30 November 2021

नितीश कुमार का मंदिरों पर जजिया कर- देना होगा 4 प्रतिशत टैक्स

बिहार में सार्वजनिक मंदिरों को लेकर राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड ने मुगलिया फैसला लिया है। इस तालिबानी फरमान से अब से राज्य में सभी सार्वजनिक मंदिरों को 4 प्रतिशत का टैक्स देना होगा। धार्मिक न्यास बोर्ड के इस फैसले के दायरे में उन मंदिरों को भी शामिल किया गया है, जिसे कोई व्यक्ति अपने घर में बनवाने के बाद उसे सभी के लिए खोल देता है। इन सभी को अब से अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा और टैक्स देना पड़ेगा।


धार्मिक न्यास बोर्ड ने एक दिसंबर से मंदिरों के रजिस्ट्रेशन के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इस कदम को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने राज्य के सभी कलेक्टर्स से बगैर रजिस्ट्रेशन के चल रहे मंदिरों की जानकारी माँगी है। जिलों से लिस्ट मिलते ही मंदिरों का रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया जाएगा। बहरहाल अभी तक केवल भोजपुर जिले के कलेक्टर ने मंदिरों को लेकर जानकारी साझा की है।



इस फैसले को लेकर धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य का कहना है कि हालात बहुत ही स्पष्ट हैं कि जिन मंदिरों में बाहरी लोग आकर पूजा-अर्चना करते हैं, वो सभी सार्वजनिक पूजा स्थलों के तौर पर गिने जाएँगे। फिर चाहे वह मंदिर किसी घर के अंदर ही क्यों न हो। इन सभी को अपना पंजीयन कराने के बाद टैक्स देना पड़ेगा।


बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड ने दावा किया है कि मौजूदा वक्त में राज्य में केवल 4600 मंदिर ही रजिस्टर्ड हैं। जबकि कई ऐसे प्रमुख मंदिर है, जिन्होंने अभी तक अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है। 

ऐसे मंदिर जिसे किसी व्यक्ति या परिवार ने बनवाया और उसमें केवल व्यक्ति या उसके परिवार के ही लोग पूजा-पाठ करते हैं। वो मंदिर निजी मंदिर होता है। जबकि इसके उलट अगर किसी मंदिर में कई सारे लोग आते हैं, पूजा करते हैं तो वह सार्वजनिक मंदिरों की श्रेणी में आता है। फिर चाहे वह किसी की निजी संपत्ति पर ही क्यों न हो।

संसद के शीतकालीन सत्र में आने वाले 26 विधेयकों पर एक नजर

हंगामे के बीच संसद का शीतकालीन सत्र जारी है. इस सत्र में सरकार कुल 26 नए बिल पास कराना चहती है मगर वहीँ दूसरी ओर विपक्ष संसद की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलने नहीं दे रहा है ऐसे में अब इन विधेयकों का भविष्य अधर में लटकते दिख रहा है एक नज़र डालते हैं इस बार आने वाले 26 विधेयकों पर संक्षेप में


1. दी फार्म लॉ रीपील बिल 2021’- सरकार इस बिल को 2020 में पारित होने से तीनों कृषि कानूनों को रद्द हो। जाएगाकरने के लिए पेश करेगी। संसद सत्र के पहले ही दिन सरकार इस बिल को दोनों सदनों से पारित कराने में सफल रही.

 

2. सरकार इस सत्र में दी नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंट (अमेंडमेंट) बिल 2021’ लाने वाली है- इस बिल को सरकार नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक एक्ट, 1985 में संशोधन के लिए पेश करेगी।

 

3. ‘दी दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट (अमेंडमेंट) बिल 2021’- इस बिल के जरिए सरकार दी दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट एक्ट, 1945 में संसोधन करेगी।

 

4. दी क्रिप्टोकरेंसी एंड रेग्युलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021’- इस बिल के जरिए सरकार सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करना चाहती है। या क्रिप्टो को लेकर कुछ नियम बनाए जा सकते हैं। साथ ही ऐसा भी हो सकता है कि सरकार आरबीआई की आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी भी लॉन्च कर सकती है। शीतकालीन सत्र में इस बिल को काफी अहम माना जा रहा है। लाखों लोगों की निगाहें इस बिल पर टिकी हुई है।

 

5. दी सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (अमेंडमेंट) बिल 2021’- सरकार सेंट्रल विजिलेंस कमीशन ऐक्ट, 2003 को संशोधित करने के लिए इस बिल को पेश करेगी।

 

6. दी चार्टर्ड अकाउंट्स, दी कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंट्स एंड दी कंपवी सेक्रेटेरीज (अमेंडमेंट) बिल 2020’- सरकार इन संस्थाओं में सुधार और अनुशासन को दुरूस्त करने के लिए इस बिल को पेश करेगी।

 

7. इंटर-सर्विसेज ऑर्गनाइजेशन (कमांड, कंट्रोल एंड डिसिप्लिन) बिल 2021’- इस बिल का उद्देश्य सेना अधिनियम, 1950, नौसेना अधिनियम, 1957 और वायु सेना अधिनियम, 1950 के अधीन व्यक्तियों के संबंध में अनुशासन और उचित निर्वहन या कर्तव्यों के लिए कमांडर-इन-चीफ या ऑफिसर-इन-कमांड ऑफ इंटर-सर्विसेज ऑर्गनाइजेशन को सशक्त बनाना है।

 

8. इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी (अमेंडमेंट) बिल 2021’- सरकार इस बिल को बैंकों को दिवालिया होने से बचने की प्रक्रिया को और मजबूत करने के लिए ला रही है। इसके जरिए इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 को संसोधन किया जाएगा।

 

9. दी इंडियन अंटार्कटिका बिल 2021’- भारत की अंटार्कटिका गतिविधियों का नीति निर्धारण करने और इसको एक ढांचा प्रदान करने के लिए ये बिल सरकार लेकर आ रही है।

 

10. दी कैंटोनमेंट बिल 2021’- आर्मी की कैंटोनमेंट बोर्ड के शासन व्यवस्था को और लोकतांत्रिक और आधुनिक बनाते हुए उनके विकास के लिए ये बिल लाया जा रहा है।

 

