30 September 2021

मुस्लिम बनो जमीन लो, जिहादी पुस्तक ‘शुद्ध भक्ति’ का पर्दाफाश

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के चेयरमैन आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन का धर्मांतरण वीडियो जब से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, एक के बाद एक लगातार इसके कारनामे सामने आरहे हैं. वीडियो सामने आने के बाद मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है.


इस पूरे मामले की जांच धर्मांतरण, धर्म प्रचार और जिहादी उन्माद फैलाने के एंगल से होगी. इसी कड़ी में कानपुर के एक शख्स ने आरोपी लगाया है कि आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन ने उस पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला है.


इस प्रकरण के सामने आने बाद एसआईटी को मामले की जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द देने के लिए कहा गया है. आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कानपुर के कल्याणपुर के रहने वाले निर्मल कुमार ने सनसनीखेज दावा करते हुए कहा है कि कानपुर जोन के कमिश्नर रह चुके आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन और उनके साथियों ने बस्ती में रहने वाले कुछ लोगों पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला था.


जब पीड़ित बस्ती वाले उनसे मिलने पहुंचे थे तो कमिश्नर की लिखी एक किताब इफ्तिखारुद्दीन ने लोगों को देकर इस्लाम धर्म अपनाने को कहा था. उन्होंने पीड़ितों को लालच भी दिया था कि अगर वो धर्म परिवर्तन कर लेंगे तो उनकी जमीन वापस मिल जाएगी. आईएएस की किताब 'शुद्ध भक्ति' मुस्लिम धर्म के प्रति प्रेरित करने वाली है. किताब के ऊपर लिखा है-या अल-कुरआन सूरह अल-बकरा". इसमें आयत संख्या-21 का वर्णन है. इस पुस्तक के अन्दर हिन्दू समाज को भ्रमित करने और इस्लाम को अपनाने के बारे में बहुत सारी बातें लिखी है. इससे जाहिर होता है की मो. इफ्तिखारुद्दीन ने धर्मांतरण के लिए एक पूरा प्री प्लान एजेंडा तैयार करके अपने प्रसासनिक ओहदे का इस्तेमाल मजहबी कट्टरता के लिए कर रहा था.


जब भी कोई आम नागरिक अपनी समस्याओं के समाधान के लिए इफ्तिखारुद्दीन के पास आता था, वह सबसे पहले समस्या सुनने के बजाय 'शुद्ध भक्ति' किताब पढ़ने के दबाव बनाता था. फिर लोगों के सरकारी काम-काज के समाधान के बदले में धर्म परिवर्तन करने का दबाव के लिए कहता था. आईएएस ने किताब में इस्लाम धर्म की मंगढ़नत खूबियां बताई हैं. वहीँ अन्य धर्मों के कुरीतियां लिखी हैं. ताकी लोगों का ब्रेनवाश करके इस्लाम धर्म में परिवर्तित किया जा सके. 


क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, सोमवार को वरिष्ठ आईएएस ऑफिसर मो. इफ्तिखारुद्दीन का एक वीडियो सामने आया. यह वीडियो उस समय का है जब मो. इफ्तिखारुद्दीन कानपुर में मंडलायुक्त थे. वीडियो में उनके सरकारी आवास में धर्म परिवर्तन की पाठशाला चलती नजर आ रही है. इस वीडियो में इस्लाम के कट्टरवादियों की सजी महफिल दिख रही है. सीनियर आईएएस इफ्तखारुद्दीन भी एक धर्मगुरु के साथ कुछ लोगों के सामने इस्लाम धर्म अपनाने के फायदे बता रहे हैं. वीडियो में वो कह रहे हैं कि दुनिया के इंसानों से ऐलान करो कि अल्लाह की बादशाहत और निज़ामियात पूरी दुनिया मे कायम करनी है.'

मुस्लिम स्कॉलर के सामने जमीन पर बैठे दिखे आईएएस अधिकारी

वहीं, एक अन्य वीडियो में एक मुस्लिम स्कॉलर भी कट्टरता का पाठ पढ़ा रहा है, उस दौरान इफ्तिखारुद्दीन जमीन पर बैठे नजर आए. वीडियो में इस्लामिक वक्ता वहां मौजूद लोगों को इस्लाम धर्म कबूल करने के फायदे बताने के साथ कई कहानियां भी सुना रहा है. वो बताता है कि इस्लाम मे बहन बेटियों को जलाया नहीं जाता.

इस पुरे प्रकरण में 3 वीडियो क्लिप वायरल हुआ है, हम आपको निचे तीनों वीडियो का हिंदी अनुवाद बता रहे है:- 

वीडियो-1: IAS, इफ्तिखारुद्दीन- मोहम्मद रसूल अल्लाह के लिए ये बताओ, ऐलान करो, बताओ पूरी दुनिया के सामने एक खून के तुम इंसान हो तुम.

इंसान का बहुवचन एक से ज्यादा इंसान. हम अल्लाह के रसूल हैं. हम एक की बात नहीं कर रहे हैं. हम सब के अंदर अल्लाह के रसूल है. अब तो कोई रसूल नहीं आता, अब कोई नबी नहीं आता.

फिर कौन करेगा अल्लाह का सजदा? हम इस्लाम को पढ़ें और मिशन को आगे बढ़ाएं. जैसे उन्होंने कहा है कि अल्लाह का इंकलाब कायम करो.

हम सब अल्लाह के मिशन के मौला हैं, कैसा मौला जैसे हम सब इस जमीन पर बैठे हैं. हमने इनके लिए काम करना चाहिए, अगर हम नहीं करेंगे तो अल्लाह हमें पकड़ेगा, जरुर पकड़ेगा. 

वीडियो-2: IAS, इफ्तिखारुद्दीन- किताब है जो हमारे देश के उपराष्ट्रपति ने लिखा है, पहले 5 हज़ार छपा था, अब 50 हजार छपा है.

तो ऐ 147 करोड़ मुसलमानों खबरदार हो जाओ, और समझ लो कि तुममे से केवल वही बचेगा जो दावत-ए-इल्लिलाह का काम करेगा.

किसमें 7 अरब इंसानों में, तो अभी कसम खाओ, अभी पक्का इरादा करो.. कि अभी से हम दावत-ए-इल्लिलाह का काम करेंगे तमाम बिरादराने दुनिया में, जितने दुनिया में इंसान हैं.

