24 November 2023

राजस्थान में इस बार किसकी सरकार ?

राजस्थान में चुनाव प्रचार का शोर थम चुका है। शनिवार 25 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। मतदान शुरू होने में कुछ ही 24 घंटे का समय शेष बचा है, लेकिन चुनाव के अंतिम क्षणों में भी अभी तक कोई यह कहने की स्थिति में नहीं है कि इस बार राजस्थान में किसकी सरकार बनेगी...। अशोक गहलोत सरकार के विकास के कार्यों और जनता से किये गए वादों के आधार पर वोट मांगा है....वहीँ बीजेपी ने राज्य में बिगड़े कानून-व्यवस्था और कुशासन को अपना मुद्दा बनाया है... राजस्थान चुनाव में अशोक गहलोत सरकार के विकास और भारतीय जनता पार्टी के बदलाव के बीच कड़ी टक्कर है। इसबार मामला बिल्कुल भी एक तरफ नहीं है और थोड़े-बहुत अंतर से यह किसी की भी ओर झुक सकता है। चुनाव के अंतिम क्षणों में नेता अपने-अपने तरीके से लोगों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर अपनी ओर बाजी पलटने की कोशिश कर रहे हैं।

राजस्थान में इस बार बीजेपी या कांग्रेस, किस पार्टी की सरकार बनेगी? ये ऐसा सवाल है, जिसका जवाब सभी जानना चाहते हैं। राजस्थान में इस बार 6 छोटी पार्टियां चुनाव मैदान में अपनी किस्मत दांव पर लगाई हुई हैं...। इसके अलावा बीजेपी और कांग्रेस के बागी भी चुनाव मैदान में हैं। छोटी पार्टियां और बागी, ये सभी बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों को चुनौती दे रहे हैं।

राजस्थान के मतदाता 1998 के विधानसभा चुनावों के बाद से 'एक बार बीजेपी, एक बार कांग्रेस' के लिए मतदान करते रहे हैं, लेकिन इस दौरान भी छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों ने 200 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 100 के जादुई आंकड़े को पार करने के लिए इन पार्टियों को अपना 199 सीटों पर महत्वपूर्ण समर्थन दिया है। वसुंधरा राजे सिंधिया के नेतृत्व में बीजेपी ने 2013 के चुनावों में निर्णायक जीत हासिल की थी। इसके बाद 2018 में अशोक गहलोत को निर्दलीय और छोटे दलों का महत्वपूर्ण समर्थन पाने के लिए एक से अधिक बार अपना जादू चलाना पड़ा। तब गहलोत ने निर्दलीय विधायकों के समर्थन में अपनी सरकार बनाई थी।

इस बार, बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक समान समस्या का सामना कर रहे हैं। दोनों दलों की ओर से मैदान में उतारे गए आधिकारिक उम्मीदवारों को चुनौती देने वाले विद्रोहियों की संख्या भी ठीक ठाक है। बीजेपी नामांकन वापसी के समय तक 'अपनों' के विद्रोह को शांत करने में सक्षम रही है। हालांकि, इस बार दोनों तरफ के बागियों ने अपनी एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। ऐसे में अब देखना ये होगा की अबकी बार किसकी बनेगी सरकार ?

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