22 February 2022

नोएडा के मामूरा गांव में ईसाई धर्मांतरण

देश में ईसाई धर्मांतरण का धंधा जोरों पर है..आए दिन कोई न कोई घटना ईसाई धर्मांतरण से जुड़ा हुआ सामने आही जाता है. धर्मांतरण से जुड़ा ये ताज़ा मामला उत्तर प्रदेश के नोएडा से आया है. नोएडा के ममूरा गाँव में चल रहे ईसाई धर्मांतरण के खेल को सुदर्शन न्यूज़ ने जब उजागर किया तो पूरे इलाके में चर्चा का माहौल बन गया. आस-पास में रहने वाले लोगों ये पता भी नहीं है कि ये परिवार अब हिन्दू धर्म छोड़ के ईसाई बन गया है. 

नोएडा के मामूरा गांव में ये पूरा धर्मांतरण का धंधा चल रहा था. धर्मांतरण के इस अड्डे पर जब सुदर्शन संवाददाता आँचल यादव पहुंची, तो उस वक्त वहां पर मसीह के प्रार्थनाएं चल रही थी. इस स्थान पर अक्सर भोले-भाले हिन्दुओं का आना जाना लगा रहता है. हिंदू संगठन के लोगों ने जब इन गतिविधियों पर नजर रखना शुरू किया तो उन्हें कुछ संदेह हुआ, जिसके बाद लोगों ने इसकी सुचना सुदर्शन न्यूज़ को दी. धर्मांतरण गिरोह के विधर्मियों ने भोले-भाले हिन्दुओं को हिंदू धर्म के भजन कीर्तन का सहारा लेकर धर्म परिवर्तन का कार्य कर रहे थे.

ईसा मसीह की भजन कीर्तन के नाम पर हिंदुओं को गुमराह करने के इस तरीके से लोग सन्न हैं. हिंदू संगठन के लोगों द्वारा इस घटना की सुचना पुलिस को दी गई, जहां पर कई परिवार बैठकर बाइबल पढ़ रहे थे. घटना स्थल से इसाई धर्म  कि बहुत सारी पुस्तकें मिली है. नोएडा पुलिस ने पूरे प्रकरण की छानबीन शुरू कर दी है.

इस पूरे धर्मांतरण के धंधे को बढ़ावा देने वाला मुख्य सरगना महेंदर और शिवा है जो हिंदू नाम रख कर.. हिंदुओं के बीच में रहकर... इस साजिश को अंजाम दे रहे थे. यह पूरा खेल लोगों को भ्रमित कर अंजाम दिया जा रहा था. धर्मान्तरित हुए लोगों का कहना है उन्हें ये बताया गया था कि अगर तुम्हारा बच्चा या परिवार में कोई सदस्य बीमार है तो बाइबल पढ़ने से ठीक हो जाएगा.

ऐसी अंधविश्वास वाली बातें लाचार गरीब लोगों में फैला कर उनको कन्वर्ट करने का काम ये धंधा संक्रमण की तरह देशभर में फ़ैल रहा है. इसे वक्त रहते नहीं रोका गया तो ये हिन्दू धर्म में कैंसर की तरह फ़ैल जाएगा.

19 February 2022

नारी सम्मान पर कविता- तन मन मर्यादा को ढक ले ऐसा चीर कहां पाऊंगी

लेकर दुःशासन दुर्योधन वाली पीर कहां जाऊंगी

तन मन मर्यादा को ढक ले ऐसा चीर कहां पाऊंगी

 

स्त्री संरक्षण करने को कौन अड़ेगा

अब धर्म युद्ध में आगे कौन बढ़ेगा

वस्त्र हरण यदि आज द्रौपदी का हो

श्री कृष्ण रूप में बोलो कौन लड़ेगा

 

द्वापर को कलयुग से जोड़े वो जंजीर कहां पाऊंगी

तन मन मर्यादा को ढक ले ऐसा चीर कहां पाऊंगी

 

कुत्सित वंचक वीभत्स श्रगाल खड़े हैं

खलकामी सब बन करके काल खड़े हैं

हर एक दिशा में सिया हरण करने को

रावण बहरूपी लेकर जाल खड़े हैं

 

