22 August 2024

हरियाणा में पशुपालन एवं डेयरी: हरियाणा को मिली नई पहचान, पशुपालन एवं डेयरी विभाग की विभिन्न योजनाओं पर आधारित।

हरियाणा सरकार कृषि जगत से लेकर पशुपालन एवं डेयरी के क्षेत्र में लगातार किसानों के हित में कार्य कर रही है। हरियाणा में वर्ष, 2014 से अब तक 38 नए राजकीय पशु अस्पतालों का निर्माण किया गया है। साथ ही 59 राजकीय पशु औषद्यालयों को राजकीय पशु अस्पताल में अपग्रेड किया गया है। राज्य में 68 नए राजकीय पशु औषद्यालयों का निर्माण किया गया है। प्रदेश में 2857 पशु चिकित्सा संस्थाओं के माध्यम से 71.26 लाख पशुओं को पशु चिकित्सा व पशु प्रजनन से सम्बन्धित सेवाएं प्रदान करने का एक बेहतरीन बुनियादी ढांचा विकसित किया गया है। वर्ष 2022-23 के दौरान हरियाणा का वार्षिक दुग्ध उत्पादन 119.65 लाख टन रहा और प्रति व्यक्ति दुग्ध की उपलब्धता 1098 ग्राम प्रतिदिन रही, जोकि देश में पंजाब व राजस्थान के बाद तीसरे स्थान पर है। राज्य में मांस उत्पादन 665.25 हजार टन व अण्डा उत्पादन 81,806.37 लाख रहा है।

पालतू पशुओं के मुंह-खुर तथा गलघोंटू के लिए एक संयुक्त वैक्सीन का उपयोग करके प्रदेश को गाय और भैंसों के मुंह-खुर (एफ.एम.डी.) और गलघोंटू (एच.एस.) रोग से मुक्त किया गया है। हरियाणा देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसे केन्द्र सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के घटक राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एन.ए.डी.सी.पी.) के तहत एक पायलट परियोजना के रूप में संयुक्त वैक्सीन का उपयोग करने की अनुमति प्रदान की गई है। अप्रैल, 2019 के बाद राज्य के गौजातीय पशुओं में गलघोंटू या मुंह-खुर के प्रकोप का कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत राज्य में सभी गायों व भैंसों की पहचान करके 12 अंकों के टैग से टैगिंग की जा रही है। केन्द्र सरकार के पोर्टल, पशु उत्पादकता व स्वास्थ्य सूचना नेटवर्क (आई.एन.ए.पी.एच.) के अन्तर्गत वर्ष 2019-20 से अब तक 59.56 लाख पशुधन (गाय-भैंस) का पंजीकरण किया जा चुका है। 


राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम

 

मवेशियों की सेहत में सुधार कर किसानों को अधिक-से-अधिक लाभ पहुंचाना है


कार्यक्रम के तहत 500 मिलियन से अधिक पशुओं, जिनमे भैंस, भेड़, बकरी और सूअर शामिल हैं, का टीकाकरण करना है


कार्यक्रम में ब्रूसेलोसिस बीमारी को नियंत्रित एवं समाप्त करने हेतु सालाना 36 मिलियन मादा गोजातीय बछड़ों का टीकाकरण करना भी शामिल है


वर्ष 2025 तक उपरोक्त रोगों पर नियंत्रण का लक्ष्य रखा गया है, वर्ष 2030 तक रोगों का उन्मूलन भी शामिल है


सरकार की इस कार्यक्रम को किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य के साथ भी इसे जोड़ा गया है


राज्य के पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजनाके अन्तर्गत बड़े पशु की दूध उत्पादन क्षमता अनुसार 100 रुपये से 300 रुपये तथा छोटे पशु जैसे-भेड़, बकरी व सूअर इत्यादि का केवल 25 रुपये प्रति पशु के प्रीमियम पर बीमा किया जा रहा है। राज्य के अनुसूचित जाति के लाभार्थियों के पशुओं का बीमा मुफ्त किया जाता है। इस योजना के तहत वर्ष 2014 से अब तक लगभग 15.12 लाख पशुओं का बीमा किया जा चुका है। हरियाणा पशु पंजीकरण, प्रमाणन और प्रजनन अधिनियम, 2019 में पशु प्रजनन गतिविधियों को विनियमित करके पशुओं के कल्याण और आनुवांशिक सुधार के लिए कानून बनाने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है।


