हरियाणा सरकार लगातार राज्य की प्रगति के लिए तत्पर है, गरीबों के हित में सरकार कई महत्वपूर्ण योजनाएं चला रही है। जिसका सीधा लाभ हरियाणा के गरीब वर्ग के नागरिकों को मिल रहा है। वर्ष 2020 में ‘एक देश एक राशन कार्ड योजना’ का आरम्भ किया गया, जिसके अन्तर्गत किसी भी राशन डिपो पर अपना आधार कार्ड दिखाकर राशन लिया जा सकता है। इस योजना के अन्तर्गत अगस्त, 2020 से मई, 2024 तक 13,77,366 लेन-देन की संख्या के साथ हरियाणा देश में अग्रणी रहा है। पूर्व में राशन कार्ड से संबंधित सभी सेवाएं सरल पोर्टल के माध्यम से दी जा रही थी।
अब आवेदकों को
बी.पी.एल./ए.ए.वाई. राशन कार्ड के लिए आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि पी.पी.पी.
डेटाबेस की मदद से उनके आय मानदंड के अनुसार राशन कार्ड स्वचालित रूप से बनाए जा
रहे हैं। वर्ष 2023 से हरियाणा राज्य ने
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013
को लागू किया है। अंत्योदय अन्न योजना परिवारों को 35 किलोग्राम प्रति परिवार तथा बी.पी.एल.
परिवारों को प्रति सदस्य 5
किलोग्राम खाद्यान्न प्रतिमाह दिया जा रहा है। जनवरी, 2023 से प्रधानमंत्री गरीब
कल्याण अन्न योजना के तहत वितरित किए जाने वाले खाद्यान्न को निःशुल्क वितरित करने
का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग 44 लाख लाभार्थी कार्ड
धारकों को मुफ्त गेहूं-बाजरा दिया जा रहा है।
अंत्योदय आहार योजना
लाभार्थियों
को 2 लीटर सरसों तेल 20 रुपया प्रति लीटर के
हिसाब से दिया जा रहा है
1 किलोग्राम चीनी 13.50 रूपये प्रति किलोग्राम
के हिसाब से वितरित की जा रही है
1051
करोड़
रुपये चीनी वितरित करने हेतु बी.पी.एल. परिवारों के लिए खर्च किया गया
लाभार्थियों
को लगभग 66,250 मीट्रिक टन गेहूं
मासिक रूप से वितरित किया जा रहा है
पात्र
लाभार्थियों हेतु प्रति माह लगभग 27,000 एम.टी. बाजरा वितरित किया गया है
वितरित किए गए बाजरा पर कुल मासिक खर्च
लगभग 76.97 करोड़ रूपये है
वर्ष 2023-24 से मार्च 2024 तक, लगभग 5,75,770 मीट्रिक टन गेहूं, 67,747 मीट्रिक टन
फोर्टिफाइड आटा,
1,97,561
मीट्रिक टन बाजरा,
33,342
मीट्रिक टन चीनी और 40,526
लीटर सरसों व सूरजमुखी के तेल का वितरण किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त 2024-25 से मई 2024 तक लगभग 1,30,998 मीट्रिक टन गेहूं, 35,830 मीट्रिक टन बाजरा, 7113 मीट्रिक टन चीनी और 15,468 लीटर सरसों के तेल व
सूरजमुखी के तेल का वितरण किया गया है। राज्य में 2,93,364 ए0ए0वाई0 राशन कार्ड, 41,96,573 बी.पी.एल. राशन कार्ड
है, जिसमें कुल 48
लाख
लाभार्थी राशन कार्ड धारक हैं। प्रत्येक उचित मूल्य की दुकान पर स्थापित
ई-पी.ओ.एस. उपकरणों के माध्यम से आधार कार्ड आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के बाद
पात्र परिवारों को आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया जा रहा है।
1 मई, 2016 से शुरू की गई ‘प्रधानमंत्री
उज्ज्वला योजना’
के
अन्तर्गत बी.पी.एल. परिवारों की महिलाओं को गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाने हेतु 1600 रुपये की वित्तीय
सहायता सरकार द्वारा वहन की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत गरीब
परिवारों की महिलाओं को 11,12,956
गैस कनेक्शन दिए गए हैं। इसके अलावा, स्टेट फंड से 1,88,304 गैस कनैक्शन जारी
किए गए। इस तरह से प्रदेश में लगभग 13.01 लाख मुफ्त गैस कनेक्शन दिए जा चुके
हैं। भारत सरकार के निर्देशानुसार ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के अंतर्गत गैस
कनेक्शन जारी करवाने के लिए राज्य के सभी जिलों में ‘जिला उज्जवला कमेटियों’ का गठन किया गया है
ताकि ‘प्रधानमंत्री
उज्ज्वला योजना’
को
सुचारू रूप से चलाया जा सके। हरियाणा को 1 अप्रैल, 2017 से ‘केरोसिन मुक्त’ राज्य का दर्जा दिया
गया है। राज्य में जिन्हें उज्जवला योजना का लाभ दिया जा रहा है, उनमें प्रमुख रूप
से शामिल हैं...
