिया ?

 

07.  इतनी बड़ी सुरक्षा चूक की जाँच क्या 3 दिन में संभव है ?

  

08. जिस रास्ते से प्रधानमंत्री का काफिला गुजरने वाला था उस रूट पर पहले से सुरक्षा कर्मी तैनात क्यों नहीं थे ?

 

09.  डबल लेन वाले मार्ग पर एक लेन काफिला गुजरने के दौरान बंद रहना चाहिए, मगर ये बंद क्यों नहीं था ?

 

10.  प्रदर्शनकारियों को बसों में भर-भर कर किसने लाया था ? उनके हाथों में लाठी डंडे क्यों थे ?


देश के प्रधानमंत्रियों मुख्यमंत्रियों की हत्या स्थान और वर्ष

राजीव गांधी- पूर्व प्रधानमंत्री


21 मई 1991, श्रीपेरंबदुर, तमिलनाडु

 

इंदिरा गांधी- पूर्व प्रधानमंत्री


31 अक्टूबर 1984फदरगंज रोड, दिल्ली

 

लाल बहादुर शास्त्री- पूर्व प्रधानमंत्री


11 जनवरी 1966ताशकंद, उज़्बेकिस्तान

 

                                                  मुख्यमंत्रियों की हत्या


 बेअंत सिंह- पूर्व मुख्यमंत्री, पंजाब

 


31 अगस्त 1995, चण्डीगढ़, पंजाब

 

 

प्रताप सिंह कैरो- पूर्व मुख्यमंत्री, पंजाब


6 फ़रवरी 1965स्थान- दिल्ली से पंजाब जाते समय रास्ते में 

 

 

कृष्ण बल्लभ सहाय- पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार


3 जून 1974, हजारीबाग, बिहार

 

 बलवंतराय मेहता- पूर्व मुख्यमंत्री, गुजरात


19 सितंबर 1965कच्छ गुजरात