पंडित दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना

 

पशुपालक 25 से 300 रुपये का प्रीमियम देकर अपने बड़े पशुओं जैसे गाय, भैंस के साथ-साथ छोटे पशुओं का भी बीमा करा सकते हैं


गोशालाएं भी पांच पशुओं का बीमा करा सकती हैं


राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत तीन वर्षो में तीन लाख से अधिक पशुपालकों ने 6.40 लाख पशुओं का बीमा करवाया है 


पशुओं की अचानक मौत होने पर मिलने वाली आर्थिक मदद के रूप में अब तक 42 करोड़ रुपये की राशि बीमा क्लेम में दी गई है


हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड व न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी की ओर से पशुओं का वर्ष का बीमा कराया जा रहा है


अनुसूचित जाति के पशुपालकों के लिए फ्री बीमा किया जा रहा है


बड़े पशुओं के लिए 100 रुपये से लेकर 300 रुपये तक प्रीमियम राशि देकर दुग्ध अनुसार और श्रेणी के अनुसार बीमा कराया जा रहा है


राज्य के पांच जिलों में 01 सितम्बर, 2019 से राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम शुरू किया गया और चौथे चरण तक 400681 कृत्रिम गर्भाधान किए गए। इस कार्यक्रम के चौथे चरण में 10,834 कृत्रिम गर्भाधान किये जा चुके हैं। कार्यक्रम के तहत पशुपालकों को 30 रुपये मूल्य का टीका 5 रुपये की रियायती मुल्य पर उपलब्ध करवाया जाता है। प्रदेश में आवारा व बेसहारा पशुओं की तादाद को नियंत्रित करने व पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने के लिए पशुपालकों द्वारा कम से कम 85 प्रतिशत मादा बछड़ियां प्राप्त करने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले सैक्सड सोर्टिड सीमन का उपयोग किया जा रहा है। प्रदेश में पशुपालकों को 200 रुपये प्रति डोज की रियायती दर पर सैक्सड सोर्टिड सीमन उपलब्ध करवाया जा रहा है। राज्य में गायों में कृत्रिम गर्भाधान हेतु सभी पशु संस्थाओं में 2.50 लाख डोज सैक्स सोर्टिड सीमन की आपूर्ति की गई, जिससे 2.15 लाख पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान किया गया, जिसमें 49,016 मादाएं गर्भित पाई गई और 18,586 बछड़े उत्पन्न हुए, जिसमें 17,048 (91.72 प्रतिशत) मादा बच्चे पैदा हुए। 

 

राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम से लाभ

 

कृत्रिम गर्भाधान सेवाओं तक पहुंच प्रदान करके प्रजनन दर को बढ़ाने में मदद करेगा

 

इससे राज्य में गाय, भैंस, बकरी और भेड़ की प्रजनन दर में सुधार करने में मदद मिलेगी


कार्यक्रम बेहतर बैलों के उन्नत वीर्य के उपयोग के माध्यम से पशुधन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करेगा


इससे दूध और मांस के उत्पादन के साथ-साथ पशुओं की गुणवत्ता में भी सुधार करने में मदद मिलेगी


कृत्रिम गर्भाधान से बीमारियों के प्रसार को कम करके पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिलेगी


इससे पशुओं की बीमारी से होने वाली मौतों की संख्या में कमी आएगी


कार्यक्रम दूध और मांस के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करेगा, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा

 

