22 August 2024

हरियाणा में सशक्त हुआ किसान- आधुनिक हुई प्रदेश की अनाज मंडियां, हरियाणा राज्य कृषि वितरण बोर्ड की विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं।

हरियाणा सरकार किसानों को सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए ‘‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनाके तहत प्रत्येक किसान परिवार को 6000 रूपये वार्षिक सहायता उपलब्ध करवा रही है। कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल संचालित किया जा रहा है ताकि किसानों के भूमि रिकॉर्ड और फसल की खरीद और अन्य सरकारी लाभों के लिए बोई गई फसल का पंजीकरण और सत्यापन किया जा सके। राज्य में फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने और गिरते भू-जल स्तर को ध्यान में रखते हुए मेरा पानी मेरी विरासतनाम से एक नई योजना शुरू की गई है। 

 मेरा पानी मेरी विरासत योजना के लाभ 


डार्क जोन क्षेत्र में रहने वाले जो किसान धान की खेती छोड़ देंगे उन्हें 7000 रूपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की जाएगी   


50% या फिर उससे अधिक हिस्से पर धान की जगह मक्का, कपास, बाजरा, दलहन और सब्जियां उगाने पर ₹7000 प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी


राशि प्राप्त करने के लिए किसान को गत वर्ष के धान के क्षेत्रफल में 50% या फिर 50% से अधिक फसल विविधीकरण करना होगा

 

किसान द्वारा फसल विविधीकरण के अंतर्गत फसल का बीमा कराने पर किसान के हिस्से की राशि का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा

 

मंडियों में मक्का सुखाने के लिए मशीन की स्थापना की जाएगी जिससे कि किसानों को उचित मूल्य का भुगतान किया जा सके

 

मेरा पानी मेरी विरासत के अंतर्गत उगाई गई फसल पर सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की जाएगी

 

ड्रिप इरिगेशन सिस्टम खेत में लगाने पर 85% की सब्सिडी प्रदान की जाएगी

 

इस योजना की सफलता के लिए सरकार द्वारा व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा

 

सरकार द्वारा विविधीकरण के तहत फसल विविधीकरण करने पर किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ सीधे उनके बैंक खातों में जमा करवाने की मंजूरी सरकार द्वारा दी गई है। प्रदेश में वर्ष 2014-15 में खाद्यान्न उत्पादन 169.74 लाख टन रहा था जो अब 2023-24 में बढ़कर 192.54 लाख टन हो गया है। इससे जाहिर होता है कि सरकार के प्रयास से किसानों को सीधा लाभ पहुंच रहा है साथ ही राज्य का किसान तेजी से प्रगति कर रहा है हरियाणा में दिसम्बर 2018 से शुरू हुई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनाके अन्तर्गत पात्र किसान परिवार को 6000 रुपये की वार्षिक सहायता 3 किस्तों में उपलब्ध करवाई जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत दिसम्बर, 2018 से अब तक लगभग 20 लाख किसानों को 17 किस्तों के रूप में 5,693 करोड़ 59 लाख रुपये की राशि पोर्टल के माध्यम से सीधे लाभार्थी किसान के आधार से जुड़े बैंक खाते में डी.बी.टी. के माध्यम से भारत सरकार द्वारा स्थानान्तरित की जा चुकी है। मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल से किसानों को काफी लाभ पहुंच रहा है।


 मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल के लाभ

 

बारिश या ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से फसल को क्षति होने पर किसानों को समय पर सहायता प्रदान करना

 

एक ही पोर्टल से किसान आसानी से अपने फसलों की खरीद बिक्री कर सकते हैं

 

फसल की बुवाई-कटाई का समय और मंडी संबंधित जानकारियां उपलब्ध करना

 

सरकार व्यक्तिगत किसानों की विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर लक्षित सहायता प्रदान कर सकती है

 

लाभार्थी आवेदक हरियाणा राज्य का किसान होना चाहिए

 

किसान की जमीन हरियाणा के क्षेत्र में आनी चाहिए

 

मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर किसान का पंजीकरण होना आवश्यक है

  

