29 September 2022

सिमी क्या है ?

पूरा नाम स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया

आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन से संबंध

स्थापना 25 अप्रैल 1977 उत्तर प्रदेश

उदेश्य- प्राचिन सांस्कृतिक को मिटाना

पहचान, विरासत के प्रभाव को समाप्त करना

इस्लामिक राज की स्थापना करना

भारत के खिलाफ जिहाद की घोषणा

9/11 हमले के बाद आतंकवादी संगठन घोषित

UAPA के तहत प्रतिबंधित किया गया था

2006 में मालेगाँव धमाके में शामिल

दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट में शामिल

 

PFI पर गृह मंत्रालय का गजट नोटिफिकेशन, पांच वर्ष के लिए आतंकी संगठन हुआ बैन।

PFI के संस्थापक सदस्य सिमी के नेता रहे हैं।

PFI का सम्बन्ध जमात-उल-मुजाहिदीन से भी है।

मात-उल-मुजाहिदीन प्रतिबंधित संगठन है।

PFI का सम्बन्ध ISIS के साथ है।

PFI आतंकी मामलों में शामिल रहा है।

देश की संविधान का अनादर करता है।

आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है।

हिंसक और विध्वंसक कार्यों में संलिप्त।

कॉलेज प्रोफेसर का हाथ काटना।

अन्य धर्मों से जुड़े लोगों की निर्मम हत्या।

सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाना।

वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ सम्पर्क।

धन के स्रोत खाताधारकों से मेल नहीं खाते।

  

इस्लामिक आतंकवादी संगठन PFI पर लगा बैन, हिन्कीदुओं की हुई ऐतिहासिक जीत, अब है PFI समर्थकों की बारी!

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर भारत सरकार ने आज आखिर अपना चाबुक चला हीं दिया. PFI पर बड़ी कार्रवाई करते हुए गृह मंत्रालय ने अगले पांच वर्षों के लिए बैन लगा दिया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पीएफआई पर कई गंभीर सबूत जुटाएं है जिसके बाद गृह मंत्रालय ने ये कड़े कदम उठाए हैं. अधिसूचना जारी कर सरकार ने बताया है कि PFI का अधिकांश शीर्ष नेतृत्व पहले प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का हिस्सा था. पीएफआई के प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) से भी संबंध हैं. 

सुदर्शन न्यूज़ इस विषय को 2005 से लगातार उठा रहा है. पीएफआई पर बैन लगाने के लिए बिंदास बोल में सुरेश चव्हाणके जी भी लगातार आवाज़ उठाते रहे हैं. सिमी भारत में जिहादी छात्रों द्वारा इस्लामिक आंदोलन के रूप में उभरा था, जिसका गठन 25 अप्रैल 1977 को उत्तर प्रदेश के हरिगढ़ में हुआ था. तब सिमी भारत के प्राचिन सांस्कृतिक पहचान और विरासत के प्रभाव को समाप्त कर इस्लामिक राज की स्थापना करना चाहता था. सिमी ने भारत के खिलाफ जिहाद की घोषणा की और देखते हीं देखते इसके जिहादी मनसूबे सामने आने लगे. सिमी अपने जिहादी उद्देश्य के तहत भारत में दार-उल-इस्लाम यानि कि (इस्लाम की भूमि) बना कर आतंकवाद और नफरत का बीज बोने के लिए अपने एजेंडे में जुटा रहा.

भारत सरकार ने 2001 के 9/11 हमले के बाद से सिमी को आतंकवादी संगठन घोषित कर इस पर प्रतिबन्ध लगा दिया. सिमी को अनलॉफुल ऐक्टिविटीज प्रिवेंशन ऐक्ट 1967 (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधित किया गया था. 2006 में सिमी कार्यकर्ता नूरूलहुदा को मालेगाँव धमाके मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया था. 7 दिसंबर 2008 को सिमी के सरगना सफदर नागोरी, आमिल परवाज, शिवली सहित 10 जिहादियों को मध्य प्रदेश की स्पेशल पुलिस टास्क फोर्स ने आतंकी गतिविधियों के चलते गिरफ्तार था. दिल्ली में हुए सीरियल ब्लास्ट में 30 लोगों की मौत हो गई थी इस धमाके के भी तार सिमी से जुड़े थे. सिमी के पांच आतंकवादियों को तेलंगाना के नलगोंडा जिले में पुलिस ने मार गिराया गया. पांचों आतंकवादियों को हैदराबाद में पुलिसकर्मियों पर सिलसिलेवार हमलों के बाद 2010 में गिरफ्तार किया गया था. वहीं भोपाल की सेंट्रल जेल से आठ सिमी आतंकी फरार हो गए थे जिन्हें बाद में पुलिस ने मार गिराया था. 