उज्ज्वला योजना के लाभार्थी
प्रधानमंत्री आवास
योजना के लाभार्थी
अति पिछड़ा वर्ग (OBC)
परिवार की महिला
अनुसूचित जाति के
परिवार की महिला
अनुसूचित जनजाति परिवार
की महिला
अंत्योदय अन्न योजना की
लाभार्थी महिला
वनवासी समुदाय की महिला
एस.ई.सी.सी परिवार
चाय और पूर्व चाय बागान
जनजातियों से संबध रखने वाली महिला
हरियाणा पी.डी.एस.
नियंत्रण आदेश,
2022
जारी किए गए हैं। नए आदेश में आरम्भ से अंत तक कम्प्यूटरीकरण, एफ.पी.एस. ऑटोमेशन, एन.एफ.एस.ए., परिवार पहचान पत्र और
उचित मूल्य की दुकानों के आवंटन में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण शामिल है।
एन.एफ.एस.ए.,
2013
के तहत दिए गए प्रावधानों के अनुसार, विभाग अपने संबंधित राशन कार्ड में महिला
को परिवार की मुखिया के रूप में नामित करके महिला सशक्तिकरण के विचार को लागू करने
का हर संभव प्रयास कर रहा है। नया उचित मूल्य दुकान लाइसेंस जारी करते समय महिला
आवेदकों को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया
गया है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग सहित राज्य की खरीद एजेंसियों के पास 31 जनवरी, 2024 तक कवर्ड भण्डारण
क्षमता 94.32 लाख मीट्रिक टन है।
भण्डारण के कारण होने वाली हानि को कम करने और भण्डारण की कमी को पूरा करने के लिए
कवर्ड भण्डारण क्षमता को बढ़ाया जा रहा है। भारतीय खाद्य निगम ने हरियाणा में 37 स्थानों पर हब और
स्टील/स्पोक साइलो के निर्माण का निर्णय लिया है। ‘अटल किसान मजदूर कैंटीन योजना’ के अन्तर्गत प्रदेश
के किसानों व मजदूरों को 10 रुपये
प्रति थाली की रियायती दर से भोजन उपलब्ध करवाने के लिए 40 मण्डियों में कैंटीन
शुरू की गई है। रबी व खरीफ खरीद सीजन 2020 से किसानों द्वारा बेची गई फसल की
अदायगी ऑनलाइन सीधे उनके खाते में डाली जा रही है।
वर्तमान सरकार के
कार्यकाल में नई अनाज व सब्जी मंडियों के विकास एवं अपग्रेडेशन, नई सड़कों के निर्माण
और मौजूदा सड़कों की विशेष मरम्मत पर 30 अप्रैल, 2024 तक लगभग 4,730 करोड़ रुपये खर्च किए
गए। 5,021 किलोमीटर लम्बाई की 1,931 सम्पर्क सड़कों का
निर्माण कार्य लगभग 1,662
करोड़ रुपये की लागत से पूर्ण किया गया है। 568 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 1,131 किलोमीटर लम्बाई की 466 सम्पर्क सड़कों का
निर्माण कार्य प्रगति पर है। 9,884
किलोमीटर लम्बाई की 3,508
सड़कों की विशेष मरम्मत का कार्य लगभग 1,390 करोड़ रुपये की लागत से पूर्ण किया गया
है और 340 करोड़ रुपये की
अनुमानित लागत से 1,517
किलोमीटर लम्बाई की 511
सड़कों की विशेष मरम्मत का कार्य प्रगति पर है। लगभग 1,157 करोड़ रुपये नई अतिरिक्त
मंडियों के विकास तथा रख-रखाव पर खर्च किए गए हैं। लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत
से 14 नई अतिरिक्त अनाज और
सब्जी मंडियों के निर्माण कार्य प्रगति पर है। 150 करोड़़ रुपये की लागत से पिंजौर में 78 एकड़़ भूमि पर सेब, फल एवं सब्जी मण्डी
बनाई जा रही है। इसका कार्य 31
दिसम्बर, 2024 तक पूर्ण होने की
सम्भावना है। इस मंडी में 67
दुकान प्लॉटों को ई-नीलामी प्रक्रिया द्वारा बेचा जा चुका है। मार्केट फीस की चोरी
रोकने के लिए और मंडियों में आवक का रिकॉर्ड रखने के लिए कम्प्यूटरीकृत प्रणाली
शुरू की गई है। वित्त वर्ष 2023-24
के दौरान 883 करोड़ रुपये मार्केट
फीस के रूप में प्राप्त किये गये। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 31 मई, 2024 तक 400 करोड़ रूपये मार्केट