इंडिया एग्रो बिजनेस अवॉर्ड 2022 के तहत कृषि क्षेत्र में नीतियों, कार्यक्रमों, उत्पादन,इनपुट, प्रौद्योगिकियों, विपणन, मूल्य वर्धन, बुनियादी ढांचे और निर्यात के क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए हरियाणा को 9 नवम्बर, 2022 को बेहतर राज्यकी श्रेणी में पुरस्कृत किया गया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनाखरीफ 2016 से राज्य में लागू की गई है। जिसके तहत खरीफ में धान, बाजरा, मक्का, मूंग व कपास तथा रबी में गेहूं  सरसों, चना, जौं व सूरजमुखी फसलों का बीमा किया जा रहा है। वर्ष 2020 से इस योजना को किसानों के लिए स्वैच्छिक बनाया गया है। यह स्कीम राज्य में कलस्टर आधार पर लागू की जा रही है। कलस्टर 1 में खरीफ 2023 से रबी 2025-26 तक एग्रीकल्चर इंश्योरेन्स कम्पनी द्वारा किसानों की फसलों का बीमा किया जा रहा है। कलस्टर 2 में खरीफ 2023 में कपास फसल के लिए हरियाणा सरकार द्वारा किसानों के हितों के लिए हरियाणा फसल सुरक्षा योजना लागू की गई। कलस्टर 3 में क्षेमा बीमा कम्पनी द्वारा खरीफ 2023 व रबी-2023-24 में किसानों की फसलों का बीमा किया गया है। जबकि खरीफ 2024 से लेकर रबी 2025-26 तक कलस्टर 2 व कलस्टर 3 में बीमा कम्पनी के चयन हेतू टेंडर किया जा चुका है, जोकि अनुमोदन हेतू प्रक्रियाधीन है। इस योजना के अन्तर्गत किसान की प्रीमियम दर खरीफ फसलों के लिए बीमित राशि का अधिकतम 2 प्रतिशत, रबी फसलों के लिए 1.50 प्रतिशत तथा कपास के लिए 5 प्रतिशत है। इस योजना के अन्तर्गत खरीफ-2016 से रबी 2023-2024 तक 2,18,55,352 किसानों ने अपनी फसलों का बीमा करवाया, जिसमें से 32,19,986 किसानों को 8423.58 करोड़ रुपये का क्लेम दिया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना  से किसानों को कई तरह के लाभ पहुंच रहा है।

 

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ

 

प्राकृतिक आपदा के कारण फसल नुकसान पर पूर्ण बीमा राशि

ऑनलाइन बीमा कैलकुलेटर की सुविधा

बहुत कम प्रीमियम राशि पर पूर्ण भुगतान

ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया आसान

किसानों को खेती के प्रति और प्रोत्साहित करना 

बीमा कराने वाले किसानों के लिए 24 घंटे हेल्पलाइन सेवा


फसल विविधिकरण कार्यक्रम वर्ष 2020-21 में ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ स्कीम राज्य के सभी जिलों में चलाया जा रहा है। फसल विविधिकरण योजना के तहत राज्य में धान के क्षेत्र को कम करने के लिये उसके स्थान पर कम पानी वाली फसलों जैसे मक्का, कपास, खरीफ दलहन और खरीफ तिलहन कृषि वानिकी फसलों को बढावा देने के उद्देश्य से किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ अनुदान राशि दी गई। दलहन व तिलहन फसलों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के 7 जिलों-भिवानी, चरखी दादरी, हिसार, झज्जर, महेन्द्रगढ़, मेवात और रेवाड़ी में एक लाख एकड़ में योजना लागू कर दलहन फसलों को बढ़ावा देने के लिए 4,000 रुपये प्रति एकड़ सहायता राशि दी जा रही है।