नर नैनों में नारी हेतु गंगा का नीर कहां पाऊंगी

तन मन मर्यादा को ढक ले ऐसा चीर कहां पाऊंगी

 

न्याय को तकते नेत्र हैं निर्बल देखे

दुरुपयोग करते बाहुबल देखे

दंभ, दर्प, मिथ्या आश्वासन वाले

भ्रष्ट शासकों के अगणित छल देखे

 

स्वच्छ करे मैली सत्ता अब इतना धीर कहां पाऊंगी

तन मन मर्यादा को ढक ले ऐसा चीर कहां पाऊंगी

 

दुष्कृत्यों का समुचित परिणाम बने जो

सत्पथ का अधिनायक अविराम बने जो

राज धर्म और प्रजा का पालक बन कर

कलयुग में भी पुरुषोत्तम राम बने जो

 

योगी के अतिरिक्त कहो ऐसा रणधीर कहां पाऊंगी

तन मन मर्यादा को ढक ले ऐसा चीर कहां पाऊंगी

15 February 2022

दुनिया के देश जहां हिजाब प्रतिबंधित है

फ़्रांस: 11 अप्रैल 2011 से फ़्रांस में हिजाब को बैन है. नियम के उल्लंघन पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

 

रूस: रूस में हिजाब पर 2012 से प्रतिबंध है. सरकार के इस फैसले को अदालत में चुनौती दी गई थी. लेकिन अदालन ने भी सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया.

 

चीन: चीन की शी जिनपिंग सरकार ने भी स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. स्कूल और सरकारी कार्यालयों में हिजाब वालों की एंट्री बैन है. चीन में  दाढ़ी बढ़ाने पर भी प्रतिबंध है.

 

कनाडा: सार्वजनिक रूप से चेहरा ढकने या हिजाब पहनने पर रोक लगा हुआ है. यहां पर 2012 में हिजाब पर बैन लगाया गया था.

 

इटली:  इटली में बुरका या हिजाब पहनने पर रोक है. जुर्माने का भी प्रावधान है.

 

श्रीलंका: यहां अगर कोई भी महिला बुर्का पहनती है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाती है.

 

डेनमार्क: यहां पर भी  चेहरा ढकने पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है. अगर कोई भी महिला चेहरा ढकती है तो उसे 12000 रुपए जुर्माना देना पड़ता है.

 

नीदरलैंड: सार्वजनिक स्थानों में हिजाब या चेहरा ढकने पर रोक लगी है. यदि कोई व्यक्ति हिजाब या चेहरा ढके हुए पकड़ा जाता है, तो उसे जुर्माना देना पड़ सकता है.

 

बुलगेरिया: 2016 से यहां पर हिजाब बैन है. नियम की अवहेलना करने पर 66 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाता है. सुरक्षा एजेंसियां इसपर निगरानी भी करती है.

 

हिजाब के आड़ में गजवा ए हिन्द का एजेंडा

देशभर में हिजाब पर महासंग्राम जारी है. कर्नाटक के उडुपी कॉलेज से शुरू हुआ ये विवाद अब देशभर में फ़ैल चुका है. इस विवाद का मूल वजह है कर्नाटक सरकार का एक आदेश जिसे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. कर्नाटक सरकार ने कर्नाटक शिक्षा अधिनियम 1983 की धारा 133 को लागू कर दिया है. जिसके तहत सभी छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक संस्थानों में यूनिफार्म का पालन करना अनिवार्य होगा. निजी संस्थानों में भी यह नियम लागू होगा, इसके लिए सरकार ने निजी संस्थानों को निर्देश जारी किया है. निजी शैक्षणिक संस्थान अपने सुविधा अनुसार संस्थान की ड्रेस का निर्धारण कर सकते हैं.

कर्नाटक के उडुपी कॉलेज से जुड़े हुए हिजाब विवाद की आंच उत्तर प्रदेश तक पहुंच गई है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हिजाब विवाद राजनीतिक व सामाजिक मुद्दा बन रहा है. शैक्षणिक संस्थानों द्वारा हिजाब को प्रतिबंधित करने वाले आदेश को कर्नाटक के छात्राओं ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में पीआईएल दाखिल की थी. जिसके बाद इस विषय पर पूरे देश में चर्चा हो रही है कि मुस्लिम महिलाओं को शिक्षा संस्थानों में हिजाब पहन कर आना चाहिए या नहीं? जहां एक पक्ष शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब को प्रतिबंधित करने की मांग कर रहा है वहीं दूसरा पक्ष इसे अपना संवैधानिक अधिकार बता रहा है.

