राजधानी दिल्ली में हुए हिन्दू युवक
चंद्रशेखर यादव का खतना और धर्मांतरण मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैंI इसी कड़ी
में अब एक और नया नाम जुड़ गया है मौलाना साद काI मौलाना साद का क्या है कनेक्शन और
कैसे चलता था खतना और धर्मांतरण का अड्डा, ये सारा कुछ आपको विस्तार से बताएं उससे
पहले आपको बता दें कि आखिर कौन है मौलाना साद ?
मौलाना
साद के परदादा मौलाना इलियास कांधलवी ने 1927
में तबलीगी जमात का गठन किया, जो उत्तर प्रदेश के
शामली जिले के कांधला के रहने वाला थाI मौलाना इलियास के चौथी पीढ़ी से मौलाना साद
का समबंध हैI
1965
में दिल्ली में मौलाना साद का जन्म हुआ, मौलाना साद
की शादी 1990 में
सहारनपुर के मजाहिर उलूम के मोहतमिम (वीसी) मौलाना सलमान की बेटी से हुई. 1995 में तबलीगी जमात के सर्वेसर्वा
मौलाना इनामुल हसन के निधन के बाद मौलाना साद ने मरकज की जिम्मेदारी संभाली. तब
मौलाना साद तबलीगी जमात के प्रमुख बन गयाI
भारत
में अंग्रेजों की हुकूमत आने के बाद आर्य समाज ने हिंदू से मुस्लिम बने लोगों को
दोबारा से हिंदू बनाने के लिए शुद्धिकरण अभियान शुरू कियाI इसके चलते मौलाना
इलियास कांधलवी ने 1926-27 में
तबलीगी जमात का गठन कियाI तब से लेकर अबतक मरकज का कई कनेक्शन गैर कानूनी
गतिविधियों में सामने आ चुका हैI और अब इसी कड़ी में खतना मामले में खुलासे के बाद
एकबार फिर साद विवादों के घेरे में हैI
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