20 November 2023

जहरीली यमुना का जिमेद्दार कौन ?

सालभर इंतजार किए जाने वाल छठ महापर्व के अंतिम दिन दिल्ली में छत पूजा करने वाले लोगों लप यमुना की जहरीली पानी ने निराश कर दिया। 19 नवंबर को डूबते सूर्य को व 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जा चुका है। देशभर में राज्य सरकारों द्वारा छठ के त्योहार को लेकर खास तैयारियां की गई थीं। कहीं लोगों ने अपने छतों के ऊपर टैंक में खड़े होकर छठ का त्योहार मनाया। वहीं कुछ लोगों ने नदियों व तालाबों में खड़े होकर छठ का उत्सव त्योहारा मनाया। दिल्ली सरकार द्वारा इस बारे में बड़े वायदे और लोक लुभावन पोस्टर लगाई गई थीं... 1000 स्थानों पर छठ पूजा की व्यवस्था की गई थी। मगर इस बीच एक वीडियो सामने आई...इस तस्वीर में यमुना नदी में खड़े होकर कुछ महिलाएं छठ का त्योहार मना रही हैं।

वीडियो में तस्वीर साफ दिख रहा है कि महिलाएं यमुना नदी के गंदे झाग वाले पानी में घुटनेभर तक डूबकर खड़ी हैं। साथ ही इस पानी से उन्होंने स्नान भी किया है। यमुना नदी के पानी को देखकर साफ पता चलता है कि यह कितना प्रदूषित और जहरीला है। कालिंदी कुंज में आयोजित छठ पूजा के दौरान की यह तस्वीरें हैं। झाक वाले जहरीले पानी में भारी मात्रा में फॉस्फेट मिला हुआ है। इस कारण लोगों को सांस लेने और स्किन संबंधित बीमारियां हो रही सकती हैं। 36 घंटे तक व्रत रखने वाले इस त्योहार में यमुना के गंदे पानी में अर्घ्य बीमारियों का कारण बन सकता है। 

यमुना नदी का पानी पिछले साल भी ऐसा ही था, जब छठ पूजा के दौरान लोगों को झाग वाले गंदे व जहरीले पानी में खड़े होकर पूजा करना पड़ा। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने कहा था कि साल 2015 से अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा छठ पूजा के लिए खास व्यवस्था की जा रही है ताकि यूपी व बिहार के लोग दिल्ली को अपना घर समझे। मगर यहां घर कौन कहे...स्थिति नरक जैसी है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि जहरीली यमुना का जिमेद्दार कौन ?

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