हिजाब विवाद पर सुनवाई कर रही कर्नाटक हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने अब इस मामले को बड़ी बेंच के पास भेज दिया है. अब तक मामले की सुनवाई जस्टिस  कृष्णा दीक्षित की सिंगल बेंच कर रही थी. अब यह मामला हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस को सौंप दिया गया है.

इस विवाद की शुरुआत तब शुरू हुई, जब गवर्नमेंट पीयू कॉलेज फॉर विमेन में छह छात्राओं को हिजाब पहन कर आने से रोक दिया गया. छात्राओं ने कॉलेज के फैसले को मानने से इनकार कर दिया था और हाईकोर्ट में इसके खिलाफ दायर कर दी. छात्राओं ने इस फैसले के विरोध में कक्षाओं का बहिष्कार कर रखा है.

कर्नाटक के स्कूल एवं कॉलेजों में हिजाब पहनने पर रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई है. मगर सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है. चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की बेंच ने कहा कि उचित समय पर हम इस अर्जी पर सुनवाई करेंगे.

अदालत ने अर्जी दाखिल करने वालों को नसीहत दी है कि वे इस मामले को ज्यादा बड़े लेवल पर न फैलाएं. चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की बेंच ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे इसे राष्ट्रीय मुद्दा न बनाएं.

इस पूरे विवाद में पाकिस्तान और अमेरिका भी कूद पड़े हैं. पाकिस्तान और  अमेरिका इसे धार्मिक आजादी बता कर हिजाब विवाद को धार्मिक अधिकारों पर हमला बता रहे है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मामले में दूसरे देशों को दखलअंदाजी न करने को कहा है. फिलहाल इस पूरे मसले पर अब सबकी निगाहें कर्नाटक हाई कोर्ट पर टिकी हुई है. ऐसे में अब देखना ये होगा कि कोर्ट क्या कुछ फैसला सुनाता है.

किशन भरवाड हत्याकांड में गुजरात ATS के चौंकाने वाले खुलासे

किशन भरवाड हत्याकांड में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. ये खुलासा किया है गुजरता ATS ने. ATS के खुलासे के अनुसार जिहादी तत्व सुदर्शन न्यूज के चेयरमैन और मुख्य संपादक सुरेश चव्हाणके जी कि हत्या की साजिश रच रहे थे.  जाँच एजेंसियों ने कुल 26 नामों का खुलासा किया है. इन 26 लोगों में सुरेश चव्हाणके जी का भी नाम शामिल है. 

ATS के रिपोर्ट के मुताबिक इन जिहादियों का लिंक पाकिस्तान और कई खूंखार आतंकी संगठनों से होने कि संभावना है. उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते, तेलंगाना पुलिस और अन्य कई जाँच एजेंसियां ​​अहमदाबाद में चल रही जाँच में शामिल हुई थी. इन सभी एजेंसियों के साझा रिपोर्ट से साबित हुआ है कि सुरेश चव्हाणके जी के हत्या का षड्यंत्र रचा जा चुका था. गिरफ्तार किये गए जिहादियों के पास से अवैध हथियार, विस्फोटक पदार्थ और गोला-बारूद बरामद हुआ है.

गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने दिल्ली के मौलाना कमर गनी को कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया था और उसके कार्यालय से इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जब्त किए थे, इसके बैंक खातों की जाँच की जा रही है. कमर गनी का भी लिंक इस हत्या की साजिश से जुड़े होने की संभावना है.

रिपोर्ट के मुताबिक मौलाना अय्यूब के मोबाइल फोन में करीब 26 प्रोफाइल मिले हैं, ये सभी 26 लोग निशाने पर थे. मौलाना अय्यूब को अहमदाबाद के जमालपुर से गिरफ्तार किया गया था, उस पर भारवाड के हत्यारों को बंदूक मुहैया कराने का आरोप है. पुलिस के पास इस बात के पुख्ता साबुत है कि ये आरोपी किशन भरवाड की तरह सुरेश चव्हाणके जी सहित 26 लोगों की हत्या करना चाहते थे.

