27 December 2013

हिन्दुओं का हिन्दुस्तान में प्रवेश बंद कैसे ?

हिन्दुस्तानी हिन्दू सावधान! हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित! जमात कौंसिल का फतवा जारी!  अपने ही देश में हिन्दू हुए पराए! जी हां, तमिलनाडु के एक गाँव में जारी हुए फतवे में हिन्दुओं के लिए प्रवेश बंद कर दिया गया है। रामेश्वरम मंदिर के लिए प्रसिद्ध तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के कई मुस्लिम बहुल गाँवों में जमात कौंसिल ने फतवा जारी करके बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश निषेध का बोर्ड लगा दिया है। रामनाथपुरम महान संत श्री पम्बन स्वामी का भी क्षेत्र है जिन्होंने भाईचारे और प्रेम के साथ यहा पर सनातन परंपरा को जन जन तक पहुँचाया था।

अथियुत्हू, पुतुवालासी, पनईकुलम, सिथरकोटी जैसे कई मुस्लिम बहुल गाँवों में मुस्लिम जमात ताजुल इस्लाम संघ द्वारा नोटिस लगाया गया है। इतना ही नहीं इस गाँव में किसी भी प्रकार का पोस्टर-बैनर पंचायत की इजाज़त के बिना नहीं लगाए जा सकेंगे। पोस्टर पर साफ अक्षरों में लिखा है, यहा पर किसी भी प्रकार के कोई भी गैर-इस्लामिक गतिविधि स्वीकार नहीं है कि जाएगी।

ये उस अजाद मुल्क की दास्तान है जहा पर गंगा जमुनी तहजीब की गाथा सुनाई जाती है। जहां पर सर्वधर्म संप्रदाय एकता की बात होती है। मगर अब तो इस फतवे से लोग उस अकबरी सल्तनत से तुलना करने लगें हैं जहा पर न तो हिन्दूओं को मंदिरों में पूजा करने दी जाती थी और नहीं अकबरी हुकूमद बहुल्य क्षेत्र में हिन्दुओं को प्रवेश करने दिया जाता था।

रामनाथपुरम जिले की स्थानीय निवासी बताते हैं कि इस इलाके से पंचायत स्तर पर भी आज तक कभी कोई हिन्दू उम्मीदवार चुनाव नहीं जीता है। मुस्लिम मुनेत्र कजगम के सांसद जवाहिरुल्लाह पर आरोप है कि वे भी इस फतवे का समर्थन कर रहे हैं। जवाहिरुल्लाह DMK और AIDMK को एक- एक बार समर्थन दे चुके है। मगर अपने आप को सेक्युलर बताने वाली दोनों पार्टिया इस घटना पर मौन है।

इस गाँव में हद तो तब हो जाती है जब हिन्दुओं को कोई व्यवसाय आरम्भ करने के लिए यहां के स्थानीय मुस्लमानों से अनुमति लेनी होती है। इस पूरे घटना क्रम को लेकर न तो प्रषाशन कोई कदम उठा रहा है और नहीं राज्य सरकार। सरकार चाहे DMK की हो या फिर AIDMK ये दोनों पार्टीयां मुस्लिम वोटों के लालच के चलते आँखें बंद की हुई है। तो सवाल ये है कि क्या वोट बैंक के लिए अपने ही देश में हिन्दुओं को पराये की तरह व्यवहार करना कट्टरवाद को बढ़ावा देना नहीं है।

2008 में द्रमुक जब सत्ता आया उस वक्त इस गांव में मुस्लिम युवकों ने राष्ट्र ध्वज के उपर चप्पल बांध कर तिरंगा फहराया था। ये घटना एक बार नहीं बल्कि कई बार दोहराई गई। राष्ट्र विरोधी कार्य करने बावजुज न तो इन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और नहीं किसी को जेल हुई। कांग्रेस विधायक हसन अली ने इस पूरे मामले को एक आम बात कह कर पल्ला झाड़ लिया था। वहीं मुख्यमंत्री जयललिता ने इस कट्टरवाद पर अब तक चुप है। तो ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि हिन्दुओं का हिन्दुस्तान में प्रवेश बंद कैसे ?

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