जितने दुनिया में इंसान हैं ये तुम लोगों पर सबसे बड़ा फर्ज है. ये तुम लोगों पर सबसे बड़ा फर्ज है.

वीडियो-3: मौलवी धर्मांतरण की कहानी बताते हुए, पंजाब में इस्लाम कबूल करने वाले एक भाई से मैंने सवाल किया कि, तुमने इस्लाम क्यों अपनाया? तो उसने कहा कि बहन की मौत के बाद उसे जब जलाया गया तो कपड़े जल जाने के कारण वह निर्वस्त्र हो गई. ये सब वहां मौजूद लोग देख रहे थे.

उस भाई ने बताया कि, यह सब देख मुझे बहुत शर्म आई. मैं वहां से निकल गया. मेरे दिल में आया कि आज बहन के साथ ऐसा हुआ है, कल मेरी बेटी के संग भी होगा. इसके बाद मैंने इस्लाम धर्म अपनाने की सोची.

मुझे समझ आया कि इस्लाम से अच्छा कोई धर्म नहीं है. उत्तर प्रदेश के जरिए अल्लाह ने हमें ऐसा सेंटर दिया है, जहां से पूरे देश और दुनिया में हम काम कर सकते हैं.

इफ्तिखारुद्दीन की जिहादी पुस्तक ‘शुद्ध भक्ति

इफ्तिखारुद्दीन 'शुद्ध भक्ति' पुस्तक से लोगों का कराता था धर्मांतरण. इफ्तिखारुद्दीन के खुद की लिखी हुई पुस्तक है 'शुद्ध भक्ति'. पीड़ितों को लालच देकर कराता था धर्मांतरण. जमीन वापस दिलाने के लिए धर्मांतरण का बनाता था दबाव. आईएएस की किताब 'शुद्ध भक्ति' मुस्लिम धर्म के प्रति प्रेरित करने वाली है. किताब के ऊपर लिखा है- “या अल-कुरआन सूरह अल-बकरा". इसमें आयत संख्या-21 का वर्णन है. समस्या सुनने के बजाय 'शुद्ध भक्ति' किताब पढ़ने के लिए दबाव बनाता था. सरकारी काम-काज के समाधान के बदले धर्म परिवर्तन करने का बनाता था दबाव. आईएएस ने किताब में इस्लाम धर्म की मनगढ़ंत खूबियां बताई है. अन्य धर्मों के कुरीतियां लिखी हैं पुस्तक में. लोगों का ब्रेनवाश करके के लिए 'शुद्ध भक्ति' किताब का करता था इस्तेमाल.

जमीन के बदले धर्मांतरण

कानपुर के शख्स ने आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन लगाया आरोप. जमीन के बदले इफ्तिखारुद्दीन ने धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला. प्रकरण के सामने आने बाद एसआईटी का हुआ गठन. जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द देने के लिए कहा गया. कल्याणपुर के रहने वाले निर्मल कुमार ने किया सनसनीखेज दावा. बस्ती में रहने वाले कुछ लोगों पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला गया.

सुदर्शन का UPSC जिहाद का दावा सच हुआ

पिछले साल सुदर्शन न्यूज़ ने एक ऐसा खुलासा किया था जिससे पूरे देश में आप से लेकर खास तक सबको सोचने पर मजबूर कर दिया था. नौकरशाही में जिहाद पर जब हमने खुलासा किया था तो जिहादी जमात की जड़े हिल गई थी. उस वक्त हमने देश के सामने कई बड़े और महत्वपूर्ण तथ्य रखे थे. तब सुदर्शन न्यूज़ के इस खुलासे से घबराए तथाकथित लिबरल, सेक्यूलर, जिहादी मजहबी चरमपंथी रोक लगाने के कोर्ट पहुंच गए. 



मामला हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गया और आख़िरकार दिल्ली हाईकोर्ट ने सुदर्शन न्यूज की UPSC जिहाद की सीरीज पर स्टे लगा दिया. आज मामला सर्वोच्च न्यायालय में है. अबतक कोर्ट किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा है. मगर जिस बात का आधार बना कर UPSC जिहाद की सीरीज को रोकने का प्रयाश किया गया उसे आईना दिखाने के लिए उत्तर प्रदेश से आया हालिया मामला कई गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं.



न्यायपालिका ने भले ही उस समय सुदर्शन न्यूजी की UPSC जिहाद सीरीज पर रोक लगा दी थी लेकिन उसके बाद से कई ऐसे मौके आए जब सुदर्शन का UPSC जिहाद का दावा सही साबित हुआ. हाल ही में झारखंड के लातेहार के डीसी इकराम अबू का एक ऑडियो सामने आया था जिसमें वह कांग्रेस विधायक बंधू तिर्की को इलाके में आदिवासी समाज के विरुद्ध हुए अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जाने से रोक रहा था. लेकिन अब UPSC जिहाद का एक और सनसनीखेज मामला सामने के बाद से सुदर्शन का दावा शत प्रतिशत सही साबित हुआ है.



उत्तर के कानपुर में कमिश्नर रहे IAS अधिकारी इफ्तिखारुद्दीन का धर्मांतरण को लेकर एक वीडियो सामने आया है. इसमें वह अपने सरकारी आवास में एक इस्लामिक मौलाना के साथ कुछ लोगों को इस्लाम अपनाने के फायदे गिना रहा है. वायरल विडियो में मौजूद एक व्यक्ति इस्लाम से जुड़ी हुई बहुत सी बातें बता रहा है. IAS अधिकारी इफ्तिखारुद्दीन के साथ मौजूद आदमी बताता है कि इस्लाम में बहन-बेटियों को जलाया नहीं जाता. अल्लाह ने हमें उत्तर प्रदेश के तौर पर ऐसा सेंटर दिया है, जहां से पूरे देश और दुनिया में काम कर सकते हैं.



आईएएस इफ्तिखारुद्दीन वहां बैठे लोगों को इस्लामिक कट्टरता का पाठ पढ़ाते हुए कह रहा है “ऐलान करो दुनिया के इंसानों से कि अल्लाह की बादशाहत और निजामियत पूरी दुनिया में कायम करनी है. इस बीच एक मौलाना जब कट्टरता का पाठ पढ़ा रहा है, उस समय आईएएस इफ्तिखारुद्दीन जमीन पर बैठा दिख रहा है.



