अप्रैल 1667"
औरंगजेब ने जमदत-उल-मुल्क को साम्राज्य के सभी प्रांतों के कूटनीतिकों को आदेश दिया कि आतिशबाज़ी का प्रदर्शन निषेध है।
साथ ही, फौलाद खान को शहर में घोषणा की व्यवस्था करने का आदेश दिया गया था।
ढोल पीटवा की थाप पर कि किसी को भी आतिशबाज़ी नहीं करनी है। यह आदेश दिया जाता है कि दीवाली पर बाजारों में रोशनी नहीं होनी चाहिए।”
अखबार-ए-दरबार ए-मुआल्ला, 10 जुलस, शव्वाल 24/9
No comments:
Post a Comment