अपने सियासी कैरियर का सबसे बड़ा दांव खेल रहे
नरेंद्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र हर स्तर पर बड़ी साफ
रणनीति बुनी है। टीम मोदी ने 250 ऐसी संसदीय सीटों को चिन्हित कर लिया है
जहां भाजपा की जीत की संभावनाएं बन सकती हैं। मोदी की एक सर्वेक्षण टीम इन
ढाई सौ लोकसभा सीटों पर कई चरणों का गहन सर्वेक्षण करवा रही है। इस
सर्वेक्षण का सर्वप्रमुख एजेंडा यहां से जीत सकने वाले उपयुक्त उम्मीदवारों
की तलाश है। जीत का माद्दा रखने वाले इन उम्मीदवारों को पार्टी टिकट मिलने
के साथ ही एक करोड़ रूपए की धनराशि मिलेगी, फिर हर सप्ताह उस उम्मीदवार की
समीक्षा रिपोर्ट तैयार होगी और उन्हें समय-समय पर और धन राशि मुहैया करायी
जाएगी। मोदी ने अपने लोगों से साफ कर दिया है कि योग्य उम्मीदवारों को धन
की कमी नहीं आने दी जाएगी। समझा जाता है कि मोदी ने अपना कुल चुनावी बजट
सात सौ करोड़ रूपयों के आस-पास रखा है।
रिपोर्ट कार्ड से लगेगी वाट
मोदी ने कोर ग्रुप की बैठक में साफ कर दिया है कि सिर्फ जीत सकने का माद्दा रखने वाले उम्मीदवारों को ही पार्टी टिकट से नवाज़ा जाएगा, सो भाजपा के तमाम निवर्तमान सांसदों की एक रिपोर्ट कार्ड तैयार हो रही है। उनके संसदीय क्षेत्रों में कई सर्वेक्षण एजेंसियां गुप्त जनमत सर्वेक्षण करवा रही हैं और निवर्तमान सांसदों के ‘एंटी इंकमबेंसी ग्राफ’ तैयार किए जा रहे हैं। सांसदों के उनके परफारमेंस और क्षेत्र की जनता से मिले फीडबैक के आधार पर अंक दिए जा रहे हैं। इस परीक्षा में जो निवर्तमान सांसद फेल हो गए, उन्हें पार्टी टिकट से महरूम किया जा सकता है। इस चार्ट में बिहार के सबसे ज्यादा वर्तमान भाजपा सांसदों के टिकट कटने की संभावना व्यक्त की गई है।
सपा के नये नरेश
सपा ने नरेश अग्रवाल के रूप में अपना नया अमर सिंह ढूंढ लिया है। जिनके अन्य राजनैतिक दलों में भी काफी मित्र हैं, और वे इस बात को छुपाना भी पसंद नहीं करते। इस एक अक्तूबर को अपने जन्म दिन के मौके पर नरेश अग्रवाल ने हरदोई में अपने घर पर एक जोरदार पार्टी रखी थी। इस पार्टी में शामिल होने के लिए पार्टी लाइन से इतर कई नेताओं की मौजूदगी देखी गई। सबसे चौंकाने वाली उपस्थिति तो केंद्रीय संसदीय राज्य मंत्री राजीव शुक्ला की थी, जिन्होंने दिल्ली के अपने तमाम पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को रद्द कर अमर सिंह के पुराने सहयोगी रहे अशोक चतुर्वेदी के साथ एक चार्टर्ड विमान में सवार होकर हरदोई जा पहुंचे और उन्होंने वहां कानपुर से सपा के घोषित प्रत्याशी राजू श्रीवास्तव के कॉमेडी शो का भी भरपूर लुत्फ उठाया। इससे पहले भी कानपुर के एक क्रिकेट स्टेडियम में शुक्लाजी और नरेश अग्रवाल की हाथों में हाथ डाले तस्वीरें छपी थीं। नरेश अग्रवाल के मानिंद ही राजीव शुक्ला भी सियासी छुआछूत में यकीन नहीं रखते, यही वजह है कि भाजपा, बसपा, सपा जैसे दलों में उनके कई गहरे मित्र हैं।
पूनम को राजनाथ का सहारा