IAS इफ्तिखारुद्दीन बाकी के दो वीडियो में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की किताब के बारे में बता रहा है. दूसरे वीडियो में वह कह रहा है कि- “ऐलान करो, बताओ पूरी दुनिया के इंसानों को कि अल्लाह और रसूल के मिशन को आगे बढ़ाएं. अल्लाह के नूर का ईद नाम होना है. पूरे जमीं पर अल्लाह का निजाम दाखिल होना है. यह कैसे होगा? यहां पर जो इंसान बैठे हैं, इनको यह काम करना चाहिए. जरूर करना चाहिए, नहीं तो अल्लाह इनको पकड़ेगा. तो ऐसे में सवाल खड़ा होता है की ये नौकरशाही में बैठे अफसरशाही का जिहाद नहीं तो और क्या है ?


कुछ महत्वपूर्ण सवाल

 

01.  पिछले साल सुदर्शन न्यूज़ ने जब UPSC जिहाद का खुलासा किया, तब कुछ लोगों ने खूब हो हल्ला किया था, आज सच साबित होने पर वो सभी लोग कहां हैं ?

02.  नौकरशाही में जिहाद का सच सामने आने के बाद क्या UPSC जिहाद पर सवाल खड़ा करने वाले अब माफी मांगेंगे ?

03.   सुदर्शन के खुलासे पर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाने वाले, क्या

       कानपुर में कमिश्नर रहे IAS अधिकारी के जिहाद पर कोर्ट जायेंगे ?

04.  एक मुस्लिम IAS अधिकारी सरकारी पद पर रहते हुए भी धर्मांतरण का पाठ पढ़ाता रहा, मगर किसी को इसकी भनक क्यों नहीं लगी ?

05.  उत्तर प्रदेश से आया हालिया मामला कई गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं, देश में ऐसे और कितने नौकरशाह हैं इसकी जाँच क्यों नहीं हो रही है ?

06.  IAS अधिकारी इफ्तिखारुद्दीन के वीडियो सामने आने के बाद से वह अबतक फरार है, इसकी गिरफ़्तारी अबतक क्यों नहीं हुई ?

07.  IAS अधिकारी द्वारा सरकारी आवास में लोगों का धर्मांतरण करना, ये अपराधिक षड्यंत्र नहीं तो और क्या है ?

08.  IAS इफ्तिखारुद्दीन लोगों को इस्लामिक कट्टरता का पाठ पढ़ा रहा है, इसपर सेक्युलर जमात और बॉलीवुड के खान गैंग चुप क्यों है ?

09.  अल्लाह की बादशाहत और निजामियत को पूरी दुनिया में कायम करनी की बात, एक IAS द्वारा करना, क्या ये राष्ट्र और संविधान विरोधी नहीं है ?

10.  IAS इफ्तिखारुद्दीन वीडियो में खुलेआम कहता है, “ऐलान करो, पूरी दुनिया के इंसानों को कि अल्लाह और रसूल के मिशन कायम रहे, ये जिहाद नहीं तो क्या है ?

26 September 2021

संयुक्त राष्ट्र संघ में भारतीय प्रधानमंत्री

         सुरक्षा परिषद् की सदस्यता पर नेहरु

जवाहरलाल नेहरू: जहां तक हमारा प्रश्न है, हम भारत को मिलने वाला सुरक्षा परिषद् की सदस्यता का इसका समर्थन नहीं करेंगे। हमारी नज़र में यह एक बुरी बात होगी।



चीन का साफ-साफ अपमान होगा। चीन और हमारे बीच एक तरह का बिगाड़ भी होगा।

मैं समझता हूं कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय इसे पसंद तो नहीं करेगा, लेकिन इस रास्ते पर हम चलना नहीं चाहते।



हम संयुक्त राष्ट्र में और सुरक्षा परिषद में चीन की सदस्यता पर बल देते रहेंगे।


                   संयुक्त राष्ट्र में अटल जी


मैं भारत की जनता की ओर से राष्ट्रसंघ के लिए शुभकामनाओं का संदेश लाया हूं।

अध्यक्ष महोदय वसुधैव कुटुंबकम की परिकल्पना बहुत पुरानी है भारत में सदा से हमारा इस धारणा में विश्वास रहा है कि सारा संसार एक परिवार है।



हमारी सफलताएं और असफलताएं केवल एक ही मापदंड से नापी जानी चाहिए कि क्या हम पूरे मानव समाज वस्तुत: हर नर-नारी और बालक के लिए न्याय और गरिमा की आश्वसति देने में प्रयत्नशील हैं।

मैं भारत की ओर से इस महासभा को आश्वासन देना चाहता हूं कि हम एक विश्व के आदर्शों की प्राप्ति और मानव कल्याण तथा उसके गौरव के लिए त्याग और बलिदान की बेला में कभी पीछे नहीं रहेंगे।

जय जगत...धन्यवाद

 