वर्ष 2023-24 के दौरान 1.00 लाख एकड़ का लक्ष्य के प्रति 1540.62 एकड़ का सत्यापन दिनांक 08.12.2023 तक हो चुका है और 61.62 लाख रूपये कट्ठा के माध्यम से किसानों के खातों में जल्द ही डाले जायेंगे। धान की सीधी बिजाई (डी.एस.आर.) योजना 2021 के तहत प्रदेश के 12 जिलों अम्बाला, यमुनानगर, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, पानीपत, जीन्द, सोनीपत, फतेहाबाद, सिरसा, हिसार तथा रोहतक में प्रदर्शन प्लांट लगाने वाले सत्यापित किसानों को 4,000 रुपये प्रति एकड़ सहायता राशि दी जा रही है। खरीफ 2023 के दौरान 2 लाख एकड़ लक्ष्य के प्रति 1.78 लाख एकड़ का सत्यापन कर 71.42 करोड़ रूपये कट्ठा के दर से किसानों के खातों में राशि भेजी गई है। खरीफ 2024 के लिए 3.02 लाख एकड़ का लक्ष्य निर्धारित प्रस्तावित है। ‘प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फॉर इन-सीटू मैनेजमैंट ऑफ क्रॉप रेज्ड्यू’ योजना के तहत पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में फसल अवशेष जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए वर्ष 2018-19 से 2023-24 तक व्यक्तिगत श्रेणी के किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर 59,435 फसल अवशेष प्रबंधन उपकरण उपलब्ध करवाये गये और 80 प्रतिशत अनुदान पर 6,794 कस्टम हायरिंग सेन्टर स्थापित किये गए। राज्य के किसानों को 721 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में प्रदान किये जा चुके हैं। 

 

हरियाणा सरकार द्वारा बायो गैस स्कीम के अन्तर्गत सामान्य किसानों को 1 मीटर क्यूबिक क्षमता के बायोगैस प्लांट पर 9,800 रुपये, 2 से 4 मीटर क्यूबिक प्लांट पर 14,350 रुपये तथा 6 मीटर क्यूबिक प्लांट पर 22,750 रुपये प्रति प्लांट तथा अनुसूचित जाति व जनजाति के किसानों को 1 मीटर क्यूबिक क्षमता के प्लांट पर 17,000 रुपये, 2 से 4 मीटर क्यूबिक प्लांट पर 22,000 रुपये तथा 6 मीटर क्यूबिक प्लांट पर 29,250 रुपये प्रति प्लांट अनुदान दिया जा रहा है।

 

हरियाणा सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 से शुरू की गई पराली प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से इन-सीटू/एक्स-सीटू प्रबन्धन तकनीकों के माध्यम से धान की फसल के अवशेष के प्रबन्धन के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त पिछले तीन वर्षों में 159.70 करोड़ रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में किसानों को दी जा चुकी है।

 

हरियाणा पराली प्रोत्साहन योजना

 

हरियाणा सरकार द्वारा प्रदूषण को कम करने के लिए हरियाणा पराली प्रोत्साहन योजना को शुरू किया गया है

 

योजना के माध्यम से सरकार किसानों से सीधे पराली खरीद रही है

 

राज्य सरकार इस योजना के तहत किसानों से पराली खरीद कर उन्हें 1000 रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि प्रदान करेंगी

 

किसान पराली का बंडल बनाकर बेच सकते हैं

 

इसके बदले में किसानों को अधिकतम प्रति एकड़ 1000 रुपए या 50 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान किया जाएगा

 

यह योजना किसानों को प्रोत्साहन राशि प्रदान कर पराली से होने वाले प्रदूषण को दूर करेगी                 

 

राज्य सरकार ने 17 नई स्थायी मृदा एवं जल परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की है। विभिन्न मंडियों में 54 नई लघु मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं भी खोली जा चुकी हैं। इसके अलावा, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों तथा राजकीय महाविद्यालयों में 240 लघु मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। इनमें विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों द्वारा मिट्टी के नमूने एकत्रित कर उनका परीक्षण किया जाता है। इस योजना के तहत मृदा जांच हेतु विभाग द्वारा हर खेत-स्वस्थ खेतका पोर्टल लॉन्च किया गया है। हर खेत-स्वस्थ खेतअभियान के अन्तर्गत तीन-चार वर्षों में राज्य के प्रत्येक एकड़ के मृदा नमूने एकत्रित करके सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिए जाएंगे। इस अभियान के अन्तर्गत अबतक लगभग 56 लाख मृदा नमूने एकत्रित किए जा चुके हैं साथ ही 40 लाख नमूनो का विश्लेषण करने के उपरांत 35 लाख किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड वितरित किए जा चुके हैं, शेष नमूनों का कार्य प्रगति पर है। सॉयल हैल्थ कार्ड प्रोजेक्ट के लिए स्कॉच ग्रुप द्वारा विभाग को स्वर्ण पदक दिया गया है। सॉयल हैल्थ कार्ड योजना के तहत 86.65 लाख सॉयल हैल्थ कार्ड वितरित किये गये है। 