फीस के रूप में एकत्र किए गए। पंचकूला सेक्टर-20 और गुरुग्राम में किसान बाजार शुरू
किये गये हैं। 31 अगस्त, 2019 से प्रदेश में प्लॉट
और सम्पत्ति प्रबन्धन सम्बन्धित अन्तिम निपटान योजना चलाई गई। यह योजना 31 जनवरी, 2021 तक रहीं, जिसके अंतर्गत 1299 अलॉटियों द्वारा 73.97 करोड़ रुपये जमा
करवाये गए। मंडियों में दुकानों व बूथ प्लॉटों को ई-नीलामी के माध्यम से बेचा जा
रहा है।
अगस्त-2021 से अबतक प्लॉटों की नीलामी से 528 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई है। प्रदेश की 108 मंडियों को ‘राष्ट्रीय कृषि बाजार पोर्टल’ से जोड़ा गया है। राज्य सरकार ने 27 सितम्बर, 2016 को ‘ई-खरीद’ को अपनाकर क्रांतिकारी कदम उठाया है। 5 करम के सभी कच्चे रास्तों को पक्का करने के उदे्दश्य से राज्य में 1600 कि.मी. लम्बाई की सड़कों को चिन्हित किया गया है। अबतक 563 किलोमीटर लम्बाई की 243 सड़कों का निर्माण किया जा चुका है, 578 किलोमीटर लम्बाई की 233 सड़कों का निर्माण कार्य प्रगति पर है और 287 किलोमीटर लम्बाई की 134 सड़कों का निर्माण कार्य जल्द किया जाएगा। बकाया कच्चे रास्तों को चालू वित्त वर्ष 2024-25 में पक्का किया जाएगा। 1 जनवरी, 2014 से प्रदेश में मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना, 2013 से आरंभ की गई है। इस योजना के तहत किसान, खेतीहर मजदूर और मार्केट यार्ड में कृषि कार्यों को करने वाले मजदूर शामिल हैं। योजना के अंतर्गत दुर्घटना में हुई शारीरिक क्षति के अनुसार 37,500 रूपये से लेकर 5 लाख रूपये तक की सहायता राशि प्रदान की जाती है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान इस योजना के तहत 31 मार्च 2024 तक 11,082 मामलों में 152.92 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई है।
खेतीहर मजदूर जीवन
सुरक्षा योजना
हरियाणा सरकार के राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा इस योजना का संचालन किया
जा रहा है
खेतिहर मजदूर की मृत्यु या अपंगता होने पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है
दुर्घटना में मृत्यु होने की स्थिती में 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि दी जाएगी
आंशिक अपंगता होने पर में 37 हज़ार रूपये से लेकर 2 लाख 50
हजार रुपये तक की मदद दी
जाएगी
इस योजना के तहत प्रदान की जाने वाली सहायता राशि लाभार्थी के बैंक खाते
में भेजी जाएगी
मृत्यु होने की दशा में उत्तराधिकारी आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए इस
योजना के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं
राज्य के किसान, खेतिहर मजदूर, मार्केट यार्ड में काम करने
वाले मजदूर इस योजना के पात्र होंगे
डिफॉल्टर अलॉटियों को
अपनी बकाया राशि जमा करवाने हेतु एक मौका और देने के उद्देश्य से विवादों का
समाधान योजना शुरू की गई है। यह योजना 01 अप्रैल 2021 से 31 अगस्त 2021 तक लागू रही थी और इससे लगभग 81 करोड़ रुपये की राशि
प्राप्त हुई। इस योजना को पुनः 1
दिसंबर 2022 से 31 मार्च 2023 तक लागू किया गया और
इस दौरान अलॉटियों द्वारा 47.41
करोड़ रुपये की राशि जमा की गई। योजना के प्रभाव को देखते हुए इसे फिर से 1 नवंबर 2023 से 30 जून 2024 तक लागू किया गया और
अबतक 26.86 करोड़ रुपये की राशि
प्राप्त हुई है। प्रदेश में 27,394
अटल सेवा केन्द्र पंजीकृत हैं, जिनमें
से 18,915 ग्रामीण और 8,479 शहरी क्षेत्रों में
हैं। केन्द्र सरकार की डिजिलॉकर सेवा को अपनाने में हरियाणा अग्रणी राज्य है। इस