     संयुक्त राष्ट्र महासभा में नरेन्द्र मोदी का संबोधन



दुनिया सबसे बड़ी महामारी से लड़ रही है- PM

डेढ़ साल से महामारी से लड़ रही है दुनिया- PM

ऐसे देश से हूं जो लोकतंत्र की जननी है- PM

लोकतंत्र की जननी वाले देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं

विविधता हमारे स्वतंत्र लोकतंत्र की पहचान

भारत ने आजादी के 75वें साल में प्रवेश किया है

लोकतंत्र की ताकत है की चायवाला PM के तौर पर यहां है

भारत की सेवा करते 20 साल मुझे हो गए हैं

कोरोना में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि- PM

लोकतंत्र काम कर सकता है, वो करके दिखाया है

विकास सर्व समावेशी, सर्वव्यापी होना चाहिए-PM

एकात्म मानवदर्शन दीन दयाल उपाध्याय का विजन

7 साल 43 करोड़ लोग बैकिंग व्यवस्था से जुड़े-PM

भारत में पहली बार बीमा सुरक्षा कवच मिला- PM

36 करोड़ से ज्यादा लोग बीमा सुरक्षा से जुड़े- PM

आज 6 लाख से ज्यादा गांवों में ड्रोन मैपिंग हो रही है

भारत विकास करता है तो दुनिया आगे बढ़ती है

भारत हर महीने 350 करोड़ से ज्यादा डिजिटल लेनदेन

हर महीने UPI 350 करोड़ से ज्यादा का लेनदेन- PM

सेवा परमो धर्म: के तहत भारत वैक्सीनेशन में जुटा- PM

दुनिया की पहली DNA वैक्सीन भारत ने बना ली है- PM

भारत ने फिर वैक्सीन निर्यात करना शुरू कर दिया है

दुनिया के वैक्सीन निर्माता भारत में आएं, वैक्सीन बनाएं

मानव जीवन में तकनीक का अहम रोल है- PM

भारत ने जरूरतमंदों को वैक्सीन देना शुरू कर दिया है

ग्लोबल वेल्यू चेन का विस्तार जरूरी- PM

भारत विश्व का लोकतांत्रिक-भरोसेमंद पार्टनर

अर्थव्यवस्था, इकोलॉजी में बेहतर संतुलन बनाया

ग्रीन हाइड्रोजन हब बनाने में जुटा भारत-PM

क्लाइमेट चेंज पर भारत के प्रयास गर्व करनेवाले हैं

दुनिया में चरमपंथ का खतरा बढ़ता जा रहा है- PM

वैज्ञानिक दृष्टिकोण,प्रगतिवादी सोच बढ़ाना जरूरी-PM

75 सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजेगा भारत- पीएम

आतंकवाद का राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल

ऐसे देशों को भी आतंकवाद से खतरा है- PM

बिना नाम लिए पाकिस्तान पर PM मोदी का हमला

जो आतंक का कर रहे इस्तेमाल, उनके लिए भी खतरा

अफगानिस्तान का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए ना हो

अफगानिस्तान में महिलाओं, बच्चों को मदद की जरूरत

अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा जरूरी- पीएम

अफगानिस्तान में हिंदू सिखों को मदद की जरूरत-PM

अफगानिस्तान की घटना दुनिया को समझनी होगी

आतंकवाद को टूल की तरह इस्तेमाल ना करें- पीएम

समुद्री सीमा का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए- पीएम

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को आवाज उठानी ही होगी-PM

संयुक्त राष्ट्र को विश्वसनीयता बढ़ानी होगी-PM

संयुक्त राष्ट्र को और प्रभावी होना पड़ेगा-PM

दुनिया के कई हिस्सों में प्रॉक्सी वॉर- PM

विस्तारवाद की सोच पर लगाम लगानी होगी

21 September 2021

मिला 400 बार तारीख पर तारीख लेकिन न्याय नहीं मिला

तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख मिलती रही है लेकिन इंसाफ नहीं मिला, मिली है तो ये सिर्फ तारीख’..जी हां वैसे तो ये 1993 में आई हिंदी फीचर फिल्म दामिनी का बेहद चर्चित डायलॉग है, जिसमें सनी देवल एक रेप पीड़िता के इंसाफ के लिए ज्यूडीशियल सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर देते हैं. तारीखों का दौर औऱ न्याय में देरी का कुछ ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के जौनपुर का भी है. जहां 35 साल पहले कब्जाई गई शिवमंदिर की जमीन वापस पाने के लिए पुजारी दर-दर भटक रहे हैं. इस दौरान उन्हें 400 बार तारीख तो मिली लेकिन न्याय नहीं मिला.

चकबंदी ऑफिस मंदिर की जमीन को कब्जाने का आरोप अखिलेश यादव की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी की सरकार में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रहे जगमोहन यादव पर लगे हैं. शिकायतकर्ता के पिता मुकदमा लड़ते-लड़ते गुजर गए, वो खुद इस ऑफिस से उस ऑफिस के चक्कर काट रहा है लेकिन इंसाफ से वंचित रहा. आरोप है कि अपनी पहुंच का इस्तेमाल करके जगमोहन यादव ने अभी तक इस मामले को अटकाए रखा है.

दूसरी तरफ मंदिर की जमीन के संरक्षक विजय कुमार उपाध्याय न्याय की लड़ाई लड़ते रहे. 04.04.2012 को चकबन्दी अधिकारी सदर जौनपुर ने मंदिर के पक्ष में आदेश पारित कर अभिलेखो में नाम दर्ज करने हेतु आदेश पारित किया.

वर्तमान में प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ मंदिर की जमीन के इस मुकदमें में इसी साल 03 मई को फैसला विजय कुमार उपाध्याय के पक्ष में आया, पीड़ित विजय के मुताबिक़ जगमोहन यादव के दबाव में सहायक चकबंदी अधिकारी (राकेश बहादुर सिंह) म्युटेशन नहीं कर रहे हैं.

कानूनी प्रणाली को भारतीयकरण की जरूत सीजे रमाना

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमाना ने भारतीय न्यायिक प्रणाली के बारे में बोलते हुए कहा कि हमारी न्याय प्रणाली भारतीय आबादी की जरूरतों के उपयुक्त नहीं है. सीजेआई कर्नाटक राज्य बार काउंसिल द्वारा स्वर्गीय न्यायमूर्ति मोहन एम शांतनगौदर को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. सीजेआई ने जोर देकर कहा कि हमारी कानूनी प्रणाली का भारतीयकरण समय की आवश्यकता है. जब मैं भारतीयकरण कहता हूं, तो मेरा मतलब हमारे समाज की व्यावहारिक वास्तविकताओं के अनुकूल होने और हमारी न्याय वितरण प्रणाली को स्थानीय बनाने की आवश्यकता है.

सीजे रमाना ने एक उदाहरण के रूप में एक पारिवारिक विवाद से लड़ने वाले एक ग्रामीण स्थान के पक्षों की दुर्दशा का हवाला दिया, जिन्हें आमतौर पर अदालत में जगह से बाहर महसूस कराया जाता है. वे उन तर्कों या दलीलों को नहीं समझते हैं जो ज्यादातर अंग्रेजी में हैं, उनके लिए एक अलग भाषा है. न्याय वितरण का सरलीकरण हमारी प्रमुख चिंता होनी चाहिए. न्याय वितरण को अधिक पारदर्शी, सुलभ और प्रभावी बनाना महत्वपूर्ण है. प्रक्रियात्मक बाधाएं अक्सर न्याय तक पहुंच को कमजोर करती हैं. आम आदमी को अदालतों और अधिकारियों के पास जाने से डरना नहीं चाहिए. अदालत का दरवाजा खटखटाते समय उन्हें न्यायाधीशों और अदालतों से डरना नहीं चाहिए. उन्हें सच बोलने में सक्षम होना चाहिए."