11. दी इमिग्रेशन बिल 2021’- इस बिल से सरकार माइग्रेशन के लिए मजबूत, पारर्शी और व्यापक प्रबंधन ढांचा तैयार करना चाहती है। इस बिल को दी इमिग्रेशन बिल ऐक्ट, 1983 की जगह पेश किया जाएगा।

 

12. दी पेंशन फंड रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (अमेंडमेंट) बिल, 2021’- सरकार इस बिल को नेशनल पेंशन सिस्टम ट्रस्ट को पेशन फंड रेग्युलेटरी अथॉरिटी से अलग करने के लिए ला रही है। 2019 और 2020 के बजट में इसकी बात कही गई थी।

 

13. दी इंडियन मैरी इम फिशरीज बिल 2021’- ये बिल भारत के समुद्री इलाकों में दूसरे देश के जहाजों के इस्तेमाल से मछली पकड़ने के कानूनों में बदलाव लाने, मछली पालन को बढ़ावा देने और उसके संरक्षण के लिए लाया जा रहा है।

 

14. दी बैंकिंग लॉ (अमेंडमेंट) बिल 2021’- सरकार बैंकों के निजीकरण के लिए ये बिल लाने जा रही है। सरकार ने 2021 के बजट में निजीकरण की बात कही थी।

 

15. दी नेशनल डेंटल कमीशन बिल 2021’- भारत में एक नेशनल डेंटल कमीशन की स्थापना करते हुए और डेंटिस्ट एक्ट, 1948 को रद्द करने के लिए इस बिल को लाया जा रहा है।

 

16. दी हाईकोर्ट एंड सुप्रीम कोर्ट जज (सैलरी एंड कंडीशन ऑफ़ सर्विस) अमेंडमेंट बिल 2021’- इस बिल के ज़रिए हाईकोर्ट जज एक्ट, 1954 और सुप्रीमकोर्ट जज एक्ट, 1958 में संशोधन किया जाएगा।

 

17. ‘दी मेट्रो रेल (कंस्ट्रक्शन, ऑपरेशन, एंड मेंटेनेंस) बिल 2021’- मेट्रो रेलवे से जुड़े 1978 और 2002 के ऐक्ट को रद्द करने के लिए इस बिल को लाया जा रहा है। इसके तहत PPP मॉडल पर चलने वाली मेट्रो भी शामिल होंगी।

 

18. दी इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल, 2021’- बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने, समस्याओं के समाधान की प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए इस बिल को लाया जा रहा है।

 

19. दी एनर्जी कॉन्सर्वेशन (अमेंडमेंट) बिल, 2021’- पेरिस में हुई अंतरराष्ट्रीय संधि के तहत जलवायु परिवर्तन के नज़रिए से बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए ये बिल लाया जा रहा है।

 

20. दी नेशनल ट्रांसपोर्ट यूनिवर्सिटी बिल, 2021’- गुजरात के वड़ोदरा में बनी नेशनल रेल और ट्रांसपोर्टेशन इंस्टीट्यूट को नेशनल इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी में तब्दील करने के लिए लाया जा रहा है।

 

21. दी कॉन्स्टिटूशन (शेड्यूल कास्ट्स एंड शेड्यूल ट्राइब्ज़)ऑर्डर (अमेंडमेंट) बिल 2021’- इस बिल के ज़रिए केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश के अनुसूचित जनजातियों के लिस्ट में संशोधन करेगी।

 

22. दी कॉन्स्टिट्यूशन (शेड्यूल कास्ट्स एंड शेड्यूल ट्राइब्ज़)ऑर्डर (अमेंडमेंट) बिल, 2021- इस बिल के ज़रिए केंद्र सरकार त्रिपुरा की अनुसूचित जनजातियों की लिस्ट में संशोधन करेगी।

 

23. दी ट्रैफिकिंग ऑफ पर्सन्स(प्रिवेन्शन, प्रोटेक्शन एंड रिहैबिलिटेशन) बिल 2021’- व्यक्ति, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों की तस्करी पर रोक लगाने। पीड़ितों के अधिकारों का सम्मान और उनकी देखभाल, सुरक्षा, सहायता और पुनर्वास की व्यवस्था प्रदान करने, इसके अलावा उनके लिए कानूनी, आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए ये बिल लाया जा रहा है।

 

24. दी नेशनल एंटी-डोपिंग बिल 2021’- नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी को एक लेजिस्लेटिव ढांचा प्रदान करने और वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी के कन्वेंशन के तहत बदलावों को आसानी से अपनाने की व्यवस्था बनाने के लिए इस बिल को लाया जा रहा है।

 

25. दी मीडिएशन बिल 2021’- इस बिल के ज़रिए सरकार मुकदमा होने से पहले मध्यस्थता के प्रस्ताव और तत्काल राहत की मांग को लेकर अदालतों का रुख़ करने का प्रावधान लाना चाहती है।

 

26. दी नेशनल नर्सिंग मिडवाइफरी कमीशन बिल 2021’- नर्सिंग और मिडवाइफरी की नेशनल कमीशन की स्थापना और इंडियन नर्सिंग काउंसिल एक्ट, 1947 को रद्द करने के लिए ये बिल लाया जा रहा है।

29 November 2021

इंडोनेशिया ने किया मस्जिद में अजान को बैन परेशान थे लोग

दुनिया के सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश 'इंडोनेशिया' इन दिनों 'अज़ान' की 'आवाज़' से काफी परेशान चल रहा है। वहां पर रह रहे कई लोगो ने इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, वहीं साथ ही साथ स्थानीय शासन, प्रशासन ने भी इन शिकायतों के मद्देनजर पिछले ही महीने  लाउडस्पीकरो की आवाज़ को धीमे किया था, लेकिन फिर भी लोगो की शिकायतों के बाद लाउडस्पीकर प्रयोग करने के दिशा-निर्देशों को पारखाजा रहा है।

दरअसल, इंडोनेशिया में मुस्लिमो की आबादी पूरे विश्व में सबसे ज्यादा है, इसी कारण वहां पर मस्जिदों की संख्या भी काफी अधिक है। इन तमाम मस्जिदों में अज़ान के लिए लाउडस्पीकर का प्रयोग किया जाता है, जो अब तमाम लोगो क्रास नहीं आ रहा है। वहां के स्थानीय लोगो ने कई बार इस बात की शिकायत की है कि इन आवजो के कारण 'ध्वनि प्रदूषण' होता है और उन्हें काफी दिक्क्तों का सामना भी करना पड़ रहा है।

इंडोनेशिया में ईश निंदा कानून पर पांच साल की कैद हो सकती है. ऐसे में 'इस्लाम धर्म' के खिलाफ बोलना काफ मुश्किल भरा भी  है।  दरअसल,ऐसे ही एक शिकायत करने पर कुछ समय पहले एक बौद्ध महिला को सजा सुनाई गई थी.

