20 August 2024

हरियाणा में सामाजिक सुरक्षा पेंशन- सम्मान भी, स्वाभिमान भी ।

हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां पेंशन लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से शत-प्रतिशत उनके बैंक खाते में भेजी जा रही है। वितरण सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (पी.एफ.एम.एस.) के माध्यम से किया जा रहा है। हरियाणा में 31 लाख 40 हजार लोगों को हर महीने तीन हजार रुपये पेंशन दी जा रही है। हरियाणा सरकार के सामाजिक न्याय, अधिकारिता, एससी और बीसी के कल्याण और अंत्योदय सेवा विभाग द्वारा संचालित 14 पेंशन योजनाओं के लिए 250 रुपये की मासिक वृद्धि को भी मजूरी दी गई है। हरियाणा सरकार सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं की दरों में 2000 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।

योजना में शामिल लाभार्थी       

 

वृद्धावस्था सम्मान भत्ता

विधवा एवं निराश्रित महिला

राज्य के दिव्यांगजन

लाडली सामाजिक सुरक्षा के लाभार्थी

निराश्रित बच्चों के माता- पिता

राज्य के बौने नागरिक

किन्नरों को भत्ता

स्कूल न जाने वाले दिव्यांग बच्चे

कश्मीरी प्रवासियों को वित्तीय सहायता

विधुर एवं अविवाहित व्यक्तियों को वित्तीय सहायता

तीसरे और चौथे चरण के कैंसर रोगियों को वित्तीय सहायता

दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को वित्तीय सहायता शामिल है

राज्य में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के वितरण के लिए चलाई जा रही ‘थारी पेंशन थारे पास’ योजना के अंर्तगत पेंशनभोगियों के लगभग 20 लाख 19 हजार खाते अबतक अपलोड किये जा चुके हैं. हरियाणा के 86.28 प्रतिशत पेंशनधारकों को इस योजना के तहत लाया गया है. प्रदेश में लगभग 23,40,164 सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभार्थी हैं उनमें से ग्रामीण क्षेत्रों के 15,23,307 तथा शहरी क्षेत्र के 4,95,834 खाते अपलोड किये जा चुके हैं. पंचकूला ग्रामीण क्षेत्र के 16793 तथा शहरी क्षेत्र के 14551 खाते अपलोड किये जा चुके हैं। इसी प्रकार, पानीपत ग्रामीण क्षेत्र के 60643 तथा शहरी क्षेत्र के 28674 खाते, अंबाला ग्रामीण क्षेत्र के 67843 तथा शहरी क्षेत्र के 35459 खाते, रोहतक ग्रामीण क्षेत्र के 66,653 तथा शहरी क्षेत्र के 35027 खाते, हिसार ग्रामीण क्षेत्र के 126956 तथा शहरी क्षेत्र के 35012 खाते, कुरूक्षेत्र ग्रामीण क्षेत्र के 80062 तथा शहरी क्षेत्र के 20815 खाते, महेन्द्रगढ ग्रामीण क्षेत्र के 79300 तथा शहरी क्षेत्र के 9867 खाते, कैथल ग्रामीण क्षेत्र के 95789 तथा शहरी क्षेत्र के 18274 खाते,जींद ग्रामीण क्षेत्र के 109242 तथा शहरी क्षेत्र के 21636 खाते, भिवानी जिले के ग्रामीण क्षेत्र के 126815 तथा शहरी क्षेत्र के 25677 खाते अपलोड हो चुके हैं। करनाल ग्रामीण क्षेत्र के 89752 तथा शहरी क्षेत्र के 28731 खाते, फरीदाबाद ग्रामीण क्षेत्र के 25675 तथा शहरी क्षेत्र के 48956 खाते, झज्जर जिले के ग्रामीण क्षेत्र के 71645 तथा शहरी क्षेत्र के 14890 खाते, पलवल ग्रामीण क्षेत्र के 64645 तथा शहरी क्षेत्र के 14717 खाते, गुडगांव जिले ग्रामीण क्षेत्र के 32068 तथा शहरी क्षेत्र के 23510 खाते, रेवाडी ग्रामीण क्षेत्र के 61564 तथा शहरी क्षेत्र के 12244 खाते अपलोड हुए हैं। इसी प्रकार, सिरसा ग्रामीण क्षेत्र के 90120 तथा शहरी क्षेत्र के 25325 खाते, फतेहाबाद ग्रामीण क्षेत्र के 72699 तथा शहरी क्षेत्र के 18868 खाते, यमुनानगर ग्रामीण क्षेत्र के 59744 तथा शहरी क्षेत्र के 33409 खाते, सोनीपत ग्रामीण क्षेत्र के 79582 शहरी क्षेत्र के 25435 खाते तथा मेवात ग्रामीण क्षेत्र के 45717 तथा शहरी क्षेत्र के 4757 खाते अपलोड हो चुके हैं। जिससे राज्यभर के पेंशनधारी इसका सीधा लाभा उठा रहे हैं।