लगभग डेढ़ साल तक उनके साथ एक बेंच पर बैठा, मैं उनके कानूनी कौशल, अपार तैयारी के साथ-साथ उनकी दयालुता और भावना की उदारता का गवाह हूं. हम उस अवधि में बहुत करीब आ गए थे और कई दिन थे जब हम नाश्ते पर अपने विचार साझा किए. एक साथ बैठकर हमने कई महत्वपूर्ण मामलों का फैसला किया, जिसमें मौत की सजा पाए दोषियों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी शामिल है."

हिंदुत्व की राह चला वामपंथी सरकार

इस्लामिक कट्टरता, इस्लामिक आतंक तथा लव जिहाद आदि के प्रति जो हमेशा से जो अभियान चलाता रहा है, उसे अब वामपंथियों ने भी स्वीकार कर लिया है. जब भी सुदर्शन न्यूज तथा अन्य हिंदूवादी संगठनों ने लव जिहाद सहित किसी भी इस्लामिक कट्टरता के खिलाफ आवाज उठाई, वामपंथी दल उसके खिलाफ तनकर खड़े हो गए. लेकिन धर्म को अफीम बताने वाले यही वामपंथी अव हिंदुत्व की राह पर चल पड़े हैं. केरल में सत्तारूढ़ वामपंथी पार्टी सी.पी.एम. इस्लामिक कट्टरपंथ के खिलाफ वही स्टैंड लिया है, जो सुदर्शन न्यूज हमेशा से कहता रहा है.

दक्षिण भारत के राज्य केरल की सत्तारूढ़ वामपंथी सरकार ने सांप्रदायिकता व आतंकवाद के जाल में प्रोफेशनल कॉलेजों में पढ़ने वाली लड़कियों को फंसाए जाने की आशंका जाहिर करते हुए एक विशेष चेतावनी जारी की है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, जो हमेशा से लव जिहाद जैसी घटनाओं को नकारती रही है, उसने अपने कार्यकर्ताओं को सतर्क रहने की हिदायत दी है. इसे लेकर पार्टी ने एक इंटर्नल नोट भी जारी किया है.

वामपंथियों की तरफ से अल्पसंख्यक सांप्रदायिकताके शीर्षक वाले इस नोट में सख्त हिदायत देते हुए कहा गया है कि इन बातों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए कि प्रदेश में तालिबान जैसे आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने वाली बातें हो रही हैं. वामपंथियों ने कहा है कि सांप्रदायिकता और चरमपंथी विचारधाराओं वाले युवाओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. प्रोफेशनल कॉलेजों में शिक्षित युवतियों की सोच को उस तरीके से करने की कोशिश की जा रही है. 

मार्क्सवादी छात्र संघ और युवा संगठन दोनों को इस मामले पर विशेष रूप ध्यान देना चाहिए. अब तक 'लव जिहाद' को नकारती रही वामपंथी पार्टी ने कहा है कि प्रफेशनल कॉलेजों में पढ़ने वाली लड़कियों को एक वर्ग आतंकवाद और सांप्रदायिकता की ओर आकर्षित कर सकता है.

मुस्लिम लड़की को हिन्दू लड़के से कोर्ट ने शादी की इजाजत दी

देश में चारों तरफ इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक फैसले की प्रशंसा होरही है. कोर्ट ने कहा है कि दो बालिग़ लोगों को स्वेच्छा से शादी करने का अधिकार है, भले ही वो किसी भी मजहब से हों. जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस दीपक वर्मा की अदालत ने ये फैसला सुनाया. उन्होंने कहा कि यहाँ तक कि इन दोनों के माता-पिता को भी इसमें हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है, अगर दोनों बालिग एक-दूसरे से शादी करना चाहते हैं.

इलाहाबाद उच्च-न्यायालय ने कहा, मौजूदा याचिका दो बालिगों ने दाखिल की है, जो एक-दूसरे के प्यार में होने का दावा कर रहे हैं. इसलिए, कोई भी, यहाँ तक कि उनके अभिभावकगण भी, इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं. साथ ही उच्च-न्यायालय ने पुलिस-प्रशासन को ये सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि इस जोड़े को किसी के द्वारा प्रताड़ित न किया जाए.

शिफा हसन नाम की महिला ने इस याचिका को दायर किया था. वो और उसके पार्टनर ने कहा था कि दोनों एक-दूसरे के साथ जीवन गुजारना चाहते हैं. हसन मुस्लिम हैं, वहीं उनके पार्टनर हिन्दू हैं. शिफा हसन ने हिन्दू धर्म में घर-वापसीके लिए भी एप्लिकेशन दिया हुआ है.

इस मामले में सम्बंधित डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने स्थानीय पुलिस थाने से रिपोर्ट माँगी थी. जहाँ लड़के के पिता इस शादी के लिए राजी नहीं है, उसकी माँ को इस रिश्ते से कोई ऐतराज नहीं है. वहीं शिफा हसन के तो माता-पिता, दोनों ही इस रिश्ते के खिलाफ हैं. इसलिए, अपने जीवन को खतरे के मद्देनजर इस जोड़े ने हाईकोर्ट का रुख किया. दोनों की उम्र 19 व 24 साल है।

अमीन खान ने हिन्दू महिला को बनाय लव जिहाद का शिकार

देश के तिमाम हिस्सों से आए दिन लव जिहाद के मामले सामने आते रहते हैं. उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में लव जिहाद व जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून बन चुका है लेकिन मजहबी उन्मादी इसके बाद भी अपनी गंदी हरकतें करने से बाज नहीं आ रहे हैं. ताजा मामला उत्तर प्रदेश के इटावा के चौबिया जिले से सामने आया है. तेलांगना की रहने वाली एक अशिक्षित हिन्दू महिला को राजा पंडित उर्फ अमीन खान ने लव जिहाद में फंसा लिया. लव जिहादी युवक पहले अपने आप को हिन्दू बताया था. मगर अब अमीन खान महिला को मुसलमान बनने का दवाब बना रहा है.