उन्होंने तब सिर्फ इतना कहा था कि अजान की तेज आवाज से उनके कानों को परेशानीहोती है. स्थानीय लोगों की शिकायत पर उन्हें करीब 18 महीने जेल में गुजारने पड़े थे. इसके बाद कट्टरपंथियों की भीड़ ने कई बौद्ध मंदिरों को आग के हवाले कर दिया था.

इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम बहुल देश है. यहां लगभग 6 लाख 25 हजार मस्जिदें हैं और इस देश की 27 करोड़ की आबादी में से 80 प्रतिशत आबादी मुसलमानों की है. भारत में भी लोग काफी लंबे अरसे से मस्जिदों के आवाज़ को बंद करने की मांग कर रहे हैं. कुछ लोगों का कहना है की जब सबसे बड़ा मुस्लिम देश अपने यहाँ मस्जिदों की आवाजें बंद कर सकता है तो फिर भारत में इसे क्यों नहीं किया जा रहा है. 

पांच हजार लड़कियों को सेक्स रैकेट में फंसाया, राशिद नाम बदल कर चला रहा था धंधा

देश में एक बड़ा मोमिन रैकेट का पर्दाफाश हुआ है. ये रैकेट कितना विशाल था इसका अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि इसके जरिये अबतक पांच हजार से ज्यादा लड़कियों को भारत के विभिन्न हिस्सों में देह व्यापार के लिए भेज चुका है. जैसे ही इस गिरोह का खुलासा हुआ देश की सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर आ गई.

इंदौर की विजय नगर पुलिस ने अब तक के सबसे बड़े सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने दो युवतियों समेत कुल सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस गिरोह का मुख्य सरगना विजय दत्त उर्फ़ मोमिन है जो बांग्लादेश का रहने वाला है. इस गंदे धंधे में मोमिन की पत्नी भी शामिल थी.

काम इतने शातिराना तरीके से चल रहा था कि किसी को भनक तक न लग पाए. मोमिन की पत्नी बांग्लादेश में एक एनजीओ की आड़ में लड़कियों को फंसाती थी और फिर उन्हें भारत भेज कर देह व्यापार में फंसा देती थी.

रिपोर्ट के मुताबिक मोमिन करीब 25 साल पहले बांग्लादेश से भारत आया था, भारत में घुसने के बाद वो मुंबई के नाला सोपारा इलाके के तंग इलाके में रहने लगा. फिलहाल, पूछताछ में उसने कबूल किया है कि मुंबई और सूरत जैसी जगहों पर दलालों की संख्या काफी ज्यादा थी। इसी कारण उसने इंदौर को अपने धंधे का नया ठिकाना बनाने की कोशिश में लगा हुआ था, ताकि एक सप्लाई चेन बनाई जा सके.

2020 में इंदौर के विजय नगर थाना क्षेत्र में 21 बांग्लादेशी लड़कियों को देह व्यापार के मामले में पुलिस ने पकड़ा था. इसके बाद उनके तार एमडी ड्रग्स मामले से जुड़े पाए गए. नशे और देह व्यापार के अपराध में पुलिस ने लड़कियों के अलावा 33 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. 15 नवंबर इंदौर की विजय नगर पुलिस ने जब एक होटल में कार्रवाई की थी तो देह व्यापार में लिप्त 5 लड़कियों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से 3 लड़कियों की पहचान को लेकर जांच की जा रही थी. फिलहाल पुलिस ने 5 आरोपियों व 3 लड़कियों को गिरफ्तार किया है. इंदौर के IG हरिनारायण मिश्रा चारी का कहना कि मुख्य आरोपित मोमिन ने 10 शादियाँ की हैं और इसके अलावा उसकी 100 गर्लफ्रेंड भी हैं.

 उसने इंदौर, धार, झाबुआ, अहमदाबाद, सूरत, जयपुर सहित देश के कई शहरों में सप्लाई चेन बना ली थी. जिस्मफरोशी की आड़ में वो नशीले पदार्थों की तस्करी भी कर रहा था. इंदौर की विजयनगर थाना पुलिस के अनुसार, गत वर्ष अक्टूबर 2020 में एक युवती ने पुलिस में शिकायत कर बताया था कि वो बांग्लादेश की निवासी है और उसे शबाना औऱ बख्तियार ने नाज़ायज़ तरीके से बॉर्डर पार करवाकर भारत में मोमिन के हवाले किया था.

इसके बाद से वह पुलिस की रडार पर था. उसे पकड़ने के लिए पुलिस ने टीम बनाई थी. वो लगभग एक हफ्ते पहले मुंबई में था, मगर जैसे ही उसे पुलिस की कार्रवाई का पता चला तो वो इंदौर आ गया जहां से विजयनगर पुलिस ने उसे पकड़ लिया.

आदिवासी छात्र करेंगे हिंदू धर्म का प्रचार, संघ ने शुरू की अनूठी पहल

देश दुनिया में गिरते संस्कार के स्तर से लोग त्रस्त हैं. अनेक तरह की शिक्षा आज दुनिया भर में दी जारही है मगर संस्कार की शिक्षा का अभाव आज भी है. ऐसे अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा संस्कार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष मुहीम शुरू की गयी है.

नागपुर के एकल श्री हरी सत्संग समिति द्वारा प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से ग्रामीण आदिवासी विद्यार्थियों को कथाकार बनाया जा रहा है ताकि उनका धर्मांतरण नहीं हो सके. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सामाजिक समरसता अभियान के अंतर्गत पूरे देश मेएकल हरिकथा सत्संग समिती के माध्यम से ये अभियान शुरू हुआ है.

आदिवासी इलाके मे आदिवासी युवकों द्वारा धर्मप्रचार और वेद पाठ करने से एक बड़ा सन्देश धर्मांतरण गिरोह को मिलेगा, साथ ही आदिवासी समाज को धर्म परिवर्तन से बचाया जा सकेगा. आरएसएस द्वारा इनको भारतीय उत्सव, संस्कृति और परंपरा का ज्ञान दिया जा रहा है.