हरियाणा सरकार ने लोगों को दफ्तर, दरखास्त और दस्तावेज से मुक्ति दिलाते हुए योजनाओं का लाभ देना सुनिश्चित किया है। इस दिशा में परिवार पहचान पत्र सबसे अहम दस्तावेज बनकर उभरा है। इस समय प्रदेश में 18 लाख 52 हजार 85 बुजुर्गों को लगभग 506 करोड़ 50 लाख रुपये की राशि प्रतिमाह प्रदान की जा रही है। राज्य सरकार ने वृद्धावस्था सम्मान भत्ते का ज्यादा से ज्यादा वृद्धों को लाभ पहुंचाने के लिए आय सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये वार्षिक की है। भविष्य में भी जो व्यक्ति 60 साल की आयु पूरी कर लेगा और पति-पत्नी की आय 3 लाख रुपये वार्षिक तक होगी, उसका वृद्धावस्था सम्मान भत्ता ऑटोमेटिक शुरू हो जाएगा। इसके लिए केवल पात्र व्यक्ति की सहमति ली जाएगी। 2014 में लाभार्थियों को 1000 रुपये मासिक पेंशन मिलती थी। इसे अब हरियाणा सरकार ने सम्मान भत्ता की राशि में वृद्धि करते हुए 2,750 रुपये मासिक किया है...एक जनवरी, 2024 से इस राशि को बढ़ाकर 3 हजार रुपये कर दिया गया है।

 

वृद्धावस्था सम्मान भत्ता 


 योजना का लाभ हरियाणा के सभी वृद्धजन उठा सकते है

आवेदक की आयु 60 वर्ष या फिर उससे ज्यादा होनी चाहिए

 योजना के तहत प्रतिमाह 3000 रुपये प्रदान की जाती है

योजना का लक्ष्य बुजुर्ग नागरिकों को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाना है


वृद्धावस्था पेंशन के अलावा सरकार विधवा महिलाओं, गंभीर बिमारी से ग्रस्त व्यक्तियों और दिव्यांग व्यक्तियों को भी पेंशन का लाभ देती है। दिव्यांग प्रमाण-पत्र और यूनीक डिसेबिलिटी आई.डी. कार्ड बनते ही पात्र व्यक्ति को दिव्यांग पेंशन स्वतः ही मिलने लगती है। 31 मई, 2024 तक 1,95,037 दिव्यांगजनों को घर बैठे ही योजना का लाभ दिया गया। इसके साथ ही सरकार ने विधुर व्यक्ति को भी 40 साल की आयु के बाद 45 वर्ष से 60 वर्ष आयु वाले अविवाहित पुरुषों के लिए भी मासिक पेंशन की शुरुआत की है।

 

हरियाणा अविवाहित पेंशन योजना से लाभ

 

  • मासिक पेंशन अविवाहित नागरिकों को प्रदान किया जा रहा है
  • राज्य में 40 से 60 वर्ष की आयु के लोगों को ये पेंशन दी जाती है
  • करीब 1.25 लाख लोगों को पेंशन का लाभ मिल रहा है
  • पेंशन राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जा रही है
  • योजना से अविवाहित लोगों के जीवन स्तर बेहतर सिद्ध हुआ है

 

हरियाणा सरकार के सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग द्वारा कुल 12 हजार 270 विधुर लाभार्थियों को चिन्हित किया है। सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद राज्य के विधुर लाभार्थियों को पेंशन के भुगतान की प्रक्रिया शुरू की गई है। विधुरों की श्रेणी में तीन लाख रुपये तक की सालाना आय वाले 40 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति पात्र होंगे। अविवाहित व्यक्तियों के मामले में वार्षिक आय 2 लाख प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए और आयु 45 वर्ष से अधिक होना आवश्यक है। यह वित्तीय सहायता सीधे लाभार्थी के खाते में दी जाएगी।


विधुर पेंशन योजना


  • इस योजना के तहत ₹2500 की मासिक पेंशन प्रत्येक पात्र विधुर को प्रदान की जा रही है
  • आवेदक हरियाणा का निवासी होना चाहिए
  • आवेदक विधुर होना चाहिए
  • आय 2 लाख प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए
  • आयु 40 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए


हरियाणा सरकार विधवा पेंशन योजना के माध्यम से उन सभी महिलाओं को पेंशन प्रदान कर रही है, जिनके पति की मृत्यु हो गई है... योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा ₹2500 रुपए की आर्थिक मदद दी जा रही है... हरियाणा विधवा पेंशन योजना के माध्यम से प्रदेश की महिलाएं आत्मनिर्भर एवं सशक्त बन रही हैं। साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार भी हो रही है।                     