इसके बात सिमी ने अपना पहचान छुपाया और बेंगलुरु में 19 दिसंबर 2006 में एक मीटिंग हुई जिसमें पीएफआई फॉर्म किया गया. इसे तीन संगठनों को मिलाकर बनाया गया. ये संगठन थे- द नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट, मनीता नीति पसरई और कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी. तीनों को मिलाकर बना PFI फिर से अपने आतंकी मंसूबों को अंजाम देना शुरू कर दिया. और आज अंततः इसके भी कारनामों का घड़ा भर गया और गृह मंत्रालय ने पांच वर्षों के लिए बैन लगा दिया. मगर सवाल अब भी बना हुआ है कि इसपर स्थाई प्रतिबंध कब और कैसे लगेगा ? साथ हीं इसके समर्थकों की भी गिरफ़्तारी कब होगी ?


                  गृह मंत्रालय का गजट नोटिफिकेशन

 

·         PFI के संस्थापक सदस्य सिमी के नेता रहे हैं।

·         PFI का सम्बन्ध जमात-उल-मुजाहिदीन से भी है।

·          जमात-उल-मुजाहिदीन प्रतिबंधित संगठन है।

·         PFI का सम्बन्ध ISIS के साथ है।

·         PFI आतंकी मामलों में शामिल रहा है।

·         देश की संविधान का अनादर करता है।

·         आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है।

·         हिंसक और विध्वंसक कार्यों में संलिप्त।

·         कॉलेज प्रोफेसर का हाथ काटना।

·         अन्य धर्मों से जुड़े लोगों की निर्मम हत्या।

·         सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाना।

·         वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ सम्पर्क।

·         धन के स्रोत खाताधारकों से मेल नहीं खाते।

 


27 September 2022

नवरात्रि का आध्यात्मिक, धार्मिक, वैज्ञानिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, सामाजिक, आर्थिक एवं पारंपरिक महत्व।

                                       नवरात्रि का धार्मिक महत्व

 

नवरात्रि उत्सव देवी अंबा का प्रतिनिधित्व है।

रावण वध के लिए चंडी देवी का पूजन हुआ।

देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था।

रावण वध के बाद विजयादशमी की शुरुआत।

देवी दुर्गा की पूजन से आत्मिक शुद्धी की प्राप्ति।

 

                नवरात्रि का आर्थिक महत्व

 

हाट-बाजार आर्थिक आयाम को जोड़ते हैं।

छोटे-छोटे दुकानदारों का जीविकापार्जन होता है।

पूजा सामाग्री की बिक्री में बढ़ोतरी होती है।

भारतीय बाज़ारों को मजबूती मिलती है।

देशी उत्पादों को बढ़ावा मिलता है।


                    नवरात्रि का आध्यात्मिक  महत्व


नवरात्रि के दौरान देवी की पूजा होती है।

शारदीय नवरात्र वैभव और भोग प्रदान देने वाले है।

गुप्त नवरात्र तंत्र स‌िद्ध‌ि के ल‌िए उपयोगी है।

तीसरे द‌िन भगवान व‌‌िष्णु मत्स्य रूप में पहला अवतार लिए थे।

सूर्य 12 राश‌ियों में भ्रमण पूरा करते हैं।

देवी के कहने पर ब्रह्मा जी सृष्ट‌ि न‌िर्माण किए।


                          नवरात्रि का ऐतिहासिक महत्व

 

मां दुर्गा ने महिषासुर से 9 दिनों तक युद्ध किया।

दसवें दिन महिषासुर का वध किया।

इसलिए 9 दिनों तक मां शक्ति की आराधना की जाती है।

भगवान श्री राम जी ने भी नवरात्रि पूजन किया।

रावण ने भी शक्ति की पूजा की।

 