भाजपाध्यक्ष राजनाथ सिंह का भी दोस्ती निभाने में कोई सानी नहीं, भाजपा के अनेक राष्ट्रीय नेताओं के अभ्युदय में अपने वक्त के सर्वशक्तिमान प्रमोद महाजन ने जितनी भूमिका निभाई थी आज उनमें से ज्यादातर नेताओं ने प्रमोद महाजन के नहीं रहने की सूरत में उनके परिवार से एक घोषित-अघोषित दूरी बना ली है यानी कि मतलब निकल गया तो फिर जानते नहीं। पर राजनाथ सिंह की दिवंगत प्रमोद महाजन की पुत्री पूनम महाजन को सक्रिय राजनीति में लाने में एक महती भूमिका रही है। अपने पहले अध्यक्षीय काल में राजनाथ ने पूनम को भाजपा युवामोर्चा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया, फिर अपनी दूसरी पारी में उन्होंने महाजन पुत्री को भाजपा का राष्ट्रीय सचिव बनाया। अब राजनाथ पूनम को मुंबई नॉर्थ से राम नाइक की सीट पर संसदीय चुनाव में उतारना चाहते हैं। राजनाथ की इस मुहिम को संघ का पूरा आशीर्वाद प्राप्त है, क्योंकि संघ प्रमुख मोहन भागवत से महाजन परिवार खासकर पूनम की गहरी छनती है। स्वयं भागवत चाहते हैं कि मुंबई की किसी सीट से किसी मराठी ब्राह्मïण को भाजपा का टिकट मिले। सो, लगता है आने वाले 2014 के लोकसभा चुनाव में पूनम अपनी नई संसदीय पारी का आगाज़ करेगी।
मोदी को आठ का साथ
दिल्ली के एक प्रसिद्ध न्यूमरोलोजिस्ट (अंकगणितीय ज्योतिष) ने भविष्यवाणी की है कि जून 2014 तक नरेंद्र मोदी का सितारा सबसे बुलंद रहने वाला है। इस ज्योतिषीय गणना के मुताबिक मोदी का अंक आठ आ रहा है जो उनके कैरियर के पीकटाइम का द्योतक है। समझा जाता है कि कालांतर में इसी ज्योतिष महोदय ने मोदी को सलाह दी थी कि वे अपने नाम नरेंद्र मोदी में एक शब्द और जोड़ें, आगे चलकर मोदी ने अपने नाम के संग अपने पिता का नाम लिखना शुरू कर दिया यानी नरेंद्र दामोदरदास मोदी। अंक ज्योतिषी के मुताबिक नरेंद्र मोदी के ‘मोदी’ शब्द में सबसे ज्यादा वजन है। वहीं दूसरी ओर इस ज्येतिष महोदय ने यह भी भविष्यवाणी की है कि आने वाले तीन महीनों में अडवानी की तबियत नासाज हो सकती है। अब जबकि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो चुका है और दिल्ली और राजस्थान में 4 दिसंबर को चुनाव है तो ऐसे में कुछ भाजपाई ज्येतिष महोदय के पास यह जानने पहुंचे थे कि इन तारीखों का भाजपा की जीत के साथ कोई ताल्लुक है?
सुधरते नहीं पाकिस्तानी
न्यूयॉर्क में एक भारतीय महिला टीवी पत्रकार से नवाज़ शरीफ ने भारतीय प्रधानमंत्री के संदर्भ में भले ही देहाती औरत वाली टिप्पणी की हो पर पाकिस्तानी नेताओं के लिए ऐसे फिजूल के जुमले उछालना कोई नई बात नहीं है। अटल बिहारी वाजपेयी की एक यात्रा के दौरान पाकिस्तानी नेताओं से मुलाकात हुई तो तब कुछ पाकिस्तानी लीडर किसी मसले पर भारतीय प्रधानमंत्री की फौरी हामी चाहते थे, पर वाजपेयी उस मसले पर कुछ सोच-विचार करने के हक में थे। सो, उन्होंने अपने पाकिस्तानी काऊंटरपार्ट से कहा कि इस मुद्दे पर भारत जाकर वे अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श करना पसंद करेंगे। इस पर पाकिस्तान के तत्कालीन कैबिनेट मंत्री शेख रशीद ने मीडिया में अभद्र टिप्पणी करते हुए कहा था -‘वाजपेयी क्या 16 साल की लडक़ी हैं, जिसे घर से बाहर जाने के लिए अपने परिवार की इज़ाजत लेनी पड़ती है।’
बंगाल में कंगाल भाजपा