फिलहाल गिरफ्तार किये गए आरोपियों को धंधुका की मजिस्ट्रेट अदालत ने 10 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. किशन भरवाड की हत्या के बाद से अबतक कुल 6 मौलवियों को गिरफ्तार किया गया है. 6 मौलवियों सहित 8 लोग इस वक्त इस पूरे प्रकरण में पुलिस कस्टडी में हैं. पूरे साजिश का कच्चा चिट्ठा खोलने के लिए राज्य और केंद्र स्तर कि जाँच एजेंसियाँ जुटी हुई है. ​​मामले की जाँच कर रही हैं एजेंसियों के अनुसार किसी बड़ी साजिश का संदेह है. जिसकी कड़ियों को जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं. 

08 February 2022

सरकारी फंड लेने वाले मदरसे नहीं दे पाएंगे मजहबी शिक्षा, कर्नाटक हाईकोर्ट ने असम सरकार के फैसले को सही ठहराया

असम के गौहाटी हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सरकार से फंड प्राप्त करने वाले शिक्षण संस्थान मजहबी शिक्षा नहीं दे सकते. हाईकोर्ट ने राज्य के वित्तपोषित सभी मदरसों को सामान्य स्कूलों में बदलने के असम सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए, मदरसों के लिए जमीन देने वाले 13 दानदाता की याचिका को खारिज कर दिया.

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार ने विधानसभा में असम रिपीलिंग एक्ट-2020 पास करते हुए इस कानून के आधार पर सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों को विद्यालयों में बदलने का निर्णय लिया था. इस ऐक्ट के तहत मदरसा शिक्षा अधिनियम- 1995 और असम मदरसा शिक्षा कर्मचारियों की सेवाओं का प्रांतीयकरण और मदरसा शैक्षिक संस्थानों का पुनर्गठन अधिनियम- 2018 को खत्म कर दिया गया था.

कोर्ट ने कहा कि विभिन्न धर्मों वाले देश में सरकार को धार्मिक मामलों में तटस्थ रहना चाहिए. कोर्ट ने कहा, “हम लोकतंत्र में और संविधान के अंतर्गत रहते हैं, जहाँ हर नागरिक बराबर है. इसलिए हमारे जैसे बहुधर्मी समाज में राज्य द्वारा किसी एक धर्म को वरीयता देना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन है. इस प्रकार एक धर्मनिरपेक्ष राज्य की प्रकृति है कि वह सुनिश्चित करे कि सरकार द्वारा वित्तपोषित किसी भी संस्थान में धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाए।यह संविधान के 28(1) के अनुकूल नहीं है.

उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और जस्टिस सौमित्र सैकिया की पीठ ने अपने निर्णय में कहा है कि जो विधायिका और कार्यपालिका की ओर से बदलाव किया गया है, वह केवल सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों के लिए है, न कि निजी अथवा सामुदायिक मदरसों के लिए. हाईकोर्ट ने एक्ट की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया. उच्च न्यायालय ने 27 जनवरी को मामले पर सुनवाई पूरी करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. 

वहीं, हाईकोर्ट ने कहा कि प्रांतीय मदरसों में शिक्षक के तौर पर नौकरी करने वालों की नौकरी नहीं जाएगी और आवश्यक हुआ तो उन्हें दूसरे विषयों को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. हाईकोर्ट के फैसले को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ऐतिहासिक बताया है. मदरसों में दी जाने वाली मजहबी शिक्षा से कट्टरपंथी तत्वों को फायदे होने को आरोप लगते रहे हैं. कई गंभीर अपराधों में मदरसों और उससे जुड़े मौलानाओं की सीधी संलिप्तता पाई गई है.

महाराष्ट्र में कब रुकेगा लैंड जिहाद और मज़ार जिहाद ?

महाराष्ट्र में लैंड जिहाद और मज़ार जिहाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन कोई न कोई घटना सामने आहीं जाता है. ताज़ा मामला बीड़ जिले के तहसील परली का है. वैधनाथ परली शहर में वैद्यनाथ ज्योत्रीलिंग की जमीन पर जिहादियों की बुरी नज़र पड़ गई है. यह जमीन सर्वे नंबर 322 पर वैद्यनाथ ज्योत्रीलिंग के नाम से दर्ज है, जिसे गुरव समाज के पुजारीओं को दान प्रत्र में मिली है. इस जगह पर नगर निगम परली और जिलाधिकारी के तरफ से सरकार द्वारा विकास कार्य भी किया जा सके ताकि हिन्दू समाज दर्शन-पूजन कर सकें. 