सॉइल हेल्थ कार्ड योजना

 

किसान खेतों की मृदा के बेहतर स्वास्थ्य और उर्वरता में सुधार के लिये मृदा की पोषक स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकता हैं

 

इस योजना के अंतर्गत देश के किसानों की  खेतों की मिट्टी जांच करके  मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किया जाता है

 

सॉइल हेल्थ कार्ड योजना का लाभ देश के 14 करोड़ किसानों को सरकार द्वारा प्रदान  किया जा रहा है

 

इस योजना में किसानों को उनके खेतों के अनुसार फसल लगाने का सुझाव भी दिया जाता है

 

सॉइल कार्ड के तहत किसानों को एक रिपोर्ट दी जाएगी, इस रिपोर्ट में उनकी जमीन की मिट्टी की पूरी जानकारी मौजूद होगी

 

मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड 2023 के तहत किसानों को एक खेत के लिए हर 3 साल में एक मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जाएगा

 

भारत सरकार ने इस योजना के तहत 568 करोड़ रूपये का बजट तय किया गया है

 

देश के सभी किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं

 

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत भूमिगत पाइप लाइन के लिए किसानों को 10,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रति किसान अधिकतम 60,000 रुपये की राशि प्रदान की जा रही है। वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक 52,193 किसानों को 233 करोड़ 6 लाख रुपये की राशि सब्सिडी के रूप में दी गई। वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकार के सहयोग से अटल भू-जल योजना के अन्तर्गत 36 अतिदोहन खण्डों की 1656 ग्राम पंचायतों के चयनित गावों के इच्छुक किसानों से 40,000 एकड़ में भूमिगत पाइप लाइन बिछाने के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए है, इसका भी कार्य प्रगति पर है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन स्कीम के अन्तर्गत तिलहन श्रेणी में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश को वर्ष 2017-18 के लिए 2 जनवरी, 2020 को प्रशंसा पुरस्कार दिया गया। राज्य सरकार द्वारा बाजरा उत्पादक किसानों को बाजार में कम कीमत के दौरान होने वाले नुकसान को कम करने के उद्देश्य से तथा लाभकारी कीमतों में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए खरीफ 2021 से बाजरा फसल के लिए भावांतर भरपाई योजना शुरू की। योजना के अन्तर्गत खरीफ 2021 में 2.43 लाख किसानों को 440 करोड़ रुपये, खरीफ 2022 के दौरान 2.79 लाख किसानों को 396 करोड़ रुपये और खरीफ 2023 के दौरान 1.34 लाख किसानों को 91.59 करोड़ रुपये वितरित किए गए। वर्ष 2023 के दौरान राज्य सरकार ने सूरजमुखी फसल पर भी अंतरिम सहायता 1000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 36.38 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान 11726 किसानों को किया गया।


कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण किसानों को होने वाले जोखिम/हानि को कम करने के उद्देश्य से, मूल्य समर्थन योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा आठ तिलहन/दलहन (सरसों, सूरजमुखी, मूंगफली, तिल, चना, मूंग, अरहर, उड़द) फसलों कीखरीद की जा रही है। किसानों को अतिरिक्त लाभ देने के लिए, इन फसलों को केन्द्र सरकार की मूल्य समर्थन योजना (पी.एस.एस.) से परे राज्य लागत पर खरीदा जा रहा है। इस योजना को राज्य में पहली बार सूरजमुखी की खरीद के लिए वर्ष 2015 में लागू किया गया और किसान हित में इसे आगे बढ़ाते हुए सरसों, मूंगफली, तिल, चना, मूंग, अरहर, उड़द की खरीद शुरू की गई है। रबी सीजन 2024-25 के दौरान 69.72 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की गई तथा खरीफ-2023 में 58.94 लाख मीट्रिक टन धान की

खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की गई। हरियाणा ऑपरेशनल पायलट परियोजना के अन्तर्गत उप-स्तही व वर्टीकल जल निकासी प्रणाली द्वारा जलग्रस्त एवं लवणीय भूमि का सुधार किया जाता है। राज्य में लगभग 9,82,740 एकड़ भूमि जलग्रस्त एवं लवणीय है। वर्ष 2014 से अब तक 90,800 एकड़ भूमि का सुधार किया जा चुका है तथा 20,755 एकड़ भूमि के सुधार का कार्य प्रगति पर है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 62,000 एकड़ जलग्रस्त एवं लवणीय भूमि के सुधार का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मृदा स्वास्थ्य को गिरावट से बचाने और खतरनाक कीटनाशकों के उपयोग को कम करने के लिए राज्य सरकार ने 24.10 करोड़ रुपये लागत की प्राकृतिक खेती योजना वर्ष 2023-24 में लागू की है। इसके लिए सरकार ने एक समर्पित प्राकृतिक खेती पोर्टल शुरू किया है। अब तक 15782 किसानों ने इस पोर्टल पर पंजीकरण करते हुए प्राकृतिक खेती में रुचि दिखाई है तथा 3871 सत्यापित किसान 9170 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती कर रहें है। इस योजना के अन्तर्गत 2500 किसानों को 4 ड्रम प्रति किसान की दर से 75 लाख रुपये, 179 देसी गाय की खरीद के लिए कुल 44.75 लाख रुपये अनुदान राशि सीधा किसान के बैंक खाते में स्थानान्तरित की गई है। योजना में प्राकृतिक खेती उत्पाद की ब्रांडिग व पैकेजिंग पर प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है। इस योजना को वर्ष 2024-25 के दौरान 2650 करोड़ रुपये के बजट के साथ क्रियान्वित करने का प्रस्ताव किया गया है। अधिकारियों और प्रगतिशील किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे में शिक्षित करने के लिए गुरुकुल-कुरुक्षेत्र, घरौंडा-करनाल, हमेटी-जीन्द, तथा मंगियाना-सिरसा में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं।


किसान सिर्फ खेती तक ही सीमित ना रहे, बल्कि आज के आधुनिक दौर में तकनीक और मशीनीकरण को भी अपनाएं इसके लिए हरियाणा सरकार ने कृषि यंत्र अनुदान योजना चलाई है, जिसके तहत 55 से अधिक तक के कृषि यंत्र, उपकरण, ट्रैक्टर आदि की खरीद पर सब्सिडी दी जाती है इसका फायदा छोटे किसानों को भी मिलता है, क्योंकि पैसों की तंगी के कारण, जो किसान महंगे मशीनें नहीं खरीद पाते थे, अब वो सब्सिडी का लाभ लेकर आसानी से खरीद लेते हैं इससे खेती की लागत कम होती है, उत्पादन भी बेहतर मिलता हैअगर कोई किसान कृषि यंत्र अनुदान योजना का लाभ लेना चाहता हैं तो सरकार की ऑफिशियल साइट पर जाकर आवेदन कर सकता हैं। 


कृषि यंत्र अनुदान योजना

 

किसानों को कृषि यंत्र की खरीद पर 40 से 50% तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा

 

योजना के माध्यम से किसान आधुनिक कृषि यंत्र खरीदने के लिए प्रेरित होंगे

 

हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान योजना के माध्यम से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा

 

इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान को आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा

 

यदि लक्ष्य से ज्यादा आवेदन प्राप्त होते हैं तो लकी ड्रॉ के माध्यम से चयन किया जाएगा

 

हरियाणा देश का एक अग्रणीय कृषि प्रधान राज्य है, जहां राज्य सरकार किसानों को अनेकों योजनाओं का लाभ दे रही है ताकि किसान सशक्त और खुशहाल हो सके। किसानों को मिलेगी गति, तो राज्य की होगी प्रगति।

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