इटावा पुलिस ने आरोपी अमीन खान को गिरफ्तार कर लिया है. उसके खिलाफ 5 सितंबर को शिकायत दर्ज कराई गई थी. पीड़ित महिला अपने पति विशाल कुमार और तीन बच्चों के साथ तेलंगाना में रहती थीं. पिछले साल वह एक ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आई, जो उसके पति के लिए काम करता था. वह उसके झूठे प्यार के जाल में फँसकर अपने परिवार को छोड़कर उसके साथ भागकर उत्तर प्रदेश आ गई. हालाँकि, जब सच्चाई सामने आने के बाद पूजा ने अब अमीन खान और उसके परिवार वालों के खिलाफ शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और मारपीट करने का मामला दर्ज कराया है.

महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि उसके पति के लिए काम करने वाला मोहम्मद अमीन खान अपनी फर्जी पहचान बताकर उसके करीब आया था. उसने महिला को अपना नाम राजा पंडित बताया था. दोनों में नजदीकियाँ बढ़ने के बाद पूजा उसके साथ भागकर उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में आ गई थी.  शुरुआत में राजा उर्फ अमीन ने उसे शांति कॉलोनी में रखा. बाद में वह उसे अपने गाँव मसनाई ले गया. पूजा के बयान के अनुसार, अमीन खान के गाँव पहुँचने के बाद उसे पता चला कि वह एक मुसलमान है.

राजस्थान में विवाह पंजीकरण के बहाने सरिया लागू करने की कोशिश

राजस्थान में शादियों के अनिवार्य पंजीकरण के लिए संशोधन विधेयक विधानसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. बिल पारित होने को लेकर राज्य में एक नया विवाद खड़ा हो गया है. बीजेपी इस विधेयक को बाल-विवाह को बढ़ावा देने वाला बता रही है. विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौर ने इस संशोधन विधेयक को ‘‘काला कानून’’ बताया है.

विपक्ष का कहना है की विधेयक बाल विवाह की अनुमति देता है. इसे लेकर विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के करीब पहुंच गए. मत विभाजन की मांग स्वीकार नहीं किए जाने पर भाजपा सदस्यों ने बहिर्गमन किया और इसे ‘‘काला कानून’’ करार दिया.

सदन में राजस्थान अनिवार्य विवाह पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2021 का बचाव करते हुए संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि प्रस्तावित कानून विवाह के पंजीकरण की अनुमति देता है, लेकिन कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि ऐसी शादियां अंततः वैध हो जाएंगी. मंत्री ने कहा कि यदि यह वास्तव में बाल विवाह है तो जिलाधिकारी और संबंधित अधिकारी परिवारों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई कर सकेंगे.

मगर यहां सवाल ये खड़ा होता है की जब देश में बाल विवाल उन्मूलन अधिनियम पहले से लागू है और ये पूरी तरीके से प्रतिबंधित है तो फिर राजस्थान सरकार इसे क्यों बढ़ावा दे रही है ? क्या राजस्थान सरकार सारियां कानून को राज्य में बढ़ावा देना चाहती है. इस्लाम में 18 वर्ष से कम उम्र होने पर भी शादी को बैध माना जाता है और सरिया कानून इसकी इजाजत देता है.

संशोधन विधेयक में कहा गया है कि अगर जोड़े ने शादी की कानूनी उम्र पूरी नहीं की है तो माता-पिता या अभिभावक निर्धारित अवधि के भीतर इसके लिए आवेदन दे कर सकते है.

मालपुरा में जिहादी खौफ के कारण 800 हिन्दू पलायन के शिकार

राजस्थान से एकबार फिर पलायन की घटना सामने आई है. देश में आए दिन किसी न किसी कोने से इस तरह के पलायन की घटना सामने आ हीं जाती है. राजस्थान विधानसभा में भाजपा के मालपुरा विधायक कन्हैया लाल ने एक बेहद के गंभीर मुद्दा उठाया है. कन्हैया लाल ने बताया कि मुसलमानों द्वारा वहां संपत्ति खरीदने के बाद हिंदुओं को टोंक के मालपुरा शहर के इलाकों से पलायन करने के लिए मजबूर किया गया. 

पूरा मामला एक बड़े भूमि जिहाद से जुड़ा हुआ है. विधान सभा में दिए अपने बयान में कन्हैया लाल ने दावा किया कि हिन्दुओं की संपत्ति खरीदने के बाद अब बचे-खुचे स्थानीय हिन्दुओं को मुसलमान धमकाते हैं. जिसके चलते हिन्दू परिवारों में भय और असुरक्षा माहौल बना हुआ है. इस जिहादी खौफ के कारण 800 से ज्यादा लोग लपलायन भी कर चुके है.

मामला बेहद गंभीर होने के चलते विपक्ष की ओर से विधानसभा में एक सख्त कानून लाने कि मांग की गई. विपक्ष का कहना है कि हिंदू और जैन समुदाय के लोग असुरक्षा के कारण पलायन करने पर मजबूर न हों, इसलिए तत्काल कानून पारित करने की आवश्यकता है.

राजस्थान के मालपुरा एक संवेदनशील शहर है जहां 1950 से अब तक सांप्रदायिक दंगों में 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. इस इलाके में पहले मुस्लमान प्रीमियम कीमत पर जमीन खरीदते हैं और फिर अपने जिहादी एजेंडे का विस्तार करते है. आज टोंक जिले में सैकड़ों हिंदू परिवार सांप्रदायिक हिंसा के कारण =डर और असुरक्षा का सामना कर रहे हैं.

टोंक के आसपास के क्षेत्रों में भी तेज़ी से पलायन जारी है. पूरा क्षेत्र इस्लामीकरण के आग में जल रहा है. लोग अपने घरों के आगे घर बिकाऊ है का पोस्टर लगा रखे हैं.

आरिफ उर्फ मेहुल ने हिन्दू महिला को लव जिहाद में फंसाया

सूरत के रांदेर से एक बहुत हीं चौकाने वाली लव जिहादी की घटना सामने आई है.  28 साल की तलाकशुदा महिला को धोखे में रखकर मुस्लिम युक्क ने अपना नाम  बदलकर हिन्दू महिला से शादी रचा ली. फिर उसने अपना असली चरित्र को दिखाना शुरू कर दिया जो अक्सर लव जिहादी हिन्दू लड़कियों के साथ करते हैं. आरिफ ने शादी करने के बाद महिला पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने लगा. जब हिन्दू महिला ने उसकी बात नहीं मानी तो उसने महिला की जबरन गर्भपात भी करवा दिया गया.