आदिवासी समाज के विद्यार्थी अपनी शिक्षा पूर्ण कर गाँव-देहात में और आदिवासी इलाकों में जाएंगे और वहां रह रहे ग्राम वासियों को हिन्दू धर्म का ज्ञान देंगे.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा शुरू किया गया ये अभियान काफी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और आदिवासी समाज के लोग बढ़ चढ़ कर इस मुहीम में हिस्सा ले रहे हैं. सामाजिक समरसता का ये भियान पूरे देश भर के आदिवासी क्षेत्रों में शुरू किया गया है.

बीजेपी MLA ने बनवाया विधायक निधि से चर्च, देवभूमि में अधर्म

उत्तराखंड में ईसाई मिशनरियों का प्रभाव अब शासन-प्रशासन के ऊपर भी पड़ने लगा है. एक ओर जहां देवभूमि में हिन्दू समाज भू-कानून की मांग कर रहा है ताकी प्रदेश में हिन्दुओं की जमीन-जायदाद सुरक्षित रहे, मगर वहीँ दूसरी ओर राजनीतिक पार्टियाँ और जन प्रतिनिधि ईसाई मिशनरियों को खुश करने के लिए सरकारी फण्ड का दुरूपयोग कर चर्च का निर्माण करा रहे हैं. देवभूमि की जनता बढ़ती मुस्लिम आबादी और ईसाई आबादी के प्रभाव से परेशान है. इस समस्या के कारण देव भूमि के लोग पलायन भी कर रहे हैं. इसकी भी विस्तार से खबर पिछले दिनों सुदर्शन न्यूज़ ने दिखाया था. 


मगर अब हद तो तब हो गयी जब खुद एक विधायक ने ही ईसाई मिशनरियों के दबाव में अपने ही निधि से चर्च का विशाल भवन का निर्माण करवा डाला. प्रदेश में ऐसे कई राजनेता और जनप्रतिनिधि हैं जो मिशनरियों को खुश करने के लिए आए दिन कोई न कोई इस तरह की हरकतें कर रहे हैं. बात चाहे प्रदेश की पहाड़ी इलाके की हो या फिर मैदानी इलाके की हर ओर मिशनरियों और जिहादियों का लैंड जिहाद और मजार जिहाद अपना तेज़ी से अपना पैर पसार रहे हैं.

इन्हीं मिशनरियों और जिहादियों के द्वारा हिन्दू समाज के भोले-भाले लोगों और को ईसाई और मुस्लिम धर्म में धर्मान्तरित किया जा रहा है. आदिवासी, बनवासी और निरक्षर समाज को सीधा टारगेट कर पैसे का लालच देकर धर्मांतरण की फैक्ट्री चल रही है.

स्थानीय नेताओ और विधायको का आशीर्वाद इन लोगो के ऊपर बना हुआ है जिस वजह से कानून का डर भी अब इन मिशनरियों को नहीं है. तस्वीरों में आप साफ तौर से देख सकते हैं की प्रार्थना सभा कक्ष का उद्घाटन राजपुर विधानसभा से विधायक खजान दास ने किया है...और निर्माण भी विधायक ने अपनी विधायक निधि से करवाया है. तो सवाल यहाँ ये खड़ा होता है कि जब हमारा संविधान ये कहता है कि सरकारी धन से किसी भी प्रकार के चर्च मस्जिद मंदिर का निर्माण नहीं होसकता तो फिर विधायक जी ने किस आधार पर अपने सरकारी निधि का धन चर्च निर्माण में किया ?

देवभूमि के हिंदू संगठन लगातार विधायक का विरोध कर रहे है. विधायक जी ने चर्च का निर्माण करवा कर खुद को कटघरे में खड़ा कर लिए है. अब देखने वाली बड़ी बात होगी की सरकार इसपर क्या एक्शन लेगी और कब तक लोगो के टैक्स का पैसे ऐसे अवैध निर्माण पर लगाता रहेगा ये अपने आप में एक बड़ा सवाल है.

गुजरात के भरूच में 200 हिन्दू लड़कियों का धर्मांतरण

उमर गौतम धर्मांतरण मामले में जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे इसके हर रोज़ कच्चा चिट्ठा खुलकर सामने आरहा है. ताज़ा मामला गुजरात के भरूच जिले से सामने आया है जहां पर एक गांव में विदेशी फंड के जरिए 200 से अधिक आदिवासी लड़कियों का धर्मांतरण कराया गया है. सभी लड़कियों को रुपये और अन्य प्रकार के लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन किया गया. का लालच देकर धर्मांतरण करने का दबाव बनाया गया था. इस पूरे मामले में लंदन में रहने वाले एक शख्‍स के ऊपर भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है जो विदेशों से फण्ड मुहैया कराता था. 


भरूच जिले के आमोद तालुका के कांकरिया गांव के वासवा हिंदू समुदाय के 37 परिवारों के 200 से अधिक आदिवासी परिवार के लड़कियों का धर्म परिवर्तन हुआ है. मुख्य आरोपी हाजी अब्दुल सहित कुल 9 लोगों को नामज़द आरोपी इस मामले में बनाया गया है. हाजी अब्दुल कमजोर लोगों के धर्म परिवर्तन के लिए विदेशी फंड एकत्र करता था. जांच में पता चला है कि आरोपियों ने दो समुदायों के बीच रंजिश फैलाने के लिए वसाव हिंदू समुदाय के सदस्‍यों को पैसे और अन्‍य प्रलोभन देकर धोखे से इस्‍लाम में परिवर्तित करने का लालच दिया था.


पुलिस ने इस मामले में सभी 9 लोगों के खिलाफ गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) कानून के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी) (आपराधिक साजिश), 153(बी)(सी) (वैमनस्यता फैलाने की आशंका) और 506 (2) (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया है. इस मामले में अपराधियों के खिलाफ पुलिस ने 1860 पन्ने की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है.


मोहम्मद हुसेन मंसूरी, उमर गौतम, सलाउद्दीन शेख, अब्दुल्ला फेफड़ावाला, मुस्तफा शेख़ थानावाला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की हुई है. चार्जशीट में उमर गौतम का भी नाम शामिल है. उमर गौतम ने दिल्ली में 1 हजार लोगों का धर्म परिवर्तन करवाया था जिसमे से कुछ लोग गुजरात के रहने वाले थे. जिन 200 हिन्दू लड़कियों का भी धर्मपरिवर्तन हुआ है उसमे में उमर गौतम का बड़ा हाथ बताया जा रहा है.