वृद्धावस्था सम्मान भत्ता 

 

योजना का लाभ हरियाणा के सभी वृद्धजन उठा सकते हैं

 

आवेदक की आयु 60 वर्ष या फिर उससे ज्यादा होनी चाहिए

 

योजना के तहत प्रतिमाह 3000 रुपये प्रदान की जाती है


योजना का लक्ष्य बुजुर्ग नागरिकों को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाना है 


हरियाणा सरकार द्वारा लाडली पेंशन योजना के लाभार्थियों की पेंशन, दिव्यांग पेंशन, बौना भत्ता राशि और किन्नर भत्ता राशि बढ़ा कर 1 अप्रैल, 2024 से 3000 रुपये किया गया है। साथ ही स्कूल न जा सकने वाले 18 वर्ष तक के निःशक्त बच्चों को दी जा रही वित्तीय सहायता राशि को जनवरी, 2024 से 2400 रुपये मासिक की गई है। 31 मई, 2024 तक प्रदेश में 8,784 ऐसे बच्चों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है। वित्तीय सहायता योजना के अंतर्गत 21 वर्ष तक के निराश्रित बच्चों, जिनके माता-पिता या संरक्षक की आय 3 लाख रुपये से अधिक नहीं है, उन्हें दी जाने वाली वित्तीय सहायता राशि जनवरी, 2024 से 1850 रुपये से बढ़ाकर 2100 रुपये मासिक की गई है। 31 मई, 2024 तक प्रदेश में 1,63,657 ऐसे बच्चों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है। 

हरियाणा में विस्थापित कश्मीरी परिवारों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता राशि जनवरी, 2024 से 1500 रुपये प्रति सदस्य मासिक की गई है। साथ हीं पद्म पुरस्कार विजेताओं को सम्मान देने के लिए हरियाणा सरकार ने हरियाणा गौरव सम्मान योजना प्रारम्भ की है। इस योजना के तहत 10,000 रुपये प्रति माह मासिक सम्मान भत्ता दिया जा रहा है। इस योजना के तहत नागरिक हरियाणा का निवासी होना चाहिए और उसे अपने संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान और उपलब्धियों के लिए केन्द्र सरकार से पद्म भूषण और पद्म श्री में से कोई एक पुरस्कार मिला हो।

नशे से पीड़ित व्यक्तियों के उपचार और पुनर्वास के लिए विभिन्न संगठनों/एन.जी.ओ और राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा 11 जून, 2024 तक 153 नशा मुक्ति केंद्र/परामर्श-कम-पुनर्वास केंद्र स्थापित किए गए हैं। साथ हीं मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत सबसे गरीब 78,395 परिवारों के आवेदनों को सैद्धांन्तिक रूप से अनुमोदित किया गया है। साथ ही हरियाणा सरकार द्वारा लाडली योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत  हरियाणा की बेटियों को आर्थिक मदद दी जा रही रही है, जिनका जन्म 30 अगस्त 2005 के बाद हुआ है। इस योजना के तहत उन सभी माता-पिता को प्रतिवर्ष 5000 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है, जिन परिवारों में दूसरी बेटी पैदा होती है। यह सहायता राशि दूसरी बेटी के पैदा होने पर किसान विकास पत्र के माध्यम से दी जाती है। सरकार द्वारा दो बेटियों वाले अभिभावक को दूसरी बेटी के जन्म के बाद उसके 5 साल के होने तक 5000 रुपए सालाना आर्थिक सहायता मिलती है। 18 साल की उम्र पूरी होने पर बेटी इस राशि को निकाल सकती है। यह योजना कन्या भ्रूण हत्या के मामलों को खत्म करने हेतु बालिकाओं के प्रति लोगों के रवैया में बदलाव लाने में सहायक सिद्ध हो रही है। हरियाणा सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा इस योजना का संचालन किया जा रहा है। हमारे देश में कुछ ऐसी जगह है जहां पर बेटी पैदा होने पर उन्हें बोझ समझा जाता है। इसके अलावा हरियाणा राज्य में बेटियों का जन्म प्रतिशत बेटों के मुकाबले कम रहता है जिसे देखते हुए बेटियों के जन्म को प्रोत्साहन देने हेतु हरियाणा लाडली योजना की शुरुआत की गई है। हरियाणा सरकार का मुख्य उद्देश्य बेटियों के जन्म पर प्रोत्साहन राशि प्रदान करना है। जिससे परिवार और समाज में बालिकाओं की स्थिति अच्छी हो सके और बालिकाओं के उचित पालन के लिए लोगों की आर्थिक स्थिति में बदलाव लाया जा सके। इस योजना के तहत....