मगर वहीँ दुसरी तरफ जिहादियों द्वारा अब इस जमीन पर कब्रस्तान निर्माण कर मंदिर की जमीन को हड़पने की कोशिश हो रही है. इस कब्रस्तान की चार दिवारी  के बाहर जो खाली जगह हैं, उस पर कब्रिस्तान बना कर लैंड जिहाद हो रहा है. मुसलमानों की संख्या ज्यादा होने की वजह से स्थानीय हिन्दू और पुजारी डरे हुए हैं. जिहादियों द्वारा अक्सर हिन्दुओं को डराया धमकाया जाता है.

पुलिस प्रशासन की ओर से अबतक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. अगर समय रहते इसपर ध्यान नहीं दिया गया तो जल्द हीं एक और इतिहासिक हिन्दू मंदिर लैंड जिहाद की भेंट चढ़ जाएगी. साथ ही कभी भी यहाँ पर कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है.

जब ये घटना सामने आई तो हिंदू संगठनों ने नगर निगम से इसपर सवाल किया कि जब ये जमीन मंदिर का है तो फिर यहाँ कब्रिस्तान और मज़ार कैसे बन रहा है? इसपर नगर निगम के अधिकारी कोई ठोस जवाब नहीं दे पाए. ऐसे में सवाल यहाँ ये खड़ा होता है कि आखिर किसके सह पर ये पूरा खेल चल रहा है ?

कर्नाटक के उडुपी जिले में हिजाब पर महासंग्राम जारी है, हिंदू छात्र कर रहे हैं विरोध, मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनने पर अड़ी है

कर्नाटक के उडुपी के स्कूल से शुरू हुआ हिजाब विवाद पूरे कर्नाटक में फैल गया है. र्नाटक के उडुपी जिले के कुंडापुर के भंडारकर कॉलेज में हिजाब पहनी छात्राओं को कालेज में प्रवेश करने से रोक दिया गया है. कॉलेज में बुर्का या हिजाब पहनकर आने वाली छात्राओं को भंडारकर्स कालेजके प्राचार्य ने प्रवेश द्वार पर रोक देने का आदेश दिया है. मगर PFI और कुछ इस्लामिक संगठनों के द्वारा छात्राओं को भड़काने की वजह से अब मुद्दा सियासी बन चुका है. 

मगर विधालय प्रबंधन छात्राओं शासन के आदेश व कालेज के दिशा-निर्देशों के अनुसार कक्षाओं में यूनिफॉर्म में आना के नियम पर कायम है. राज्य के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश से इस मुद्दे पर हस्तक्षेप की माँग की गई है. शिक्षा मंत्री ने कालेज के अधिकारियों से स्पष्ट रूप से कह दिया है कि छात्राएँ केवल यूनिफार्म में आ सकती हैं. न तो वे हिजाब पहनकर आ सकती हैं और न ही भगवा शाल की अनुमति दी जाएगी.

इससे पहले चिक्कमंगलुरु के एक कालेज में हिजाब पहनकर आने वाली लड़कियों के खिलाफ विरोध करते हुए कालेज के छात्र भगवा रंग का शॉल पहन कर कालेज पहुँचे थे. इसे लेकर कई छात्रों ने धरना भी दिया. इसके बाद पुलिस ने कालेज परिसर में प्रवेश किया और स्थिति को नियंत्रित में लिया. विरोध के बीच कालेज के प्राचार्य एमजी उमाशंकर ने छात्रों को आंदोलन वापस लेने के लिए राजी किया था.

जनवरी में चिकमंगलूर के कुछ स्टूडेंट्स ने कैंपस में हिजाब पहनने वाली लड़कियों के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए भगवा शॉल पहनना शुरू कर दिया था. यह मामला अब पूरे राज्य में फैल चुका है. हिजाब बनाम भगवा गमछा बन चुका यह विरोध अब तक हुबली, उडुपी, कुंडापुर के स्कूल और कॉलेज में सामने आ चुका है. जहाँ हिजाब के विरोध में स्टूडेंट्स भगवा शॉल या गमछा पहनकर कैंपस में आ रहे हैं.