आरोपी सलाउद्दीन एवम उमर गौतम पर आफमि ट्रस्ट के माध्यम से विदेश से FCRA और हवाला के माध्यम से फंड इक्क्ठा कर धर्मपरिवर्तन एवं गैरकानूनी काम के करने का आरोप है. दिल्ली में CAA-NRC के प्रदर्शन में FCRA द्वारा इकट्ठा किया गया पैसा खर्च किया गया. दिल्ली में हुए दंगो को को प्रोत्साहित करने के लिए मुसलमानों को पैसे बांटे गए जो FCRA के जरिये भारत भेजा गया था.

27 November 2021

समान नागरिक संहिता का विरोध क्यों ?

देश में एक बार फिर से यूनिफॉर्म सिविल कोड की मांग तेज़ होगई है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अंतर्धार्मिक विवाह सम्बंधित जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से कहा है कि वो समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुझाए गए दिशा निर्देशों पर विचार करते हुए पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू करे. न्यायालय के इस सुझाव के बाद एक बार फिर समान नागरिक संहिता का विषय चर्चा में आगया है. इसी वर्ष जुलाई में भी दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी केंद्र सरकार से इस दिशा में कदम उठाने का सुझाव दिया था. इससे पहले वर्ष 2019 में सर्वोच्च न्यायालय की एक पीठ ने भी समान नागरिक संहिता न लाने के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया था.

पिछले कई वर्षों से समान नागरिक संहिता की मांग देश में होता रहा है. मगर जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इसे लागू करने कि बात कही तो ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को ये बात रास नहीं आई. आनन-फानन में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड प्रेस कांफ्रेंस कर विरोध में उतर आया. पर्सनल लॉ बोर्ड को समान नागरिक संहिता मंजूर नहीं है मगर उसको ईशनिंदा के विरुद्ध कानून जरुर चाहिए. ऐसे में सवाल मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सोच और कामकाज के ऊपर भी खड़ा होता है कि क्या ये देश में सरिया कानून लागू करना चाहते हैं?

संविधान निर्माताओं ने संविधान को अंतिम रूप देते हुए यह आशा व्यक्त की थी कि भविष्य में अलग-अलग धर्मों के लिए विवाह, तलाक़ और अन्य सम्बंधित कानूनी प्रक्रिया के लिए समान नागरिक संहिता को लागू किया जाएगा. इसी बात को आगे रखते हुए न केवल सर्वोच्च न्यायलय ने बल्कि अन्य उच्च न्यायालयों ने बार-बार सरकार से समान नागरिक संहिता बनाने का सुझाव दिया. 2019 के अपने फैसले में सर्वोच्च न्यायलय ने कहा कि; हमारे संविधान निर्माताओं ने अनुच्छेद 44 के तहत नीति निर्देश दिया था कि उचित समय आने पर सरकार पूरे देश के नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता बनाने और उसे लागू करने की अपनी जिम्मेदारी का पालन करेगी पर यह आज तक नहीं हो सका.

अपने फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने आगे कहा था कि हिंदू एक्ट 1956 में लागू होने के बाद आज तक नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता की दिशा में सरकार द्वारा कदम नहीं उठाया जा सका और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शाह बानो मामले में परामर्श के बावजूद सरकार ने इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया.

वर्तमान केंद्र सरकार से न केवल उसके समर्थक बल्कि एक वृहद भारतीय समाज लंबे समय से समान नागरिक संहिता लाने की मांग कर रहा है. पिछले कई वर्षों से संसद के लगभग हर सत्र से पहले इस बात की चर्चा होती रही है. संसद के शीतकालीन सत्र से पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा एक बार फिर से सरकार से जो बात कही गई है उसका कितना असर होता है, यह देखना आगे दिलचस्प होगा. मगर इसको लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अभी से घबराया हुआ है और इसका विरोध भी शुरू कर दिया है.

26 November 2021

सबरीमाला मंदिर में जबरदस्ती हलाल सर्टिफाइड इस्लामी प्रसाद क्यों ?

देशभर में हलाल का व्यापर हिन्दू समाज और उसके धार्मिक भावनाओं को प्रभावित कर रहा है. हलाल सर्टिफिकेट का प्रचल और प्रसाद अब मंदिरों में भी घुसपैठ कर चुका है और इसको बढ़ावा दे रही है केरल की वामपंथी सरकार.  सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर में अरावणाऔर अप्पमप्रसाद तैयार करने में हलाल गुड़इस्तेमाल से हड़कंप मचा हुआ है. 


मंदिर की प्रसाद और पवित्रता को बरक़रार रखने के लिए एसजेआर कुमार ने केरल हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर इसे तत्काल रोकने की अपील की है. मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट ने स्पेशल कमिश्नर, सबरीमाला से इस मुद्दे पर रिपोर्ट मांगी है.


याचिकाकर्ता एसजेआर कुमार ने त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड और फूड सेफ्टी कमिश्नर, केरल को ये निर्देश देने की अपील की है कि सबरीमाला मंदिर में अशुद्ध हलाल सर्टिफाइड गुड़ से बने अरावणाऔर अप्पमका वितरण तत्काल रोका जाए और नेवैद्यम या प्रसाद बनाने के लिए आगे इसका उपयोग नहीं किया जाए.अयप्पा मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को गुड़ और चावल से बना अरावणापायसम और अप्पमप्रसाद दिया जाता है.


हलाल सर्टिफाइड गुड़ पर तत्काल प्रतिबंध लगाना इसलिए जरुरी है कि क्योंकी मंदिर की दो महीने चलने वाली वार्षिक मंडलम-मकराविलाक्कू यात्रा शुरू हो गई है और इस अवधि में हजारों श्रद्धालु यहां आएंगे. याचिका पर सुनवाई के दौरान टीडीबी और केरल के फूड सेफ्टी कमिश्नर ने जस्टिस अनिल के नरेंद्रन और जस्टिस पीजी अजीत कुमार की पीठ को बताया कि उन्नियप्पमऔर अरावणाबनाने में इस्तेमाल होने वाले गुड़ की क्वालिटी पम्पा की प्रयोगशाला में जाँच की जा रही है.