डेयरी, पशुपालन और अन्य संबंधित गतिविधियों में लगे पशुपालकों की कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं को समय पर पूरा करने के लिए विभिन्न बैंकों द्वारा पशुपालकों को पशु किसान क्रेडिट कार्ड (पी.के.सी.सी.) प्रदान किए जाते हैं। विभाग द्वारा राज्य के विभिन्न बैकों को लगभग 4.70 लाख आवेदन पत्र प्रेषित किए गए हैं। इनमें से 1,27,770 पशुपालकों को पशु किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किये जा चुके हैं। अनुसुचित जाति के पशुपालकों को विशेष योजना के अन्तर्गत 2 या 3 पशुओं की डेयरी व सूकर इकाइयां (10 मादा व 1 नर) स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत अक्तूबर, 2014 से अब तक लगभग 18901 लाभार्थी लाभान्वित हुये। इसके अतिरिक्त राज्य में मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत 2 पशुओं की 14353 इकाइयों को स्थापित की गई है। अनुसुचित जाति के पशुपालकों को रोजगार प्रदान करने के लिए भेड़/बकरी पालन योजना के अन्तर्गत भेड़/बकरी इकाई (15 मादा़ 1 नर) स्थापित करने के लिए 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इस योजना के तहत अक्तूबर, 2014 से अब तक 2426 लाभार्थी लाभान्वित हुए। इसके अतिरिक्त राज्य में मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत 3415 भेड़/बकरी इकाइयां स्थापित की। सामान्य जाति व अन्य वर्गां के लिए वर्ष 2018-19 से भेड़/बकरी इकाइयां स्थापित करने हेतु एक नई स्कीम के तहत 15 मादा़ 1 नर भेड़/बकरी इकाई तथा 10 मादा़ 1 नर सूकर इकाई की स्थापना हेतु 25 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इस योजना के तहत अक्तूबर, 2014 से अब तक 459 इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं। इसके अतिरिक्त राज्य में मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत 625 भेड़/बकरी इकाइयां स्थापित की गई।

 

पशु किसान क्रेडिट कार्ड

 

इस योजना के अंतर्गत किसानों को क्रेडिट कार्ड दिया जायेगा, किसान इस क्रेडिट कार्ड का उपयोग बैंक में डेबिट कार्ड की तरह कर सकते हैं

 

पशुपालकों को प्रति भैंस 60249 रूपये और प्रति गाय 40783 रूपये का लोन प्रदान किया जाएगा

 

क्रेडिट कार्ड धारक किसान 1.60 लाख रूपये तक बिना कॉलेटोरल सिक्योरिटी के ले सकते  हैं

 

पशु पालकों को सभी बैंकों से सात प्रतिशत ब्याज पर साल के हिसाब से लोन दिया जाएगा

 

तीन लाख से ज़्यादा राशि होने पर पशु पालकों को 12 प्रतिशत की व्याज से लोन प्राप्त होगा

 

प्रदेश में डेयरी स्थापित करने पर लाभार्थियों को 2050 दुधारू पशुओं की इकाई की खरीद हेतु लिये गये बैंक ऋण पर ब्याज अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, 2, 4 तथा 10 दुधारू पशुओं की डेयरी इकाइयां स्थापित करने पर 25 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इस योजना के तहत अक्तूबर, 2014 से अब तक 13,637 डेयरी इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं। इसके अतिरिक्त राज्य में मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत 2 पशुओं की 17221 इकाइयां स्थापित की गई। राज्य में देसी गायों के उत्थान हेतु हरियाणा, साहीवाल और बेलाही नस्ल की अधिक दूध देने वाली गायों के पालकों को 5,000 रुपये से लेकर 20,000 रुपये तक का प्रोत्साहन दिया जाता है। इस योजना के तहत अक्तूबर, 2014 से अब तक 15,122 पशुपालक लाभान्वित हुए हैं। पशुपालकों को उच्च गुणवत्ता की मुर्राह भैंस पालन के लिए 18 किलो प्रतिदिन से अधिक दूध देने वाली मुर्राह भैंस मालिकों को 15,000 रुपये से 30,000 रुपये तक का प्रोत्साहन दिया जाता है। इस योजना के तहत अक्तूबर, 2014 से अब तक 21,374 पशुपालक लाभान्वित हुए हैं। बैकयार्ड कुक्कुट इकाइयां स्थापित करने हेतु वर्ष 2018-19 से शुरू की गई एक नई स्कीम के अन्तर्गत प्रत्येक लाभार्थी को 10 दिन के 50 चूजे व 2 फीडर तथा 2 ड्रिकर उनके घरद्वार पर  मुफ्त दिए जाते है। इस योजना के तहत अब तक 3,846 इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं। इसके अतिरिक्त राज्य में मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत 497 बैकयार्ड कुक्कुट इकाइयां स्थापित की गई। पशुपालकों को गुणवत्तापरक पशु स्वास्थ्य व देखभाल सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए रोग निदान सुविधाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। इसी सन्दर्भ में हिसार में नई प्रयोगशाला स्थापित की जा चुकी है तथा पंचकूला और सोनीपत में प्रयोगशालाएं स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है। गाय व भैंसों की तरह बकरियों में भी कृत्रिम गर्भाधान सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है और अब तक 50 पशु संस्थाओं में यह कार्य आरम्भ हो चुका है। यह तकनीक आनुवांशिक रूप से बकरियों की नस्लों के उन्नयन में सहायक होगी और इससे राज्य के गरीब बकरी पालकों की आय में वृद्धि होगी। जिला भिवानी के लोहारू में बकरी प्रजनन केन्द्र स्थापित करने का कार्य प्रगति पर है। अब तक 10834 बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान किए जा चुके हैं। 