                    नवरात्रि का सांस्कृतिक महत्व

 

नवरात्रि उत्सव देश को एक धागे में जोड़ते हैं

मेले से देश की सांस्कृतिक झलक दिखती है।

स्थानीय स्तर पर समाज में एकजुट आती है।

पारिवारिक स्तर पर लोगों में मेलजोल बढ़ता है।

मन में भक्ति भावना उत्पन्न होता है।

समाज में सदाचार का वातावरण बनाता है। 


                   नवरात्रि का वैज्ञानिक महत्व

 

वातावरण कीटाणुओं रहित हो जाता है।

शक्तिशाली तरंगों का वायुमंडल में संचार।

आत्मिक, यौगिक, मानसिक शक्ति की प्राप्ति होती है।

प्रकृति के बहुत सारे अवरोध खत्म हो जाते हैं।

दुर्गापूजन से बौधिक विकास भी होता है।

शरीर की रोग प्रतिरोधक छमता बढ़ता है।

उपवास से शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन होता है।

सूर्य परिक्रमा से इस वक्त सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड शुद्ध होता है। 

24 September 2022

PFI- उल्टा आतंकवादी सरकार को डांटे, सरकार के खिलाफ PFI का हिंसक प्रदर्शन I

इस्लामी चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ 15 राज्यों में एनआईए ने ऑपरेशन चलाया था, उसके रिपोर्ट अब देश के सामने आ चुका है। ऑपरेशन ऑक्टोपस के तहत एनआईए और ईडी की संयुक्त टीम ने पीएफआई के 106 सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में कई महत्वपूर्ण बातों का खुलासा किया है। एनआईए के अनुसार पीएफआई भारत के युवाओं को लश्कर ए तैयबा, आईएसआईस, अलकायदा में भर्ती होने के लिए तैयार कर रहा था। जिससे कि भारत में इस्लामिक राज की स्थापना हो सके।

इनपुट और सबूत के बाद एनआईए ने पांच मामलों के संबंध में तलाशी ली। पीएफआई नेता और कैडर आतंकवाद और आतंकवादी गतिविधियों की फंडिंग में शामिल थे, सशस्त्र प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित करते थे और लोगों को प्रतिबंधित में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बनाते थे। इसका भी साबुत के साथ NIA ने खुलासा किया है।

इसके सदस्यों ने कई आपराधिक वारदात को अंजाम दिया। एक कॉलेज के प्रोफेसर का हाथ काट दिया, अन्य धर्मों को मानने वाले संगठनों से जुड़े लोगों की हत्याएं, प्रमुख लोगों और जगहों को निशाना बनाने के लिए विस्फोटकों का संग्रह, आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट को समर्थन और आतंक फैलाकर देश की जनता के मन में डर पैदा करना इसका प्रमुख उदेश्य और धंधा हैI

NIA ने रिमांड के लिए दलील दी है कि आरोपियों के पास से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, देश विरोधी दस्तावेज बरामद हुए हैं। एटीएस की ओर से दी गई दलील में कहा गया है कि इनका मकसद मुस्लिम युवाओं को भड़का कर देश में कट्टरता पैदा करना था। भारत में इस्लामिक शरिया कानून कायम करने के एजेंडे के तहत यह अभियान में जुटे थे। दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश ने आरोपियों को एटीएस को रिमांड पर सौंपने का आदेश दिया है। सूत्रों का कहना है कि एटीएस उन्हें सीक्रेट जगह पर रख सकती है। जरूरत पड़ने पर एनआईए इन्हें ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली भी ले जा सकती है।


                         क्या था PFI का एजेंडा ?