टीडीबी ने हाई कोर्ट को बताया कि गुड़ को महाराष्ट्र की एक कंपनी से खरीदा गया था. टीडीबी ने कोर्ट में ये भी कहा कि गुड़ 2019 और 2020 में खरीदा गया था, लेकिन कोविड -19 महामारी के कारण इसका उपयोग नहीं हो पाया था. बोर्ड ने कहा कि इस साल जब सितंबर में इसकी गुणवत्ता जांच की गई तो पाया गया कि ये गुड़ मानव उपभोग के लिए ठीक नहीं है. 


तो ऐसे में सवाल ये खड़ा होता है कि जो गुड़ खराब हो चुका था, जिसके उपयोग से फ़ूड विषाक्त होने का खतरा है, ऐसे उत्पाद को हलाल सर्टिफाइड के नाम पर भगवान को क्यों परोसा जा रहा है ? आखिर भगवान अयप्पा को हलाल  सर्टिफाइड प्रसाद चढ़ाने की अनुमति क्यों दी गई ? इस बात की भी जाँच करने की आवश्यकता है की वो कौन लोग हैं जो भगवान अयप्पा को अपवित्र करना चाहते हैं ?

24 November 2021

ईसामसीह को राजा और पादरी को महागुरू घोषित कर सनातन और संत समाज का अपमान

ईसामसीह को राजा और पादरी को महागुरू घोषित कर हिन्दुओं को ठगने का महा षड्यंत्र हुआ है. धार्मिक रीती रिवाजों और हिन्दू परंपरा को इस्तेमाल कर धर्मांतरण द्रोही लगातार हिन्दुओं को ठगने का काम कर रहे हैं. ताज़ा मामला महारष्ट्र के अहमदनगर का है जहां पर खुलेआम अखबार में बड़े विज्ञापन जारी कर ईसामसीह को राजा और पादरी को महागुरू घोषित कर हिन्दुओं को भ्रमित किया जा रहा है. 

हिंदू नामों से भोले-भले हिन्दुओं को ठगने का मिशनरियों का षड्यंत्र अब महाराष्ट्र  में खुलेआम जारी हैं. कैथोलिक चर्च में ख्रीस्त राजा का पर्व मनाने का एक नया ठोंग शुरू हुआ है. पिछले साल भी इसतरह के षड्यंत्र कर बड़े पैमाने पर भोले-भले हिन्दुओं को धर्मान्तरित किया गया था. अहमदनगर में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरूआत रैली से होगी. इसके बाद मिस्सा पूजा का आयोजन किया जाएगा.  मिस्सा पूजा भी हिन्दू धर्मं का ही नक़ल है जिसे ईसाई पादरी अपने जाल बुनने में इस्तेमाल कर रहे हैं.

ख्रीस्त राजा पर्व को लेकर प्रत्येक साल इसतरह के आयोजन किये जाते हैं. 1925 शुरू हुए ये षड्यंत्र एक विशाल रूप ले चुकी हैं. इस तरह के कार्यक्रम के जरिये प्रत्येक साल लाखों हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन कराया जाता है. एक जुलूस के रूप में आए सभी लोगों को ख्रीस्त ली राजा के जयकारे के साथ पहले लोगों को पादरी भ्रमित करते हैं...जब सभा में भीड़ एकत्र हो जाती है तो फिर...मसीह के नाम पर तरह-तरह के पाखंड कर लोगों को गुमहार करते हैं और भोले-भाले हिन्दुओं का धर्मांतरण के जाल में फंसाते हैं. फिर कार्यक्रम के जरिये यीशु को राजा घोषित कर हिन्दू धर्म की महान परम्परा का मज़ाक उड़ाते हैं.  

साथ हीं पादरी को महागुरू घोषित कर संत समाज और हिन्दू धर्मगुरुओं को खुलेआम अपमानित करने का कुंठित प्रयास करते हैं. ऐसे में हिन्दू समाज को ऐसे षड्यंत्रकारियों से सावधान रहने की जरुरत है.  

उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी पर मंगलयान मिशन के वैज्ञानिक रहे नम्बी नारायणन का कैरियर बर्बाद करने का आरोप

उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी पर कई सारे गंभीर आरोप अक्सर लगते रहते हैं. मगर इसबार का आरोप बेहद गंभीर और पूरे राष्ट्र को झकझोर देने वाला है. पूर्व रॉ अधिकारी ने हामिद अंसारी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. नाम्बी नारायणन ने हामिद अंसारी के क़रीबी द्वारा बदनाम करने और उनका करियर तबाह करने की बात का खुलासा किया है. इस खबर के सामने आने के बाद फिर हामिद अंसारी सुर्ख़ियों में हैं. इस पूरे प्रकरण को देश के कई बड़े अख़बारों ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया है. 

पीएसएलवी को 2014 में मंगलयान को संचालित कर मंगल ग्रह पर भारतीय ध्वज लहराने वाले और वर्ष 2008 में चंद्रयान को संचालित करने वाले प्रोफेसर नम्बी नारायणन हीं थे. जनवरी 5, 2014 को भारत ने अंतरिक्ष में लम्बी छलांग लगाकर नया इतिहास रचा था. स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के बूते रॉकेट को अंतरिक्ष में भेजने का परीक्षण 100% ख़रा उतरा था. इस लम्बी छलांग के पीछे असल में प्रोफैसर नम्बी नारायणन हीं थे.

1970 में तरल ईंधन रॉकेटतकनीक लाने वाले वैज्ञानिक रहे नम्बी नारायणन 1994 में इसरो में क्रायोजेनिक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी थे. मगर अफ़सोस की बात है कि उन्हें सत्ता और सियासत के षड्यंत्र का शिकार बनाया गया. जिस व्यक्ति को राष्ट्रीय अलंकरण देकर सम्मानित किया जाना चाहिए था, उसे ही जेल की सलाखों के पीछे बन्द कर दिया गया. उन्हें देश का गद्दार करार दिया गया.

नम्बी नारायणन और उनके साथी डी. शशिकुमार को वर्ष 1994 में केरल पुलिस ने जासूसी और भारत की रॉकेट प्रौद्योगिकी शत्रु देशों को बेचने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. बिना जाँचे-परखे पुलिस की इस थ्योरीपर विश्वास करके उन्हें राष्ट्रद्रोही के रूप में प्रस्तुत किया था.