लाडली पेंशन योजना 

 

  • 20 अगस्त 2005 के बाद दूसरी बेटी के जन्म होने पर माता-पिता को आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाएगी

 

  • 5000 रुपए प्रतिवर्ष माता-पिता को बेटी के जन्म होने पर 5 साल तक किसान पत्र के जरिए दिए जाएंगे

 

  • इन पैसों को दूसरी लड़की और मां के संयुक्त नाम से किसान विकास पत्र में निवेश किया जाएगा

 

  • अगर मां जीवित नहीं है तो यह धनराशि दूसरी लड़की और पिता के संयुक्त नाम पर जमा की जाएगी

 

  • यदि माता-पिता दोनों ही जीवित नहीं है तो सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली यह धनराशि दूसरी लड़की और अभिभावक के संयुक्त नाम से जमा की जाएगी

 

  • पहली किस्त जन्म के 1 महीने के भीतर ही जारी की जाएगी और शेष किस्त उनके हर जन्म दिवस पर प्रदान की जाएगी

 

  • इस योजना के तहत राज्य के सभी नागरिकों को जोड़ा गया है चाहे उनकी जाति, धर्म, आय, बेटों की संख्या कितनी भी हो

 

  • दोनों बालिकाओं के जन्म को पंजीकृत करना होगा, इसके अलावा माता-पिता को बालिकाओं के उचित टीकाकरण करवाना होगा

 

  • योजना के माध्यम से महिलाओं के घटते लिंगानुपात में सुधार हो रहा है और परिवारों में लड़कियों की संख्या में वृद्धि हो रही है

 

  • परिवार की वार्षिक आय 2 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए

 

  • राज्य की वही बेटियां इस योजना के लिए पात्र होगी, जिसका जन्म 30 अगस्त 2005 के बाद हुआ हो

 

  • योजना के माध्यम से बेटियों के विवाह पर होने वाले खर्च में भी आर्थिक सहायता मिल सकेगी

 

पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय दर्शन को सही मायनों में मूल रूप देने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा एक नई पहल शुरू की गई है। हरियाणा सरकार द्वारा एक और अग्रणीय कदम उठाते हुए सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए दयालु योजना शुरू की गई है। जिससे अंत्योदय परिवारों का उत्थान किया जा सके। योजना के तहत अंत्योदय परिवार के सदस्य की आकस्मिक मृत्यु होने पर या दिव्यांग होने की स्थिति में आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया गया है। वित्तीय सहायता राशि सरकार द्वारा सीधे लाभार्थी के बैंक खाते भेजी जाती है। लाभार्थियों को 6.36 करोड़ रुपए की राशि अबतक हस्तांतरित की जा चुकी है।

 

पंडित दीनदयाल उपाध्याय दयालु योजना

 

  • इस योजना के तहत राज्य के अंत्योदय परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है

 

  • अंत्योदय परिवारों के किसी भी सदस्य की मृत्यु या दिव्यांग होने पर आर्थिक सहायता

 

  • राज्य सरकार द्वारा 5 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता राशि प्रदान प्रदान की जाती है

 

  • हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास के माध्यम से इस योजना का कार्यान्वयन किया जाता है

 

  • वित्तीय सहायता राशि अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों को अलग-अलग प्रदान की जाती है

 

  • आर्थिक सहायता राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में DBT के माध्यम से भेजी जाती है

 

  • इस योजना के तहत प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का भी लाभ प्रदान किया जाएगा

 

  • आवेदक को इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए 3 महीने के भीतर ही ऑनलाइन आवेदन करना होगा

 

  • घर बैठे ही आवेदक इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं

 

हरियाणा सरकार ने बी.पी.एल. परिवारों को मकान मरम्मत के लिए दी जाने वाली सहायता वर्ष 2014 के 25,000 रुपये से बढ़ाकर अब 80,000 रुपये कर दी गई है। वहीँ हरियाणा राज्य में दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से उन्हें 3,000 रुपये मासिक वित्तीय सहायता दी जा रही है। ऐसे व्यक्ति की सत्यापित वार्षिक पारिवारिक आय 3 लाख रुपये तक होनी चाहिए।

हरियाणा राज्य में सभी आयु समूहों के तृतीय चरण और चतुर्थ चरण के कैंसर रोगियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से उन्हें 3000 रूपये मासिक वित्तीय सहायता दी जा रही है। जिनकी सत्यापित वार्षिक पारिवारिक आय 3 लाख रुपये तक है। हरियाणा सरकार द्वारा ‘दिव्यांगजन कल्याण सोसायटी’ पंचकूला का गठन किया गया है। रोहतक, हिसार और सिरसा में स्थित 7 संस्थानों को इसके अधीन लेने का निर्णय किया गया है। हरियाणा वासियों के कदम से कदम मिलाकर खड़ी है सरकार, जन- जन का कर रही है कल्याण। सामाजिक सुरक्षा पेंशन के जरिए सम्मान के साथ स्वाभिमान की जिंदगी से खुशहाल है हरियाणा 

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