कर्नाटक में हिजाब पहनने पर विवाद की शुरुआत उडुपी जिले के सरकारी पीयू कालेज में मुस्लिम समुदाय की 6 छात्राओं को हिजाब पहनने पर कक्षाओं में प्रवेश न करने देने से हुआ था. इसके चलते हिजाब पहनने वाली छात्राओं को ऑनलाइन क्लास का विकल्प अपनाने को कहा गया था. छात्राओं ने कालेज के फैसले को मानने से इनकार कर दिया था और हाई कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका भी दायर की है. ऐसे में अब देखना ये होगा कि इस पूरे मसले पर कर्नाटक हाईकोर्ट क्या फैसला सुनाता है.

02 February 2022

जाट वीरांगना रामप्यारी वीर गूजरी जी का अमर गाथा

काली खप्पर वाली जैसा हरदम उसका मान रहेगा

रामप्यारी वीर गूजरी पर हमको अभिमान रहेगा

अपनों की खुशियों से ही खुद उसकी खुशियां सारी थी

जिसके तेवर के आगे संपदा स्वयं को हारी थी

 

धर्म परायण कर्म परायण कैसी अद्भुत नारी थी

वीर रामप्यारी भारत की वंदन की अधिकारी थी

मातृ शक्ति देवी पूजन का इनसे सदा विधान रहेगा

रामप्यारी वीर गूजरी पर हमको अभिमान रहेगा

 

एक विदेशी आतंकी जब भारत में घुस आया था

तैमूर लंग ने बर्बरता का कैसा कहर मचाया था

धर्म और स्त्री मर्यादा पर संकट जब छाया था

तब दादी राणी ने अपने हाथों शस्त्र उठाया था

 

सनातनी ध्वज का उस योद्धानी से ही सम्मान रहेगा

रामप्यारी वीर गूजरी पर हमको अभिमान रहेगा

 हरियाणा की सर्वखाप पंचायत में वो फुट पड़ी

(सर्वखाप पंचायत में वो ज्वाला जैसी फूट पड़ी)

 

ले 40 हजार सैनिक दुश्मन के दल पर टूट पड़ी

धर्म शत्रुओं पर बन कर चिंगारी जैसी छूट पड़ी

एक अकेली भारी वो सब पर पी खून का घूंट पड़ी

जो वंशज तैमूर के होंगे उनको भी ये ध्यान रहेगा

 

रामप्यारी वीर गूजरी पर हमको अभिमान रहेगा

बन विहंग रक्तिम तरंग नाहर सी वो हुंकार चली

बढ़ी जिधर रण भूमि पर उसकी अकाट्य तलवार चली

वार पीठ पर पाया दुश्मन से तो रक्त की धार चली

 

मरने से पहले चामुंडा सा वो कर संहार चली

ऐसे ही बलिदानों से जीवित ये हिन्दुस्तान रहेगा

रामप्यारी वीर गूजरी पर हमको अभिमान रहेगा

अग्निवंश और सूर्यवंश के मूल से उपजे वीर बढ़े

 