नारायणन और शशि कुमार की घनघोर भर्त्सना हुई. सीबीआई ने अदालत में कहा कि ये केरल पुलिस की काफ़ी सोची समझी साज़िश थी. केरल पुलिस के सीबी मैथ्यूज, विजयन और के के जोशुआ के अलावा आईबी के आर बी श्रीकुमार पर मुक़दमा चलाने की सिफ़ारिश सीबीआई ने कर दी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी अभियुक्तों को रिहा किया और केरल सरकार को पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया. 

इस प्रकार एक महान वैज्ञानिक की कैरियर को तबाह कर देश की अंतरिक्ष मिशन को भी कमजोर किया गया. ऐसे में सवाल हामिद अंसारी के ऊपर खड़ा होता है कि क्या अंसारी इसके लिए देश से माफी मागेंगे?

छत्तीसगढ़ में 1000 लोगों ने की हिन्दू धर्म में घर वापसी

छत्तीसगढ़ में ईसाई और इस्लामिक धर्मांतरण रुकने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन कोई न कोई धर्मांतरण की खबर आती है...मगर इसपर खबर धर्मांतरण की नहीं बल्की घर वापसी का है. छत्तीसगढ़ में बड़े स्तर पर धर्मांतरित हो चुके हिंदुओं की वापस घर वापसी कराई गई है. घर वापसी अभियान के राष्ट्रीय प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने आर्य सभा के तत्वाधान में हिन्दू धर्म से भटके ईसाई धर्म अपनाने वाले 300 परिवार के लोगों के चरण धोकर घर वापसी करवाई.

इसके लिए भव्य आयोजन किया गया...इस मौके पर जाने-माने सामाजिक क्षेत्र के लोग मौजूद रहे. घर वापसी करने वाले सभी लोगों के अन्दर बेहद हीं ख़ुशी और उमंग का माहौल था. जूदेव राजपरिवार के सदस्य प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने विधर्मियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि कलाम बन कर आओगे तो बुद्ध हम बनेंगे, कसाब बन कर आओगे, तो महासंग्राम होगा.

इस मौके पर छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा एवं आर्य समाज खुटा पानी के संयुक्त तत्वाधान में विश्वकल्याण महायज्ञ का आयोजन खुटा पानी में किया गया. इस भव्य घर वापसी अभियान में आर्य समाज के कई सारे जाने-माने दिग्गज संत जी मौजूद रहे. संत समाज के प्रतिनिधियों ने आमजन को संबोधित करते हुए हिंदुत्व को मजबूत करने की अपील की.

इस आयोजन में प्रदेश के अनेकों क्षेत्रों से आए 300 परिवार के 1000 लोगों की पैर धोकर घर वापसी कराई. साथ हीं इस मुहीम को निरंतर जारी रखने का निर्णय भी लिया गया. आर्य प्रतिनिधि सभा के द्वारा समय-समय पर भोले-भाले भटके हुए हिन्दुओं को घर वापसी का कार्यक्रम चलाया जाता है.

इस बड़े घर वापसी की मुहीम से धर्मांतरण गिरोह को एक बड़ा झटका जरुर लगा है. साथ हीं एक सन्देश देने की कोशिश की गई कि हर हाल में रास्ते भटके हिन्दू समाज के लोगों को घर वापसी होगी. हिन्दू समाज अब अपने धर्म और राष्ट्र के प्रति मजबूत और संगठित हो रहा है. उसे कोई भी बिधर्मी तत्व भ्रमित या धर्मान्तरित नहीं कर सकता है. 

इसके लिए भव्य आयोजन किया गया...इस मौके पर जाने-माने सामाजिक क्षेत्र के लोग मौजूद रहे. घर वापसी करने वाले सभी लोगों के अन्दर बेहद हीं ख़ुशी और उमंग का माहौल था. जूदेव राजपरिवार के सदस्य प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने विधर्मियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि कलाम बन कर आओगे तो बुद्ध हम बनेंगे, कसाब बन कर आओगे, तो महासंग्राम होगा.

इस मौके पर छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा एवं आर्य समाज खुटा पानी के संयुक्त तत्वाधान में विश्वकल्याण महायज्ञ का आयोजन खुटा पानी में किया गया. इस भव्य घर वापसी अभियान में आर्य समाज के कई सारे जाने-माने दिग्गज संत जी मौजूद रहे. संत समाज के प्रतिनिधियों ने आमजन को संबोधित करते हुए हिंदुत्व को मजबूत करने की अपील की.

इस आयोजन में प्रदेश के अनेकों क्षेत्रों से आए 300 परिवार के 1000 लोगों की पैर धोकर घर वापसी कराई. साथ हीं इस मुहीम को निरंतर जारी रखने का निर्णय भी लिया गया. आर्य प्रतिनिधि सभा के द्वारा समय-समय पर भोले-भाले भटके हुए हिन्दुओं को घर वापसी का कार्यक्रम चलाया जाता है.

इस बड़े घर वापसी की मुहीम से धर्मांतरण गिरोह को एक बड़ा झटका जरुर लगा है. साथ हीं एक सन्देश देने की कोशिश की गई कि हर हाल में रास्ते भटके हिन्दू समाज के लोगों को घर वापसी होगी. हिन्दू समाज अब अपने धर्म और राष्ट्र के प्रति मजबूत और संगठित हो रहा है. उसे कोई भी बिधर्मी तत्व भ्रमित या धर्मान्तरित नहीं कर सकता है.

उत्तराखंड के देहरादून में वन विभाग के जमीन पर लैंड जिहाद

उत्तराखंड में लैंड जिहाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है. जिहादियों द्वारा बन विभाग, पहाड़, नदी और सभी प्रकार के जमीनों को लगातार जिहादी ताबातोड़ कब्ज़ा कर रहे हैं. इनका मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि ये बिना किसी रोक-टोक के जमीन जिहाद को विस्तार दे रहे हैं. ताज़ा मामला उत्तराखंड के देहरादून के रायपुर से आया है. पैगम्बर सैयद अली के नाम से बने इस दरगाह के नाम पर बड़े पैमाने पर जंगल के सरकारी जमीन पर कब्ज़ा कर रहे हैं. स्थानीय लोगों के शिकायत करने के बाद भी शासन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. 