सूरत के रांदेर पुलिस ने मामला सामने आने के बाद आरिफ उर्फ मेहुल को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी को लाजपोर जेल भेज दिया गया है. आरिफ पहले से शादीशुदा है जबकि पीड़ित महिला का जून 2019 में अपने पहले पति से तलाक हो चुका है.

आरोपी आरिफ मलिक लगभग दो साल पहले महिला को एक जन्मदिन की पार्टी में मिला था. तब उसने अपनी पहचान मेहुल चौहान बताया था. इसके बाद आरिफ ने अपनी पहचान छुपाने हुए महिला से नजदीकियां बढ़ाना शुरू कर दिया. इसके बाद दोनों का रिश्ता आगे बढ़ता गया. उसने महिला से शादी का भरोसा दिया. 

आरोपी ने बताया कि वह ड्राइवरी का काम करता है. इधर, 2020 में लॉकडाउन के दौरान ही दोनों ने एक साथ रहने का फैसला किया और घर के अंदर ही मंगलसूत्र तथा सिंदूर लगाकर शादी कर ली.

शिकायतकर्ता का कहना है कि पहले पुलिस ने केवल घरेलू हिंसा का मामला दर्ज किया था, लेकिन हिंदू जागरण मंच तक बात पहुंची तब जबरन गर्भपात समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया.

गणपति का अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्थान

देशभर में गणेश चतुर्थी प्रत्येक साल बड़ी धूम धाम से मनाया जाता जाता. गणपति बाप्पा का विशेष रूप से स्वागत होता. धूम-धाम से 10 दिन श्री गणेश प्रतिमा हमारे घर में विराजित रहती है. 10 दिन तक उन्हें प्रसन्न करने के हर प्रकार के जतन किए जाते हैं. उन्हें हर प्रकार का भोग लगाया जाता है. उनकी पूजन-अर्चन की जाती है. 

मगर अब यहां सवाल ये है की गणेश भगवन को कैसे बिदाई दी जाए..? परंपरानुसार कहा जाता है कि श्री गणेश प्रतिमा को उसी तरह बिदा किया जाना चाहिए जैसे हमारे घर का सबसे प्रिय व्यक्ति जब यात्रा पर निकले तब हम उनके साथ व्यवहार करते हैं, मगर देश में ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो रहा है.

महाराष्ट्र में गणेशोत्सव पर कडी पाबंदियों के बावजूद गणेशभक्तों में कोई कमी नहीं दिखी. मगर अब भक्तों में एक आक्रोश का माहौल बना हुआ है. आज हम आपको कुछ ऐसी घटनाओं का जिक्र करेंगे जिसे आपको सोचने पर मजबूर कर देगी. महाराष्ट्र में गणेशोत्सव के विसर्जन को लेकर एक विशेष तालिबानी नियमावली लागू की गई है. कोविड का बहाना बनाते हुए महाराष्ट्र में नगर निगम प्रशासन चलती फिरती टंकियों में गणेश जी की मूर्ति विसर्जन के लिए इकठ्ठा कर रही है.

लेकिन गणेश विसर्जन के लिए बनाई गई सनातन प्रक्रिया का बिल्कुल भी पालन नहीं हो रहा है. श्रद्धालूओं द्वारा दी गणेश भगवन की मूर्ति के साथ कितना बड़ा अपमान जनक व्यवहार होरहा है उसे आप भी देख लीजिए.

विसर्जन हेतू दी गई गणेश जी कि मूर्तीयों को प्रशासन द्वारा इस कदर खुलेआम पानी में फ़ेंक रहा जैसे कोई कूड़ा-कचड़ा हो. 

इकठ्ठा की गई मूर्तियों को पहले टेंपो में ठूस-ठूस कर भरा जाता है, तो कुछ को ट्रक में जैसे-तैसे लादकर नदी के किनारे लाने के बाद कुदाल और फावड़े से उसे तोड़ा जारहा है. मूर्तियों को बुरी तरीके से नष्ट करने के बाद, उसे पानी में इधर-उधर फ़ेंक कर गणपति का सरेआम अपमान होरहा है. ये घटना मुंबई से सटे ठाणे के कल्याण की है, जहां पर खुलेआम हिन्दू आस्थाओं के साथ खिलवाड़ होरहा है. 

तो ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या मूर्ति तोड़ने वालों पर कार्रवाई हो और कड़ा गाइडलाइन बने..? ताकि ऐसी घटनाओं पर तत्काल रोक लग सके.


              सनातन गणपति विसर्जन विधि

 

एक स्वच्छ पाटा लें उसे गंगाजल या गौमूत्र से पवित्र करें

घर की स्त्री उस पर स्वास्तिक बनाएं और उस पर अक्षत रखें

इसपर एक पीला,  गुलाबी या लाल सुसज्जित वस्त्र बिछाएं

इस पर गुलाब की पंखुरियां बिखेरें

पाटे के चारों कोनों पर चार सुपारी रखें

श्री गणेश को उनके जयघोष के साथ स्थापना वाले स्थान से उठाएं

पाटे पर विराजित करें और साथ में फल, फूल, वस्त्र, दक्षिणा, 5 मोदक रखें

एक छोटी लकड़ी लें और उसपर चावल, गेहूं और पंच मेवा की पोटली बनाकर बांधें

नदी, तालाब या पोखर के किनारे विसर्जन से पूर्व कपूर की आरती पुन: करें

श्री गणेश से खुशी-खुशी बिदाई की कामना करें

गणपति से धन, सुख, शांति, समृद्धि के साथ मनचाहे आशीर्वाद मांगे

10 दिन जाने-अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा प्रार्थना भी करें

श्री गणेश प्रतिमा को फेंकें नहीं सम्मान के साथ जल में धीरे-धीरे बहाएं

श्री राम की नगरी अयोध्या में ईसाई धर्मांतरण का खेल

ईसाई धर्मांतरण का खेल अब धर्म नगरी अयोध्या तक पहुंच चुका है. भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या के कई गांवों का धर्मांतरण हो गया है. अयोध्या आज विधर्मी ताकतों का एक बड़ा बनते जा रहा है. प्रभु श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में ईसाई मिशनरियां धर्मांतरण की फैक्ट्री चला रही हैं. अयोध्या में चुन-चुन कर भोले-भेले हिंदुओं को ईसाई बनाया जा रहा है. ये सारा खेल एक योजनाबद्ध तरीके से हो रहा है. इस विडियो को आप ध्यान से देखिए, कैसे एक पादरी पूजा पाठ का बहाना बना कर धर्मांतरण कर रहा है.  