देशप्रेम के लिये नयन में भर गंगा का नीर बढ़े

देशद्रोहियों से लेने लोहा देखो रणधीर बढ़े

लक्ष्य साध गुर्जर क्षत्रिय धरती का सीना चीर बढ़े

गुर्जर वंश धर्म युद्ध लड़ने में सदा प्रधान रहेगा

रामप्यारी वीर गूजरी पर हमको अभिमान रहेगा

जाट वीर हरवीर सिंह गुलिया जी का वीर गाथा

एक समय था जब तुर्कों ने हमको आँख दिखाई थी।

भारत माता के मस्तक पर जेहादी परछाईं थी।

तैमूरलंग जब एक पैर से चलकर भारत आया था

और हिन्दुओं के सिर से ऊँचा ढाँचा बनवाया था


तब भारत के वीर लड़ाके लड़ मरने को जागे थे

पर उनमें हरवीर सिंह गुलिया जी सबसे आगे थे।

तलवारें थीं तेज बहुत और तेवर भी तुफानी था।

तैमूर लंग से लड़ बैठा वह जाटवंश का पानी था।


लेकर के नाम भवानी का वह युद्धभूमि में जिधर गया

उसे देखकर शत्रु की सेना का चेहरा उतर गया।

वे शायद लड़ने वाले इस महावीर को भाँप गये

जब जाट चला भाला लेकर, तुर्कों के गुर्दे काँप गये।


हरवीर सिंह जी जाटों के गौरव थे, धर्म सिपाही थे

तैमूर लंग की सेनाओं के आगे खड़ी तबाही थे।

हरवीर सिंह के आगे थर-थर काँपा था दल तैमूरों का

मार-मार के रस्ता उनको बता दिया था हूरों का।


तैमूर लंग को पता नहीं था ये शिव का अनुयायी है

इसके आगे शस्त्र उठाना ही कितना दुखदायी है

तभी अचानक गुलिया रण में लगे सिंह मतवाले से

तैमूर लंग को मारा अपने कातिल पैने भाले से


हो गया वहीं घायल राक्षस भागा वह जान बचाकरके

हार गया जीवन भारत से समरकंद में जाकर के

इक जाट वीर ने भारत के असली दुश्मन को कुचल दिया।

हरवीर सिंह गुलिया जी तुर्कों का हुलिया बदल दिया।


शंकर की जटा से उपजे हो कितना सौभाग्य समेटे हो

हे वीर जाट बन्धुओं सुनो तुम वीरभद्र के बेटे हो

धर्मयुद्ध का समय आ गया साथ धर्म का देना है

साथ सनातन के सदैव यह वीर जाट की सेना है

01 February 2022

केन्द्रीय बजट 2022 की महत्वपूर्ण बातें

01. रक्षा क्षेत्र में भारत बनेगा आत्म निर्भर

02. कृषि क्षेत्र को बड़ी सौगात, प्राकृति खेती को बढ़ावा

03. डिजिटल बैंकिंग को सरकार देगी प्रोत्साहन

04. देश में खुलेगा डिजिटल विश्वविद्यालय

05. आर्थिक निवेश से निजी क्षेत्र को मिलेगा बड़ा फायदा

06. जीडीपी ग्रोथ मजबूती से ऊपर उठ रहा है

07. हरित क्षेत्र के लिए ग्रीन बाउंड जारी होंगे

08. नल जल योजना को मिलेगा 8.7 करोड़

09. इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को बड़ी मदद की घोषणा

10. रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी जारी रहेगा

11. क्रिप्टो करेंसी और डिजिटल एसेट्स पर वित मंत्री का बयान

12. मानसिक स्वास्थ्य प्रोग्राम चलाया जाएगा

13. मध्यमवर्गीय परिवारों को मिल रहा है डीबीटी का फायदा

14. MSME सेक्टर को मिलेगा 2 लाख करोड़

15. उत्तर पूर्व राज्यों के विकास हेतु विशेष प्रोत्साहन

16. ओमिक्रोन और वैक्सीनेशन ड्राइव की सराहना

17. पोस्ट ऑफिस को कोर बैंकिंग से जोड़ा जाएगा

18. एकल खिड़की सेवाएं शुरू की जाएगी

19. सोलर एनर्जी को 9 हजार पांच सौ करोड़ का पैकेज

20. युवाओं को ऑनलाइन शिक्षा के लिए पीएम ई-विद्या

21. 5G टेक्नोलॉजी इसी वर्ष शुरू हो जाएगी

22. महिला और बालविकास को मिलेगा बढ़ावा

23. राष्ट्रीय राजमार्ग को पीएम गति शक्ति योजना से होगी प्रगति

24. आपातकालीन क्रेडिट लाइन के जरिए उद्योग जगत को सौगात

25. डिजिटल कंटेंट के जरिए ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा

26. 1 हजार 400 सौ 86 केंद्रीय कानून रद्द किया गया

27. ई पासपोर्ट सेवा से सुगम होगा विदेश यात्रा

28. शहरी क्षेत्रों में अर्बन प्लानिंग के लिए विशेष नीति की घोषणा

29. ABGC टास्क फोर्स के जरिए एनीमेशन को मिलेगा बढ़ावा

30. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए विशेष पैकेज