गौ-संरक्षण एवं गौ-संवर्धन हेतु राज्य में 19 नवम्बर, 2015 से हरियाणा गौ-वंश संरक्षण व गौसंवर्धन अधिनियम-2015‘ लागू किया गया है। राष्ट्रीय गोकुल मिशनके अन्तर्गत देसी गायों की नस्लों के संरक्षण एवं विकास के लिए राजकीय पशुधन फार्म, हिसार में गोकुल ग्राम की स्थापना की गई है। राज्य में वर्ष 2020-21 से अब तक गौशालाओं को लगभग 132.66 करोड़ रुपये की राशि अनुदान के रूप में दी गई है। अगस्त- सितम्बर 2022 में राज्य के सभी लगभग 17.36 लाख स्वस्थ गौधन को एक महीने से भी कम समय में टीका लगा कर लम्पी त्वचा रोग के प्रकोप को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया गया। प्रदेश में गरीब परिवारों की आय बढ़ाने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के अन्तर्गत विभाग की स्वरोजगार योजनाओं के लिए विभाग को सर्वाधिक 94,153 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से अब तक 88,081 आवेदन बैंकों को प्रायोजित किए गए है, जिनमें से 40,274 आवेदन बैंकों द्वारा स्वीकृत किए गए हैं और इस योजना के तहत अब तक कुल 34,309 पशुपालक लाभान्वित हुए हैं।


अंत्योदय परिवार उत्थान योजना

 

अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के अंतर्गत उन सभी परिवारों के पहचान पत्र बनवाए जा रहे हैं जिनकी सालाना आय ₹100000 से कम है

 

इस योजना के माध्यम से ऐसे सभी परिवारों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने का प्रयास किया जा रहा है

 

पहचान पत्रों के माध्यम से हरियाणा सरकार के पास इस योजना के अंतर्गत आने वाले सभी लाभार्थियों का अभिलेख दर्ज होगा

 

इस अभिलेख के माध्यम से सरकार द्वारा लाभार्थियों का उत्थान करने का प्रयास किया जाएगा

 

विभिन्न प्रकार के कौशल विकास प्रशिक्षण भी इस योजना के अंतर्गत बेरोजगार नागरिकों को प्रदान किए जाएंगे

 

सरकार द्वारा लाभार्थी की आय लगभग ₹8000 से ₹9000 प्रतिमाह करने का इस योजना के अंतर्गत प्रयास किया जाएगा

 

हरियाणा अंत्योदय परिवार उत्थान योजना की घोषणा शिरोमणि गुरु रविदास जी के 644 वी जयंती के अवसर पर की गई है

 

इस योजना के माध्यम से प्रदेश के नागरिक आत्मनिर्भर एवं सशक्त बन पाएंगे

 

प्रदेश की बेरोजगारी दर में इस योजना के माध्यम से गिरावट आई है

 

इस योजना के माध्यम से प्रदेश के गरीब नागरिकों को रोजगार के नए अवसर भी प्रदान हो रहे हैं

 

वर्ष 2022-23 से शुरू श्नेशनल लाइव स्टॉक मिशनश के अधीन भेड़, बकरी पालन व चारा उत्पादन के लिए 10 लाख से 368 लाख रुपये तक की अनुदान राशि का प्रावधान है। इसके लिए अब तक 368 आवेदन प्राप्त हुये हैं। हरियाणा सरकार के प्रयास से लगातार राज्य के पशुपालक प्रगति कर रहे हैं। पशुपालन एवं डेयरी सेक्टर को नई पहचान दिलाने के लिए हरियाणा सरकार हर कदम पर खड़ी है आपके साथ।

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