ऑपरेशन ऑक्टोपस में बड़ा खुलासा।

युवाओं को लश्कर ए तैयबा में भर्ती।

ISIS, अलकायदा में भर्ती व ट्रेनिंग।

भारत में इस्लामिक राज की स्थापना।

सशस्त्र प्रशिक्षण शिविर का आयोजन।

सशस्त्र प्रशिक्षण प्रदान करना।

लोगों के मन में डर पैदा करना।

भारत में शरिया कानून लागू करवाना। 


                             NIA की कोर्ट में दलील


NIA ने दी रिमांड के लिए दलील।

इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त हुई है।

देश विरोधी दस्तावेज बरामद हुए हैं।

एटीएस ने भी दी है दलील।

इनका मकसद खतरनाक था।

मुस्लिम युवाओं को भड़काना।

देश में कट्टरता पैदा करना।

एजेंडे के तहत अभियान में जुटे थे।

न्यायाधीश ने रिमांड पर भेजा।

 

                      गिरफ्तार आतंकियों का क्या होगा ?

 

ATS सीक्रेट जगह पर रख सकती है।

जरूरत पड़ने पर NIA ट्रांजिट पर लेगी।

रिमांड पर दिल्ली भी ले जा सकती है।

NIA बरामद दस्तावेज़ की पुष्टि करेगी।

विदेशी लिंक की जाँच होगी।

अलकायदा, ISIS को क्या जानकारी दी ?

देश में कौन-कौन निशाने पर थे।

कहां-कहां से जुटाई फंडिंग ?

 

        PFI का 'मिशन इस्लाम 2047'


बिहार पुलिस ने किया था भंडाफोड़।

छापेमारी में साजिश का भंडाफोड़।

दस्तावेज, झंडा, पैंपलेट, बुकलेट बरामद।

2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाना।

रिटायर्ड दारोगा भी था एजेंडे में शामिल।

दो समुदायों के बीच विद्वेष फैलाना।

बंदूक, तलवार, चाकू की ट्रेनिंग।

'मिशन इस्लाम' के लिए पाकिस्तान से मदद।

मिशन में भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ना।

121 करोड़ की फंडिंग जुटाई।

83 बैंक खातों के माध्यम से फंड।

23 September 2022

PFI के पदाधिकारियों के साथ समर्थकों को भी गिरफ्तार करो, पीएफआई को बैन करो।

देशभर में PFI के ऊपर NIA ने तबातोड़ छापेमारी की है. लगभग 10 राज्यों में नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी ने इसके ठिकाने पर छापेमारी की और 100 से ज्यादा सदस्यों को गिरफ्तार किया. केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना में भी बड़े पैमाने पर कार्रवाई हुई है. एनआईए ने पीएफआई के चेयरमैन ओएमए सलाम, केरल राज्य प्रमुख सीपी मोहम्मद बशीर, राष्ट्रीय सचिव वीपी नजरुद्दीन और राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रो. पी कोया को गिरफ्तार किया है. सबसे ज्यादा लोगों को केरल से गिरफ्तार किया गया है जिसे पीएफआई का गढ़ माना जाता है. ऐसा नहीं है कि इस तरह की कार्रवाई पीएफआई पर पहली बार की जा रही है. हिजाब मामले में विरोध प्रदर्शन और कई राज्यों में सीएए और एनआरसी को लेकर हुए प्रदर्शनों, धर्मांतरण और लव जिहाद में भी इस संगठन का नाम सामने आ चुका है. 



पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया या पीएफआई खुद को एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन बताता है. इसकी स्थापना 2006 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट NDF के उत्तराधिकारी के रूप में हुई. इसकी शुरुआत केरल के कालीकट से हुई, लेकिन इसका मुख्यालय दिल्ली के शाहीन बाग में है.

मुस्लिम संगठन होने नाते इनकी ज्यादातर गतिविधियां इसी समुदाय के आसपास होती है. ये संगठन वर्ष 2006 में तक खूब सुर्खियों में आया था जब दिल्ली के राम लीला मैदान में इसके तरफ से नेशनल पॉलिटिकल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया था जहां बड़ी संख्या जिहादी और देशविरोधी तत्व शामिल हुए थे. संगठन का दावा है कि वह देश के 23 से ज्यादा राज्यों में सक्रीय है.

PFI की गतिविधियों से अब राष्ट्रीय सुरक्षा की समस्या उत्पन्न होने लगी है, इसके देश विरोधी हरकतों से NIA जैसी सुरक्षा एजेंसी अब अलर्ट पर है. 


पीएफआई क्या है ?