भाजपा पश्चिम बंगाल में अपनी जड़ें जमाने की कोशिशों में जुटी है। 2009 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने यहां से मात्र एक सीट जीती थी। इस बार भाजपा का लक्ष्य यहां से 3-4 सीटें जीतने का है। अभी पिछले दिनों यहां प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक आहूत थी जिसमें शामिल होने के लिए पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और पार्टी के बंगाल प्रभारी वरूण गांधी भी कोलकाता पहुंचे थे। पर पार्टी की दिक्कत यह है कि उसे वहां से लोकसभा चुनाव लड़ सकने लायक गंभीर उम्मीदवार नहीं मिल रहे सो, भाजपा नेतृत्व ने सोचा कि क्यों नहीं बंगाल से भाजपा की टिकट पर कुछ नामचीन हस्तियों को चुनावी मैदान में उतारा जाए। इसके लिए पार्टी के केंद्रीय नेताओं ने सबसे पहले क्रिकेटर सौरभ गांगुली से बात की। सौरभ गांगुली ने भाजपा नेताओं से बातचीत में दिलचस्पी तो दिखायी पर वे पार्टी टिकट पर चुनाव लडऩे को तैयार नहीं हुए। गांगुली ने कहा कि उन्हें भाजपा से कोई परहेज़ नहीं, लेकिन मोदी की कट्टर छवि की वजह से वे उन्हें पसंद नहीं करते। पार्टी नेताओं ने फिर पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल शंकर राय चौधरी से बात की, रायचौधरी ने भाजपा नेताओं के समक्ष कुछ अजीबोगरीब शत्र्तें रख दी, उनकी एक शर्त यह भी थी कि जसवंत सिंह को तत्काल प्रभाव से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाए।
आहत हैं मुलायम
कांग्रेस और बसपा की बढ़ती नज़दीकियों से सपा आहत है और सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह गांधी परिवार को लेकर कुछ आक्रामक नीतियां बनाने में मशगूल है। सो, मुलायम सिंह ने अपनी पार्टी के प्रमुख नेताओं के समक्ष यह तय कर दिया है कि अगर कांग्रेस व बसपा में सीटों के तालमेल को लेकर कोई चुनावी गठबंधन होता है तो सपा इसके जवाब में अमेठी और रायबरेली से मजबूत उम्मीदवारों को राहुल व सोनिया के सामने मैदान में उतारेगी, इतने मजबूत उम्मीदवार जो सोनिया और राहुल को नाकों चने चबवा दें। सपा ने बकायदा ऐसे सक्षम उम्मीदवारों की तलाश भी शुरू कर दी है।
घर-घर की लड़ाई
सपा के एक प्रमुख नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव की पुत्रवधु ऋचा यादव पिछले दिनों एक गलत वजह से सुर्खियों में बनी रही, समझा जाता है कि उनके सुरक्षाकर्मियों ने दिल्ली के एक दवा विक्रेता की उनकी दुकान में घुसकर खूब धुनाई की, मामले ने जब तूल पकड़ा तब पुलिस केस बना और उनके अंगरक्षकों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। दरअसल, इस बार रामगोपाल के पुत्र अक्षय यादव फिरोज़ाबाद संसदीय सीट से सपा के प्रत्याशी हैं। ऋचा व अक्षय की दोस्ती एमिटी विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान परवान चढ़ी। ऋचा एक सिख परिवार से आती हैं इनके पिता एक पायलट हैं और सबसे खास बात तो यह कि यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सांसद पत्नी डिंपल से ऋचा का हमेशा छत्तीस का आंकड़ा रहा है।
...और अंत में
दागी नेताओं को बचाने वाले ऑर्डिनेंस को बकवास करार देने के बाद कांग्रेस के यंग एंग्री युवराज एक पेंटर अंबिका जैन की पेंटिग एक्ज़ीबिशन में जा पहुंचे। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक कांग्रेसी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को वहां मात्र 10 मिनट रूकना था, पर कला की खोज में राहुल कुछ इस कदर खो गए कि उन्हें इस बात का इल्म ही नहीं रहा कि कब डेढ़ घंटे गुजर गए हैं। प्रदर्शनी की कई पेंटिंग्स राहुल के दिल को छू गई और वे देर तक उन्हें निहारते रहे, चलिए रंगों के इस सफर में राहुल को रंगे सियारों की पहचान तो हो ही गई है।
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