कुछ दिन पहले इसी तरह के एक और मामला सामने आया था...तब बीजेपी नेता अजेंद्र अजय ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को खत लिखकर ऐतराज जताया था कि एक समुदायन विशेष के लोग पहाड़ों पर मजार और चर्च बना रहे हैं. अजेंद्र अजय की चिठ्ठी के बाद एक बड़ा सियासी बवाल खड़ा हो गया था. ये बवाल अभी थमा हीं नहीं था कि एक और बड़ा जमीन जिहाद का मामला फिर से सामने आ गया है.

देहरादून के इस जंगल में पहले एक छोटा सा मजार बनाया गया था..फिर धीरे-धीरे कुछ हीं दिनों बाद एक बड़े क्षेत्र पर कब्ज़ा कर मजार जिहादी खड़ा कर दिया गया. इस इस मजार जिहाद से लोगों में गुस्सा और आक्रोश का माहौल है. हाल हीं उत्तराखंड सरकार ने वन भूमि को लेकर नयी नीति बनाई थी..इसके बावजूद जमीन जिहाद का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है.

नयी नीति में ये स्पस्ट किया गया था कि वन भूमि का उपयोग कर उसे किसी अन्य व्यक्ति को बेच गया तो उसके खिलाफ वन संरक्षण अधिनियम के तहत आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे. मगर इसके बाद फिर जिहादियों के ऊपर इसका कोई असर नहीं हो रहा है.  

क्या फिर से CAA के नाम पर जिहादियों को दिल्ली घेरने देंगे ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद  से देश में एक नया विवाद खड़ा हो गया है. प्रधानमंत्री ने तो कृषि कानून को किसानों को सम्मान देने और उन्हें प्रावधान को ठीक तरीके से समझा नहीं पाने के कारण वापसी की घोषणा की, मगर..देश के टुकड़े-टुकड़े गैंग और राष्ट्रविरोधी ताकतों को कानून वापसी के बहाने एक नया मौका मिल गया है. CAA और 370 का विरोध करने वाले एकबार फिर से कृषि कानून की वापसी के आसरे.. अब ये मांग करना शुरू कर दिए हैं कि CAA कानून को भी वापस लिया जाय. 370 पर भी अलगावादी ताकतें फिर से मुखर होकर लोगों को भड़काना शुरू कर दी है.

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने भी कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले पर टिप्पणी करते हुए... नागरिकता संशोधन कानून को वापसी की मांग कर डाली. मौलाना मदनी ने अपने बयान में कहा कि किसानों ने सीएए के खिलाफ आंदोलन के माध्यम से... एक मजबूत आंदोलन खड़ा किया है. मतलब मौलाना अरशद मदनी ये कहना चाहते हैं कि जो किसान आन्दोलन कर रहे थे वह CAA के लिए एकठा हुए थे. मौलाना मदनी ने अपने मुस्लिम मुस्लिम एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री को उन कानूनों पर ध्यान देना चाहिए जो मुसलमानों के संबंध में लाए गए हैं. कृषि कानूनों की तरह ही नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को भी वापस लेना चाहिए.

जब बात CAA की हो तो AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भला कैसे चुप बैठने वाले थे...ओवैसी भी महबूबा और मदनी के बयानों के बिच में कूद पड़े. असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा....वह दिन भी दूर नहीं जब मोदी सरकार जल्द ही CAA का कानून भी वापस लेगी.

कानून वापसी की मची होड़ में हरकोई अपने आप को विजेता घोषित करने से रोक नहीं पा रहा है...ऐसे में भला महबूबा मुफ्ती भी चुप कैसे रह सकती थी...महबूबा मुफ्ती ने सरकार के इस फैसले का स्वागत जरूर किया है. लेकिन जम्मू-कश्मीर में लोगों को परेशान करने का बहाना बना कर.... अपने ट्वीट में लिखा है कि मोदी सरकार को 370 को भी बहाल कर देना चाहिए. महबूबा का कहना है कि जैसे कृषि कानून वापस हुए हैं, वैसे ही अब इसपर भी फैसला हो जाना चाहिए.

पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के बहाने हरकोई अपने-अपने तरीके से राजनीति रोटियां सेंकना शुरू कर दिया है, कोई दिल्ली घेरने की बात कर रहा है तो कोई किसान आन्दोलन में समर्थन देने के बहाने CAA और 370 पर समर्थन की मांग कर रहा है. तो सवाल आप से है की क्या आप एक बार फिर से देश को जलाने और जिहादियों को दिल्ली घेरने देंगे ?

14 November 2021

मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में ईसाई धर्मांतरण पादरी गिरफ्तार

 मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के मानपुर गाँव में आदिवासी परिवार को प्रलोभन देकर धर्मांतरण करने का मामला सामने आया है. पुलिस ने राजस्थान और गुजरात के सात और तीन स्थानीय लोगों के विरुद्ध मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2021 की धारा 3-5 में प्रकरण दर्ज कर सभी को गिरफ्तार कर गुरुवार को न्यायालय में पेश किया गया यहां न्यायाधीश सचिन कुमार जादव ने इन्हें जिला जेल भेज दिया. पुलिस ने बाईबल और उससे संबंधित धार्मिक ग्रंथ भी बरामद किए हैं.

थांदला पुलिस के एम एस गवली ने अनुसार सूचना मिली कि थांदला थाना क्षेत्र के मानपुर गांव में कुछ बाहरी लोग आदिवासियों को ईसाई धर्म अपनाने का लालच दे रहे हैं. इस पर पुलिस का एक दल और क्षेत्र के कुछ निवासी गांव पहुंचे और पाया कि राजस्थान और गुजरात के सात लोग और उनके कुछ स्थानीय संपर्क वाले लोग नारु डामोर के आवास पर प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास कर रहे थे.

इसके बाद पुलिस ने मध्य प्रदेश धर्मांतरण विरोधी कानून की संबंधित धाराओं के तहत कुल दस लोगों की खिलाफ मामला दर्ज किया और उनमें से नौ को गिरफ्तार कर लिया. पूरे मामले मैं आरोपियों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.

गांव मानपुर में नारू पुत्र हाउसिंग देवदा के घर पर गुजरात तथा राजस्थान के कुछ लोग प्रार्थना के नाम पर साहित्य व प्रतीक चिन्ह बांटकर प्रलोभन देकर धर्मांतरण करा रहे थे. उप पुलिस अधीक्षक आनंदसिंह वास्केल, एसडीओपी एमएस गवली ने बताया कि शिकायत मिलने पर कार्रवाई की गई.