पीएफआई एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन है।

राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को संचालित करता है।

2006 में NDF के रूप में हुई थी स्थापना।

शुरुआत केरल के कालीकट से हुई।

मुख्यालय दिल्ली के शाहीन बाग में है।

PFI अपने सदस्यों के बारे में जानकारी नहीं देता है

20 राज्यों में इसकी यूनिट मौजूद है

ओएमए सलाम इसके अध्यक्ष है

 

                                              PFI की बड़े कारनामे

 

15 अगस्त को PFI अलग से फ्रीडम परेड का आयोजन करता है

2013 में केरल सरकार ने इस परेड पर रोक लगा दी थी

PFI की यूनिफॉर्म में पुलिस की वर्दी और सितारे इस्तेमाल की गई थी 

PFI पर बीजेपी नेता सचिव प्रवीण नेत्तारू की हत्या का आरोप है

आतंकी संगठनों से भी PFI के लिंक जुड़ते रहे हैं

2012 में केरल सरकार ने हाईकोर्ट में बताया था

हत्या के 27 मामलों से PFI का सीधा-सीधा कनेक्शन है

ज्यादातर मामले BJP और RSS कार्यकर्ताओं की हत्या से जुड़े है

 

कहां-कहां पड़े PFI पर छापे

केरलतमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम



मध्य प्रदेशमहाराष्ट्र, गोवा, पश्चिम बंगाल, बिहार, मणिपुर

 

                                       NIA की छापेमारी में क्या हुआ ?

 

15 राज्यों में PFI के ठिकानों पर छापेमारी की गई।

छापेमारी में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया।

NIA के करीब 300 अधिकारी तलाशी अभियान में शामिल रहे।

NIA डीजी ने ऑपरेशन की निगरानी की।

PFI राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमा सलाम के घर पर छापेमारी की गई।

PFI के दिल्ली हेड परवेज अहमद के घर पर भी छापेमारी हुई।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छापे को लेकर बैठक की।

बैठक में NSA, गृह सचिव, डीजी NIA शामिल थे।

 

                                            PFI के प्लान B

 

 

FPI ने अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए पहले ही कई संगठन शुरू कर चुका है

 

अगर PFI पर बैन लगता है तो 9 अन्य संगठन पहले से तैयार हैं जो अजेंडे को आगे बढ़ाएंगे।

 

 


सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया


कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया


राष्ट्रीय महिला मोर्चा


अखिल भारतीय इमाम परिषद


अखिल भारतीय कानूनी परिषद


रिहैब इंडिया फाउंडेशन


नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट ऑर्गनाइजेशन

सोशल डेमोक्रेटिक ट्रेड यूनियन


एचआरडीएफ

 

PFI के बड़े चेहरे


 ओएमए सलाम PFI के अध्यक्ष



ए रऊफ शेरिफ CFI के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष



अतीकुर रहमान दिल्ली CFI के महासचिव



मसूद अहमद CFI से जुड़े  पत्रकार



रवेज और इलियास FPI दिल्ली



सिद्दीकी कप्पन PFI सदस्य



मोहम्मद आलम PFI सदस्य  




                       कुछ महत्वपूर्ण सवाल


01.PFI पर अबतक बैन क्यों नहीं लगाया गया ?

 

02.अब नहीं तो PFI आतंकी संगठन कब घोषित होगा ?

 

03.PFI द्वारा भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के षड्यंत्र से हिन्दू समाज अबतक अनजान क्यों है ?

 

04.PFI के राष्ट्र विरोधी अजेंडे से राज्य सरकारें अनभिज्ञ क्यों हैं ?

 

05.FPI की जिहादी गतिविधियों से हिन्दुओं ने क्या सीख ली ?

 

06.PFI के प्लान B वाले संगठनों को चिन्हित कर कार्रवाई कब होगी ?

 

07.हत्या में शामिल सदस्यों की गिरफ्तारी कब होगी ?

 

08.हिन्दुओं के पास PFI से निपटने के लिए क्या प्लान है ?

 

09.क्या PFI की गतिविधियां भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसा नहीं है ?

 

10.  हिंदुस्तान के आतंकवादी संगठनों को पैसे देने वाले देशों को संयुक्त राष्ट्र संघ में आतंकवादी देश क्यों नहीं घोषित किया जाता है ?