04 November 2022

पाकिस्तान के मस्जिद से मौलवी ने रोहिंग्याओं को भड़काया, जिहादियों ने कर दी लिचिंग।

पाकिस्तान के कराची में भीड़ ने 2 लोगों की हत्या कर दी है। दोनों मृतक एक टेलिकॉम कंपनी में काम करते थे, जिनके नाम मोहम्मद इशहाक और आयमान जावेद हैं। पुलिस को इस मॉब लिंचिंग के पीछे रोहिंग्याओं के होने का शक है। हिंसा में शामिल अब तक 5 नामजदों सहित 37 आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं। मुख्य आरोपित का नाम अब्दुल गफूर बताया जा रहा है। हमले की वजह बच्चों के अपहरण करने की अफवाह बताई जा रही है।

आरोप है कि दोनों की हत्या का फरमान एक मस्जिद से मौलवी ने जारी किया था। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना कराची के मच्छर कालोनी की है। घटना के दिन आयमान जावेद और अब्दुल इशहाक दोनों कॉलोनी में मोबाइल के नेटवर्क की जाँच करने पहुँचे थे। इस दौरान दोनों ने वहाँ के एक बच्चे से टॉवर का पता पूछा। इस दौरान आस-पास के लोग दोनों को बच्चा चोर कह कर शोर मचाने लगे।

जब तक दोनों कुछ समझ या लोगों को समझा पाते तब तक भीड़ ने उन दोनों पर हमला बोल दिया। हमले में दोनों बुरी तरह से घायल हो गए।

इस बीच किसी ने पुलिस को खबर दी। पुलिस ने मौके पर पहुँच कर भीड़ को तितर-बितर किया लेकिन तब तक दोनों कर्मचारियों की मौत हो चुकी थी। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में भीड़ ने न सिर्फ टेलिकॉम कंम्पनी के दोनों कमर्चारियों को बेरहमी से पीटा है बल्कि उनकी कार को भी बुरी तरह से तोड़ डाला है। हमले के लिए लाठी, डंडे, रॉड, पत्थरों के साथ लात और घूँसों का भी प्रयोग किया जा रहा था।

 

इस घटना के विरोध में घटना स्थल पर प्रदर्शन हुआ। इस दौरान एक प्रदर्शनकारी ने आरोप लगाया कि भीड़ को दोनों मृतकों पर हमले के लिए एक मौलवी ने उकसाया था। प्रदर्शनकारी ने कहा कि मौलवी ने लोगों को उकसाने के लिए एक मस्जिद का प्रयोग किया था, जिसके बाद भीड़ हिंसक हो उठी थी। प्रदर्शनकारी ने मौलवी की गिरफ्तारी न होने पर भी नाराजगी जताई।

सिंध ज़ोन के IG ने इस घटना पर चल रही पुलिस कार्रवाई के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि टेलिकॉम कंपनी के दोनों इंजीनियरों की हत्या में रोहिंग्याओं का हाथ होने के सबूत मिले हैं। इन सभी को पाकिस्तान में आधिकारिक तौर पर शरण मिली हुई है। वहीं पुलिस ने गवाहों के आगे हिरासत में लिए गए सभी आरोपितों की पहचान और परेड करवाई है। पुलिस का कहना है कि प्राप्त वीडियो फुटेज और गवाहों के बयानों के आधार पर अभी अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है।

 

हिंदू छात्र को शिक्षक जस्टिन ने कॉलर पकड़कर कहा, "भारत माता की जय अपने घर पर कहो" मिशनरी स्कूल का राष्ट्र विरोधी एजेंडा।

मध्य प्रदेश के गुना जिला मुख्यालय स्थित एक मिशनरी स्कूल में भारत माता की जयबोलने पर सातवीं के छात्र को न केवल फटकार लगाई गई, बल्कि उसे 4 पीरियड (करीब ढाई घंटे) तक जमीन पर भी बिठाए मुस्लिम शिक्षिका ने बैठाए रखा। जानकारी मिलने पर हिंदू नेता और अभिभावक पहुंचे और जोरदार तरीके से विरोध जताया। मामले में स्कूल प्रशासन और दो शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

गुना के क्राइस्ट सीनियर हायर सेकंडरी स्कूल में बुधवार को राष्ट्रगान के बाद एक छात्र ने भारत मां के जयकारे लगाए, तो शिक्षक ने छात्र की कालर पकड़कर लाइन से बाहर निकाल दिया। साथ ही कक्षा में नाबालिग छात्र को ढाई घंटे तक जमीन पर बैठाकर प्रताड़ित किया। इसके विरोध में गुरुवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सहित अन्य सामाजिक संगठनों ने स्कूल परिसर में जमकर नारेबाजी कर धरना दिया। शहर कोतवाली थाना पुलिस ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ तीन धाराओं में मामला दर्ज किया है।

पीड़ित छात्र के पिता ने बताया कि उनका बेटा क्राइस्ट स्कूल में कक्षा 7वीं में पढ़ता है। बुधवार को स्कूल में प्रेयर के बाद उसने भारत माता की जयबोल दिया। इसी बात पर मौजूद टीचर भड़क उठे। बच्चे को 4 पीरियड तक जमीन पर बैठने की सजा दी गई। उसे डराया-धमकाया गया। यह बात बच्चे के दिल में इतनी असर कर गई कि घर पहुंचकर उसने खुद को कमरे में बंद कर लिया। माता-पिता ने तुरंत हाव भाव देख उससे बात की, तो बच्चे ने पूरी घटना बताई। छात्र ने बताया कि जब उसने राष्ट्रगान के बाद भारत माता का जयघोष किया तो शिक्षक जस्टिन ने कालर पकड़कर कहा कि भारत माता की जय वह अपने घर पर कहे। स्कूल में भारत माता का जयघोष नहीं कर सकते हैं। छात्र को कक्षा शिक्षक जस्मीना खातून ने भी ढाई घंटे तक जमीन पर बैठाकर प्रताड़ित किया।

इस घटना के बाद अभाविप व अन्य सामाजिक संगठनों के साथ अभिभावक गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे स्कूल पहुंच गए। यहां पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया। वे स्कूल में परिसर में धरने पर बैठ गए। उन्होंने नारेबाजी करते हुए हनुमान चालीसा का पाठ किया। सूचना पर पुलिस और प्रशासन के अफसर भी मौके पर पहुंच गए। हंगामा शाम 7.00 बजे तक चलता रहा। इस दौरान पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे। इस घटना के बाद स्कूल प्रशासन ने लिखित माफीनामा देते हुए पालक शिक्षक संघ को संबंधित शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

प्रदर्शन के बाद कोतवाली थाना पुलिस ने दो शिक्षकों जस्टिन और जास्मिना खातून के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। प्रशासन ने भी स्कूल की जमीन की मापी की है। एक बीघा सरकारी जमीन स्कूल के कब्जे में निकली है। सरकारी जमीन को मुक्त कराने हेतु जल्द कार्रवाई की जाएगी।