समय डिजिलॉकर सेवा के माध्यम से 101
दस्तावेज़ और प्रमाण-पत्र डिजिटल तरीके से सत्यापन के लिए उपलब्ध हैं। 25 दिसम्बर, 2019 को ‘लोकायुक्त पोर्टल’ का शुभारम्भ किया
गया। प्रदेश में सभी 22
जिलों की वेबसाइट बनाई गई है। 5953
ग्राम पंचायतों में वाई-फाई हॉट स्पॉट लगाए जा चुके हैं। 21 अगस्त, 2020 को राज्य में ‘ई-आफिस’ की शुरुआत की गई।
प्रदेश के 44 विभागों और 22 जिलों में ‘ई-आफिस’ के माध्यम से कार्य
किया जा रहा है। 25 दिसम्बर, 2014 से हर जिला मुख्यालय
पर ‘सी.एम. विंडो’ शुरू की गई है। अब कोई
भी नागरिक अपनी समस्या या शिकायत के निवारण के लिए चण्डीगढ़ आए बिना ही मुख्यमंत्री
से सीधा सम्पर्क कर सकता है। इसकी सफलता को देखते हुए ब्लॉक स्तर पर भी सी.एम.
विंडो स्थापित की गई है। सी.एम. विंडो के माध्यम से 11.74 लाख से अधिक शिकायतों
का समाधान किया जा चुका है। सी.एम. सोशल मीडिया एक्स निवारण की शिकायतों पर नजर
रखने के लिए नया इन-हाउस सिस्टम सोशल मीडिया ग्रीवेंस ट्रैकर विकसित किया गया है।
सभी विभागों में सभी
जी2सी सेवाओं के लिए
राज्यस्तरीय मोबाइल प्लेटफार्म ‘गेटवे टू गवर्नमेंट’ बनाया गया है। इसके
माध्यम से सभी सरकारी सेवाओं, आपातकालीन
हेल्पलाइनों और अन्य सूचना सेवाओं तक पहुंचने के लिए नागरिकों को सिंगल इंटरफेस
प्रदान किया गया है। जन सहयोग मंच नागरिकों के लिए उपलब्ध विभिन्न सरकारी सेवाओं
को सूचीबद्ध करने वाली एक व्यापक सेवा सूची तैयार किया गया है। इनमें 700 से अधिक सरल सेवाओं
के लिए आवेदन करना, सब्सिडी
प्राप्त करना,
सरकारी
योजनाओं के लिए आवेदन करना और सरकारी पहलों के बारे में जानकारी प्राप्त करना
शामिल है। मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान अभियान का उद्देश्य राज्य के ऐसे
परिवारों का आर्थिक उत्थान करना है, जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम
है। ऐसे परिवारों की पहचान ‘परिवार
पहचान-पत्र डेटाबेस (पी.पी.पी.)’ में उपलब्ध आय के आंकड़ों के आधार पर की
जाती है। मोबाइल एप के माध्यम से अब तक 1,77,943 परिवारों का सर्वेक्षण किया जा चुका
है। डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के साथ-साथ डिजिटल-कैशलेस लेन-देन की निगरानी के
लिए हरियाणा कैशलेस कंसोलिडेटेड पोर्टल लॉन्च किया गया है। अब तक 784.63 करोड़ डिजिटल लेन-देन
दर्ज किए जा चुके हैं। कल्याणकारी योजनाओं का लाभार्थी तक सीधा लाभ सुनिश्चित करने
के उद्देश्य से ‘डी.बी.टी.’ सुविधा शुरू की गई
है। इसके माध्यम से 152
योजनाओं के अन्तर्गत 80,897 करोड़
रुपये ट्रांसफर किए गए। हरियाणा मुख्यमन्त्री राहत कोष से वित्तीय सहायता प्राप्त
करने के लिए 5 मार्च, 2022 को ऑनलाइन सेवा शुरू
की गई। स्नातक,
स्नातकोत्तर
और आई.टी.आई. पाठ्यक्रमों के ऑनलाइन प्रवेश की सुविधा उपलब्ध है।
12 जनवरी, 2021 को ‘वन टाइम रजिस्ट्रेशन
पोर्टल’ शुरू किया गया है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ग्रुप-सी, डी और अराजपत्रित
शिक्षण पदों हेतु किए जाने वाली भर्ती के लिए आवेदक इस पोर्टल पर एकमुश्त पंजीकरण
करवा सकते हैं। पोर्टल पर अब तक 13.76
लाख से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। 31 अक्टूबर, 2021 को उत्तम बीज पोर्टल
लॉन्च किया गया। इसे ‘मेरी
फसल मेरा ब्यौरा’
पोर्टल
से जोड़ा गया है। बौद्धिक ज्ञान आधारित उद्यमिता और अर्थव्यवस्था निर्माण की दिशा
में हरियाणा में नवाचार और उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए
हारट्रॉन ने गुरुग्राम में एक अत्याधुनिक नवाचार और स्टार्टअप हब की स्थापना की
है। मुम्बई में 7-8 फरवरी, 2020 को आयोजित 23वें राष्ट्रीय
पुरस्कार समारोह के दौरान प्रदेश की अन्त्योदय सरल परियोजना को नागरिक केन्द्रित
सेवा वितरण के मामले में उत्कृष्टता श्रेणी में ‘गोल्ड अवॉर्ड’ दिया गया। अन्त्योदय
सरल परियोजना के लिए 30
दिसम्बर, 2020 को प्रदेश को ‘डिजिटल इंडिया
अवार्ड-2020’ मिला। सूचना
प्रौद्योगिकी,
इलेक्ट्रॉनिक्स
और संचार विभाग,
हरियाणा
द्वारा श्रेष्ठ कार्य पद्धतियों, विचारों
के आदान-प्रदान,
संयुक्त
अनुसंधान और क्षमता निर्माण की प्रक्रिया को औपचारिक रूप देने के उद्देश्य से
जम्मू और कश्मीर आईटी विभाग के साथ 27 नवम्बर 2022 को एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया
गया, ताकि आईटी डोमेन में
आपसी हित के क्षेत्रों में परामर्श लिया और दिया जा सके।
राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण तथा सर्वे इंजन प्लेटफॉर्म को राष्ट्र स्तरीय कार्यक्रम डिजिटल ट्रांस्फॉर्मेशन कॉनक्लेव में 24 नवम्बर, 2023 को अवार्ड मिला। राज्य में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने और संचार बुनियादी ढांचे की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से ‘कम्यूनिकेशन एंड कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर पॉलिसी 2023’ में संशोधन को केबिनेट की मंजूरी मिली और इसकी नोटिफिकेशन 27 नवंबर 2023 को जारी कर दी गई है। हरियाणा उदय के नाम से एक पोर्टल विकसित किया गया है, जिसके माध्यम से नागरिक चल रही योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, फीडबैक दे सकते हैं, सर्वेक्षण में भाग ले सकते हैं और नई नीति पर अपने विचार भी प्रस्तावित कर सकते हैं। ‘हरियाणा उदय’ का उद्देश्य जिला प्रशासन, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और जनता के बीच सामुदायिक संबंधों को मजबूत करना है। यह कार्यक्रम 1 जून, 2023 से पूरे राज्य में शुरू, निरोगी हरियाणा योजना गरीब और जरूरतमंद नागरिकों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। निरोगी हरियाणा पोर्टल पी.पी.पी. डेटाबेस के माध्यम से पहचाने गए अंत्योदय लाभार्थियों की स्वास्थ्य जांच के लिए बनाया गया है। यह योजना 29 नवंबर, 2022 से शुरू की गई और 48 लाख अंत्योदय परिवारों के 1 करोड़ 77 लाख 66,231 लाभार्थियों की बड़े पैमाने पर व्यापक स्वास्थ्य जांच करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है।
पुलिस अधिकारियों के खिलाफ नागरिकों की शिकायतों को सुनने के लिए एस.पी.सी.ए. शिकायत पंजीकरण और केस ‘ट्रैकिंग सिस्टम’ विकसित किया गया है, जिससे पारदर्शिता आएगी और यह पुलिस में जवाबदेही लाने और शक्तियों के दुरुपयोग को रोकने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। हरियाणा पुलिस हाउसिंग कोरपोरेशन के लिए एक परियोजना प्रबंधन पोर्टल डिजाइन किया गया है, जो सभी हितधारकों को एक मंच पर लाकर सिविल कार्यों की निगरानी में मदद करता है। सरकार के इन प्रयासों से हर गरीब के चेहरे पर मुस्कान है। हरियाणा सरकार पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक सरकारी सुविधाएं मुहैया करवा रही है। गरीबों का होगा विकास तो राज्य को मिलेगी नई पहचान। इसी सोच के साथ प्रदेश सरकार हर कदम पर खड़ी है गरीबों के साथ।
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