हमारे पास इस बात के कई ऐसे प्रमाण हैं जो अयोध्या में धर्मांतरण की फैक्ट्री और ईसाई मिशनरियों के षड्यंत्र को बेनकाब करते हैं. अयोध्या में हजारों लोगों को ईसाई बनाया जा चुका है. जहां पर प्रभु श्री राम का मंदिर बन रहा है उससे कुछ ही दूरी पर बड़ी संख्या में लोगों को ईसाई बनाया जा चुका है. धर्म नगरी अयोध्या में स्थित विद्याकुंड के पास की एक पूरी की पूरी बस्ती को ईसाई मिशनरियों ने धर्मान्तरित कर दिया है. इस दुसरे विडियो में देखिये कैसे दिन दहाड़े घरों में घुसकर ये पादरी नाबालिग बच्ची को बेहोश कर धर्मांतरण कर रहा है.

अयोध्या के दर्शन नगर का इलाका ईसाई धर्मांतरण का प्रमुख केंद्र बना हुआ है. मिशनरी एजेंट दर्शन नगर से धर्मांतरण की फैक्ट्री को संचालित कर रहे हैं. ईसाई मिशनरियां ग्रामीण इलाकों को अपने एजेंडे के लिए दूषित कर रही हैं, तथा वहां पर धर्मांतरण का खेल खेल रहीं है. धर्मांतरण कर रहा ये पादरी अपने गले में भगवा गमछा डाल रखा है जिससे अशिक्षित हिन्दू इन्हें अपने धर्म का हीं समझे.

मंदिर निर्माण से पहले हीं तीर्थनगरी अयोध्या में ईसाई मिशनरियों का सक्रिय होना तथा धर्मांतरण की फैक्ट्रियों को चलाना किसी बड़े खतरे से कम नहीं है. प्रभु श्रीराम के भक्तों को धर्मांतरित कर ईसाई बनाना, मिशनरियों का एक प्रमुख एजेंडा है, ताकि धर्म नगरी की जड़ों को कमजोर किया जा सके. ये धर्मांतरण गिरोह छोटे-छोटे बच्चों को हिन्दू देवी-देवताओं के बारे में धर्म विरोधी बातें सिखाते हैं. ईशा मसीह को भगवान और हिन्दू देवी-देवताओं को सैतान बता कर बच्चों को हिन्दू धर्म के प्रति उनके दिमाग में नफरत और घृणा का भाव पैदा कर रहे है. इस बच्चे की जुबानी सुनिए कैसे पादरी बच्चों को ईसाईयत का पाठ पढ़ाता है.

तो आपने देखा की कैसे ये पूरा षड्यंत्र धर्म नगरी अयोध्या के अन्दर चल रहा है. अब यहां सवाल ये खड़ा होता है की क्या, अयोध्या को ईसाई नगरी बनाने का कोई बड़ा अन्तर्राष्ट्रीय षड्यंत्र तो यहां काम नहीं कर रहा ? अबतक इसकी भनक पुलिस प्रशासन को नहीं लगी ?

   

 

रोहिंग्या घुसपैठियों के लिए कॉलोनी बना रहा है ज़कात फाउंडेशन

अवैध रूप से देश के अंदर आये घुसपैठियों के लिए जकात फाउंडेशन पूरी की पूरी कॉलोनी और इबादत के लिए मस्जिद का निर्माण का काम कर रहा हैं, तो सवाल यह भी उठता हैं कि जकात फाउंडेशन को फंडिंग कौन कर रहा हैं? जब देश की सुरक्षा एजेंसिया तथा गृह मंत्रालय रोहिंग्या घुसपैठियों को देश की सुरक्षा के लिए ख़तरा बता चुका है तो उनके लिए अलग से कॉलोनी तथा मस्जिद बनाने के लिए जकात फाउंडेशन की मंशा क्या है?

म्यांमार में अनगिनत हिंदुओं तथा बौद्धों के हत्यारे रोहिंग्या उन्मादियों के पक्ष में भारत के तमाम कथित सेक्यूलर तथा बुद्धिजीवी तनकर खड़े रहते हैं. म्यांमार में मजहबी उन्माद के बाद भारत में घुसपैठ कर चुके रोहिंग्या भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा ख़तरा है, ये बात भारत की सुरक्षा एजेंसिया तथा भारत के गृहमंत्री भी कह चुके हैं. अब इन्हीं रोहिंग्याओं के पक्ष में जकात फाउंडेशन उतर आया है तथा उनके लिए देश की राजधानी दिल्ली में अलग से कॉलोनी बनाने जा रहा है.

जकात फाउंडेशन इस्लामिक युवाओं को सिविल सेवा परिक्षा की तैयारी कराने का दावा करता है लेकिन पिछले साल जब सुदर्शन न्यूज़ ने UPSC जिहाद प्रोग्राम किया था, तब उसमें जकात फाउंडेशन की संलिप्तता सामने आई थी. अब उसी जकात फाउंडेशन ने देश की दीमक की तरह संक्रमित कर रहे रोहिंग्या घुसपैठियों के लिए अलग से कॉलोनी तथा मस्जिद बनाने की घोषणा की है. इसके लिए जकात फाउंडेशन ने नक्शा भी बनवा लिया है.

जकात ने दिल्ली में दारुल हिजरात नामक मेकशिफ्ट कैंपस्थापित किया है. इसका नक्शा सामने आया है जिसमें दिखाया गया है कि रोहिंग्या घुसपैठियों के लिए न सिर्फ अलग से कॉलोनी बनाई जाएगी बल्कि मस्जिद भी बनाई जाएगी. प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक़, ज़कात फाउंडेशन का दावा है कि पूरी परियोजना को गृह मंत्रालय की मँजूरी हासिल है. 

फाउंडेशन के उपाध्यक्ष एसएम शकील रोहिंग्याओं के लिए बनाई जा रही इस परियोजना के प्रभारी हैं. अगर जकात फाउंडेशन का दावा सही है तो सवाल गृहमंत्रालय पर भी हैं कि जब रोहिंग्या देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं तो उनके लिए अलग से कॉलोनी तथा मस्जिद बनाने की इजाजत कैसे दी गई?